एपीएल परिवारों को 142 व NFSA को 132 रुपए प्रति लीटर मिलेगा
शिमला। हिमाचल प्रदेश में डीजल के दाम बढ़ने के बाद आम आदमी को एक और झटका लगा है। अब राशन डिपुओं में उपभोक्ताओं को सरसों तेल 9 रुपए महंगा मिलेगा। खाद्य आपूर्ति निगम की ओर से बढ़ी हुई कीमतें इसी माह से लागू कर दी हैं। यही नहीं पीओएस मशीनों में भी बढ़ी हुई कीमतों को अपडेट कर दिया गया है। इसके बाद एपीएल परिवारों को 142 और एनएफएसए को 132 रुपए प्रति लीटर सरसों तेल मिलेगा। यानी राशन कार्ड धारकों की जेब पर अतिरिक्त बोझ बढ़ने वाला है।
गौर रहे कि एपीएल धारकों को 133 रुपए और एनएफएसए कार्ड धारकों को 123 रुपए प्रति लीटर सरसों का तेल मिलता था। चुनाव के बीच रेट को कम किया गया था, लेकिन अब नई सरकार बनते ही खाद्य आपूर्ति निगम की ओर से सरसों तेल के दाम बढ़ा दिए हैं। प्रदेश में 18 लाख से अधिक राशन कार्डधारक हैं। इन सभी को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी।
वर्तमान में भी लोगों को बढ़े हुए दाम पर ही सरसों तेल दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि तेल के दाम टेंडर पर निर्धारित होते हैं जो हर माह बढ़ते-घटते हैं, लेकिन बीते दिनों चुनावों से पहले इसके दाम कम हुए थे जो कि अब सरकार की ओर से फिर बढ़ा दिए गए हैं।
धर्मशाला/चंबा। हिमाचल के कांगड़ा और चंबा जिला में भूकंप (Earthquake) आया है। पहले कांगड़ा जिला में धरती डोली। इसके बाद चंबा में झटके महसूस हुए। कांगड़ा जिला के धर्मशाला से 8 किलोमीटर ईस्ट में भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। यानी चंबा की तरफ के क्षेत्र में भूकंप आया है।
बता दें कि कांगड़ा जिला में धर्मशाला से 8 किलोमीटर ईस्ट में आज सुबह 5 बजकर 10 मिनट पर 2.8 तीव्रता का भूकंप (Earthquake) रिकॉर्ड किया गया। भूकंप का केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था। इससे करीब सात मिनट बाद चंबा में सुबह 5 बजकर 17 मिनट पर भूकंप आया है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.2 आंकी गई है। इसका केंद्र जमीन में 5 किलोमीटर नीचे था। धर्मशाला से 22 किलोमीटर ईस्ट में भूकंप रिकॉर्ड हुआ है।
हिमाचल में पिछले दो माह में 10 बार भूकंप रिकॉर्ड किया जा चुका है। इससे पहले 9 जनवरी को बिलासपुर में 2.3 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप (Earthquake) रात 12 बजकर 42 मिनट दर्ज किया गया। 3 जनवरी को सोलन में सुबह 5 बजकर 33 मिनट पर धरती कांपी। तीव्रता 2.7 रही। 31 दिसंबर को मंडी में सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर 2.8, 26 दिसंबर को कांगड़ा में सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर 2.8, 21 दिसंबर को लाहौल स्पीति में दोपहर 2 बजकर 25 मिनट पर 2.6 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया। किन्नौर में 16 दिसंबर को रात 10 बजकर 2 मिनट पर 2.8 और चंबा में 9 दिसंबर को रात 11 बजकर 30 मिनट पर 2.8 और चंबा में 3 दिसंबर को रात 12 बजकर 38 मिनट पर 3.4 रिक्टर स्केल का भूकंप आंका गया।
अगर भूकंप के वक्त आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। घर में किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठकर हाथ से सिर और चेहरे को ढकें। भूकंप के झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें। अगर रात में भूकंप (Earthquake) आया है और आप बिस्तर पर लेटे हैं तो लेटे रहें, तकिए से सिर ढक लें।
घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो किसी रुमाल या कपड़े से मुंह को ढक लें। मलबे के नीचे खुद की मौजूदगी को जताने के लिए पाइप या दीवार को बजाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके। अगर आपके पास कुछ उपाय न हो तो चिल्लाते रहें और हिम्मत ना हारें।
भूकंप आने पर क्या ना करें
भूकंप के वक्त अगर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों और भूकंप के खंभों से दूर रहें। अगर आप गाड़ी चला रहे हो तो उसे रोक लें और गाड़ी से बाहर ना निकलें। किसी पुल या फ्लाईओवर पर गाड़ी खड़ी न करें। अगर आप घर में हैं तो बाहर ना निकलें। अगर आप भूकंप (Earthquake) के वक्त मलबे में दब जाएं तो माचिस बिल्कुल ना जलाएं। इससे गैस लीक होने की वजह से आग लगने का खतरा हो सकता है। घर में हैं तो चले नहीं। सही जगह ढूंढें और बैठ जाएं। घर के किसी कोने में चले जाएं, कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें।
भूकंप के वक्त लिफ्ट के इस्तेमाल बिल्कुल ना करें। साथ ही कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल भी न करें। क्योंकि लिफ्ट और सीढ़ियां दोनों ही टूट सकती हैं। अगर मलबे में दब जाएं तो ज़्यादा हिले नहीं और धूल ना उड़ाएं। आपके आप-पास जो चीज मौजूद हो उसी से अपनी मौजूदगी जताएं। भूकंप के दौरान आप पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं।
भूकंप की स्थिति के लिए पहले से तैयारी कैसे करें
आपको एक इमरजेंसी किट बनाकर रखनी चाहिए, जिसमें आपके जरूरी दस्तावेज, खाना, पानी और फर्स्ट एड की चीजें हों। घर के सामान को सुरक्षित रखने की कोशिश करें और छत या किसी दीवार के गिरने की स्थिति में जरूरी सामान को बचाने के उपाय करें। अपने परिवार के लिए एक इमरजेंसी प्लान तैयार करें।
शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला की सबसे ऊंची चोटी जाखू में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। जाखू की पहाड़ी सफेद चादर से ढक गई है। इसके साथ ही शहर में हल्की बूंदाबांदी का दौर जारी है। कुफरी, नारकंडा, खड़ापत्थर और खिड़की में भी बीती रात से बर्फबारी का दौर जारी है।
शिमला के जाखू की चोटी पर बर्फबारी से शिमला पहुंचे पर्यटक बेहद खुश नजर आए। देश के अलग-अलग राज्यों से शिमला पहुंचे पर्यटकों का कहना है कि वह जिस उम्मीद के साथ शिमला पहुंचे थे वह पूरी हो गई है। वह बर्फबारी का दीदार करने के लिए जाखू जा रहे हैं।
उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान, माल रोड व आसपास के क्षेत्रों में भी बर्फबारी का दौर शुरू होगा। हिल्स क्वीन शिमला की सुंदरता पूरी दुनिया में मशहूर है और बर्फबारी ने यहां की सुंदरता में चार चांद लगा दिए हैं।
महिलाओं को 1500 रुपए भत्ते पर भी हो सकता है कुछ निर्णय
शिमला। हिमाचल की सुक्खू सरकार की पहली कैबिनेट बैठक शुरू हो गई है। लोहड़ी पर हिमाचल के एनपीएस कर्मचारियों को तोहफा मिलेगा। सरकार पुरानी पेंशन बहाली का फैसला ले सकती है।
बता दें कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले कर्मचारियों से पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा किया था। कहा था कि सरकार बनने पर पहली कैबिनेट की बैठक में पुरानी पेंशन को बहाल किया जाएगा।
अब वह दिन आ गया है। सुक्खू सरकार की पहली कैबिनेट बैठक आज हो रही है। वादे के अनुसार सुक्खू सरकार पुरानी पेंशन को बहाल करेगी। वीरवार को शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कहा था कि पुरानी पेंशन को लेकर खाका भी तैयार है और बजट का भी प्रावधान कर लिया है।
वहीं, कैबिनेट में महिलाओं को 1,500 रुपए प्रतिमाह भत्ता देने को लेकर भी फैसला हो सकता है। सरकार युवाओं के लिए रोजगार के भी द्वार खोल सकती है। कांग्रेस ने पहली कैबिनेट में नौकरियां देने का भी वादा किया है। इसके अलावा अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है।
पझौता। हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर की उप तहसील पझौता की ग्राम पंचायत नेहरटी भगोट का एक छोटा सा गांव है हच्चड़। इसके पूर्व में पड़िया गांव, पश्चिम में कलोहा-शकेण तथा उत्तर की ओर मानवा खनिवड़ गांव स्थित है। परगना पझौता के ठीक मध्य में यह अपनी सौम्य स्थिति दर्शाता हुआ आदि काल से स्थित है।
यहां प्रारंभ से ही ब्राह्मण जाति के लोग रहते हैं। प्राचीन समय में यहां के पूर्वज हाब्बन के समीपस्थ गांव मड़ेची से यहां आए थे। यहां के निवासी बहुत मेहनती हैं। यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। कुछ लोग अपना ब्राह्मण कर्म पौरोहित्य कार्य भी करते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी यह गांव पझौता में अग्रणी है।
इस गांव के बहुत से लोग सरकारी नौकरी करते हैं। यहाँ गेहूं, मक्की, जौ, धान इत्यादि फसलें उगाई जाती है। नकदी फसलों में मटर, टमाटर, गोभी आदि प्रमुख है। फलों में सेब, आड़ू, पलम आदि के बगीचे भी लगाए जाते हैं। इस प्रकार कृषि, बागवानी, नौकरी एवं पौरोहित्य कर्म आदि से यहां के लोग प्राचीन समय से ही धनधान्य सम्पन्न रहे हैं। इस गांव से पूर्वजों से लेकर अनाज एवं रुपए पूरे पझौता में उधार के रूप में दिए जाते हैं। गांव में मां काली का भव्य मंदिर भी बना हुआ है।
हच्चड़ गांव में हाटी समुदाय से सम्बन्धित अन्य उत्सव, बिशु, माघी, बैसाखी, शनोल आदि भी बड़े हर्षोल्लास से मनाए जाते हैं साथ ही दीपावली, दशहरा, होली, रक्षाबंधन आदि त्योहार भी धूमधाम से मनाये जाते हैं। यहां पर विशेषकर हाटी समुदाय के लोग रहते हैं। कहा जाता है कि इस गांव के एक पूर्वज संतदास बहुत तपस्वी एवं सिद्ध पुरुष थे।
पुराने समय में वे यहां से तपस्या करने हिमालय क्षेत्र में चले गए। वह वीणा और सितार वादक भी थे। घूमते-घूमते वह हिमालय के टिहरी गढ़वाल के राजा के दरबार में चले गए। वहां दरबार में टिहरी नरेश उनकी वीणा वादन एवं पांडित्य आदि से बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने अपने कुल ब्राह्मणों को अपनी ब्राह्मण पुत्री सन्तदास को देने का आदेश दिया।
संतदास वहां से लौट कर यहां हच्चड़ गांव में बस गए। इस प्रकार यहाँ के निवासी उन्हीं ब्राह्मणों की पुत्री और सिद्ध संत दास की संतान होकर अपने को धन्य मानते हैं। इस गांव का इतिहास हमें भेजा है हच्चड़ गांव के शास्त्री रमेश चन्द शर्मा ने। आपके पास भी अपने गांव या आसपास किसी खास स्थान से जुड़ी कोई रोचक जानकारी है तो हमें ewn24news@gmail.com पर जरूर भेजें।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिन से मौसम बार-बार करवट बदल रहा है। कभी तेज धूप हो जाती है तो कभी अचानक बादल घिर आते हैं। यही नहीं विभाग का पूर्वानुमान बार-बार गलत साबित हो रहा है। मौसम विभाग ने 11 से 13 जनवरी तक लाहौल-स्पीति, कुल्लू और किन्नौर के अधिक ऊंचे क्षेत्रों में भारी हिमपात का अलर्ट जारी किया है। शिमला शहर सहित चंबा, कांगड़ा, मंडी, सिरमौर के ऊंचे इलाकों में भी बर्फबारी का अलर्ट दिया गया।
हालांकि लाहौल-स्पीति और कुल्लू में तो ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात हुआ लेकिन इनके अलावा निचले इलाकों में बारिश नहीं हुई। केवल हलकी बूंदाबांदी हुई। गुरुवार सुबह से ही शिमला, कांगड़ा सहित प्रदेश के विभिन्न इलाकों में आज हल्के बादलों के साथ धूप खिली हुई है। इससे पहले 4 जनवरी को अलर्ट जारी किया गया कि 6 और 7 जनवरी को प्रदेश में भारी बर्फबारी होगी। तब भी अलर्ट वाले दिन प्रदेशभर में धूप खिली थी।
बीते 24 घंटे के दौरान अटल टनल में सर्वाधिक 6 इंच बर्फ गिरी है। चंबा के किलाड़ में 3 इंच, किन्नौर के छितकुल में 2 इंच, कुल्लू के सोलंग में 4 इंच, लाहौल स्पीति के चारचा, केलांग, सरसू काजा में मात्र 2-2 इंच बर्फ गिरी है। बारिश के नाम पर चंबा और लाहौल स्पीति में ही हल्की बूंदाबांदी हुई है। प्रदेश में जनवरी के पहले 11 दिन में 91 फीसदी और दिसंबर में 98 फीसदी कम बारिश हुई है। इसी तरह दिसंबर महीने में भी लाहौल स्पीति को छोड़कर राज्य के 11 जिलों में पानी की बूंद तक नहीं गिरी।
बारिश औऱ बर्फबारी न होने से सैलानी और व्यापारी तो मायूस हैं ही साथ ही किसान-बागवान भी फसलों को लेकर परेशान हैं। प्रदेश में सूखे जैसे हालात पनपने शुरू हो गए हैं। किसान-बागवान अपनी फसलों की बुआई नहीं कर पा रहे हैं। सेब बागवान तोलिएं नहीं बना पा रहे। बागवानों को बगीचों में बीमारियां लगने का डर सता रहा है। बर्फबारी के बगैर सेब की अच्छी फसल की उम्मीद भी नहीं की जा सकती। अब लोगों को लोहड़ी पर बारिश की उम्मीद है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट ले ली है। प्रदेश के कई जिलों में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई है। लाहौल-स्पीति जिला के लोसर में 2 इंच, रोहतांग टनल, कुंजुमपास, बारालाचा में करीब 3 इंच ताजा हिमपात हुआ है। लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू और चंबा के पांगी, भरमौर के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी जारी है। शिमला और कांगड़ा जिला में भी सुबह से आसमान में घने बादल छाए हुए हैं।
हालांकि बर्फबारी से पर्यटक काफी खुश हैं और इसका लुत्फ भी उठा रहे हैं, लेकिन येलो अलर्ट के दौरान सैलानियों और स्थानीय लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। इस दौरान खासकर अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में ट्रैकिंग नहीं करने की चेतावनी जारी की गई है।
प्रदेश में अगले पांच दिन मौसम खराब रहने का अनुमान है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि किन्नौर, लाहौल स्पीति और कुल्लू जिले में अधिक ऊंचाई वाले कुछेक क्षेत्रों में भारी हिमपात का रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि शिमला, चंबा, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिले के ऊंचे इलाकों में भी अगले 3 दिन बर्फबारी हो सकती है।
मौसम विभाग ने चंबा के तीसा और भटियात में 12 व 13 जनवरी को भारी हिमपात का अलर्ट जारी किया है। कांगड़ा के अधिक ऊंचे क्षेत्रों में परसों, किन्नौर में कल व परसों, कुल्लू में कल दिन व रातभर, मंडी के ऊंचे क्षेत्रों में परसों, शिमला में आज रात व कल और सिरमौर जिले में परसों भारी बर्फबारी हो सकती है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी लेने का एक और मामला सामने आया है। इस बार मामला MBBS में एडमिशन का नहीं बल्कि पोस्ट ऑफिस में नौकरी लेने का है। शिमला पोस्टल डिविजन के तहत देवनगर शाखा में एक व्यक्ति ने अपने फर्जी सर्टिफिकेट देकर नौकरी ले ली। पुलिस ने इस मामले में शिकायत मिलने के बाद एफआईआर दर्ज कर ली है।
शिमला पोस्ट ऑफिस के सुपरिटेंडेंट विकास नेगी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि शिमला पोस्टल डिविजन के तहत देवनगर शाखा में ग्रामीण डाक सेवक शाखा पोस्ट मास्टर के चयन के लिए उम्मीदवारों के इंटरव्यू हुए थे। इस दौरान एक उम्मीदवार जिसका नाम मनीष कुमार है, उसका चयन देवनगर शाखा में ग्रामीण डाक सेवक शाखा पोस्ट मास्टर के पद पर हुआ। उसने गत 9 सितंबर, 2022 को अपने पद पर जॉइन किया।
शिकायतकर्ता विकास नेगी का कहना है कि उक्त व्यक्ति का मैट्रिक सर्टिफिकेट जांच के लिए निदेशक झारखंड एकेडमिक काउंसिल ज्ञानदीप कैंपस भेजा गया। वहां पर जांच के दौरान उसका सर्टिफिकेट फर्जी निकला। उक्त आरोपी सरकाघाट जिला मंडी का रहने वाला है।
सुपरिंटेंडेंट विकास नेगी की शिकायत पर पुलिस ने थाना सदर में IPC की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस आज इस मामले का पूरा रिकॉर्ड कब्जे में लेगी। इसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
गौर हो कि इससे पहले हिमाचल प्रदेश में नीट परिणाम में गड़बड़ी कर एमबीबीएस में दाखिला पाने के दो मामले सामने चुके हैं। पहले मामले में बिलासपुर जिला के घुमारवीं के रहने वाले छात्र ने फर्जी दस्तावेज से आईजीएमसी शिमला में एमबीबीएस में एडमिशन ले ली थी लेकिन जब दस्तावेज की वेरिफिकेशन हुई तो दस्तावेज नकली पाए गए।
वहीं दूसरा मामला मेडिकल कॉलेज चंबा में सामने आया जहां नीट की मार्कशीट में टेंपरिंग कर 300 नंबर के 530 बनाकर कांगड़ा के नूरपुर की छात्रा ने मेडिकल कॉलेज चंबा में एमबीबीएस की सीट हासिल कर ली। गड़बड़ी का खुलासा होने पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने दाखिला रद्द कर पुलिस को शिकायत दे दी है।
सुजानपुर। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला के सुजानपुर में उस समय हड़कंप मच गया जब लोगों ने तीन विशालकाय अजगर सड़क पर देखे। देखने वालों के तो होश ही उड़ गए। इनमें से एक की लंबाई 13 फीट, दूसरे की 7 और तीसरे की करीब 9 फीट है। हालांकि, तीनों को पकड़ कर जंगल में छोड़ दिया गया है। ये अजगर सुजानपुर के दूरदराज गांव गंदड़ में देखे गए। लोग अभी भी दहशत में हैं।
लोगों ने स्नेक मैन या स्नेक सेवर के नाम से मशहूर आलमपुर निवासी माथुर धीमान को बुलाया। माथुर धीमान भी बिना वक्त गंवाए डिप्टी रेंजर मनजीत सिंह राणा के साथ संबंधित जगह पर पहुंचे तो एक जगह पर तीनों यह अजगर दिखाई दिए, लेकिन लोगों को देखकर तीनों एक बिल में घुस गए। इसके बाद तीनों को पकड़ने के प्रयास शुरू हुए।
माथुर धीमान ने अपने सहयोगियों की मदद से तीनों रॉक पाइथन को जैसे-तैसे बिल से बाहर निकाल कर पकड़ा तथा उन्हें रेस्क्यू करके आबादी से दूर जंगल में छोड़ दिया। धीमान ने बताया कि तीनों अजगर बेहद शक्तिशाली थे। एक 7 फीट, दूसरा 9 फीट और तीसरा सबसे लंबा 13 फीट का था। तीनों जहरीले नहीं थे, लेकिन रॉक पाइथन प्रजाति के हैं।
धीमान ने बताया कि अजगर जंगली जानवरों लोमड़ी, बंदर व कुत्ते आदि का शिकार करते हैं। वे अपनी मांसपेशियों से जकड़ कर अपने शिकार का दम घोंट देते हैं। उसके बाद वह अपने शिकार को जिंदा ही निगल जाते हैं। एक हृष्ट पुष्ट आदमी भी इनकी पकड़ में आ जाए तो उसका भी शिकार कर सकते हैं। ऐसे में अजगर को देखते ही दूर भाग जाना चाहिए।
शिमला। हरोली विधानसभा क्षेत्र के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज धर्मशाला में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से भेंट की और उन्हें प्रदेश का प्रथम उप-मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी। इस दौरान उप मुख्यमंत्री से अन्य प्रतिनिधिमंडलों ने भी भेंट कर बधाई दी। उन्होंने प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के हर क्षेत्र और समाज के हर वर्ग का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विधानसभा चुनाव-2022 में कांग्रेस पार्टी द्वारा दी गई सभी गारंटियों का चरणबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। गरीब और जरूरतमंद बच्चों को वांछित उच्च शिक्षा के लिए समुचित आर्थिक सहायता राशि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वर्तमान राज्य सरकार ने 101 करोड़ रुपये का मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष के गठन का निर्णय लिया है।