मंडी निवासी आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज
शिमला। हिमाचल प्रदेश में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी लेने का एक और मामला सामने आया है। इस बार मामला MBBS में एडमिशन का नहीं बल्कि पोस्ट ऑफिस में नौकरी लेने का है। शिमला पोस्टल डिविजन के तहत देवनगर शाखा में एक व्यक्ति ने अपने फर्जी सर्टिफिकेट देकर नौकरी ले ली। पुलिस ने इस मामले में शिकायत मिलने के बाद एफआईआर दर्ज कर ली है।
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शिमला पोस्ट ऑफिस के सुपरिटेंडेंट विकास नेगी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि शिमला पोस्टल डिविजन के तहत देवनगर शाखा में ग्रामीण डाक सेवक शाखा पोस्ट मास्टर के चयन के लिए उम्मीदवारों के इंटरव्यू हुए थे। इस दौरान एक उम्मीदवार जिसका नाम मनीष कुमार है, उसका चयन देवनगर शाखा में ग्रामीण डाक सेवक शाखा पोस्ट मास्टर के पद पर हुआ। उसने गत 9 सितंबर, 2022 को अपने पद पर जॉइन किया।
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शिकायतकर्ता विकास नेगी का कहना है कि उक्त व्यक्ति का मैट्रिक सर्टिफिकेट जांच के लिए निदेशक झारखंड एकेडमिक काउंसिल ज्ञानदीप कैंपस भेजा गया। वहां पर जांच के दौरान उसका सर्टिफिकेट फर्जी निकला। उक्त आरोपी सरकाघाट जिला मंडी का रहने वाला है।
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सुपरिंटेंडेंट विकास नेगी की शिकायत पर पुलिस ने थाना सदर में IPC की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस आज इस मामले का पूरा रिकॉर्ड कब्जे में लेगी। इसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
गौर हो कि इससे पहले हिमाचल प्रदेश में नीट परिणाम में गड़बड़ी कर एमबीबीएस में दाखिला पाने के दो मामले सामने चुके हैं। पहले मामले में बिलासपुर जिला के घुमारवीं के रहने वाले छात्र ने फर्जी दस्तावेज से आईजीएमसी शिमला में एमबीबीएस में एडमिशन ले ली थी लेकिन जब दस्तावेज की वेरिफिकेशन हुई तो दस्तावेज नकली पाए गए।
वहीं दूसरा मामला मेडिकल कॉलेज चंबा में सामने आया जहां नीट की मार्कशीट में टेंपरिंग कर 300 नंबर के 530 बनाकर कांगड़ा के नूरपुर की छात्रा ने मेडिकल कॉलेज चंबा में एमबीबीएस की सीट हासिल कर ली। गड़बड़ी का खुलासा होने पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने दाखिला रद्द कर पुलिस को शिकायत दे दी है।