शिमला। हिमाचल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 500 रुपए बढ़ोतरी के साथ 10000 रुपए का ऐलान किया गया है। मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं मानदेय 400 रुपए बढ़ाकर 7000 कर दिया गया है।
आंगनबाड़ी सहायिका को 300 रुपए बढ़ाकर 5500 रुपए, आशा वर्कर को 300 रुपए बढ़ाकर 5500, सिलाई अध्यापिका को 500 रुपए बढ़ोतरी, मिड डे मील वर्कर को 500 की बढ़ोतरी 4500, वाटर कैरियर शिक्षा विभाग 600 बढ़ोतरी के साथ 5000, जल रक्षक को 300 बढ़ोतरी के साथ 5300 मानदेय मिलेगा।
जल शक्ति विभाग MTW को 600 बढ़ोतरी के साथ 5000, पैरा फिटर पंप ऑपरेटर को 300 बढ़ोतरी के साथ 6300, पंचायत चौकीदार को 1000 बढ़ोतरी के साथ 8000, राजस्व चौकीदार को 300 बढ़ोतरी के साथ 5800, नंबरदार को 500 बढ़ोतरी के साथ 4200 रुपए मानदेय मिलेगा।
वहीं, SMC शिक्षकों और आईटी टीचर के मानदेय में 1900 रुपए प्रति माह बढ़ोतरी की गई है। सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात स्पेशल पुलिस अफसर (SPO) के मानदेय में 500 रुपए की बढ़ोतरी की गई है।
शिमला। हिमाचल के जहां एक ही कैंपस में प्राइमरी, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूल चल रहे हैं, वहां अब मिड डे मील का सारा कंट्रोल प्रिसिंपल के पास होगा। सरकार ने इसको लेकर निर्णय ले लिया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने शिमला के चौड़ा मैदान में संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया से बातचीत में दी।
उन्होंने कहा कि कुछ स्कूलों में एक ही कैंपस में प्राइमरी वाले अलग और सेकेंडरी वाले अलग खिचड़ी बनाते हैं। इसके लिए सरकार ने फैसला लिया है कि जहां एक ही कैंपस में प्राइमरी, हाई और सेकेंडरी स्कूल चल रहे हैं, वहां पर मिड डे मील का कंट्रोल प्रिसिंपल के पास होगा। प्रिसिंपल इस पर प्रशासनिक कंट्रोल करेंगे।
वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में क्वालिटी एजुकेशन और स्टाफ की कमी को लेकर सरकार गेस्ट फैकल्टी नीति लेकर आ रही है। जहां पर शिक्षकों की कमी होगी उन स्कूलों में गेस्ट फैकल्टी पर लेक्चरर रखे जाएंगे।
क्वालिटी एजुकेशन और मेरिट के आधार पर लेक्चरर रखे जाएंगे। इनकी नियुक्ति स्थाई होगा और पीरियड के आधार पर पैसे देय होंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आने वाले समय में हिमाचल में क्वालिटी एजुकेशन अच्छी होगी।
शिमला। प्रदेश भर से सैकड़ों मिड डे मील वर्कर्स ने शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर विधानसभा के बाहर हल्ला बोला और सरकार को चेताया कि अगर उनकी मांगों को सुना नहीं जाता है तो यह धरना बड़े आंदोलन का रुख ले लेगा।
मिड डे मिल वर्कर्स यूनियन की प्रदेश महासचिव हिम्मी देवी ने बताया कि मिड डे मील वर्कर्स को पिछले 5 महीनों से वेतन नहीं मिला है। जो वेतन दिया जा रहा है, वे नाकाफी है। उन्हें 11250 न्यूनतम वेतन दिया जाना चाहिए, जिससे वह भी अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। उन्होंने बताया कि उनके लिए छुट्टियों का प्रावधान नहीं है। 25 बच्चों वाले स्कूलों में एक और 26 बच्चों की संख्या वाले स्कूलों में दो वर्कर्स हैं।
उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में दो वर्कर की नियुक्ति की जानी चाहिए। हिम्मी देवी ने मांग है कि अन्य राज्यों की तर्ज पर राज्य में भी मिड डे मील वर्कर के लिए पेंशन, ग्रेच्युटी मिलनी चाहिए। ये सब मांगें पिछले बीस साल से अपनी सेवाओं के दौरान लगातार उठाई जा रही हैं, लेकिन पूरी नहीं हो पाई हैं। अगर अब भी मांगों को अनसुना किया जाता है तो प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जाएगा।
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित हिमाचल कैबिनेट बैठक में बरसात के इस मौसम में राज्य में भारी बारिश के कारण हुई जान-माल की व्यापक क्षति पर दुःख व्यक्त किया गया तथा इस आपदा में काल का ग्रास बने लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। राजस्व विभाग ने आपदा प्रबन्धन और सार्वजनिक एवं निजी सम्पत्ति को हुए नुकसान पर एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी।
हिमाचल कैबिनेट बैठक में मिड-डे-मील योजना के तहत कुक-सह-हेल्पर के मानदेय में प्रथम अप्रैल, 2023 से 500 रुपये प्रतिमाह की बढ़ोतरी को स्वीकृति प्रदान की गई, जिससे उन्हें प्रतिमाह 3500 रुपये से बढ़कर 4000 रुपये का मानदेय प्राप्त होगा। इस निर्णय से इस योजना के तहत कार्यरत 21431 व्यक्तियों को लाभ मिलेगा।
बैठक में ग्रामीण विकास विभाग में जूनियर ऑफिस एसिस्टेंट (आईटी) के 35 पद भरने का निर्णय लिया गया। कैबिनेट ने स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति में संशोधन का निर्णय लिया। इसके तहत समझौता ज्ञापन 40 वर्षों के लिए होगा और रॉयल्टी की दरें 12 वर्ष के लिए 15 प्रतिशत, अगले 18 वर्षों के लिए 20 प्रतिशत तथा शेष 10 वर्षों के लिए 30 प्रतिशत होंगी।
इसके उपरांत परियोजना राज्य सरकार को बिना किसी लागत तथा सभी तरह की देनदारियों और ऋण भार से मुक्त वापिस मिल जाएगी। हालांकि, बढ़ी हुई अवधि के लिए राज्य को अदा की जाने वाली रॉयल्टी 50 प्रतिशत से कम नहीं होगी।
बैठक में 210 मेगावाट क्षमता की लुहरी चरण-1, 66 मेगावाट क्षमता की धौलासिद्ध, 382 मेगावाट क्षमता की सुन्नी बांध तथा 500 मेगावाट क्षमता की डुगर जल विद्युत परियोजना के लिए सतलुज जल विद्युत निगम एवं एनएचपीसी को प्रदत्त बाधा रहित निःशुल्क विद्युत रॉयल्टी की छूट वापस लेने का भी निर्णय लिया गया।
कैबिनेट ने जल विद्युत परियोजनाओं से लिए जाने वाले जल उपकर की दरों का युक्तिकरण करने का भी निर्णय लिया। बैठक में हिमाचल प्रदेश विधवा पुनर्विवाह योजना के अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता 65 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
कैबिनेट ने वर्ष 2023-24 के लिए राज्य में मण्डी मध्यस्थता योजना के अन्तर्गत सेब, आम और नींबू प्रजाति के फलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करने का भी निर्णय लिया। इसके तहत अब सेब और आम का समर्थन मूल्य 10.50 रुपये के बजाय 12 रुपये प्रति किलोग्राम होगा।
इसके अतिरिक्त किन्नू, माल्टा और संतरे के लिए समर्थन मूल्य 9.50 रुपये से बढ़कर 12 रुपये प्रति किलोग्राम जबकि नींबू एवं गलगल का समर्थन मूल्य आठ रुपये से बढ़कर 10 रुपये प्रति किलोग्राम हो जाएगा।
कैबिनेट ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 15 अगस्त, 2023 से गैर जनजातीय क्षेत्रों में दिहाड़ी की दरें 224 रुपये बढ़ाकर 240 रुपये करने तथा जनजातीय क्षेत्रों में 280 रुपये से बढ़ाकर 294 रुपये करने को भी स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में राज्य में सफाई कर्मियों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने के लिए उन्हें आयुष्मान भारत योजना के तहत शामिल करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में 874 उम्मीदवारों को पटवारी के रूप में और 16 पात्र चेनमैन को चयनित और प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया गया जिन्हें अगले पांच वर्षों में राज्य में तैनात किया जाएगा।
कैबिनेट ने कीरतपुर-मनाली फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात नियमों के उल्लंघन को कम करने और सड़क सुरक्षा मानदण्डों को सुनिश्चित करने के लिए तीन नए स्थापित यातायात सह पर्यटक पुलिस स्टेशनों के प्रबन्धन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 48 पद सृजित कर भरने को भी मंजूरी प्रदान की।
कैबिनेट ने शिक्षा विभाग में 31 मार्च, 2023 और 30 सितम्बर, 2023 तक संयुक्त रूप से 11 वर्ष की दैनिक भोगी और अंशकालिक सेवाओं को पूर्ण करने वाले अंशकालिक जलवाहकों की सेवाओं को नियमित करने की स्वीकृति प्रदान की।
कैबिनेट ने वन भूमि में गिरे पेड़ों की गणना, चिन्हांकन, निष्कर्षण और निपटान के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को मंजूरी प्रदान की। इससे स्थानीय स्तर पर लकड़ी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और इसे अपरिष्कृत रूप में ढालने में भी मदद मिलेगी। साथ ही परिवहन लागत में कमी आएगी और राजस्व में भी वृद्धि होगी। इससे फील्ड स्टाफ की दक्षता में भी वृद्धि होगी।
बैठक में राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023 के तहत सरकारी विभागों, स्थानीय प्राधिकरणों, स्वायत्त निकायों, बोर्ड, निगमों, सरकारी उपक्रमों और अन्य संस्थानों में ई-टैक्सी किराये पर लेने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को अनुमति प्रदान की गई।
इस योजना से युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और राज्य सरकार ई-टैक्सी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत उपदान प्रदान करेगी। यह निर्णय वाहन प्रदूषण को कम करने तथा हरित राज्य बनने की ओर आगे बढ़ने में दूरगामी भूमिका निभाएगा। यह योजना 2 अक्तूबर, 2023 से कार्यान्वित की जाएगी।
कैबिनेट ने श्रम एवं रोजगार विभाग का नामकरण श्रम, रोजगार एवं विदेशी नियोजन (प्लेसमेंट) विभाग के रूप में करने को मंजूरी प्रदान की।