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शिमला। राजधानी शिमला में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है। शिमला शहर में जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए ये प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण साबित होने वाला हैं। 1555 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला यह प्रोजेक्ट शहर में 13.55 किलोमीटर लंबा होगा। इसमें 13 स्टेशन होंगे।
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने शिमला में मीडिया से बातचीत में बताया कि शिमला में ट्रैफिक की समस्या से निजात दिलाने के लिए यह रोपवे प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अक्टूबर तक सभी औपचारिकताएं पूरी कर काम शुरू कर लिया जाएगा।
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इसके लिए सभी प्रकार की एनओसी और टेंडर प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। पूरा प्रोजेक्ट 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि 1555 करोड़ रुपए का यह प्रोजेक्ट न्यू डेवलपमेंट बैंक से फंडेड है। उन्होंने कहा कि यह रोपवे प्रोजेक्ट शिमला शहर में 13.55 किलोमीटर लंबा होगा। इसमें 13 स्टेशन बनेंगे, जिसमें रोपवे की तीन लाइनें चलेंगी।
इस रोपवे के पूरे प्रोजेक्ट में 660 ट्रॉली चलेंगी। उन्होंने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए रोपवे प्रोजेक्ट में किराया बस किराए के समान ही रखा जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें और हिमाचल देश के लिए भी मॉडल बन सके। डिप्टी सीएम ने कहा कि आने वाले समय में परमाणू में विश्व का सबसे बड़ा एक और प्रोजेक्ट बनाया जाएगा। यह 38 किलोमीटर का विश्व का सबसे बड़ा प्रोजेकट होगा।
उन्होंने बताया कि चिंतपूर्णी माता मंदिर में 75 करोड़ रुपए से प्रोजेक्ट बनेगा। इस क्षेत्र मे निजी क्षेत्र को आकर्षित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा नीतियों में बदलाव किया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में अब रोपवे ही एक रास्ता है, जिसके माध्यम से यातायात को सुचारु और आसान बनाया जा सकता है।
रिकांगपिओ। किन्नौर जिला के निगुलसरी में नेशनल हाईवे 05 सात दिन से सभी प्रकार के वाहनों के लिए बंद है। चट्टानों को काट कर मार्ग की बहाली का कार्य किया जा रहा है।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी भी तत्परता से दिन-रात स्वयं मौके पर उपस्थित होकर बहाली के कार्य का निरीक्षण कर रहे हैं।
नेशनल हाईवे 05 बंद है, लेकिन नेशनल हाईवे 505 शिमला से रामपुर सभी प्रकार के वाहनों के लिए खुला है। किन्नौर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की
14 सितंबर सुबह 9 बजे की अपडेट के अनुसार नेशनल हाईवे 05 और नेशनल हाईवे 505 से काजा वाया समदु भी सभी प्रकार के वाहनों के लिए ओपन है। वहीं, रूतुरंग ब्रिज से बोइंग सारिंग लिंक रोड भी बंद है। सड़क को बहाल करने का कार्य जारी है। आगामी कुछ दिन में मार्ग बहाल हो सकता है।
बता दें कि निगुलसरी में नेशनल हाईवे 5 को बहाल करने के लिए कार्य तेजी से चला हुआ है। हाईटेक मशीनों से बड़ी बड़ी चट्टानों को हटाकर मार्ग को बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द मार्ग बहाल होने की संभावना है।
डीसी किन्नौर तोरूल रवीश ने बताया कि जिला के पूह उपमण्डल स्थित चांगो पंचायत में स्थाई नियंत्रण कक्ष-सह-बैरियर की स्थापना की गई है।
उन्होंने बताया कि यह निर्णय जिला के निगुलसरी में पहाड़ के दरकने से बाधित हुए राष्ट्रीय उच्च मार्ग-05 तथा सेब सीजन के दृष्टिगत यातायात को सुचारू ढंग से बनाए रखने के लिए लिया गया है।
तोरूल रवीश ने बताया कि यह नियंत्रण कक्ष निगुलसरी में यातायात बहाल होने तक 24 घंटे कार्यरत रहेगा तथा तहसीलदार पूह व नायब तहसीलदार यंगथंग को नियंत्रण कक्ष का मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है।
इसके अतिरिक्त नियंत्रण कक्ष में उचित मात्रा में पुलिस के जवानों की तैनाती भी की गई है जिन्हें बागवानी विभाग के कर्मचारियों द्वारा भी सहयोग प्रदान किया जाएगा।
रिकांग पिओ। किन्नौर जिला के निगुलसरी के पास भूस्खलन के कारण नेशनल हाईवे पांच (NH-05) पांच दिन से बंद है। मंगलवार को भी नेशनल हाईवे यातायात के लिए बहाल नहीं हो पाया। सड़क मार्ग बहाली का काम अभी भी जारी है। मौके पर मशीनों की मदद से मलबा व चट्टानें हटाकर रास्ता साफ किया जा रहा है।
मार्ग बहाली के लिए उच्च तकनीक की आरओसी (ROC) मशीनों की मदद ली जा रही है। कार्य प्रगति पर है और काफी हद तक मलबा और चट्टानें हटाकर सड़क को तैयार कर दिया गया है।
मार्ग बहाली का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें बड़ी चट्टान को मशीन की मदद से गिराया जा रहा है। अभी भी रास्ते पर इतनी चट्टानें गिरी हुई है कि सड़क मार्ग का नामोनिशान नहीं दिख रहा है। वीडियो में रिकांग पिओ और रामपुर दोनों तरफ से मार्ग बहाली के कार्य को रिकॉर्ड किया गया है।
380 मीटर तक अवरुद्ध हुई सड़क में से 280 मीटर सड़क को बहाल कर लिया गया है तथा बची हुई 100 मीटर सड़क की बहाली का कार्य प्रगति पर है जिसे शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जाएगा।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी भी तत्परता से दिन-रात स्वयं मौके पर उपस्थित होकर बहाली के कार्य का निरीक्षण कर रहे हैं। साथ ही नेगी बहाली कार्य के लिए आवश्यक मशीनरी व अन्य उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहे हैं।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने उच्च तकनीक की आरओसी मशीनें पटेल इंजीनियरिंग लुहरी प्रोजेक्ट व भारतीय सेना पूह से सामंजस्य स्थापित कर मंगवाईं हैं। इन आरओसी (ROC) मशीनों की कार्यकुशलता काफी बेहतर है जिससे अवरुद्ध मार्ग को जल्द से जल्द बहाल करने में मदद मिलेगी।
वहीं, निगुलसरी में सेब और मटर की फसल के परिवहन के लिए रोपवे भी शुरू कर दिया गया है। इसकी मदद से किसान अपनी फसलें मंडियों के लिए रवाना कर की जा रही है जो कि बड़ी राहत की बात है। जब तक अवरुद्ध NH05 बहाल नहीं हो जाता तब तक वैकल्पिक रूप से रोपवे किसानों को फसलों के परिवहन में निःशुल्क सहायता प्रदान करेगा।
रिकांग पिओ। किन्नौर जिला के निगुलसरी के पास भूस्खलन के कारण नेशनल हाईवे पांच (NH-05) चार दिन से अवरुद्ध है। ये मार्ग बंद होने के कारण किन्नौर जिला का संपर्क देश-दुनिया से कट गया है जिसका सीधा नुकसान किसानों और बागवानों को हो रहा है।
इस बीच सोमवार को निगुलसरी में सेब और मटर की फसल के परिवहन के लिए रोपवे का परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया। जब तक अवरुद्ध NH05 बहाल नहीं हो जाता तब तक वैकल्पिक रूप से रोपवे किसानों को फसलों के परिवहन में निःशुल्क सहायता प्रदान करेगा।
लगभग 600 मीटर लंबे इस रोपवे का उद्घाटन आज राजस्व बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी द्वारा किया गया। इसकी मदद से किसान अपनी फसलें मंडियों के लिए रवाना कर पाएंगे जो कि बड़ी राहत की बात है।
वहीं, नेशनल हाईवे पांच (NH-05) की बहाली का काम लगातार जारी है। 380 मीटर तक अवरुद्ध हुई सड़क में से 280 मीटर सड़क को बहाल कर लिया गया है तथा बची हुई 100 मीटर सड़क की बहाली का कार्य प्रगति पर है जिसे शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जाएगा।
शिमला। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने अधिकारियों को माता चिंतपूर्णी मंदिर और बाबा बालक नाथ जी मंदिर के लिए रोपवे विकसित करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। यह निर्देश डिप्टी सीएम ने रोपवे एवं त्वरित परिवहन विकास निगम (आरटीडीसी) के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।
डिप्टी सीएम ने निगम द्वारा कार्यान्वित की जा रही सभी परियोजनाओं और गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि रोपवे परिवहन का एक पर्यावरण हितैषी साधन है। इसके माध्यम से हिमालयी क्षेत्रों में यात्रा की दूरी को पर्याप्त रूप से कम होती है, क्योंकि पहाड़ी इलाकों में एक किलोमीटर रोपवे लगभग 5-6 किलोमीटर सड़क दूरी के बराबर होता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पर्यावरण के अनुकूल, स्वच्छ और हरित परिवहन के इस साधन को बड़े पैमाने पर लागू करने की योजना है। इसके माध्यम से शहरों में भीड़-भाड़ को कम करने, छूटे हुए कस्बों में परिवहन सुविधा और पर्यटन की क्षमता को बढ़ावा प्रदान किया जाएगा। आरटीडीसी ने शिमला में इस परियोजना के लिए जमीनी स्तर पर कार्य शुरू कर दिया है।
डिप्टी सीएम ने आरटीडीसी को अगले पांच वर्षों में इस परियोजना का सुचारू रूप से संचालन शुरू करने के निर्देश दिए। इस रोपवे परियोजना में 1546.40 करोड़ रुपये की लागत के साथ 15 स्टेशनों को जोड़ने वाले 14.69 किलोमीटर रोपवे का नेटवर्क होगा। यह शहरी रोपवे परियोजना विश्व की अपनी तरह की दूसरी और भारत में पहली परियोजना होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार धर्मशाला और मनाली के लिए इसी तरह की शहरी रोपवे परियोजनाओं को विकसित करने की योजना बना रही है।
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने आरटीडीसी को राज्य में ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि के तहत रोपवे विकास के लिए नाबार्ड के दिशा-निर्देशों को तत्काल स्वीकृति के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में लाने के निर्देश दिए ताकि 329 असंबद्ध बस्तियों (250 से जनसंख्या से अधिक) को संपर्क सुविधा प्रदान करने के लिए समग्र रोपवे का निर्माण करने के साथ-साथ कृषि और बागवानी उत्पादों की ढुलाई नाबार्ड आरआईडीएफ के तहत बड़े पैमाने पर की जा सके।
उन्होंने आरटीडीसी को अगले पांच वर्षों में प्रत्येक जिले में कम से कम एक रोपवे विकसित करने के निर्देश दिए ताकि राज्य में संपर्क सुविधा बढ़ाकर रोजगार सृजन के साथ-साथ पर्यटन संभावनाओं को बढ़ावा मिल सके। बैठक में प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम, आरटीडीसी के निदेशक अजय शर्मा, आरटीडीसी के मुख्य महाप्रबंधक रोहित ठाकुर और निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।