शिमला। हिमाचल लोक सेवा आयोग ने इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी स्पेशलिस्ट के स्क्रीनिंग टेस्ट का रिजल्ट घोषित कर दिया है। इसमें दो अभ्यर्थी पर्सनैलिटी के लिए सफल घोषित किए गए हैं। पर्सनैलिटी टेस्ट 19 अप्रैल 2024 को आयोजित किया जाएगा।
स्क्रीनिंग टेस्ट 29 फरवरी 2024 को आयोजित किया गया था। 4 अप्रैल 2024 को रिजल्ट घोषित कर दिया गया है। रिजल्ट हिमाचल लोक सेवा आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। रिजल्ट निकाले जाने की पुष्टि आयोग के सचिव डीके रतन ने की है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश कैबिनेट विस्तार की अटकलों को आज विराम लग गया है। हिमाचल प्रदेश को आज दो नए मंत्री मिलेंगे। बिलासपुर जिले के घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र से विधायक राजेश धर्माणी और कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक यादवेंद्र गोमा मंत्री बनेंगे। दोनों नए मंत्री आज राजभवन में शपथ लेंगे। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल दोनों नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। दोपहर बाद करीब 4 बजकर 45 मिनट पर शपथ ग्रहण समारोह होगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज ही दोनों विधायकों को शिमला बुला लिया था। इसके बाद साफ हो गया था कि राजेश धर्माणी और यादवेंद्र गोमा मंत्री बनेंगे। घुमारवीं से राजेश धर्माणी तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। वह सुखविंदर सुक्खू के करीबी माने जाते हैं। दो पद भरे जाने के बाद अब मंत्री पद का एक पद खाली रहेगा।
इस पद किसकी ताजपोशी होती है यह वक्त बताएगा। आज दो मंत्रियों के शपथ के बाद कैबिनेट की संख्या 11 हो जाएगा। हिमाचल में संख्या बल के हिसाब से मुख्यमंत्री सहित 12 मंत्री बनाए जा सकते हैं। यादवेंद्र गोमा के मंत्री पद की शपथ लेने के बाद कांगड़ा से दो मंत्री हो जाएंगे। चौधरी चंद्र कुमार कांगड़ा से अभी मंत्री हैं। उनके पास कृषि एवं पशुपालन का जिम्मा है। हालांकि, कांगड़ा में कैबिनेट रैंक के साथ आशीष बुटेल, किशोरी लाल और रघुवीर बाली को पद दिया गया है।
Lorem Ipsum is simply dummy text of the printing and typesetting industry. Lorem Ipsum has been the industry’s standard dummy text ever since the 1500s, when an unknown printer took a galley of type and scrambled it to make a type specimen book. It has survived not only five centuries, but also the leap into electronic typesetting, remaining essentially unchanged. It was popularised in the 1960s with the release of Letraset sheets containing Lorem Ipsum passages, and more recently with desktop publishing software like Aldus PageMaker including versions of Lorem Ipsum.
Lorem Ipsum is simply dummy text of the printing and typesetting industry. Lorem Ipsum has been the industry’s standard dummy text ever since the 1500s, when an unknown printer took a galley of type and scrambled it to make a type specimen book. It has survived not only five centuries, but also the leap into electronic typesetting, remaining essentially unchanged. It was popularised in the 1960s with the release of Letraset sheets containing Lorem Ipsum passages, and more recently with desktop publishing software like Aldus PageMaker including versions of Lorem Ipsum.
Lorem Ipsum is simply dummy text of the printing and typesetting industry. Lorem Ipsum has been the industry’s standard dummy text ever since the 1500s, when an unknown printer took a galley of type and scrambled it to make a type specimen book. It has survived not only five centuries, but also the leap into electronic typesetting, remaining essentially unchanged. It was popularised in the 1960s with the release of Letraset sheets containing Lorem Ipsum passages, and more recently with desktop publishing software like Aldus PageMaker including versions of Lorem Ipsum.
बालीचौकी, थुनाग , गोहर उपमंडल के दुर्गम क्षेत्रों में भेजी राहत
मंडी।भारी बारिश के चलते मंडी जिला के बालीचौकी, थुनाग और गोहर उपमंडल आदि के कई क्षेत्र सड़क मार्ग से पूरी तरह से कट चुके हैं। इन क्षेत्रों में राशन आदि राहत सामग्री पहुंचाना बहुत बड़ी चुनौती थी। इसमें वायुसेना ने अहम भूमिका निभाई है। लगातार चार दिन से लोगों तक राशन और दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं।
अब तक करीब 28 टन राशन हेलीकॉप्टर के माध्यम से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों तक पहुंचाया जा चुका है। मंडी जिले में ‘राहत की उड़ान’ मंगलवार को चौथे भी जारी है। मंगलवार को भी वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से मंडी जिले के बालीचौकी, थुनाग और गोहर उपमंडल के दुर्गम क्षेत्रों में राशन समेत अन्य आवश्यक सामग्री और दवाइयों की खेप पहुंचाने का अभियान चला।
मंडी जिला प्रशासन ने बालीचौकी और थुनाग उपमंडल के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों से एक कैंसर रोगी और एक गर्भवती महिला को एयरलिफ्ट किया। कैंसर रोगी निर्मला देवी को कल्हणी से जबकि गर्भवती महिला पुष्पा देवी को खोलानाल क्षेत्र के खरेड़ी से मंडी लाया गया। निर्मला देवी को नेरचौक अस्पताल और गर्भवती महिला को जोनल अस्पताल मंडी में चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाई गई।
‘हेली ऑपरेशन’ को मॉनीटर कर रहे एसडीएम सदर मंडी ओमकांत ठाकुर ने बताया कि हेली सेवा के जरिए लोगों को करीब 28 टन राहत सामग्री पहुंचाई गई है। इसमें खाद्य सामग्री की किटें, दवाइयों के बक्से, हाइजीन किट, तिरपाल, कंबल समेत अन्य जरूरी सामग्री शामिल है। खाद्य सामग्री की प्रत्येक किट में आटा, चावल, 2 दालें, तेल, नमक, हल्दी तथा अन्य किचन मसाले हैं।
मंडी जिला डीसी अरिंदम चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशों के अनुरूप मंडी जिले में वायु सेना की मदद से चलाए हेली ऑपरेशन के जरिए दुर्गम इलाकों में राशन, दवाएं और अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाने के साथ ही हेली सेवा से लोगों की हेल्थकेयर आवश्यकताएं भी पूरी की जा रही हैं।
इसी कड़ी में सीएम के निर्देश पर मंगलवार को मंडी जिला प्रशासन ने बालीचौकी और थुनाग उपमंडल के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों से एक कैंसर रोगी और एक गर्भवती महिला को एयरलिफ्ट किया। कैंसर रोगी निर्मला देवी को कल्हणी से जबकि गर्भवती महिला पुष्पा देवी को खोलानाल क्षेत्र के खरेड़ी से मंडी लाया गया। निर्मला देवी को नेरचौक अस्पताल और गर्भवती महिला को जोनल अस्पताल मंडी में चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई गई।
बता दें कि भीषण बारिश, फ्लैश फ्लड और भूस्खलन के कारण के बालीचौकी, थुनाग और गोहर उपमंडल के दूरदराज क्षेत्रों में भारी तबाही हुई थी। वहां रास्ते ध्वस्त होने के कारण आवागमन में दिक्कत आई है। ऐसे में वहां हेलीकॉप्टर के माध्यम से राशन और अन्य आवश्यक सामग्री भेजने की व्यवस्था की गई है।
शिमला। राजधानी शिमला के समरहिल में बीते सोमवार को बड़ा हादसा पेश आया। मंदिर पर लैंडस्लाइड होने से पूजा करने गए काफी लोग मलबे में दब गए। इनमें से 13 के शव बरामद कर लिए गए हैं। बाकी की तलाश को सर्च ऑपरेशन जारी है। वहीं, पूर्व डिप्टी एडवोकेट जनरल और हाईकोर्ट के वकील विनय शर्मा ने आपदा प्रबंधन की पोल खोली है।
अगर अधिवक्ता विनय शर्मा के आरोप सही हैं तो यह काफी चिंतनीय विषय है। क्योंकि मॉक ड्रिल से वास्तविकता काफी भयानक और पीड़ादायक होती है। अपनों की जिंदगी बचाने के लिए लोगों पर एक-एक पल भारी पड़ता है। थोड़ी जल्दी किसी जिंदगी को बचा सकती है और देरी छीन सकती है। ऐसे में हमें आपदा प्रबंधन को और मजबूत करना होगा। इसके लिए ठोस कदम उठाने होंगे। हमारा इस खबर का मकसद किसी की आलोचना या किसी का मनोबल कम करना नहीं है।
बल्कि अगर कोई कमी हो तो भविष्य के लिए उन्हें दूर करना है। क्योंकि प्राकृतिक आपदाओं को किसी भी कवच से रोका नहीं जा सकता है। यह कहां और किस रूप में आएंगी मनुष्य को कुछ पता नहीं।
हाईकोर्ट के अधिकवक्ता विनय शर्मा ने क्या आरोप लगाए हैं, आपको बताते हैं। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट डालकर लिखा कि शिमला के समर हिल स्थित शिव मंदिर में सावन महीने के आखिरी सोमवार को सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर भोलेनाथ की पूजा कर रहे 30-35 लोग, जिनमें हमारे हाईकोर्ट के युवा वकील भाई हरीश वर्मा और उनकी पत्नी, उनके मकान मालिक के परिवार के 7 लोग, यूनिवर्सिटी में मैथ के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट, उनकी पत्नी और बेटा सहित काफी लोग, अचानक हुए लैंड स्लाइड की चपेट में आ गए।
आसपास के लोग रेस्क्यू के लिए दौड़े। खुद अपने हाथों से मलबा हटाकर रोते बिलखते लोग अपनों को खोज रहे थे। एक घंटे बाद लोकल आर्मी की यूनिट ने रेस्क्यू की कमान संभाली और घटना के दो घंटे बाद आपदा प्रबंधन वाले पहुंचे, वो भी खाली हाथ।
बदइंतजामी के हाल यह थे कि वहां गिरे पेड़ों को काटने के लिए लोगों ने अपने कटर दिए तब पेड़ कटे। मलबा हटाने के लिए जेसीबी पांच घंटे बाद पहुंची। कई जाने तो इसलिए चली गई कि रेस्क्यू ढंग से हुआ ही नहीं। किसी को बचाना तो दूर की बात 30 घंटे बाद भी 15-20 लोग मलबे में दबे पड़े हैं।
फिर किसलिए और किसके लिए बनाया गया आपदा प्रबंधन बोर्ड ? हर दूसरे दिन यह लोग स्कूल यूनिवर्सिटी, कॉलेज, हॉस्पिटल और सड़कों पर मॉक ड्रिल कर रहे होते हैं और आपदा के टाइम यह लोग राजधानी में दो घंटे बाद पहुंच रहे हैं, तो बाकी जगह क्या हाल होंगे ?
मंडी।हिमाचल में हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब मंडी जिला में सड़क हादसे में दो युवकों की मौत हो गई है। एक असम राइफल का जवान था। हादसा रविवार रात को हुआ है। पर हादसे का पता सोमवार सुबह चला है।
बता दें कि मंडी जिला द्रंग की स्नोर घाटी के त्रैल गांव निवासी दो दोस्त पदम राम (32) पुत्र काले राम और रमेश चंद (39) पुत्र करमे राम रविवार को धार्मिक स्थली पराशर ऋषि मंदिर में काशी मेले में गए थे। रात को जब वह घर लौट रहे थे तो मंडी-बजौरा रोड पर त्रैल के पास चालक कार से नियंत्रण खो बैठा और कार गहरी खाई में जा गिरी। रात होने के चलते हादसे के बारे किसी को पता नहीं चला। सोमवार सुबह हादसे की जानकारी मिली। पर हादसे में दोनों युवकों ने दम तोड़ दिया था। बताया जा रहा है कि हादसा तेज रफ्तारी के कारण हुआ है।
रमेश चंद असम राइफल का जवान था और अरुणाचल में तैनात था वह 2005 में सेना में भर्ती हुआ था। एक हफ्ता पहले ही छुट्टी पर आया था। मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस स्टेशन औट से पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शवों को खाई से निकालकर कब्जे में लिया। शवों का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिए हैं। दोनों युवकों की मौत से त्रैल गांव में मातम का माहौल है।
नई दिल्ली/कांगड़ा। विमानन कंपनी इंडिगो की दिल्ली से धर्मशाला नई उड़ान शुरू हो गई है। आज केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, राज्यमंत्री जनरल (डॉ.) वीके सिंह और कांगड़ा-चंबा के लोकसभा सांसद किशन कपूर की उपस्थिति में फ्लाइट का शुभारंभ हुआ।
फ्लाइट को हरी झंडी दिखाते एक वीडियो केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोशल मीडिया पर डाला है। लिखा है कि देवभूमि हिमाचल को आज एक बड़ी सौगात मिली है। दिल्ली से धर्मशाला हवाई यात्रा के लिए तीसरी फ्लाइट इंडिगो 6 ई (IndiGo6E) की विमान सेवाओं का आज केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया, राज्यमंत्री जनरल (डॉ.) वीके सिंह व सांसद किशन कपूर की गरिमामयी उपस्थिति में शुभारंभ हुआ है।
हवाई चप्पल वाले के लिए भी हवाई सेवा के पीएम नरेंद्र मोदी के विजन को हिमाचल में भी साकार करने में, प्रदेश में कनेक्टिविटी बढ़ाने में, पर्यटन व अन्य सेवाओं की बढ़ावा देने में इंडिगो की यह सेवा मील का पत्थर साबित होगी।
इंडिगो ने दिल्ली से कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए दो नई उड़ानें शुरू की हैं। आज 26 मार्च रविवार को सुबह दिल्ली से 6 बजकर 40 मिनट पर फ्लाइट उड़ी और सुबह 8 बजकर 25 मिनट पर कांगड़ा एयरपोर्ट (गगल) पहुंची। 8 बजकर 45 मिनट पर कांगड़ा एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरी। यह फ्लाइड रोज होगी। इसके अलावा 27 मार्च एक फ्लाइट दिल्ली से सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर चलेगी और 12 बजकर 55 मिनट पर कांगड़ा एयरपोर्ट पहुंचेगी। इसी दिन कांगड़ा एयरपोर्ट से फ्लाइट 1 बजकर 15 मिनट पर दिल्ली के लिए उड़ान भरेगी। 2 बजकर 55 मिनट पर दिल्ली पहुंचेगी। यह फ्लाइट सोमवार, मंगलवार, वीरवार और शुक्रवार को होगी।
डिप्टी सीएम बोले-हर साल लगभग 4 हजार करोड़ रुपए की आय
शिमला। हिमाचल प्रदेश जल विद्युत उत्पादन पर जल उपकर विधेयक 2023 को पारित कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश में जलविद्युत परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाने का रास्ता साफ हो गया है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने मंगलवार को हिमाचल विधानसभा के सदन में हिमाचल प्रदेश जलविद्युत उत्पादन पर जल उपकर विधेयक 2023 सदन में पेश किया था, जिसको आज पास कर दिया गया।
हालांकि विपक्ष ने विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि सेस लगाने से बिजली के दाम तो नहीं बढ़ जाएंगे। क्योंकि यहां पर उद्योग लगाने वाले बिजली के लालच में आते थे, अब बिजली महंगी होने से उनका झुकाव कम हो जाएगा। सरकार को मामले को कैबिनेट में लाने व अध्यादेश जारी करने की क्या जरूरत थी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि प्रदेश में राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार इस तरह के जरूरी कदम उठा रही है। कांग्रेस सरकार व्यवस्था परिवर्तन करने के लिए आई है। सरकार दिन रात मेहनत कर रही है। फिर रात को अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने से क्या फर्क पड़ता है। सरकार की नियत साफ है।
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने विधेयक पर कहा कि जलविद्युत उत्पादन पर उपकर लगने से हिमाचल को हर साल लगभग 4 हजार करोड़ रुपए की आय होगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में इस समय 172 पनबिजली परियोजनाएं चल रही हैं। इन परियोजनाओं में 10,991 मेगावाट बिजली हर साल पैदा हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आय के साधन बहुत सीमित हैं। ऐसे में मौजूदा परिस्थितियों में नए संसाधन जुटाना बहुत जरूरी हो गया है।
उन्होंने कहा कि यह कानून उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में लगाए गए जल उपकर का विस्तृत अध्ययन करने के बाद लाया गया है। इन दोनों ही राज्यों में कई लोग जल उपकर के खिलाफ अदालतों में गए, लेकिन अदालतों ने फैसला सरकार के पक्ष में सुनाया है। इसी के साथ विधेयक को ध्वनि मत पारित कर दिया गया।
छात्रावासों के अंदर खाने की गुणवत्ता को बढ़ाया जाए
शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई एसएफआई ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर चीफ वार्डन का घेराव कर ज्ञापने पत्र सौंपा। जिसमें मुख्य मांगी थी कि जो छात्र पीएचडी में 5 साल से अधिक समय से हॉस्टलों में रह रहे हैं उनके हॉस्टल कैंसिल किए जाए। ताकि जो छात्र अभी पीएचडी में दाखिल हुए हैं उन्हें अधिक मात्रा में हॉस्टल मिल सके। एसएफआई ने यह मांग भी रखी है की नए हॉस्टल का निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू किया जाए और नई हॉस्टल एलॉटमेंट लिस्ट जल्द से जल्द जारी की जाए।
एसएफआई ने मांग की है कि हॉस्टलों के अंदर पर्याप्त मात्रा में पीने के पानी की व्यवस्था की जाए, हॉस्टलों का रिनोवेशन का कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाए, हॉस्टलों के अंदर खाने की गुणवत्ता को बढ़ाया जाए। कन्या छात्रावासों में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ की जाए, छात्रावासों की सड़कों को स्ट्रीट लाइट्स की मरम्मत की जाए व छात्रावासों के अंदर इंडोर गेम के उपकरण स्थापित किए जाएं।
इन मांगों को लेकर परिसर अध्यक्ष हरीश ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि जानबूझकर पीएचडी के छात्रों को 5 साल से अधिक समय तक हॉस्टलों के अंदर रहने की एक्सटेंशन दी जा रही है। जिस वजह से जो छात्र अभी पीएचडी के अंदर एनरोल हुए हैं व इस सुविधा से वंचित रह रहे हैं।
परिसर सचिव सुरजीत ने यह मांग रखी कि छात्रावासों के अंदर खाने की गुणवत्ता को बढ़ाया जाए क्योंकि खराब खाना खाने के कारण छात्रों को या तो बाहर खाना खाना पड़ रहा है या फिर भूखे रहना पड़ रहा है। इसके साथ ही उन्होंने प्रत्येक छात्रावास के हर फ्लोर पर एक्वागार्ड स्थापित करने की मांग रखी।
छात्रावासों में सिक्योरिटी के मुद्दे पर बात रखते हुए इकाई सह सचिव संतोष कुमार ने कहां की छात्रावासों में पुलिस को सिर्फ डराने धमकाने के मकसद से रखा है। जहां पर कन्या छात्रावासों में पुलिस व सुरक्षाकर्मियों की जरूरत है वहां पर एक या दो सुरक्षाकर्मी ही तैनात है जिस कारण छात्राएं बंदरों के डर से छात्रावासों से बाहर निकलने से डरती है तथा लाइब्रेरी तक नहीं पहुंच पाती है।
हॉस्टल की रिनोवेशन पर बात रखते हुए एसएफआई ने कहा कि हॉस्टलों की मरम्मत पर लाखों रुपए सैंक्शन हुए हैं परंतु उनका उपयोग कहीं नहीं हो रहा है जिस कारण ना तो उन छात्रावासों में कोई छात्र अथवा छात्राएं रह रहे हैं और ना ही उनकी मरम्मत हो रही है। एसएफआई ने यह मांग भी रखी कि छात्रावासों की तरफ जाने वाले रास्ते की मरम्मत की जाए वह स्ट्रीटलाइट्स की भी मरम्मत की जाए ताकि आने जाने वाले छात्रों को परेशानी का सामना ना करना पड़े।
इसके अलावा हॉस्टलों की सभी मांगो पर चीफ वार्डन से हुई बातचीत पर चीफ वार्डन ने यह आश्वासन दिया की जल्द से जल्द इन मांगो वर अमल किया जाएगा। एसएफआई ने यह चेतावनी भी दी कि यदि प्रशासन जल्द से जल्द इन मांगों पर संज्ञान नहीं लेता है तो ऐसे में आने वाले समय में विश्वविद्यालय के छात्रों को लामबंद करते हुए प्रशासन का घेराव करेगी और उग्र आंदोलन की ओर बढ़ेगी जिसका जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रशासन होगा।
ऋषि महाजन/नूरपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर अडानी मुद्दे को लेकर कांग्रेस देशभर में धरना प्रदर्शन कर रही है। कांगड़ा जिला के नूरपुर में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने LIC ऑफिस के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व विधायक अजय महाजन ने किया।
अजय महाजन ने कहा कि अभी कांग्रेस ब्लॉक स्तर पर केंद्र सरकार को जगाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रही है। यदि आवश्यकता पड़ी तो कांग्रेस इसे जन आंदोलन बनाने से गुरेज नहीं करेगी।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार आमजन के लिए न होकर औद्योगिक घरानों की सरकार बन कर रह गई है। जनता का पैसा अडानी व अंबानी जैसे उद्योगपति के जेब में डाले जा रहे हैं। भाजपा सरकार सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है। लोगों का पैसा अडानी व अंबानी पर लुटाया जा रहा। केंद्र की भाजपा सरकार सीबीआई एवं ईडी का दुरुपयोग कर रही है।