संगड़ाह। सिरमौर जिला में संगड़ाह-राजगढ़ मार्ग पर डूंगा घाट के पास भूस्खलन से हुआ। इसके चलते मार्ग अवरुद्ध हो गया है। मार्ग बहाली का कार्य जारी है।
संगड़ाह। सिरमौर जिला में संगड़ाह-राजगढ़ मार्ग पर डूंगा घाट के पास भूस्खलन से हुआ। इसके चलते मार्ग अवरुद्ध हो गया है। मार्ग बहाली का कार्य जारी है।
चंबा। हिमाचल के चंबा जिला के भरमौर क्षेत्र के खणी-गरीमा मार्ग पर भूस्खलन के चलते डंगे के निर्माण में लगे एक मजदूर की दबने से मौत हो गई है। वहीं, दो मजदूर घायल हुए हैं। घायल मजदूरों को मेडिकल कॉलेज चंबा रेफर किया गया है।
बता दें कि घटना आज दोपहर की है। खणी-गरीमा मार्ग पर सड़क के डंगे का निर्माण कार्य चला हुआ था। अचानक वहां भूस्खलन हो गया। भूस्खलन से डंगा खिसक गया।
दिपेंद्र पुन पुत्र नर बहादुर निवासी खणी पत्थरों और मलबे की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई। दो घायल हुए हैं। घायलों को मेडिकल कॉलेज चंबा रेफर किया गया है।
दिपेंद्र पुन मूल रूप से नेपाल का रहने वाला था। पिछले करीब 25 वर्ष से परिवार के साथ खणी में ही रह रहा था। वह भरमौर में ठेकेदार के पास काम करता था।
मामले की सूचना भरमौर पुलिस स्टेशन में दी गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों के बयान भी दर्ज किए।
मंडी। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण GSI (जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया-जीएसआई) की टीम ने मंडी जिले में बरसात में विभिन्न जगहों पर बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन और भू धंसाव के कारणों का पता लगाने और रोकथाम के उपाय सुझाने को किए सर्वे की अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार तथा प्रशासन को सौंप दी है।
रिपोर्ट मिलते ही मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार मंडी जिला प्रशासन इसमें सुझाए उपायों के मुताबिक तात्कालिक समाधान के साथ साथ दीर्घकालिक उपायों पर काम में जुट गया है।
डीसी अरिंदम चौधरी ने बताया कि GSI की रिपोर्ट के आधार पर लोक निर्माण तथा जल शक्ति विभाग को सभी स्थलों पर प्रोटेक्शन कार्यों के लिए एक सप्ताह के भीतर प्राक्कलन तैयार करने को कहा गया है।
उन्होंने गुरुवार को GSI रिपोर्ट पर चर्चा के लिए बुलाई बैठक में संबंधित अधिकारियों इसे लेकर निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा दिए प्राक्कलन को राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (स्टेट डिजास्टर मिटिगेशन फंड – एसडीएमएफ) के तहत स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। इनमें नालों के तटीकरण, रॉक बोल्टिंग, भूमि भराव एवं संरक्षण, प्रोटेक्शन कार्य, डंगे लगाने इत्यादि कार्य किए जाएंगे।
अरिंदम चौधरी ने बताया कि मंडी शहर में पुराने सुकेती पुल के समीप विश्वकर्मा मंदिर चौक के सामने भूस्खलन वाले स्थल पर 1 करोड़ से प्रोटेक्शन कार्य किया जाएगा। इसमें रॉक बोल्टिंग की आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा।
लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए प्राथमिक प्राक्कलन तैयार किया है। कार्य के लिए 30 लाख रुपये गुरुवार को ही जारी कर दिए गए हैं और विभाग को तुरंत इसका टेंडर लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं, मंडी की टारना पहाड़ी में भूस्खलन और भूधंसाव की समस्या के समाधान के उपायों के तहत पहाड़ी में आई दरारों का उपयुक्त सामग्री से भराव के अलावा सीपेज रोकने के उपाय तथा जल निकासी की सुव्यवस्था के साथ ही अन्य प्रोटेक्शन कार्य किए जाएंगे।
उन्होंने सरकाघाट के जुकैण गांव में नाले के तटीकरण के लिए भी एक सप्ताह में प्राक्कलन बनाने के निर्देश दिए। इसके करीब 400 से 500 मीटर स्ट्रेच का तटीकरण किया जाएगा।
वहीं, उन्होंने सरकाघाट के टटीह, धर्मपुर के रियूर तथा नरेरा तथा सुंदरनगर के फगवां व धनोटू में भी प्रभावित जगहों पर प्रोटेक्शन कार्यों को लेकर प्राक्कलन बनाने को कहा।
डीसी ने आईआईटी मंडी के पदाधिकारियों से इन सभी भूस्खलन तथा भूधंसाव प्रभावित अथवा संभावित स्थलों पर विशेष सेंसर लगाने का आग्रह किया।
डीसी ने कहा कि मंडी जिले में अन्य भूस्खलन तथा भूधंसाव प्रभावित अथवा संभावित स्थलों के सर्वेक्षण के लिए आईआईटी मंडी के वैज्ञानिकों की मदद ली जा रही है। वैज्ञानिकों का एक दल जल्द ही जिले में चिन्हित जगहों का दौरा कर रोकथाम के उपायों को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
बता दें किसमूचे प्रदेश समेत मंडी जिले में जुलाई-अगस्त महीने में भारी बारिश के कारण अनेक जगहों पर भूस्खलन और भूधंसाव की घटनाएं हुई थीं। उन्हें देखते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जियोलॉजिकल सर्वे कराकर इसके कारणों का पता लगाने के निर्देश दिए थे।
इस संदर्भ में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की एक टीम ने मंडी जिले में पूरी गहनता से सर्वेक्षण किया तथा द्वारा भूभौतिकीय कारकों के व्यापक अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट सरकार तथा प्रशासन को सौंपी है।
जीएसआई ने मंडी, सरकाघाट, धर्मपुर तथा सुंदरनगर उपमंडल में आपदा प्रभावित जगहों पर सर्वेक्षण किया था। उसके आधार पर प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुरूप अब त्वरित समाधान के साथ साथ सुझाए गए दीर्घकालिक उपायों पर काम किया जा रहा है।
भावानगर। हिमाचल के किन्नौर जिला के नाथपा में भूस्खलन के चलते एक हफ्ते से बंद नेशनल हाईवे-पांच (NH-05) रविवार को यातायात के लिए बहाल हो गया है।
यातायात बहाल होने से लोगों को काफी राहत मिली है। इसी के साथ पहले की तरह फिर से जिला किन्नौर के तीनों खंडों सहित काजा-स्पीति की ओर वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है।
बता दें कि बीते सोमवार शाम को नाथपा में पहाड़ी से भारी भूस्खलन और चट्टानें दरकने के कारण नेशनल हाईवे पांच (NH-05) बाधित हो गया था। सड़क का करीब 250 मीटर हिस्सा पूरी तरह से भूस्खलन की चपेट में आ गया था।
लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण एनएच को बहाल करना चुनौतियों भरा बना रहा और हजारों लोगों को आवाजाही करने में परेशानियां झेलनी पड़ी।
किन्नौर जिला के तीनों खंडों सहित काजा और लाहौल-स्पीति की ओर जाने वाले यात्रियों को एक सप्ताह तक भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। रविवार शाम को मार्ग बहाल होने के बाद कल्पा, निचार और पूह सहित काजा और लाहौल-स्पीति की ओर वाहनों की आवाजाही शुरू हुई।
नेशनल हाईवे प्राधिकरण रामपुर के अधिशासी अभियंता केएल सुमन ने बताया कि नाथपा में बाधित नेशनल हाईवे पांच (NH-05) को रविवार को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है। मार्ग बहाली के बाद नेशनल हाईवे पर दोनों ओर से सुचारी रूप से आवाजाही हो रही है।
रिकांगपिओ। हिमाचल के किन्नौर जिला के नाथपा में नेशनल हाईवे पांच (NH-05) तीसरे दिन बुधवार को भी वाहनों की आवाजाही के लिए बंद है। पहाड़ी से भूस्खलन और चट्टानें गिरने के चलते सोमवार शाम से नेशनल हाईवे-5 (NH-05) बंद पड़ा है। सड़क का करीब 200 मीटर हिस्सा मलबे में दब गया है।
NH-05 बंद होने के करण किन्नौर जिला के तीनों खंडों सहित काजा और लाहौल-स्पीति की ओर जाने वाले यात्रियों को दिक्कत पेश आ रही हैं। एनएच बाधित होने के कारण दोनों ओर काफी समय वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। मार्ग बाधित होने के कारण कल्पा, निचार और पूह सहित काजा और लाहौल-स्पीति की ओर छोटे और बड़े वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है।
हालांकि पानवी-प्लींगी-निचार वैकल्पिक मार्ग से केवल छोटे वाहनों की आवाजाही हो रही है। हजारों लोग छोटे वाहनों में करीब साढ़े छह किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय कर रहे हैं। खस्ताहाल इस सड़क पर छोटे वाहन जोखिमों भरा सफर तय कर रहे हैं। वहीं, नेशनल हाईवे प्राधिकरण ने बाधित नेशनल हाईवे को बहाल करने के लिए मौके पर तीन जेसीबी मशीनें और 15 मजदूर तैनात किए हैं।
पहाड़ी से लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण मार्ग बहाल करना चुनौती से कम नहीं है। नेशनल हाईवे प्राधिकरण रामपुर के एक्सईएन केएल सुमन ने बताया कि बाधित नेशनल हाईवे को बहाल करने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पहाड़ी से बार-बार भूस्खलन के कारण मार्ग बहाली का कार्य प्रभावित हो रहा है। जल्द NH-05 को बहाल कर दिया जाएगा।
शिमला। सैंज-लुहरी-सुन्नी राज्य मार्ग पटाखरा के पास भूस्खलन के कारण यातायात के लिए बंद हो गया है। शिमला पुलिस ने इस मार्ग पर यात्रा करने वालों से अपील की है कि वैकल्पिक मार्ग से यात्रा करें।
शिमला। जिला शिमला के कोटखाई में मंगलवार को भूस्खलन हुआ है। भूस्खलन के कारण एनएच 705 चलनैर में अवरुद्ध हो गया है। हिमाचल पुलिस की तरफ से ये जानकारी दी गई है।
इस मार्ग पर सफर करने वाले ध्यान दें। भूस्खलन के चलते फिलहाल किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।
सोलन। चंडीगढ़-शिमला NH-5 यात्रा करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है। परवाणू-सोलन फोरलेन चक्की मोड़ पर सड़क के मरम्मत कार्य के चलते आज रात को चार घंटे के लिए बंद रहेगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सूचित किया है कि चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाईवे 5 पर परवाणू के पास स्लाइडिंग जोन चक्की मोड़ में सड़क के रख रखाव के लिए आज 18 सितंबर, 2023 रात 11:00 बजे से सुबह दिनांक 19 सितंबर 2023 को 03:00 बजे तक वाहनों की आवाजाही के लिए सड़क पूरी तरह से बंद रहेगी।
कृपया सूचित रहें और बहुत आवश्यक होने पर ही यात्रा करें। इस अवधि के दौरान वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस अवधि के दौरान वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल कर सकते हैं। गौर हो कि चंडीगढ़-शिमला NH-5 पर अगस्त माह में भारी भूस्खलन हुआ था जिसके कारण करीब आठ दिन तक परवाणू-सोलन फोरलेन पर वाहनों की आवाजाही बंद रखी गई थी।
एनएचएआई और फोरलेन कंपनी की ओर से दिन-रात कड़ी मशक्कत के बाद हाईवे को बहाल किया गया। हालांकि यहां पर बीच-बीच में भूस्खलन हो रहा है। एनएच किनारे कुछ मलबा भी अभी मौजूद है। सड़क के रखरखाव के लिए आज रात को काम किया जाना है।
सोलन। चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाईवे पांच (NH-5) पर यात्रा करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है। परवाणू-सोलन फोरलेन चक्की मोड़ पर सड़क के मरम्मत कार्य के चलते आज रात (शुक्रवार) को भी चार घंटे के लिए बंद रहेगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने ये सूचित किया है कि चंडीगढ़-शिमला NH-5 पर परवाणू के पास स्लाइडिंग जोन चक्की मोड़ में सड़क के रखरखाव के लिए आज (15 सितंबर) रात 11:00 बजे से 16 सितंबर सुबह 03:00 बजे तक वाहनों की आवाजाही के लिए सड़क पूरी तरह से बंद रहेगी।
कृपया सूचित रहें और बहुत आवश्यक होने पर ही यात्रा करें। इस अवधि के दौरान वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल कर सकते हैं। गौर हो कि चंडीगढ़-शिमला NH-5 पर अगस्त माह में भारी भूस्खलन हुआ था जिसके कारण करीब आठ दिन तक परवाणू-सोलन फोरलेन पर वाहनों की आवाजाही बंद रखी गई थी।
एनएचएआई और फोरलेन कंपनी की ओर से दिन-रात कड़ी मशक्कत के बाद हाईवे को बहाल किया गया। हालांकि यहां पर बीच-बीच में भूस्खलन हो रहा है। एनएच किनारे कुछ मलबा भी अभी मौजूद है। सड़क के रखरखाव के लिए आज रात को काम किया जाना है।