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शिमला। केंद्र सरकार की 1 वर्ष में 10 लाख युवाओं को नौकरी देने के लक्ष्य के तहत आज देश भर के 51 हजार युवाओं को 45 स्थानों में केंद्रीय मंत्रियों ने नियुक्ति पत्र वितरित किए।
प्रदेश की राजधानी शिमला में भी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने गेयटी थियेटर में आयोजित नौवे रोजगार मेले में 110 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए और समाज में बदलाव के लिए कार्य करने का आह्वान किया।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार देश के युवाओं को रोजगार देने के प्रतिबद्ध और एक साल में 10 युवाओं को नौकरी देने का केंद्र सरकार ने लक्ष्य रखा है। इसी के तहत आज देश भर में 51 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र आवंटित किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व देश तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
केंद्र की पारदर्शी सरकार ने भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाई है, नौकरियों में भी भ्रष्टाचार को खत्म किया है। डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के खातों में सीधा पैसा भेजा जा रहा है। 1500 से ज्यादा गैर जरूरी कानून को केंद्र सरकार ने खत्म कर दिया है।
अनुराग ठाकुर ने नौकरी पाने वाले युवाओं से समाज में बदलाव के लिए काम करने का आह्वान किया है। शिमला में डाक विभाग, ग्रामीण बैंक, बीबीएमबी सीआरआई कसौली, एनआईटी उत्तराखंड के लिए चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे गए।
शिमला। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के तहत ट्रेड यूनियन ने आज शिमला के उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपा की केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
इस दौरान सीटू के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने बताया कि चार लेबर कोड से मजदूरों की स्थिति काफी दयनीय हो जाएगी। यह कोड पूरी तरह से पूंजीपतियों के पक्ष में है जबकि मजदूर इसमें गुलाम बनकर रह जाएगा।
इससे मजदूरों की छंटनी करना आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति निर्माण का कोई पहल सरकार की तरफ से नहीं हो रही है।
एनएचएम में कार्य कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। कोविड के समय में सेवाएं देने वाले दो हजार के करीब आउटसोर्स कर्मचारियों को निकाला जा रहा है। आंगनवाड़ी वर्कर व अन्य वर्करों के नियमितिकरण के लिए कोई नीति नहीं बनाई जा रही है।
मजदूर की न्यूनतम सैलरी जो उन्हें मिलनी चाहिए नहीं दी जा रही है। मोदी सरकार की सभी नीतियां मजदूरों के खिलाफ रही है एक भी नीति सफल न होने के बाद केवल अडानी अंबानी के हितों में नीतियां बनाने के विरोध में ये धरना दिया जा रहा है।
शिमला। बरसात की बारिश के हिमाचल को दिए जख्मों पर मरहम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रदेश को 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि मंजूर कर दी है। अपने फेसबुक पेज पर यह जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने लिखा कि हिमाचल प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है। जनता को त्वरित राहत पहुंचाने वाले कार्य सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को आपदा की इस घड़ी में 400 करोड़ रुपये से ज़्यादा की धनराशि मंजूर कर दी है। इस प्राकृतिक आपदा में हिमाचल प्रदेश की हर संभव मदद के लिए वह पीएम नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का हृदयतल से आभार प्रकट करते हैं।
बता दें कि इस बार बरसात ने शुरुआत में ही हिमाचल में तबाही मचाई है। 100 से ज्यादा लोगों की जान गई है और 8000 करोड़ से भी अधिक का नुकसान हुआ है। कहीं कहीं सड़कों का नामोनिशान मिट गया है। पुल पानी के तेज बहाव में बह गए हैं।
ऋषि महाजन/नूरपुर। पीडब्ल्यूडी में विकास कार्यों को गति देने के लिए क्लस्टर बेस्ड ग्लोबल टेंडरिंग प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। इस प्रणाली के तहत सड़कों के रखरखाव, नई सड़कों और पुलों के निर्माण कार्यों के लिए क्लस्टर आधारित ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता, समयबद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित बनाना प्रदेश सरकार की पहली प्राथमिकता है, जिसमें किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। यह बात लोक निर्माण और युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को प्रेसवार्ता में कही।
विक्रमादित्य ने कहा कि नूरपुर सर्कल में पीएमजीएसवाई 1-2 (PMGSY 1-2) के तहत 334 करोड़ रुपए की लागत से 1,472 किलोमीटर की 346 सड़कों का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त पीएमजीएसवाई-3 के अंतर्गत 410 करोड़ की लागत से 31 सड़कों का विस्तारीकरण तथा उन्नयन कार्य किया जाएगा, जिसका प्रस्ताव स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि नाबार्ड के तहत 35 करोड़ की लागत से 45 सड़कों पर कार्य किए जा रहे हैं। प्रदेश में विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार दलगत राजनीति से ऊपर उठकर केंद्र सरकार का भी सहयोग लेगी।
पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वह बहुत जल्द हर डिवीजन का दौरा कर स्वयं प्रत्येक कार्य का निरीक्षण करेंगे तथा विकास कार्यों का जायजा लेंगे। उन्होंने निर्माण कार्यों की अच्छी प्रगति के लिए विभागीय अधिकारियों की पीठ भी थपथपाई।
विक्रमादित्य ने कहा कि ग्रामीण प्रतिभाओं को उभारने तथा उचित मंच प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार सितंबर-अक्टूबर माह में ग्रामीण ओलंपियाड का आयोजन करेगी, जिसमें क्रिकेट को छोड़ अन्य खेलों में प्रदेश के 40,000 खिलाड़ी भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि इन खेलों का आयोजन ब्लॉक तथा जिला स्तर पर करवाने के बाद स्टेट लेवल पर करवाया जाएगा। उन्होंने इस ओलंपियाड में नूरपुर के युवाओं के लिए भी भागीदारी मिलने की आशा व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसे कई खेल हैं, जो अभी तक सी तथा डी कैटेगरी में शामिल हैं। इन खेलों में प्रदेश को अधिकतर मेडल मिलते हैं। ऐसे खेलों तथा खिलाड़ियों को अधिमान देने के लिए उनको कैटेगरी ए तथा बी में शामिल किया जाएगा, ताकि खिलाड़ियों को अन्य खेलों की तरह उचित अधिमान मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेलों के आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने के लिए केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का भी सहयोग लिया जाएगा। इससे पहले, उन्होंने चौगान स्थित इंडोर स्टेडियम का दौरा कर उपलब्ध व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
उन्होंने कहा कि इस स्टेडियम को पूरी तरह क्रियाशील बनाने के लिए इसके लंबित कार्यों के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान करने के साथ स्टाफ उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सिंथेटिक ट्रैक का कार्य भी सभी जरूरी औपचारिकताओं को पूरा कर शीघ्र शुरू किया जाएगा, ताकि इस आधुनिक स्टेडियम का सही उपयोग यहां के स्थानीय युवाओं के लिए किया जा सके। उन्होंने स्टेडियम के बेहतर रखरखाब के लिए संसाधन विकसित करने पर भी बल दिया। उन्होंने युवाओं से नशे से दूर रहकर खेलों में अपनी उर्जा का सकारात्मक प्रयोग करने का आह्वान किया।
इस मौके पर पूर्व विधायक अजय महाजन, एसपी अशोक रतन, एसडीएम गुरसिमर सिंह, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता एमपी धीमान, जलशक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता विकास बक्सी, डीएसपी विशाल वर्मा, तहसीलदार राधिका, कांग्रेस सचिव योगेश महाजन, नगर पार्षद गौरव महाजन, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सुनील मिंटू, कांग्रेस नेता अमित भरमौरी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
शिमला। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप और राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने कहा कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम एवं मंत्री केंद्र में केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करते हैं, उनको गुलदस्ते देते हैं और दंडवत प्रणाम करते हैं। साथ ही हिमाचल से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स की डीपीआर केंद्रीय मंत्रियों को सौंपते हैं, जिनके ऊपर पीएम नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार तुरंत प्रभाव से काम करती है और हिमाचल प्रदेश को उन सभी कामों के लिए पैसा प्रदान करती है।
पर यह कैसी विडंबना है, जब कांग्रेस पार्टी के समस्त नेतागण हिमाचल आते हैं तो केवल मात्र केंद्र सरकार को कोसने का काम करते हैं, यही कांग्रेस नेता केंद्र की सरकार और मंत्रियों के साथ दोषारोपण की राजनीति करते हैं।
आज से 6 दिन पहले जब मुख्यमंत्री केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मिले और उनको हिमाचल प्रदेश से जुड़े मुद्दों के बारे में अवगत करवाया। अगर पिछले कुछ दिन की बात करें तो मुख्यमंत्री केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिले और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह से भी मिले।
हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री जब भी दिल्ली जाते हैं तो अनेकों मंत्रियों से मिलते हैं, इसमें कुछ समय पहले वह केंद्र मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से भी मिले थे और उनको भी योजनाओं से अवगत करवाया था और उनके लिए बजट भी मांगा था। अपने क्षेत्र की एक योजना के लिए 340 करोड़ डिप्टी सीएम द्वारा मांगे गए थे।
ऐसे अनेकों उदाहरण है कि कौन-कौन, कब-कब और किस-किस केंद्र मंत्री से मिला। आज तक जो पैसा केंद्र ने हिमाचल प्रदेश को दिया उसके लिए वर्तमान सरकार ने कभी भी केंद्र सरकार का धन्यवाद नहीं किया, केवल मात्र केंद्र सरकार को लेकर दोषारोपण की राजनीति की।
उन्होंने कहा कि हम वर्तमान कांग्रेस सरकार से यह पूछना चाहते हैं कि जो 10 गारंटियां कांग्रेस सरकार ने दी थीं, वह कहां गई। आज भी हिमाचल प्रदेश का बेरोजगार युवा अपनी नौकरियों का इंतजार कर रहा है। आपने कहा था कि हिमाचल प्रदेश के 5 लाख युवाओं को नौकरी देंगे, सालाना 1 लाख युवाओं को नौकरी देंगे,कहां हैं यह नौकरियां ?
कांग्रेस सरकार ने कहा था कि 22 लाख बहनों को 1,500 प्रति माह देंगे, पर कहां है यह 1500 रुपए ? जिन महिलाओं की यह लोग बात कर रहे हैं कि हम 1500 दे रहे हैं उनको हिमाचल सरकार ने जयराम ठाकुर के शासनकाल में ही 1,350 रुपए देने शुरू कर दिए थे, आपने तो केवल मात्र 150 रुपए बढ़ाने का काम ही किया है।
शिमला। केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश सरकार की कर्ज की सीमा को 14,500 करोड़ से घटाकर 9,000 करोड़ सालाना कर दिया है। वहीं, विदेशी बैंकों द्वारा फंडेड विभिन्न योजनाओं की लिमिट भी तय कर दी है, जिससे हिमाचल प्रदेश का विकास आने वाले दिनों में प्रभावित होने वाला है। कांग्रेस उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मोदी सरकार ने प्रदेश सरकार की कर्ज सीमा को घटा दिया है, जबकि सीमा बढ़नी चाहिए थी।
वहीं, विदेशी बैंकों द्वारा वित्तपोषित योजनाओं की लिमिट भी तय कर दी है, जिससे हिमाचल प्रदेश की विकास योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार इस चुनौती से लड़ने के लिए भी तैयार है।
नरेश चौहान ने कहा कि संसाधनों को बढ़ाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। वाटर सेस भी उनमें से एक निर्णय है, जिससे प्रदेश के राजस्व में वृद्धि होगी। केंद्र सरकार हिमाचल के विकास को रोकने में लगी है, लेकिन हिमाचल सरकार प्रदेश के विकास को थमने नहीं देगी।
शिमला। विपक्षी दल बीजेपी सांसद एवं कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष बृज भूषण शरण पर लगातार कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। उन पर लगे गंभीर आरोपों पर कार्यवाही न करने को महिला कांग्रेस ने महिला खिलाड़ियों के साथ अन्याय और केंद्र सरकार की नाकामी बताया है।
महिला कांग्रेस अध्यक्ष जैनब चंदेल ने कहा कि देश की महिलाओं में आक्रोश है। कुश्ती खिलाड़ियों के साथ अन्याय हुआ है। केंद्र की गूंगी-बहरी सरकार उनकी आवाज नहीं सुन पाई है। केंद्र की निरकुंश सरकार ने 28 मई को देश की बेटियों को जलील किया गया। देश का नाम रोशन करने वाली बेटियों को गिरफ्तार किया जबकि आरोपी संसद में बैठे हैं।
बीजेपी की महिला मंत्री इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने एक सांसद के आगे घुटने टेक दिए हैं। सरकार ने इन कुश्ती खिलाड़ियों पर केस बनाए हैं। केंद्र सरकार बेटियों को लेकर जुमले बाजी करते हैं जबकि हकीकत में बेटियों को आगे बढ़ाने की सरकार की कोई कोशिश नहीं है। उन्होंने सांसद की गिरफ्तारी की मांग की है।
शिमला। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़कों के बेहतर रख-रखाव के लिए हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार की ओर से 37.76 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रोत्साहन अनुदान प्रदान किया गया है। यह जानकारी लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज यहां दी। विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कों की मरम्मत एवं रख-रखाव के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 31 मार्च, 2023 को 37.76 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन अनुदान राशि स्वीकृत की है।
उन्होंने कहा राज्य में दोष-दायित्व अवधि (डीएलपी) के दौरान ई-मार्ग एवं डीएलपी पश्चात आवधिक नवीनीकरण के माध्यम से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों की मरम्मत एवं रख-रखाव में बेहतर प्रदर्शन पर हिमाचल प्रदेश को केंद्र की ओर से यह वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि मरम्मत के उपरांत इन सड़कों के नमूनों की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता निगरानी अनुवीक्षक नियुक्त किए थे और राज्य ने इसमें बेहतर प्रदर्शन किया है।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि यह वित्तीय प्रोत्साहन मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के गतिशील नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में ग्रामीण सड़क नेटवर्क में उच्च गुणवत्ता बनाए रखने के प्रयासों तथा गत दो तिमाहियों में इसके लिए व्यय की जाने वाली राशि में बढ़ौतरी का सुपरिणाम है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को लगभग 4 वर्षों के उपरांत यह प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से प्राप्त इस वित्तीय प्रोत्साहन राशि का उपयोग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित एवं मरम्मत योग्य ग्रामीण सड़कों की मेटलिंग-टारिंग के कार्यों के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के लोगों को दूर-दराज़ एवं दुर्गम क्षेत्रों में बेहतर सड़क सुविधा उपलब्ध होने के साथ ही उनके दैनिक कार्यों में भी सुगमता सुनिश्चित होगी।
फालमा चौहान बोलीं- मजदूरों के लिए बनाए श्रम कानून हों निरस्त
शिमला। विश्व अंतररार्ष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाएगा। इससे पहले वामपंथी संगठनों ने शिमला के डीसी ऑफिस के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया। इन संगठनों का कहना है कि केंद्रीय बजट में सरकार ने मजदूरों और महिलाओं के बजट में कटौती कर इनके हितों को नुकसान पहुंचाया है। वामपंथ ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने मनरेगा जैसी जरूरी योजनाओं के बजट में कटौती कर दी। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों और महिलाओं का रोजगार छिन गया है।
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की प्रदेश सचिव फालमा चौहान ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान सभी संगठनों ने मांग की है कि सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए 200 दिनों का निश्चित रोजगार उपलब्ध कराना होगा। इसके अलावा महिलाओं के लिए पुरुषों के बराबर रोजगार व दिहाड़ी तय की जाए।
मजदूरों के लिए बनाए गए 44 श्रम कानून, नई शिक्षा नीति को निरस्त किया जाना चाहिए। महिलाओं के साथ पूरे देश भर में अत्याचार हो रहे हैं जिस पर रोक लगाई जानी चाहिए।