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शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPTCL) की ट्रांसमिशन लाइनों के माध्यम से राजस्व बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया है। शनिवार देर सायं यहां आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉरपोरेशन अपनी टेंडर प्रक्रिया की अवधि को कम कर निर्माण कार्य में तेजी लाएं ताकि राज्य को अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त हो सके और लोगों को इसका लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि राजस्व में बढ़ोतरी के लिए एक तकनीकी कमेटी का गठन किया जाएगा, जो एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है तथा वर्तमान राज्य सरकार संसाधन बढ़ाने की दिशा में अनेक प्रयास कर रही है, ताकि राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एचपीपीटीसीएल की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि कॉरपोरेशन के पास 15 सब स्टेशन तथा 964 सर्किट किमी लाइनें हैं तथा अनेक परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में कॉरपोरेशन को 166.99 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हुई है। वर्ष 2025 तक कॉरपोरेशन की आय बढ़कर 455 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री ने 6 किलोमीटर शोंगटोंग-बास्पा ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण कार्य को अगले डेढ़ साल तक पूरा करने की आवश्यकता पर बल दिया, क्योंकि यह 450 मेगावाट विद्युत निकासी के लिए महत्वपूर्ण है। शोंगटोंग-कड़छम विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य जुलाई, 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस लाइन के निर्माण कार्य में देरी से राज्य के राजस्व को नुकसान होगा, इसलिए कॉरपोरेशन को इस लाईन के निर्माण कार्य को प्राथमिकता देनी होगी।
उन्होंने कहा कि एसपीपीटीसीएल भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप कार्य करे। उन्होंने कहा कि जिला ऊना में बनने वाले बल्क ड्रग पार्क तथा लमलैहड़ी और पेखुबेला में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए उचित ट्रांसमिशन की व्यवस्था की जाए। इसके लिए नैहरियां से ऊना के लिए 220/132 केवी सब-स्टेशन और 41 किमी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेशन जिला सोलन के नालागढ़ में मेडिकल डिवाइस पार्क तथा जिला सिरमौर के काला अंब में औद्योगिक क्षेत्र में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए भी ट्रांसमिशन की उचित व्यवस्था करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार जिला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए दृढ़ प्रयास कर रही है। इसके साथ-साथ देहरा में केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण किया जा रहा है और फतेहपुर क्षेत्र में सौर परियोजनाओं के निर्माण की काफी संभावनाएं हैं, इसलिए एचपीपीटीसीएल यहां भी भविष्य की जरूरतों के अनुरूप ट्रांसमिशन लाइनें बिछानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विद्युत आवश्यकताओं को पूरा करने में कॉरपोरेशन की भूमिका महत्वपूर्ण है। सभी अधिकारी सकारात्मक सोच के साथ इसके लिए दृढ़ प्रयास करें।
धर्मशाला। कैंटोनमेंट बोर्ड योल की सीमाओं से बाहर हुए सिविल क्षेत्र को साथ लगती पंचायतों में मिलाने पर क्षेत्रवासियों से सुझाव-आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं। डीसी डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि खास योल कैंटोनमेंट बोर्ड के अंतर्गत आने वाले 7 वार्डों के क्षेत्रों को सीमावर्ती पंचायतों रक्कड़, बाघणी, तंगरोटी खास तथा नरवाणा खास के वार्डों में विलय को लेकर पंचायती राज विभाग ने अधिसूचना जारी की है।
इसे लेकर क्षेत्रवासियों के सुझाव-आपत्तियां मांगे गई हैं। संबंधित क्षेत्र के निवासी अपने सुझाव-आपत्तियां अगले 15 दिन के भीतर लिखित में उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला में सौंप सकते हैं। इस अवधि के उपरांत आपत्तियां-सुझाव स्वीकार नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन 15 दिनों के भीतर प्राप्त सुझाव-आपत्तियों पर गौर करने के बाद जिला प्रशासन पंचायत राज विभाग को अपनी संस्तुति भेजेगा।
यह होगा विलय का स्वरूप
डीसी ने योल कैंट के वर्तमान वार्ड, जो पंचायतों में शामिल किए जाने हैं की जानकारी देते हुए बताया कि योल कैंट के संपूर्ण 1-स्लेट गोदाम वार्ड का रक्कड़ पंचायत के चतेहड़ वार्ड तथा योल कैंट के संपूर्ण 6-चतेहड़ वार्ड और आंशिक 7-योल खास का रक्कड़ पंचायत के रक्कड़ 1 वार्ड में विलय किया जाएगा। कैंट के संपूर्ण 5-लेसर वार्ड को बाघणी के रसान 7 वार्ड में मिलाया जाएगा। वहीं आंशिक 7-योल खास, आंशिक 4-बनोरड़ू का रसान 9 में विलय होगा।
इसी तरह संपूर्ण 3-बन्नी और आंशिक 4-बनोरड़ू और आंशिक 2-नरवाणा खास का ग्राम पंचायत तंगरोटू खास के 3-तंगरोटू खास वार्ड में और 7-योल खास का 2-तंगरोटू खास में विलय होगा। आंशिक 2-नरवाणा खास का नरवाणा खास पंचायत के 6-सैणी मोहल्ला वार्ड में विलय होगा।
वहीं, जिला पंचायत अधिकारी विजय बरागटा ने बताया कि ग्राम पंचायत रक्कड़, बाघणी, तंगरोटी खास तथा नरवाणा खास के वार्डों में सिविल क्षेत्र के 7 वार्डों के विलय से इन पंचायतों की कुल आबादी में करीब दो गुना इजाफा होगा। इन चार पंचायतों की कुल आबादी वर्तमान के 7714 से बढ़कर 15 हजार 354 हो जाएगी।