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हिमाचल: आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 विधानसभा में प्रस्तुत, इतनी अधिक रहेगी जीडीपी

सकल घरेलू उत्पाद में भी होगी वृद्धि

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 प्रस्तुत किया। पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान राज्य की वास्तविक जीडीपी स्थिर भावों पर 8,143 करोड़ रुपए से अधिक होगी। राज्य आय के प्रथम अग्रिम अनुमानों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में वित्तीय वर्ष 2021-22 के 7.6 प्रतिशत की तुलना में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि होगी। वित्तीय वर्ष 2021-22 के 1,26,433 करोड़ रुपए के सकल घरेलू उत्पाद के अंतिम अनुमानों की तुलना में वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्थिर भावों (2011-12) पर राज्य की जीडीपी 1.34,576 करोड़ रुपए अनुमानित है।

वित्तीय वर्ष 2022-23 में जीडीपी प्रचलित भावों पर 1,95,404 करोड़ रुपए अनुमानित है, जोकि वित्तीय वर्ष 2021-22 के अस्थाई अनुमानों के अनुसार 1.76,269 करोड़ रुपए से 19,135 करोड़ की शुद्ध वृद्धि दर्शाते हैं। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान नोमिनल जीडीपी में वृद्धि वित्त वर्ष 2021-22 के 135 प्रतिशत की तुलना में 10.9 प्रतिशत अनुमानित है। पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान राज्य की वास्तविक जीडीपी स्थिर भावों पर 8,143 करोड़ रुपए से अधिक होगी। राज्य आय के प्रथम अग्रिम अनुमानों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में वित्तीय वर्ष 2021-22 के 7.6 प्रतिशत की तुलना में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि होगी।

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वित्तीय वर्ष 2021-22 के 1,26,433 करोड़ रुपए के सकल घरेलू उत्पाद के अंतिम अनुमानों की तुलना में वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्थिर भावों (2011-12) पर राज्य की जीडीपी 1.34,576 करोड़ रुपए अनुमानित है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में जी.डी.पी. प्रचलित भावों पर 1,95,404 करोड़ अनुमानित है। जोकि वित्तीय वर्ष 2021-22 के अस्थायी अनुमानों के अनुसार 1.76,269 करोड़ से ₹19,135 करोड़ की शुद्ध वृद्धि दर्शाते हैं। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान नोमिनल जीडीपी में वृद्धि वित्त वर्ष 2021-22 के 135 प्रतिशत की तुलना में 10.9 प्रतिशत अनुमानित है।

वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अग्रिम अनुमानों के अनुसार, प्राथमिक क्षेत्र से सकल मूल्य वर्धित, स्थिर भावों पर 20 प्रतिशत की गति से बढ़ने की संभावना है। वित्त वर्ष 2022-23 (अ.अ.) के दौरान प्राथमिक क्षेत्र का जीवीए स्थिर भावों पर 2021-22 (प्र.स.अ.) के 16.395 करोड़ के मुकाबले 116,717 करोड़ हो गया। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अग्रिम अनुमानों के अनुसार स्थिर (2011-12) मावों पर द्वितीयक क्षेत्र का जीवीए 60,444 करोड अनुमानित है जोकि वित्त वर्ष 2021-22 (प्र. स.अ.) के अनुसार 56,408 करोड़ रुपए था और पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2022-23 में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।

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सेवा क्षेत्र की राज्य जीवीए में महत्वपूर्ण और तेजी से बढ़ती हिस्सेदारी है। वित्तीय वर्ष 2022-23 (अ.अ.) के लिए सेवा क्षेत्र का योगदान स्थिर भावों (2011-12) पर 49,527 करोड़ अनुमानित है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 (प्र.स.अ.) में यह 46,350 करोड़ रुपए था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है।

अग्रिम अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्रचलित भावों पर प्रति व्यक्ति आय (पीसीआई) 2021-22 में 2,01,271 रुपए के मुकाबले 2,22,227 रुपए रहने का अनुमान है, जोकि वित्त वर्ष 2021-22 में 131 प्रतिशत की तुलना में 104 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वर्ष 2022-23 में हिमाचल प्रदेश की अनुमानित प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय से 51,607 अधिक है। किसी भी राज्य का जीडीपी तीन प्रमुख क्षेत्रों-प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक द्वारा किए गए आर्थिक योगदान के संदर्भ में मापा जाता है। राज्य के सकल राज्य मूल्य वर्धन (जीवीए) में तृतीयक क्षेत्र का सबसे अधिक योगदान रहा है, इसके बाद द्वितीयक और प्राथमिक क्षेत्रों का स्थान है।

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वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीवीए के अग्रिम अनुमानों के आधार पर, तृतीयक क्षेत्र का प्रचलित मूल्यों पर राज्य के जीवीए में 43.6 प्रतिशत, इसके बाद द्वितीयक क्षेत्र का 42.7 प्रतिशत और प्राथमिक क्षेत्र का 13.7 प्रतिशत योगदान है। प्रचलित भावों पर सकल राज्य मूल्य वर्धन (जी.एस.वी.ए.) में कृषि क्षेत्र का योगदान 2018-19 में 17,767 करोड़ रुपए से 40 प्रतिशत बढ़कर 2022-23 में (अग्रिम अनुमान) 24,847 करोड़ रुपए हो गया है। 2018-19 से 2022-23 के बीच (2018-19 में 10,286 करोड़ से 2022-23 में 15,561 करोड़ रुपए तक) प्रचलित कीमतों पर फसलों के जीएसवीए में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

अग्रिम अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में प्राप्त 49 प्रतिशत की वृद्धि दर के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 में स्थिर कीमतों पर कृषि और संबद्ध क्षेत्र के जीएसबीए में 20 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। कृषि और संबद्ध गतिविधियों के अर्न्तगत पशुधन पालन एक महत्वपूर्ण उप-क्षेत्र है। यह वित्त वर्ष 2022-23 में कुल सकल राज्य मूल्य वर्धन (जी. एस. वीए) का 1.61 प्रतिशत और कृषि और संबद्ध क्षेत्र जीएसबीए का 12 प्रतिशत योगदान देता है।

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उद्योग क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और हिमाचल में रोजगार की बहुत सारी संभावनाएं पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण है। 2022 2023 के अग्रिम अनुमानो में औद्योगिक क्षेत्र का (खनन और उत्खनन सहित) कुल जी.बी.ए. (प्रचलित भावों में) 79,284 करोड़ रुपए अनुमानित है। जीएसवीए में प्रचलित भावों पर औद्योगिक क्षेत्र (खनन और उत्खनन सहित) का योगदान वित्तीय वर्ष 2022-23 में 4297 प्रतिशत है जिसमें 30.83 प्रतिशत विनिर्माण, 6.28 प्रतिशत निर्माण, बिजली, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाओं का 5.62 प्रतिशत एवं खनन और उत्खनन का योगदान 0.24 प्रतिशत है।

अग्रिम अनुमान के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में वित्त वर्ष 2022-23 में औद्योगिक क्षेत्र का जीवीए स्थिर कीमतों पर 7.1 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है और इसी अवधि के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र का जीवीए 4.1 प्रतिशत बढ़ा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान, विनिर्माण क्षेत्र के 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है जो औद्योगिक क्षेत्र में तीसरी उच्चतम विकास दर है।

संगठित और असंगठित क्षेत्र की आय बढ़ाने के लिए और राज्य के बुनियादी ढांचे का विकास करने के लिए निर्माण उप-क्षेत्र का विकास महत्वपूर्ण है। निर्माण क्षेत्र में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान उच्चतम विकास दर जोकि 9.5 प्रतिशत अनुमानित है। पर्यटकों का आगमन किसी विशेष गंतव्य में पर्यटन की मांग के मुख्य संकेतकों में से एक है। कोविड-19 महामारी के बाद घरेलू पर्यटकों का आगमन 2020 में 32.13 लाख से बढ़कर 2021 में 56.37 लाख और 2022 में कुल मिलाकर 150.99 लाख हो गया है। इससे पता चलता है कि पर्यटकों का आगमन पूर्व महामारी के स्तर तक पहुंच रहा है।

राज्य की पांच बारहमासी नदी घाटियों में लगभग 27:436 मेगावाट जलविद्युत बिजली का उत्पादन करने की क्षमता है। राज्य की कुल जलविद्युत क्षमता में से अब तक 10,519 मेगावाट का दोहन किया जा चुका है, जिसमें से 76 प्रतिशत हिमाचल प्रदेश सरकार के नियंत्रण में है जबकि शेष केंद्र सरकार द्वारा दोहन किया जा रहा है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल से दिसंबर तक राज्य स्तर पर थोक मूल्य मुद्रास्फीति 15.4 प्रतिशत से गिरकर 50 प्रतिशत हो गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सी. पीआई) में 3.2 और 7.2 प्रतिशत के बीच उतार-चढ़ाव आया। चालू वित्त वर्ष में हिमाचल प्रदेश में मध्यम मुद्रास्फीति है, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (संयुक्त) जो दिसंबर-2022 (अस्थिर) में 39 प्रतिशत दर्ज की गई।

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हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग 108 नागरिक अस्पतालों, 104 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 580 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 16 नागरिक औषधालयों के नेटवर्क के माध्यम से उपचारात्मक निवारक और पुनर्वास सेवाएं प्रदान कर रहा है। नीति आयोग एसडीजी इंडिया इंडेक्स और डैशबोर्ड 2020-21 के अनुसार एसडीजी प्रगति मापन में हिमाचल प्रदेश “फ्रंट रनर है। 2020-21 में सतत विकास लक्ष्यों (एस. डी.जी.) के मामले में हिमाचल प्रदेश केरल के बाद भारत में दूसरे स्थान पर है।

इंडिया इनोवेशन इंडेक्स – 2021 में 14.62 के स्कोर के साथ, हिमाचल प्रदेश उत्तर पूर्वी और पहाड़ी राज्यों में पांचवें स्थान पर है। सामाजिक प्रगति सूचकांक (एस.पी.आई.) 2022 के अनुसार, हिमाचल प्रदेश सातवें स्थान पर है और इसे 63.28 स्कोर के साथ टीयर-1 (बहुत उच्च सामाजिक प्रगति) में रखा गया है। 2021 दूर है।

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बजट सत्र : तीसरे दिन भी डिनोटिफाई मुद्दे पर तपा सदन, विपक्ष का वॉकआउट

संस्थानों को बंद करने के विरोध में की जोरदार नारेबाजी

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन भी विपक्ष ने सदन के बाहर और अंदर खूब हंगामा किया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने सदन के भीतर संस्थानों को बंद करने के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी और सत्तापक्ष पर विपक्ष की आवाज़ दबाने के आरोप लगाएं और सदन की कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया।

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नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जब उनके कमरे के बाहर पहुंचा तो सत्तापक्ष के विधायकों ने गुंडागर्दी करते हुए भाजपा के विधायकों के धक्का-मुक्की की और मुख्यमंत्री से नहीं मिलने दिया।

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सरकार ने बिना सोचे-समझे 600 से अधिक संस्थानों को बंद कर दिया है जिसके खिलाफ विपक्ष सदन के बाहर और अंदर आवाज़ उठा रहा है, लेकिन सरकार विपक्ष की आवाज़ दबा रही है जिसको लेकर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया है। संस्थानों को बंद करने को लेकर जनता में खासा रोष है और लोग भी विपक्ष के साथ विरोध के लिए आना चाह रहे हैं।

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बजट सत्र: हिमाचल सरकार शारीरिक शिक्षकों की करेगी बैकलॉग भर्ती-पढ़ें खबर

विधानसभा में शिक्षा मंत्री ने मुहैया करवाई जानकारी

शिमला। हिमाचल सरकार शारीरिक शिक्षकों की बैकलॉग भर्ती करेगी। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कांगड़ा के विधायक पवन काजल और बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने जानकारी मुहैया करवाई है कि सरकार नियमानुसार शारीरिक शिक्षकों की बैकलॉग भर्ती करने का भी विचार रखती है। अक्टूबर, 2018 से 31 जुलाई , 2019 तक पीईटी के प्रदेश में 256 पद भरे गए हैं। विभाग में अब तक 230 पदों का बैकलॉग चल रहा है। यह बैकलॉग वर्ष 2018 से पूर्व का है।

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जानकारी में बताया गया है कि सरकार द्वारा वर्ष 2021 में शारीरिक शिक्षकों के 870 पदों को भरने की अनुमति प्रदान की थी। प्राप्त अनुमति के अनुसार विभाग ने भी प्रदेश के समस्त उप प्रारंभिक शिक्षा निदेशकों को पदों का बंटवारा करने के साथ-साथ इन पदों को नियमानुसार भरने बारे 20 सितंबर 2021 को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे।

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इसी दौरान शारीरिक शिक्षा अध्यापकों की भर्ती बारे माननीय न्यायालय द्वारा एक मामले में 26 अगस्त 2021 को स्थगन आदेश दिए गए थे, जिस कारण शारीरिक शिक्षा अध्यापकों के पदों को नहीं भरा जा रहा है। हालांकि सरकार ने उक्त मामले में न्यायालय के आदेशों के अनुरूप याचिककर्ताओं को पुराने भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के आधार पर भर्ती करने हेतु अनुमोदन दिया है और यह भर्ती प्रक्रिया हाईकोर्ट में दायर LPA अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी।

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प्रदेश में शारीरिक शिक्षक की नियुक्ति भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2010-11 के अंतर्गत की जाती है और इन नियमों के अनुसार बीए में शारीरिक शिक्षा विषय पढ़ने वाले एवं तीन वर्ष की शारीरिक शिक्षा (B.P.ED.) पास करने वाले प्रार्थी शारीरिक शिक्षक के पद पर नियुक्त होने के लिए पात्र हैं। प्रचलित भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि तीन वर्ष वाले प्रार्थी को अधिमान दिया जाए।

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बजट सत्र: हिमाचल मिशन डिनोटिफाई के मुद्दे पर सदन में हो रही चर्चा

विपक्ष नियम 67 के तहत लाया स्थगन प्रस्ताव

शिमला। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है। सदन में हिमाचल में संस्थानों को डिनोटिफाई करने को लेकर चर्चा हो रही है। बता दें कि दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने डिनोटिफाई संस्थानों पर नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की है। भाजपा विधायक सुखराम चौधरी और अन्य विधायकों ने प्रस्ताव दिया।

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विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कहा कि संस्थानों को बंद करने का मामला हाईकोर्ट में भी विचाराधीन
है। नियम 67 में किसी विशेष परिस्थिति में ही चर्चा की जाती है। वहीं,
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष की मांग स्वीकार करते हुए चर्चा के लिए सहमति जताई।

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इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था देते हुए आज के बिजनेस को सस्पेंड कर नियम 67 के तहत संस्थानों को बंद करने को लेकर चर्चा के लिए समय दिया। अब सदन में संस्थानों को बंद करने के मुद्दे पर चर्चा हो रही है। इससे साफ है कि आज का दिन भी हंगामेदार रहने के आसार हैं। हिमाचल मिशन डिनोटिफाई के खिलाफ भाजपा पहले ही तल्ख तेवर अपनाए हुए है। प्रदर्शन सहित हस्ताक्षर अभियान चलाकर विरोध जताया जा रहा है। भाजपा ने सड़क से संदन तक विरोध की चेतावनी दी है।

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सुक्खू सरकार का पहला बजट सत्र, पहले दिन क्या-क्या हुआ-जानें

विधायक विकास निधि रोकने पर तपा सदन

शिमला। हिमाचल की सुक्खू सरकार का पहला बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। बजट सत्र 14 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र में कुल 18 बैठकें होंगी। 17 मार्च को मुख्यमंत्री सदन में बजट पेश करेंगे और 23 मार्च तक बजट पर चर्चा होगी। हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के पहले ही दिन विपक्ष ने विधायक विकास निधि की अंतिम किस्त रोकने पर हंगामा किया। नियम 67 के तहत चर्चा की मांग की। पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने प्रस्ताव को निरस्त कर दिया। इससे गुस्साए विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।

 

पहले दिन की कार्यवाही शुरू होने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कैबिनेट मंत्रियों का परिचय करवाया। इसके बाद सदन ने पूर्व विधानसभा सदस्य स्वर्गीय मनसा राम को श्रद्धांजलि दी। विपक्ष के वॉकआउट के बीच प्रश्नकाल समाप्त हुआ।

बजट सत्र: हिमाचल में नहीं कोई राज्य मार्ग, कर दिए हैं डिनोटिफाई 

प्रश्नकाल में शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल जवाब में तकनीकी शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने जानकारी दी कि आईटीआई शाहपुर में आगामी सत्र से दो नए न्यू एज व्यवसाय टेक्नीशियन मेकाट्रॉनिक्स व इंटरनेट ऑफ थिंग्स (स्मार्ट सिटी) शुरू किए जाने प्रस्तावित हैं।

बजट सत्र 2023 : विधायक निधि रोकने पर भड़का विपक्ष, सदन से किया वॉकआउट

वहीं, भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज के प्रश्न के उत्तर में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह जानकारी दी है कि हिमाचल में वर्तमान में कोई भी राज्य मार्ग नहीं है, क्योंकि वर्ष 2017 में सरकार द्वारा सभी राज्य मार्गों को डिनोटिफाई कर मुख्य जिला मार्गों की श्रेणी में वर्गीकृत कर दिया गया था।

वर्तमान में हिमाचल में मुख्य जिला मार्गों और ग्रामीण मार्गों पर कुल 2,419 पुल स्थापित किए गए हैं, जिनकी नियमित जांच और रखरखाव का कार्य समय समय पर आवश्यकतानुसार विभाग द्वारा निरंतर किया जाता है। इस वित्तीय वर्ष में विभाग द्वारा 148 पुलों के रखरखाव के लिए 947.08 लाख रुपए व्यय किए गए हैं।

बजट सत्र 2023 : विधायक निधि रोकने पर भड़का विपक्ष, सदन से किया वॉकआउट

इसके बाद मुख्यमंत्री ने सप्ताह की शासकीय कार्यसूची के बारे वक्तव्य दिया। अध्यादेश और विधायी कार्य हुए। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने जल विद्युत उत्पादन पर जल उपकर उदगृहित (वाटर सेस) करने के लिए विधेयक पुन: स्थापित किया।

 

फिर नियम 130 के अंतर्गत प्रस्ताव पेश किए। इंद्रदत्त लखनपाल ने वन संपदा को आग, बाढ़ और भूस्खलन से बचाने बारे प्रस्ताव किया।
फिर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वर्ष 2022-23 के लिए अनुपूरक अनुदान मांगों की प्रथम और अंतिम किस्त सदन में प्रस्तुत की। अनुपूरक मांगें 13,141 करोड़ 07 लाख की हैं, जिनमें से 11,707 करोड़ 68 लाख राज्य स्कीमों और 1433 करोड़ 39 लाख केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों के लिए प्रावधित किए गए हैं।

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बजट सत्र: अनुपूरक अनुदान मांगों की प्रथम और अंतिम किस्त सदन में पेश

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की प्रस्तुत

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वर्ष 2022-23 के लिए अनुपूरक अनुदान मांगों की प्रथम और अंतिम किस्त सदन में प्रस्तुत की। अनुपूरक मांगें 13,141 करोड़ 07 लाख की हैं, जिनमें से 11,707 करोड़ 68 लाख राज्य स्कीमों और 1433 करोड़ 39 लाख केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों के लिए प्रावधित किए गए हैं।

बजट सत्र 2023 : विधायक निधि रोकने पर भड़का विपक्ष, सदन से किया वॉकआउट

राज्य स्कीमों के तहत मुख्यत: 6004 करोड़ 63 लाख Ways and Means और Overdraft के लिए, 1260 करोड़ 65 लाख पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ, 551 करोड़ 48 लाख बिजली सब्सिडी, 444 करोड़ 03 लाख अस्पतालों के निर्माण, चिकित्सा उपकरणों की खरीद और हिमकेयर योजना, 435 करोड़ 08 लाख वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं, कॉलेजों के भवनों के लिए और कर्मचारियों के वेतन अदायगी, 289 करोड़ 38 लाख एचआरटीसी को सहायता, 284 करोड़ 79 लाख मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष,

सुख आश्रय भवन निर्माण और सामाजिक सुरक्षा पेंशन, 279 करोड़ 06 लाख जलापूर्ति और मल निकाली योजनाओं, 226 करोड़ 51 लाख प्राकृतिक आपदा राहत, 209 करोड़ 33 लाख मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना, ऑप्टिकल केबल फाइबर नोटवर्क और सरकारी विभागों के डिजिटल विस्तार के लिए प्रावधित किए गए हैं।

बजट सत्र: हिमाचल में नहीं कोई राज्य मार्ग, कर दिए हैं डिनोटिफाई 

वहीं, 208 करोड़ 42 लाख फसल बीमा योजना, Crop Diversification, मंडी मध्यस्थता योजना के लंबित दायित्व औऱ उद्यान विकास परियोजना, 156 करोड़ 91 लाख ग्रामीण स्थानीय निकायों को अनुदान, जिला परिषद के स्टाफ के वेतन, 15वें वित्तायोग के अंतर्गत अनुदान, 154 करोड़ 71 लाख सड़कों और पुलों के लिए, 128 करोड़ 71 लाख रेल परियोजनाओं, 108 करोड़ 70 लाख स्किल डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट 106 करोड़ 08 लाख सरकारी भवनों, विश्राम एवं परिधि गृहों, छात्रवासों के निर्माण और रखरखाव आदि,

67 करोड़ 73 लाख दीन दयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन, अमृत, स्वच्छ भारत मिशन और शिमला जल प्रबंधन निगम, 55 करोड़ 48 लाख न्याय प्रशासन, 53 करोड़ 93 लाख खाद्यान्न उपदान, धान की खरीद और हिमाचल गृहणी सुविधा योजना और 43 करोड़ 33 लाख मनरेगा के लिए प्रावधित किए हैं।

बजट सत्र 2023 : विधायक निधि रोकने पर भड़का विपक्ष, सदन से किया वॉकआउट

केंद्रीय प्रोयोजित स्कीमों के अंतर्गत अधिकतर राशि चालू तथा नई विकास परियोजनाओं, जिनके लिए केंद्र सरकार से इस वर्ष के दौरान धनराशि प्राप्त हुई है के लिए प्रस्तावित है। 400 करोड़ एनडीआरएफ से प्राप्त आपदा प्रबंधन के लिए, 221 करोड़ 96 लाख मनरेगा, 141 करोड़ 78 लाख स्मार्ट सिटी मिशन, 140 करोड़ 91 लाख कोविड-19 आपातकालीन सेवाओं और स्वास्थ्य व्यवस्था पैकेज, 95 करोड़ 60 लाख केंद्रीय सड़क निधि, 95 करोड़ 43 लाख स्टार प्रोजेक्ट, 47 करोड़ प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना,

43 करोड़ 08 लाख राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान और 34 करोड़ 47 लाख स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के लिए प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अनुपूरक अनुदान मांगों को पारित करने की सिफारिश सदन से की है।

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बजट सत्र: हिमाचल में नहीं कोई राज्य मार्ग, कर दिए हैं डिनोटिफाई

सदन में सवाल के जवाब में मंत्री ने दी जानकारी

शिमला। हिमाचल में वर्तमान में कोई भी राज्य मार्ग नहीं है, क्योंकि वर्ष 2017 में सरकार द्वारा सभी राज्य मार्गों को डिनोटिफाई कर मुख्य जिला मार्गों (Major District Road) की श्रेणी में वर्गीकृत कर दिया गया था। यह जानकारी भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज के प्रश्न के उत्तर में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दी है।

बजट सत्र 2023 : विधायक निधि रोकने पर भड़का विपक्ष, सदन से किया वॉकआउट

सवाल के जवाब में बताया गया कि वर्तमान में हिमाचल में मुख्य जिला मार्गों और ग्रामीण मार्गों पर कुल 2,419 पुल स्थापित किए गए हैं, जिनकी नियमित जांच और रखरखाव का कार्य समय समय पर आवश्यकतानुसार विभाग द्वारा निरंतर किया जाता है। इस वित्तीय वर्ष में विभाग द्वारा 148 पुलों के रखरखाव के लिए 947.08 लाख रुपए व्यय किए गए हैं।

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बजट सत्र: आईटीआई शाहपुर में 2 न्यू एज व्यवसाय शुरू किए जाने प्रस्तावित

केवल पठानिया के सवाल के जवाब में मंत्री ने दी जानकारी

शिमला। हिमाचल के कांगड़ा जिला की आईटीआई शाहपुर में आगामी सत्र से दो नए न्यू एज व्यवसाय टेक्नीशियन मेकाट्रॉनिक्स व इंटरनेट ऑफ थिंग्स (स्मार्ट सिटी) शुरू किए जाने प्रस्तावित हैं। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल के जवाब में तकनीकी शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने दी है।

सुक्खू का अलग अंदाज-ऑल्टो में आए, नाराज विधायक को भी संग लाए

सवाल के जवाब में तकनीकी शिक्षा मंत्री ने बताया कि शाहपुर में आईटीआई की स्थापना 1 अगस्त 1962 में हुई थी। वर्तमान में 27 ट्रेड के 50 यूनिट में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। वर्तमान में संस्थान वर्ष 2019 से विश्व बैंक पोषित औद्योगिक मूल्य संवर्धन के लिए कौशल सुदृढ़ीकरण परियोजना के अंतर्गत शामिल है। इस संस्थान में प्रदेश का पहला ड्रोन ट्रेनिंग स्कूल स्थापित किया गया है और रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन स्कीम के अंतर्गत ड्रोन फ्लाइंग प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षण महानिदेशालय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

सुक्खू सरकार का पहला बजट सत्र शुरू, ऑल्टो कार में विस पहुंचे सीएम

तकनीकी शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस संस्थान में आधुनिक पद्धति द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिस के लिए संस्थान में स्मार्ट क्लास रूम स्थापित किए गए हैं। संस्थान में आधुनिक प्रशिक्षण के लिए कई प्रकार के टीचिंग लर्निंग सॉफ्टवेयर भी उपलब्ध हैं, जिनके द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को आधुनिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। संस्थान की आईटी लैब का भी सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण किया गया है।

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सुक्खू पहली बार बने थे विधायक, इसी ऑल्टो कार में पहुंचे से विधानसभा

मुख्यमंत्री भूले नहीं 20 साल पुराने अपने दिन

शिमला। हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। यह हिमाचल की सुक्खू सरकार का पहला बजट सत्र है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ऑल्टो कार में विधानसभा परिसर पहुंचे। सुखविंदर सिंह सुक्खू 2003 में पहली बार विधायक बनने पर अपनी इसी ऑल्टो कार से शिमला स्थित विधानसभा भवन पहुंचे थे।

सुक्खू का अलग अंदाज-ऑल्टो में आए, नाराज विधायक को भी संग लाए

मुख्यमंत्री बनने के बाद मंगलवार को जब वह पहली बार विधानसभा भवन शिमला में बजट सत्र के लिए पहुंचे, तो भी उसी ऑल्टो कार से अपने सरकारी आवास ओक ओवर से आए।

सुक्खू सरकार का पहला बजट सत्र शुरू, ऑल्टो कार में विस पहुंचे सीएम

बता दें कि बजट सत्र 14 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र में कुल 18 बैठकें होंगी। 17 मार्च को मुख्यमंत्री सदन में बजट पेश करेंगे और 23 मार्च तक बजट पर चर्चा होगी। 16 और 24 मार्च गैर सरकारी सदस्य दिवस होंगे, जबकि 29 मार्च को सदन में बजट पारित होगा।

पहले दिन की कार्यसूची के अनुसार सबसे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंत्रीपरिषद का परिचय करवाएंगे। इसके बाद हिमाचल विधानसभा के पूर्व सदस्य स्वर्गीय मनसा राम के निधन पर शोकोद्गार होगा। फिर प्रश्नकाल होगा। अध्यादेश और विधायी कार्य के बाद नियम 130 के अंतर्गत प्रस्ताव पेश होंगे।

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विधानसभा सदस्य जीत राम कटवाल प्रस्ताव करेंगे कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी भूमि पर बने घरों और गौशालाओं के नियमितीकरण करने बारे और इंद्रदत्त लखनपाल प्रदेश की वन संपदा को आग, बाढ़ व भूस्खलन से बचाने बारे सदन विचार करे। अंत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू वित्तीय वर्ष 2022-23 की अनुपूरक अनुदान मांगें प्रथम तथा अंतिम किस्त को प्रस्तुत करेंगे।

हिमाचल में मिशन डिनोटिफाई सहित अन्य मुद्दों पर इस बार बजट सत्र के तपने की उम्मीद है। सुक्खू सरकार का पहला ही बजट सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। क्योंकि संस्थान बंद करने को लेकर विपक्ष सदन के बाहर भी आक्रामक रुख अपनाए हुए है। बजट सत्र शुरू होने के एक दिन पहले भी भाजपा ने शिमला में प्रदर्शन किया था और सुक्खू सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी।

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सुक्खू का अलग अंदाज-ऑल्टो में आए, नाराज विधायक को भी संग लाए

अपनी कार में विधानसभा परिसर पहुंचे मुख्यमंत्री

शिमला। हिमाचल बजट सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह अपनी ऑल्टो कार से विधानसभा पहुंचे। नाराज विधायक रवि ठाकुर को भी अपने साथ बिठाकर सुक्खू विधानसभा लाए। 11 बजे से सदन की कार्यवाही शुरू हो गई है।

सुक्खू सरकार का पहला बजट सत्र शुरू, ऑल्टो कार में विस पहुंचे सीएम

बता दें कि लाहौल स्पीति के कांग्रेस के विधायक रवि ठाकुर अपने क्षेत्र से अधिकारियों के तबादलों को लेकर नाराज थे। एक तरफ जहां उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई थी तो सोमवार को रवि ठाकुर ने मुख्यमंत्री को ही निशाने पर ले लिया था। उन्होंने कहा था कि सुखविंदर सिंह सुक्खू कभी मंत्री नहीं रहे हैं और वह सीधे विधायक से मुख्यमंत्री बन गए हैं ऐसे में सरकार में आने और प्रशासनिक पकड़ में थोड़ा समय लगता है।

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उन्होंने कहा था कि जिस तरह से बच्चा पैदा होने के बाद खाने के लिए दांत आने में समय लगता है। वैसे ही शायद थोड़ा समय लग सकता है। इसको लेकर ही कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा था कि लाहौल स्पीति में एसडीएम बीडीओ से लेकर कई पद खाली पड़े हुए हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि कोई अधिकारी जब तक ज्वाइन नहीं कर लेता तब तक पहले वाले अधिकारी को रिलीव नहीं किया जा सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया था कि जल्द से जल्द पदों को भरा जाए।

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