शिमला। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने एक दिन में दूसरी बार वॉकआउट किया।
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते सदन से बाहर आ गए।
इससे पहले अर्की अली खड्ड मुद्दे पर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया था। विधायक विपिन परमार ने कहा कि पूरे हिमाचल सहित कांगड़ा जिला के साथ भेदभाव हो रहा है।
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष के विधायकों ने बड़ी संजीदगी से मुद्दों को उठाया, लेकिन मुख्यमंत्री इस और गंभीर नहीं हैं। हिमाचल की जनता को गुमराह किया जा रहा है।
शिमला। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को भी बिलासपुर और सोलन के अर्की की सीमा पर स्थित अली खड्ड पर बन रही उठाऊ पेयजल योजना को लेकर सदन के अंदर खूब हंगामा हुआ। मंत्री हर्षवर्धन चौहान के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
जवाब में मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि 8 पंचायत के हजारों लोगों के लिए अली खड्ड से उठाऊ पेयजल योजना का कार्य चल रहा है जिसको लेकर कुछ लोग आपत्ति जाहिर कर रहे हैं और विपक्ष इसका फायदा उठाना चाहता है।
विधायक रणधीर शर्मा भी प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल हुए जिसके चलते एक एफआईआर दर्ज हुई है और मामले को लेकर छानबीन की जा रही है।
पेयजल योजना बनने से अली खड्ड से चल रही बिलासपुर की पेयजल योजनाओं पर कोई असर नहीं होगा। विपक्ष बेवजह इस मामले को तूल दे रहा है। इस बात से खफा विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की और नारे लगाते हुए सदन से बाहर आ गए।
शिमला।हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन की कार्यवाही शुरू होते ही आउटसोर्स कर्मियों के मुद्दे पर सदन गरमा गया। भाजपा सदन की कार्यवाही शुरू होते ही आउटसोर्स कर्मियों के मुद्दे पर नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव लाई और चर्चा की मांग की।
इस मुद्दे पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोक झोंक हुई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के जवाब के बाद स्पीकर कुलदीप पठानिया ने विपक्ष के प्रस्ताव को निरस्त किया। इसके बाद विपक्ष ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी और सदन से वॉकआउट कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कोविड काल में नौकरी पर रखे गए कर्मचारियों को 30 सितंबर को सेवाएं खत्म करने का नोटिस दे दिया गया है। यह सरकार पांच लाख नौकरियां देने के नाम पर सत्ता में आई, लेकिन अब जो नौकरी लगे हैं, उन्हें निकाला जा रहा है। दस हजार के करीब कर्मियों को इस सरकार ने हटा दिया है।
उन्होंने कहा कि कोविड काल के मुस्किल दौर में इन लोगों ने जान जोखिम में डालकर काम किया है। मार्च के बाद इन्हें सैलरी नहीं मिली है। सीएम सदन में झूठ बोल रहे हैं। सरकार को आउटसोर्स कर्मियों के मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और इनकी सेवाओं को आगे लगातार जारी रखना चाहिए।
उधर, मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने सदन में कहा कि छह महीने से सैलरी नहीं मिलने के विपक्ष आरोप झूठे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लगे कर्मचारियों को पहले तीन महीने का एक्सटेंशन दिया गया। फिर दोबारा तीन महीने की सेवा विस्तार दिया।
उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारी जरूरत के हिसाब से रखे जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 जून तक की आउटसोर्स कर्मचारियों को पूरी सैलरी मिल चुकी है। 30 सितंबर तक इनकी एक्सटेंशन की फाइल भी मूव हो गई है। इसकी सैलरी भी जल्द दे देंगे। विपक्ष झूठ बोल रहा है।
बता दें कि मानसून सत्र के पांचवें दिन हिमाचल विधानसभा में आज नेशनल हाईवे 305 औट से लुहरी की बदहाली, भांग की खेती, लो-वॉल्टेज की समस्या का मामला गूंजेगा। बाह्य सराज को कुल्लू जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले NH-305 की बदहाली को लेकर BJP विधायक सुरेंद्र शौरी ने सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की है।
वहीं, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी भांग की खेती लीगल करने बारे विस्तृत रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत करेंगे। इस पर चर्चा के बाद भांग की खेती को वैध करने पर विचार किया जाएगा।
संस्थानों को बंद करने के विरोध में की जोरदार नारेबाजी
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन भी विपक्ष ने सदन के बाहर और अंदर खूब हंगामा किया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने सदन के भीतर संस्थानों को बंद करने के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी और सत्तापक्ष पर विपक्ष की आवाज़ दबाने के आरोप लगाएं और सदन की कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया।
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जब उनके कमरे के बाहर पहुंचा तो सत्तापक्ष के विधायकों ने गुंडागर्दी करते हुए भाजपा के विधायकों के धक्का-मुक्की की और मुख्यमंत्री से नहीं मिलने दिया।
सरकार ने बिना सोचे-समझे 600 से अधिक संस्थानों को बंद कर दिया है जिसके खिलाफ विपक्ष सदन के बाहर और अंदर आवाज़ उठा रहा है, लेकिन सरकार विपक्ष की आवाज़ दबा रही है जिसको लेकर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया है। संस्थानों को बंद करने को लेकर जनता में खासा रोष है और लोग भी विपक्ष के साथ विरोध के लिए आना चाह रहे हैं।