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सुक्खू सरकार का पहला बजट सत्र, पहले दिन क्या-क्या हुआ-जानें

विधायक विकास निधि रोकने पर तपा सदन

शिमला। हिमाचल की सुक्खू सरकार का पहला बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। बजट सत्र 14 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र में कुल 18 बैठकें होंगी। 17 मार्च को मुख्यमंत्री सदन में बजट पेश करेंगे और 23 मार्च तक बजट पर चर्चा होगी। हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के पहले ही दिन विपक्ष ने विधायक विकास निधि की अंतिम किस्त रोकने पर हंगामा किया। नियम 67 के तहत चर्चा की मांग की। पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने प्रस्ताव को निरस्त कर दिया। इससे गुस्साए विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।

 

पहले दिन की कार्यवाही शुरू होने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कैबिनेट मंत्रियों का परिचय करवाया। इसके बाद सदन ने पूर्व विधानसभा सदस्य स्वर्गीय मनसा राम को श्रद्धांजलि दी। विपक्ष के वॉकआउट के बीच प्रश्नकाल समाप्त हुआ।

बजट सत्र: हिमाचल में नहीं कोई राज्य मार्ग, कर दिए हैं डिनोटिफाई 

प्रश्नकाल में शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल जवाब में तकनीकी शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने जानकारी दी कि आईटीआई शाहपुर में आगामी सत्र से दो नए न्यू एज व्यवसाय टेक्नीशियन मेकाट्रॉनिक्स व इंटरनेट ऑफ थिंग्स (स्मार्ट सिटी) शुरू किए जाने प्रस्तावित हैं।

बजट सत्र 2023 : विधायक निधि रोकने पर भड़का विपक्ष, सदन से किया वॉकआउट

वहीं, भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज के प्रश्न के उत्तर में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह जानकारी दी है कि हिमाचल में वर्तमान में कोई भी राज्य मार्ग नहीं है, क्योंकि वर्ष 2017 में सरकार द्वारा सभी राज्य मार्गों को डिनोटिफाई कर मुख्य जिला मार्गों की श्रेणी में वर्गीकृत कर दिया गया था।

वर्तमान में हिमाचल में मुख्य जिला मार्गों और ग्रामीण मार्गों पर कुल 2,419 पुल स्थापित किए गए हैं, जिनकी नियमित जांच और रखरखाव का कार्य समय समय पर आवश्यकतानुसार विभाग द्वारा निरंतर किया जाता है। इस वित्तीय वर्ष में विभाग द्वारा 148 पुलों के रखरखाव के लिए 947.08 लाख रुपए व्यय किए गए हैं।

बजट सत्र 2023 : विधायक निधि रोकने पर भड़का विपक्ष, सदन से किया वॉकआउट

इसके बाद मुख्यमंत्री ने सप्ताह की शासकीय कार्यसूची के बारे वक्तव्य दिया। अध्यादेश और विधायी कार्य हुए। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने जल विद्युत उत्पादन पर जल उपकर उदगृहित (वाटर सेस) करने के लिए विधेयक पुन: स्थापित किया।

 

फिर नियम 130 के अंतर्गत प्रस्ताव पेश किए। इंद्रदत्त लखनपाल ने वन संपदा को आग, बाढ़ और भूस्खलन से बचाने बारे प्रस्ताव किया।
फिर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वर्ष 2022-23 के लिए अनुपूरक अनुदान मांगों की प्रथम और अंतिम किस्त सदन में प्रस्तुत की। अनुपूरक मांगें 13,141 करोड़ 07 लाख की हैं, जिनमें से 11,707 करोड़ 68 लाख राज्य स्कीमों और 1433 करोड़ 39 लाख केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों के लिए प्रावधित किए गए हैं।

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