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विपक्ष के हंगामे पर बोले सुक्खू, विधायक निधि बंद नहीं, बल्कि रोकी गई

प्रदेश आर्थिक बदहाली को लेकर श्वेत पत्र लाएगी सरकार

शिमला। हिमाचल विधानसभा बजट सत्र का पहला दिन ही हंगामेदार रहा है। भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने नियम 67 के तहत विधायक क्षेत्र विकास निधि रोकने को लेकर सदन में स्थगन प्रस्ताव लाया और इस चर्चा की मांग की। इस प्रस्ताव के बाद सदन में खूब हंगामा हुआ। विधानसभा स्पीकर ने विपक्ष के काम रोको प्रस्ताव को निरस्त कर दिया। इसके बाद नाराज विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि विपक्ष ने काम रोको का प्रस्ताव लाया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। विधायक क्षेत्र विकास निधि रोकने के लिए काम रोको प्रस्ताव की जरूरत नहीं, बल्कि इस पर चर्चा मांगी जा सकती थी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विधायक निधि बंद नहीं की बल्कि रोकी है। जब देखा कि छठा वेतनमान लागू कर दिया। उसका एरियर व डीए नहीं दिया। स्टेट पर कर्मचारियों के 11 हजार करोड़ को मिलाकर 86 हजार करोड़ का कर्ज हो गया है। पूर्व सरकार द्वारा खोले गए दफ्तर कंटीन्यू होते तो यह 91 हजार करोड़ का कर्ज जाता।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट की दुहाई देने वाली पूर्व सरकार को चुनाव से छह महीने ऐसी दैवीय शक्ति आई कि 900 संस्थान खोल दिए। इस पर स्पीकर कुलदीप पठानिया ने कहा कि आप विधायक निधि पर बोले।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार ने पंचायत घर में कॉलेज खोल दिए। स्कूल में बच्चे नहीं हैं। हमने इस व्यवस्था को देखा है। हिमाचल सच में आर्थिकबदहाली से गुजर रहा है। इसका कोई दोषी है तो सामने बैठे लोग हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक बदहाली को लेकर हमारी सरकार श्वेत पत्र लाएगी।

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