शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को आज शिमला में राजकीय महाविद्यालय संजौली के कॉलेज समय के उनके सहपाठियों ने आपदा राहत कोष-2023 के लिए 2.05 लाख रुपए का अंशदान दिया।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सबका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के योगदान संकट की घड़ी में समाज की एकता और करुणा की भावना को प्रदर्शित करते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रभावितों की सहायता की दृष्टि से किया गया प्रत्येक अंशदान उन्हें राहत पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की फेसबुक पोस्ट के बाद प्रदेश में सियासी माहौल भी गर्म हो गया है।
दरअसल, कंगना रनौत ने मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में 5 लाख रुपए दिए, मगर साथ ही आपदा राहत कोष पोर्टल के काम न करने पर सरकार तंज कसा और इसे शर्मनाक बताया। इस पर अब मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान इस दौरान कंगना रनौत पर सीधी टिप्पणी करने से बचते हुए नजर आए मगर अप्रत्यक्ष रूप से उन्होंने कंगना को जवाब देते हुए कहा कि जब से राहत कोष की स्थापना हुई है इसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर दान दिया। उन्होंने कहा कि आंकड़ा 200 करोड़ के ऊपर जा चुका है और छोटे बच्चों ने अपनी गुल्लक से भी पैसे दिए हैं।
नरेश चौहान ने कहा कि दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री ने भी करोड़ों की मदद दी तो आमिर खान जैसे अभिनेता ने भी सहायता दी और अपनी पहचान भी गोपनीय रखी मगर इस तरह की कोई शिकायत देखने को नहीं मिली।
उन्होंने कंगना पर निशाना साधते हुए कहा कि सभी ने अपने-अपने भाव से आपदा राहत कोष में अंश दान दिया है। लिहाजा कौन किस भावना से दे रहा है इस पर कुछ भी कहना उचित नहीं। जो कोई भी मदद दे रहा है उन सबका सरकार आभार जताती है।
बता दें कि कंगना रनौत ने ट्वीट कर लिखा कि हिमाचल में आपदा के लिए दान देने का प्रयास कर रही हूं, लेकिन वहां की सरकार एक आपदा राहत कोष भी ठीक से नहीं चला सकती, कितने शर्म की बात है। पूरे दिन 50-60 से अधिक बार प्रयास करने के बाद भी कुछ राशि ही दान कर सकी।
वहीं, वाटर सेस को लेकर कंपनियों को भेजे गए नोटिस पर प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में आई तो सरकार का खजाना खाली था। ऐसे में सरकार की प्रतिबद्धता प्रदेश सरकार के स्रोत बढ़ाने में है। इसी कड़ी में वाटर सेस लगाया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार निजी कंपनियों के साथ लगातार संपर्क में है और बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि जरूरत हुई तो वाटर सेस पर लगाई गई दरों पर सरकार कंपनियों के साथ नेगोशिएशन भी कर सकती है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के बाद राहत कार्यों के लिए लोग आपदा कोष में दान कर रहे हैं। हिमाचल से होने के बावजूद कंगना रनौत की ओर से आर्थिक मदद नहीं करने को लेकर बीते दिनों सोशल मीडिया पर खूब हल्ला मचा था। अब कंगना रनौत ने सुख की सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि हिमाचल में आपदा के लिए दान देने का प्रयास कर रही हूं, लेकिन वहां की सरकार एक आपदा राहत कोष भी ठीक से नहीं चला सकती, कितने शर्म की बात है। पूरे दिन 50-60 से अधिक बार प्रयास करने के बाद भी कुछ राशि ही दान कर सकी।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन से आई आपदा से निपटने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गठित आपदा राहत कोष-2023 में असम सरकार ने 10 करोड़ रुपए की सहायता राशि का अंशदान किया है।
इस राशि का एक चेक आज यहां असम के वन मंत्री चन्द्र मोहन पटोवारी ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को भेंट किया।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने असम सरकार का इस सहायता राशि के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रभावितों को मदद प्रदान करने में यह सहायता राशि कारगर साबित होगी।
उन्होंने स्वयंसेवी संस्थाओं एवं आम जनता से इस कोष में अधिक से अधिक अंशदान का भी आग्रह किया है, ताकि प्रभावितों को यथासम्भव सहायता प्रदान की जा सके।
शिमला। आपको पता ही होगा कि गुल्लक किसी बच्चे के लिए कितनी महत्वपूर्ण होती है। जब तक बच्चा बड़ा नहीं हो जाता गुल्लक ही उसका बैंक होता है। बच्चा दादा, दादी, पापा, ममा, नाना-नानी आदि से मिले पैसों को गुल्लक में डालकर रखता है, ताकि पैसे ज्यादा होने पर अपने लिए कोई खिलौना या कुछ और वस्तु ले सके। पर शिमला की जिया वर्मा और अहाना वर्मा ने अपनी गुल्लक हिमाचल आपदा राहत रोष में दान दे दी।
दोनों बेटियां शिमला के लोरेटो कॉन्वेंट तारा हॉल में अध्ययनरत हैं। इन्होंने रविवार को मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को आपदा राहत कोष में अपनी गुल्लक दान कर दीं। जिया की गुल्लक में 9806 रुपये और अहाना की गुल्लक में 10229 रुपये निकले हैं। यह दान उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से प्रेरित होकर दिया है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बीते दिनों अपनी, पत्नी और बेटियों की जमा पूंजी के 51 लाख रुपये आपदा राहत कोष में दान कर दिए थे। अब उनके खातों में मात्र 17 हजार रुपये बचे हैं। मुख्यमंत्री ने जिया और अहाना की इस पुनीत कार्य के लिए सराहना की है। उन्होंने बेटियों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि हमेशा दान करना चाहिए, जिस समाज से हम सब ग्रहण कर करते हैं, उसे देना भी हमारा फर्ज है।
25 विधायकों ने 13 लाख 80 हजार का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा
शिमला। हिमाचल बीजेपी विधायकों ने एक माह की सैलरी मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दी है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आज विपक्ष के 25 विधायकों ने 13 लाख 80 हजार का चेक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंपा।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष पहले दिन से ही आपदा में सरकार के साथ खड़ी है। उनके विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को राहत पहुंचाने में लगे हैं। बीजेपी विधायकों ने एक माह की सैलरी सीएम को दी है। सरकार लोगों को सही तरीके से राहत पहुंचाने का काम करें।
पहले राजनेता बने जिसने पूरी निजी पूंजी दान में दे दी
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदाग्रस्त लोगों की मदद के लिए अपना निजी खजाना खाली कर दिया। मुख्यमंत्री ने सभी बैंक खातों में मौजूद 51 लाख रुपये मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दान दिए।
ऐसा कर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मिसाल पेश की है। सुक्खू ऐसे पहले राजनेता बन गए हैं, जिन्होंने अपनी पूरी निजी पूंजी दान में दे दी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पत्नी कमलेश ठाकुर के साथ मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को यह चेक दिया। इस दौरान उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल, कृषि मंत्री चंद्र कुमार, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आपदा के इस वक्त जब छोटे बच्चे भी अपनी गुल्लक तोड़कर आपदा राहत कोष में दान दे रहे हैं तो ऐसे में उन्होंने भी सोचा कि वे भी हिमाचल प्रदेश में आपदा से उबर रहे प्रदेश की मदद करें।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने अपने तीनों खाते देखने के बाद यह राशि मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दान कर दी।
इससे पहले कोविड के दौरान भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधायक का एक साल का पूरा वेतन सरकार को दिया था। उन्होंने 11 लाख रुपए की बैंक एफडी भी तुड़वाकर भी तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को चेक सौंपा था।