पांवटा साहिब। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) नाहन डिपो के कंडक्टर दीपांशु कश्यप ने बुजुर्ग महिला का पर्स लौटा कर ईमानदारी की मिसाल कायम की है। पर्स में 5 हजार रुपए और कुछ चांदी के गहने थे।
जानकारी के अनुसार बस शनिवार सुबह 6 बजे नाहन से सहारनपुर के लिए चली। माजरा से इस बस में महिला रचना देवी बैठी। रचना देवी सहारनपुर अपनी दवाई लेने के लिए जा रही थी।
सहारनपुर पहुंचने पर HRTC कंडक्टर दीपांशु कश्यप ने बस में महिला का पर्स पड़ा देखा। इसके बाद बस कंडक्टर दीपांशु ने पर्स में मौजूद कागजों के आधार पर महिला से संपर्क करने का प्रयास किया। दीपांशु ने महिला से संपर्क साध कर उन्हें पांवटा साहिब बस अड्डे में इंतजार करने के लिए कहा।
पांवटा साहिब पहुंचने पर दीपांशु ने पर्स की पहचान पूछ कर महिला को पर्स लौटा दिया। पर्स मिलने के बाद महिला की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। महिला ने खुशी से बड़ी ही प्यारी बात कही।
उन्होंने कहा कि कौन सी मां ने आपको जन्म दिया जो इतना ईमानदार बच्चा पैदा किया। यह शब्द महिला के मुंह से बार-बार निकल रहे थे और दीपांशु ये बात सुनकर जरूर अपनी मां और उनकी दी गई सीख को याद कर फूले नहीं समा रहे होंगे।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। पिछले कुछ दिन से कुल्लू जिला के कई इलाकों में सड़क मार्ग तो अवरुद्ध थे ही साथ ही विद्युत आपूर्ति भी बंद थी।
कड़ी मशक्कत के बाद सड़क-पानी व बिजली की सेवाएं बुधवार को बहाल की गई हैं। इसी बीच मासूमियत भरा एक बच्चे का वीडियो सामने आया है। वीडियो में ये बच्चा बड़े ही प्यारे अंदाज मुख्यमंत्री का धन्यवाद कर रहा है क्योंकि वह लाइट न होने की वजह से दो दिन से टीवी नहीं देख पाया था।
बच्चा कह रहा है कि बिना लाइट के हमें टॉर्च जलानी पड़ती थी। सु्क्खू जी आपने बहुत अच्छा किया लाइट ला दी। इस प्यारे बच्चे की बातें सुनकर आपके चेहरे पर भी मुस्कान आ जाएगी।
धर्मशाला में सफल ट्रायल के बाद पूरे प्रदेश में शुरू हुई सुविधा
शिमला।हिमाचल में अब कहीं से भी ऑनलाइन लर्नर लाइसेंस बना सकते हैं। आरएलए धर्मशाला में सफल ट्रायल के बाद इसे पूरे हिमाचल में शुरू कर दिया गया है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के फेसबुक पेज सहित अन्य पेज पर दी गई है।
लर्नर लाइसेंस बनवाने के लिए अब लोगों को आरएलए और आरटीओ कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, बल्कि घर बैठे ही लोग अपना लर्नर लाइसेंस बनवा सकेंगे। लोगों को पंजीकरण एवं लाइसेंसिंग प्राधिकरण कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे लर्नर लाइसेंस प्राप्त करने के इच्छुक लोगों के समय, धन और ऊर्जा की बचत होगी।
नागरिकों को घरद्वार पर सुविधा उपलब्ध करवाने और डिजिटल सेवा का विस्तार करने के लिए पायलट आधार पर आरएलए धर्मशाला में फेसलेस/कॉन्टैक्टलेस लर्नर लाइसेंस सेवा शुरू की गई थी। ट्रायल सफल रहा है। ट्रायल सफल रहने के बाद इस पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए सात चरणों का पालन करना होगा, जिसमें सबसे पहले आवेदक को लर्नर लाइसेंस के लिए सारथी पोर्टल पर आधार आधारित प्रमाणीकरण के साथ आवेदन करना होगा।
दूसरे चरण में अनिवार्य जानकारियां जैसे नाम, पता और फोटो आधार पोर्टल से प्राप्त किए जाएंगे। तीसरे चरण में हस्ताक्षर अपलोड करने होंगे। उसके बाद ऑनलाइन मोड से आवश्यक शुल्क भुगतान करना होगा। पांचवें चरण में सड़क सुरक्षा पर अनिवार्य वीडियो ट्यूटोरियल देखना होगा। उसके बाद आवेदक को किसी भी स्थान से ऑनलाइन लर्नर लाइसेंस परीक्षा देनी होगी तथा सफल होने पर, अंतिम चरण में आवेदक को अपने मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से पोर्टल द्वारा भेजे गए लिंक के माध्यम से या सारथी वेब पोर्टल पर जाकर अपना लर्नर लाइसेंस प्राप्त होगा।
लर्नर लाइसेंस के लिए सारथी पोर्टल के माध्यम से आवश्यक दस्तावेज और हस्ताक्षर अपलोड करके आवेदन किया जा सकता है। आवेदक इसी के माध्यम से अपेक्षित शुल्क भी ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। आवेदन के दौरान प्रार्थी का व्यक्तिगत डेटा आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा। आधार आधारित लर्नर लाइसेंस प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी, जहां कोई सत्यापन, जांच और अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी।
आवेदन के लिए आधार पर दी जानकारी ही मान्य होगी। यदि कोई व्यक्ति आधार के अलावा कोई अन्य पता देना चाहता है तो आवेदन को गैर-फेसलेस माना जाएगा और दस्तावेज के सत्यापन के लिए आवेदक को आरएलए कार्यालय जाना होगा। आवेदन जमा करने के सात दिनों के भीतर, लर्नर लाइसेंस के लिए प्रत्येक आवेदक को सुरक्षित ड्राइविंग पर एक ऑनलाइन वीडियो ट्यूटोरियल देखना होगा।
यह आवेदक यह ट्यूटोरियल पोर्टल पर स्वयं जाकर या सुविधा केंद्र की सहायता से पूरा कर सकता है। ट्यूटोरियल में यातायात और सड़क पर वाहन चलाने के नियम, चालक के कर्तव्य, मानवरहित रेलवे क्रासिंग से गुजरते समय बरती जाने वाली सावधानियां और मोटर वाहन चलाते समय आवश्यक दस्तावेजों से संबंधित मामलों पर जानकारी शामिल होगी।
सुरक्षित ड्राइविंग पर ट्यूटोरियल करने के बाद, प्रत्येक आवेदक को आवेदन जमा करने के सात दिन के भीतर पोर्टल पर ऑनलाइन टेस्ट देना होगा। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन टेस्ट शुरू होने से पहले आवेदक का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित फेस ऑथेंटिकेशन किया जाएगा। इस दौरान यदि आवेदन प्रपत्रों में उपलब्ध चेहरे की छवि (आधार रिकॉर्ड के अनुसार) परीक्षण के लिए उपस्थित होने वाले आवेदक के चेहरे से मेल खाती होगी, तभी परीक्षण प्रक्रिया शुरू होगी।
टेस्ट में ड्राइविंग और यातायात संबंधित ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाएंगे, जिनमें से कम से कम 60 प्रतिशत का सही उत्तर देने पर आवेदक को परीक्षा में सफलतापूर्वक उत्तीर्ण माना जाएगा। परीक्षा पूरी होने के तुरंत बाद आवेदक सारथी पोर्टल के माध्यम से फॉर्म-3 पर लर्नर लाइसेंस की एक प्रति डाउनलोड/प्रिंट कर सकता है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में VIP नंबरों की बोली लगना शुरू हो गई है। एक बार फिर लोगों ने अपनी पसंद के वीआईपी नंबरों के लिए बोली लगाई। अभी तक अधिकतम बोली करीब 30 लाख रुपए की लगी है।
VIP नंबर HP99-9999 के लिए सबसे ज्यादा बोली कोटखाई के इंद्र काल्टा ने बोली लगाई है। इंद्र काल्टा ने कुल 29,98,500 की बोली लगाई है और इसमें से 4,500 रुपए रिजर्व राशि के तौर पर जमा किए गए हैं। इसके अलावा भी लोगों ने हजारों रुपए की बोली लगाई है।
इसके अलावा कोटखाई से अरुण नेगी ने HP99-0009 नंबर के लिए 7 लाख 5000 की बोली लगाई है जिसमें 22,500 रुपए रिजर्व राशि के तौर पर जमा किए गए हैं। HP990010 के लिए 90,000 की बोली SRI HARIHAR HOSPITALS PVT LTD ने लगाई है। HP990011 के लिए 60000 की बोली RAJESH CHAUHAN ने लगाई है।
आप भी बोली लगाना चाहते हैं तो वीआईपी नंबरों की बोली के लिए विभाग की वेबसाइट himachal.nic.in पर जाकर e-Auction fancy numbers का ऑपशन दिखाई देगा जिस पर क्लिक करने के बाद login के लिए user id और पासवर्ड देना होगा। इसके बाद आप मनचाहे नंबर की बोली लगा सकते हैं।
गौर हो कि भारत सरकार के परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की वेबसाइट पर फरवरी माह में स्कूटी के VIP नंबर की बोली शुरू हुई थी। जिस HP-99-9999 नंबर के लिए यह बोली शुरू हुई थी। यह बोली 1 करोड़ 11 हजार रुपए पहुंच चुकी थी।
तीन आवेदनकर्ताओं ने करोड़ों रुपए की बोली लगाई, लेकिन बोली लगाने वाले लोग फर्जी निकले। इनके एड्रेस भी फर्जी पाए गए। परिवहन विभाग के अतिरिक्त निदेशक हेमिस नेगी का कहना है कि VIP नंबर में फर्जी तरीके से 1 करोड़ से अधिक की बोली लगाई गई। जांच करने पर वह फर्जी निकली। इसके बाद पोर्टल में कुछ नए बदलाव व अपग्रेडशन किए गए और अब फिर से बोली शुरू हो गई है।
इस बार फर्जी बोली का चांस ही नहीं है क्योंकि परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फैंसी पोर्टल पर VIP नंबर की बोली लगाने के लिए लोगों को नंबर के बेसिक प्राइस की 30 प्रतिशत राशि पहले ही देनी पड़ेगी। उसके बाद बोली में भाग लिया जा सकता है। अगर किसी नंबर का बेसिक प्राइस 1 लाख रुपए है तो बोली लगाने वाले व्यक्ति को 33 हजार रुपए की राशि बोली लगाने से पहले जमा करनी होगी।
इसके बाद चाहे बोली करोड़ रुपए तक ही क्यों न चली जाए लेकिन व्यक्ति से 33 हजार रुपए की राशि ही ली जाएगी। बोली की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगर प्रथम बोलीदाता नंबर को नहीं खरीदता है तो उसकी 33 हजार रुपए की राशि वापस नहीं होगी। वह राशि सरकारी कोष में जमा हो जाएगी तथा उस विशेष नंबर के लिए विभाग द्वारा दोबारा बोली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
नई दिल्ली। लाइब्रेरी में लोग किताबें पढ़ने जाते हैं। कई बार किताबें घर के लिए इश्यू भी करवाते हैं। किताब वापस करने की एक समय सीमा होती है। उस समय सीमा में किताब वापस करनी होती है। अगर न करें तो प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगता है। पर अमेरिका में वाशिंगटन के एबरडीन में एक ऐसा मामला आया, जिसने सबको हैरान कर दिया।
81 वर्ष तक चेक आउट होने के बाद, एक अतिदेय पुस्तक सोमवार को एबरडीन में एक पुस्तकालय में वापस आ गई। एक शख्स 81 साल बाद किताब को लाइब्रेरी में वापस करने आया। इससे लाइब्रेरी के कर्मचारी भी हैरान हो गए।
एबरडीन टिम्बरलैंड रीजनल लाइब्रेरी ने फेसबुक पेज पर पोस्ट डाल यह जानकारी दी है। पुस्तक द बाउंटी ट्रिलॉजी चार्ल्स नॉर्डहॉफ और जेम्स नॉर्मन ने 1932 में प्रकाशित की थी। इसे 30 मार्च, 1942 को इश्यू करवाया गया था। 1942 में अतिदेय जुर्माना 0.02 डॉलर प्रति दिन था, इसके हिसाब से यह 484.80 डॉलर हो गया।
हालांकि, COVID महामारी के दौरान, अतिदेय जुर्माना समाप्त कर दिया गया था, इसलिए कोई जुर्माना नहीं वसूला गया। किताब साफ सफाई करते स्टोर से मिली।
पुस्तकालय के अनुसार, जिस व्यक्ति ने किताब इश्यू करवाई थी वह केवल पृष्ठ 17 तक पहुंचे थे और एक नोट जोड़ा, “यदि मुझे भुगतान किया जाता तो मैं इस पुस्तक को नहीं पढ़ता। पुस्तक इश्यू करवाने वाले व्यक्ति की 2001 में मृत्यु हो गई।
केलांग। ऐसा रोमांचक सफर, जिसमें प्रचंड गर्मी में भी आपको एसी की कमी बिल्कुल न खले। आप अपना सफर तो गर्मी में शुरू करेंगे पर उतरेंगे सर्द वादियों में। प्रचंड गर्मी में खूबसूरत वादियों में बर्फ के बीच गुजरती बस, यह कल्पना मात्र से ही मन प्रफुल्लित हो जाता है। सोचो अगर ऐसा सच में हो जाए तो। जी हां ऐसा संभव है।
अगर आप हिमाचल के मनाली, लाहौल स्पीति, लेह लद्दाख की हसीन और ठंडी वादियों का अवलोकन करना चाहते हैं तो दिल्ली से लेह एचआरटीसी बस पकड़ लें और निकल पड़े रोमांचक सफर पर। न वाहन ड्राइविंग करते थकने का झंझट और न ट्रैफिक जाम से जूझने की परेशानी।
बस एचआरटीसी बस की खिड़की वाली सीट बुक करवाकर आराम से खूबसूरत नजारों का अवलोकन करो और पहाड़ों की खूबसूरती में खो जाओ। आपको मंजिल तक पहुंचाने का काम एचआरटीसी के चालक करेंगे। यही नहीं इस रास्ते अटल टनल रोहतांग का अवलोकन करने का भी मौका मिलेगा। मनाली-लेह सड़क पर यात्री 16,500 फीट ऊंचे बारालाचा, 15,547 फीट नकिल्ला, 17,480 फीट तंगलांगला और 16, 616 फीट ऊंचे लाचुंग दर्रे के खूबसूरत नजारों से रूबरू होंगे।
बता दें कि दिल्ली से लेह एचआरटीसी रूट शुरू हो गया है। देश के सबसे लंबे 1026 किमी लेह-दिल्ली रूट पर हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) केलांग डिपो की बस दौड़ना शुरू हो गई है। लेह-दिल्ली रूट पर निगम के तीन चालक और दो परिचालक सेवाएं देंगे। लेह से चलने पर पहला चालक बस को केलांग पहुंचाएगा। दूसरा केलांग से बिलासपुर व तीसरा चालक बिलासपुर से दिल्ली तक अपनी सेवाएं देगा। इसमें दो परिचालक सेवाएं देंगे। पहला परिचालक लेह से केलांग तक तो दूसरा केलांग से दिल्ली तक जाएगा।
लेह से दिल्ली रूट पर केलांग डिपो की साधारण बस वाया चंडीगढ़, बिलासपुर, मंडी, कुल्लू, मनाली, केलांग, बारालाचा ला, सरचू, तंगलंगला, उपशी होकर चलती है। करीब 33 घंटे में कुल 1026 किलोमीटर दूरी तय करती है। बस का किराया 1740 रुपए लगेगा। ऑनलाइन बुकिंग दिल्ली से केलांग तक ही उपलब्ध है। केलांग से लेह के लिए टिकट काउंटर पर मिलेगी।
यह रहेगी बस की टाइमिंग
बस दिल्ली आईएसबीटी से दोपहर बाद 3 बजकर 45 मिनट, चंडीगढ़ 43 सेक्टर से रात साढ़े 9 बजे चलती है। मनाली सुबह साढ़े सात बजे पहुंचती है। केलांग सुबह साढ़े 10 बजे पहुंचने का टाइम है। रात को केलांग में रुकने के बाद अगले दिन सुबह 5 बजे लेह के लिए रवाना होती है और रात सात बजे लेह पहुंचती है।
लेह से सुबह चार बजे चलती है। केलांग में रात 6 बजे पहुंचती है। रात को केलांग में रुकने के बाद सुबह साढ़े 10 बजे केलांग से दिल्ली के लिए रवाना होती है। मनाली से दोपहर 1 बजकर 25 मिनट पर चलती है। चंडीगढ़ रात साढ़े 11 तो दिल्ली आईएसबीटी सुबह साढ़े चार बजे पहुंचती है।
ऊना। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने आज HRTC बस में ही खुला दरबार लगा दिया। ऊना जिला के कुटलैहड़ में पिपलू के साथ लगते जठेहड़ी में बस में यात्रा की साथ ही लोगों की समस्याएं भी जानीं। करीब 5 किलोमीटर की यात्रा बस द्वारा कर उन्होंने लोगों से सीधा संवाद स्थापित किया।
दरअसल, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री कुटलैहड़ के पिपलू मेले में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होकर वापस ऊना आ रहे थे। इसी दौरान उन्होंने अपने काफिले को बीच में रोककर हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की बस में यात्रा की।
डिप्टी सीएम ने बस का निरीक्षण करते हुए सबसे पहले चालक से बस की स्थिति जानी। उन्होंने चालक से तकनीकी पहलुओं पर फीडबैक लिया। इसके पश्चात उन्होंने बस में यात्रा कर रहे स्कूली बच्चों और स्थानीय लोगों से विभिन्न समस्याएं जानीं।
इस दौरान स्थानीय लोगों ने उपमुख्यमंत्री से मांग की कि हमीरपुर से आने वाली बस डोलू के बजाए पीपलू तक चलाई जाए। मुकेश अग्निहोत्री ने मौके से ही एचआरटीसी के अधिकारियों से फोन पर बात कर बस को पीपलू तक चलाने के निर्देश जारी किए। इसके अलावा उन्होंने स्थानीय लोगों से बिजली पानी और सड़क आदि की समस्याएं भी जानी।
यात्रा के दौरान उन्होंने स्कूली बच्चों से भी संवाद स्थापित किया और बस की समय सारणी आदि को लेकर बातचीत की। उपमुख्यमंत्री ने यात्रियों की समस्याओं पर संबंधित अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश जारी करने का आश्वासन दिया।
शिमला। डॉक्टर को यूं ही भगवा का दर्जा नहीं दिया जाता। डॉक्टरों ने कितने ही लोगों के ऐसे समय पर जीवनदान दिया है जब उनका बचना लगभग नामुमकिन था। ऐसा ही एक मामला पेश आया टोक्यो से दिल्ली आ रहे प्लेन में।
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला से संबंधित सीनियर कार्डियक सर्जन डॉक्टर दीपक पुरी ने प्लेन में बिना किसी पर्याप्त मेडिकल संसाधनों के एक मरीज की जान बचा ली। मरीज को हार्ट अटैक आया था और डॉक्टर दीपक पुरी ने समय पर कार्डियक मसाज सीपीआर देकर उसकी जान बचा ली।
दरअसल, डॉक्टर पुरी टोक्यो में दो दिवसीय कार्डियो पर्सन वर्ल्ड हार्ट कांग्रेस का आयोजन कर टोक्यो से दिल्ली के लिए एयर इंडिया 307 की फ्लाइट में लौट रहे थे। इसी फ्लाइट में मौजूद एक 57 वर्षीय पैसेंजर को हार्ट अटैक आ गया। ये पता चलते ही डॉक्टर पुरी तुरंत आगे आए और फ्लाइट क्रू की मदद से कार्डियक मसाज सीपीआर देने के बाद मरीज को रिवाइव किया।
डॉक्टर दीपक पुरी ने बताया कि व्यक्ति को हार्ट अटैक के कारण कार्डियक अरेस्ट हुआ और मरीज कुछ समय के लिए बिना पल्स और ब्रेन रिस्पॉन्स के मेडिकल रूप से मृत था। फ्लाइट समुद्र के ऊपर थी और निकटतम हवाई अड्डा कोलकाता 5 घंटे की दूरी पर था। ऐसे समय में मिनिमम रिससिटेशन रिसोर्सेज के साथ फ्लाइट में इतने लंबे समय तक रोगी को स्थिर रखना एक कठिन काम था।
उन्होंने कहा कि एयरलाइन ने कोलकाता में लैंडिंग के लिए विशेष अनुमति की व्यवस्था की और मरीज को निकटतम अस्पताल ले जाने के लिए एक एम्बुलेंस की व्यवस्था की, जहां उसकी 100 प्रतिशत ब्लॉक लेफ्ट एंटीरियर डिसेंडिंग आर्टरी की तुरंत स्टेंटिंग की गई।
डॉक्टर दीपक पुरी ने कहा कि यदि कार्डियक मसाज तुरंत शुरू नहीं किया जाता है तो 3 से 5 मिनट में परमानेंट ब्रेन डेथ हो जाती है। इस स्थिति में समय बहुत महत्वपूर्ण है। इसके बारे में सभी को जागरूक किया जाना चाहिए, ताकि कई अन्य लोगों की जान बचाई जा सके। डॉक्टर दीपक पुरी के इस सराहनीय कार्य के लिए ewn24 news उन्हें सलाम करता है।
अंबाला। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आजकल अलग तरह की राजनीति कर रहे हैं। पहले उन्होंने भारत जोड़ो अभियान के तहत कई किलोमीटर की यात्रा की तो बाद में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चलाया। अब राहुल गांधी का एक नया रूप देखने को मिला है। शिमला के लिए निकले राहुल गांधी ने अंबाला से चंडीगढ़ तक का करीब 50 किलोमीटर का सफर ट्रक में किया।
बता दें कि राहुल गांधी सोमवार दोपहर के बाद कार से दिल्ली से शिमला के लिए निकले थे। अंबाला में उन्होंने ट्रक ड्राइवरों से बात की और उनकी समस्याएं सुनीं। अंबाला में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बातचीत की और ट्रक में बैठ गए और शिमला की यात्रा पर निकल पड़े। आज सुबह करीब साढ़े पांच बजे उन्होंने ट्रक को अंबाला सिटी के श्री मंजी साहब गुरुद्वारे में रुकवाया और गुरुद्वारे में माथा टेका। यहां पर राहुल गांधी ने लंगर में प्रसाद भी ग्रहण किया। उन्होंने अंबाला से चंडीगढ़ तक का करीब 50 किलोमीटर सफर ट्रक में तय किया। चंडीगढ़ से फिर कार में शिमला के लिए निकले।
कांगड़ा। एचएएस अधिकारी ओशिन शर्मा का डांस करते एक वीडियो फेसबुक पर खूब वायरल हो रहा है और तरह-तरह के कमेंट भी कर रहे हैं। ओशिन शर्मा ने इस वीडियो के वायरल करने और कुछ कमेंट को लेकर अपने फेसबुक पेज पर वीडियो जारी कर कई सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि मैं पहले इंसान हूं फिर महिला और फिर अधिकारी। जिस समाज में महिला के कपड़े उसके ज्ञान और कौशल से ज़्यादा टिप्पणी का विषय बने उस समाज में बदलाव लाना बहुत ज़रूरी हो गया है, ताकि आने वाली पीढ़ी की महिलाओं को बराबरी के सही मायने समझ आएं।
वहीं, ओशिन शर्मा ने उन फेसबुकिया चैनल को भी आईना दिखाया जो लाइक के चक्कर में कुछ भी दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने एक स्कूल में बैच दिए वो तो इन चैनल ने नहीं दिखाया।
ओशिन शर्मा ने उन सभी लोगों की सोच पर सवाल खड़ा किया है जो किसी भी महिला के चरित्र को उसके कपड़ों से आंकते हैं। वायरल वीडियो को लेकर एचएएस अधिकारी ओशिन शर्मा ने क्या कहा देखें ये वीडियो ….