क्रांति संस्था और अग्निशमन विभाग कर्मियों ने उतारा
धर्मशाला। आ बैल मुझे मार मुहावरा तो आपने पढ़ा और सुना होगा। इसका अर्थ होता है जानबूझकर मुसीबत में पड़ना। कांगड़ा जिला के धर्मशाला में एक बैल ने भी कुछ ऐसा ही कारनामा कर डाला। न घास और न खेत, बैल चार मंजिला बिल्डिंग की सीढ़ियां चढ़कर छत पर तो पहुंच गया, लेकिन उतरने की हिम्मत नहीं कर पाया।
कोई इंसान होता तो फोन आदि करके मदद मांग लेता पर बैल किससे और कैसे मदद मांगता। चौथी मंजिल की छत पर दो दिन तक भूखा प्यासा, धूप में फंसा रहा। मामला धर्मशाला के चरान खड्ड के पास का है।
निर्माणधीन चार मंजिला इमारत की छत पर एक बैल फंसे होने की बात स्थानीय लोगों को पता चली तो उन्होंने क्रांति संस्था से संपर्क किया। सूचना मिलने के बाद धर्मशाला क्रांति संस्था के धीरज महाजन अपनी टीम के सदस्य और अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे।
पर बैल को रेस्क्यू कर नीचे उतारना आसान न था। बैल जहां फंसा था वहां पर न तो जेसीबी औऱ न ही अन्य कोई मशीन जा सकती थी। बैल भी नीचे आने से डर रहा था और आक्रामक भी था।
ऐसे में बैल को सीढ़ियों से ही उतारने की योजना बनी। क्रांति संस्था के सदस्यों और अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों ने करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बैल को रेस्क्यू करके नीचे पहुंचाया।
हरिपुर। हिमाचल के कांगड़ा जिला के विधानसभा क्षेत्र देहरा की हरिपुर तहसील के बंगोली गांव में बनेर खड्ड की दलदल में फंसे एक बारहसिंगा को रेस्क्यू किया गया। बारहसिंगा को कड़ी मशक्कत के बाद जान जोखिम में डालकर वाइल्ड लाइफ विभाग के कर्मचारियों की मौजूदगी में बंगोली के युवकों ने सुरक्षित रेस्क्यू किया।
बता दें कि बंगोली के युवकों ने बंगोली पंचायत घर के नीचे बनेर खड्ड में दलदल में एक बारहसिंगा को फंसे देखा। बारहसिंगा दलदल से निकलने की कोशिश कर रहा था पर और दलदल में फंसता जा रहा था।
मामले की सूचना वाइल्ड लाइफ विभाग रेंज ऑफिस नगरोटा सूरियां में दी गई। सूचना मिलने पर वाइल्ड लाइफ बीओ प्रीतम चंदेल और गार्ड नवनीत कौंडल मौके पर पहुंचे। रस्सी आदि लेकर बंगोली के युवकों अर्जुन कौशल उर्फ छोटू, अजय, विशाल, सचिन व केवल कृष्ण नंदा के साथ बनेर में उतरे। बनेर में दलदल के बीच रस्सी से कड़ी मशक्कत के बाद बारहसिंगा को सुरक्षित बाहर निकला।
दलदल में फंसे बारहसिंग को रेस्क्यू करना आसान नहीं था। क्योंकि दलदल में चलना मुश्किल हो रहा था, लेकिन युवकों ने जान की परवाह किए बिना दलदल में उतरकर बारहसिंगा के सिंगों पर रस्सी बांधी और उसे दलदल से निकाला।
वाइल्ड लाइफ बीओ प्रीतम चंदेल और गार्ड नवनीत कौंडल के अनुसार बारहसिंगा ठीक है और दलदल से निकालने के बाद उसे छोड़ दिया गया है। ewn24 news choice of himachal बंगोली के इन युवकों के इस जज्बे को सलाम करता है।
ग्रामीणों ने वन विभाग के कर्मचारियों को दी थी सूचना
चंबा। वन परिक्षेत्र भटियात के तहत ग्राम पंचायत धुलारा के द्रमनाला गांव में एक नर तेंदुआ को रेस्क्यू कर गोपालपुर (कांगड़ा) चिड़ियाघर भेजा गया है।
वन मंडल अधिकारी डलहौजी रजनीश महाजन ने बताया कि शनिवार को वन परिक्षेत्र अधिकारी संजीव कुमार को स्थानीय लोगों ने ग्राम पंचायत धुलारा के द्रमनाला गांव में एक नर तेंदुए को देखे जाने के बाद सूचित किया था। विशेषज्ञ वन्यजीव चिकित्सा अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए ट्रेंकुलाइजर गन से डॉट लगाकर तेंदुए को सफलतापूर्वक रेस्क्यू करके गोपालपुर चिड़ियाघर एवं रेस्क्यू सेंटर के वन्य प्राणी चिकित्सा विशेषज्ञ को सौंपा।
वन्य प्राणी चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. अशोक चंदेल ने बताया कि नर तेंदुआ शारीरिक रूप से बीमार अवस्था में पाया गया है और उसे प्राथमिक उपचार दिया गया है।
वन मंडल अधिकारी रजनीश महाजन ने तेंदुए को देखे जाने के पश्चात विभाग को सूचित किए जाने पर लोगों का विशेष आभार व्यक्त किया है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से यह आग्रह भी किया है कि वे अपने घरों के आसपास साफ सफाई रखें और झाड़ियां आदि को समय-समय पर काटते रहें।
कांगड़ा।हिमाचल के कांगड़ा जिला में बाढ़ और भूस्खलन आपदा तैयारियों की जांच के लिए मेगा मॉक ड्रिल (Mock Drill) का आयोजन किया गया। जिले में चिन्हित 7 स्थलों पर मेगा मॉक अभ्यास किया गया। पालमपुर उपमंडल के सौरभ वन विहार में मॉक ड्रिल का आयोजन किया। मेगा मॉक ड्रिल डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल की निगरानी में आयोजित हुई।
एसडीएम पालमपुर डॉ. अमित गुलेरिया की अगवाई में आयोजित मॉक ड्रिल (Mock Drill) में सभी विभागों ने भाग लिया। एसडीएम ने बताया कि मॉक ड्रिल के लिए काल्पनिक आपदा के रूप में सौरभ वन विहार में बाढ़ से जल भराव की स्थिति में 9 पर्यटकों के फंसने और घायल अवस्था में बचाव का लक्ष्य दिया गया था। उन्होंने बताया इसमें 5 पुरुष और 4 महिला का बचाव किया गया। इसमें 2 पुरुष एवं एक महिला गंभीर रूप में घायल थे।
उन्होंने कहा कि सभी विभागों के आपसी समन्वय और कुशल प्रबंधन से मॉक ड्रिल (Mock Drill) व्यवस्थित तरीके से संपन्न हुई। मॉक ड्रिल में पुलिस, होमगार्ड और अग्निशमन के कर्मचारियों ने सभी घायलों को सौरभ वन विहार से बाहर निकाला।
उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल (Mock Drill) के दौरान घायलों को प्राथमिक उपचार देने के लिए कंडी पुल पर बनीं वर्षाशालिका को अस्थाई उपचार केंद्र बनाया गया था। जहां चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम घायलों के उपचार में जुटी थीं। उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल में सभी विभाग आपदा प्रबंधन की दृष्टि से जुड़ी मशीनरी, वाहन, एंबुलेंस जेसीबी आदि लेकर मौजूद रहे।
ये रहा मॉक ड्रिल का घटनाक्रम
मॉक ड्रिल में गुरुवार सुबह करीब 9 बजे भारतीय मौसम विभाग की ओर से कांगड़ा जिले के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश और बादल फटने की आशंका को लेकर मिली चेतावनी पर कांगड़ा जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के व्हाट्सऐप ग्रुप में संदेश प्रसारित होते ही तमाम अधिकारी कर्मचारी अपने अपने दायित्व के मुताबिक कार्यों में जुट गए।
डीसी डॉ. निपुण जिंदल ने इसे देखते हुए जन सुरक्षा के दृष्टिगत सवा 9 बजे एहतियातन एडवाइजरी जारी कर लोगों से नदी-नालों से दूर रहने की अपील की। उन्होंने किसी आपदा की स्थिति में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दूरभाष नंबर 01892-229050 पर साझा करने का आग्रह किया। साथ ही स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिले के सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों में आगामी आदेशों तक छुट्टी घोषित की गई ।
इसी बीच उपायुक्त कार्यालय में बने कमांड, प्लानिंग, लॉजिस्टिक पोस्ट समेत आपदा प्रबंधन से जुड़ी सभी शाखाएं चालू हो गए। इसी दौरान कमांड पोस्ट में भारी बारिश के चलते जिले में 7 जगहों के आपदा प्रभावित होने की सूचना प्राप्त हुई। इसके साथ ही उपमंडल स्तर पर गठित त्वरित प्रतिक्रिया टीमें सक्रिय हो गईं तथा एसडीएम के नेतृत्व में राहत-बचाव ऑपरेशन शुरू हो गया। ये टीमें घटना स्थलों पर पर पहुंच कर राहत बचाव कार्यों में जुट गई हैं। इसमें एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों का भी सहयोग लिया गया।
यह 7 जगहें आपदा प्रभावित
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि कांगड़ा जिले में भारी बारिश के चलते आपदा की सूचना और प्रतीकात्मक नुकसान मानकर धर्मशाला, पालमपुर, जयसिंहपुर, फतेहपुर, शाहपुर, कांगड़ा और देहरा उपमंडल में अलग अलग जगहों पर मॉक ड्रिल की गई। इसके अलावा अन्य उपमंडलों में अपने अपने स्तर पर भी प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से मॉक ड्रिल की गई। मॉक ड्रिल के तहत पालमपुर में सौरभ वन विहार में न्यूगल खड्ड का जल स्तर बढ़ने से कुछ स्थानीय पर्यटकों के फंसे होने का समाचार मिला।
वहीं, देहरा में सिविल अस्पताल के धरातल में पानी भरने की सूचना प्राप्त हुई। शाहपुर में गज खड्ड में बाढ़ के कारण रजोल गांव के पास कुछ लोगों के फंसे होने की खबर आई, साथ ही धर्मशाला में मांझी खड्ड में बाढ़ के कारण चेतड़ू में स्लम एरिया में रह रहे लोगों के लिए खतरा पैदा होने के चलते उन्हें वहां से सुरक्षित निकालने की चुनौती मिली। वहीं डीसी निवास के पास धर्मशाला-मैकलोडगंज रोड़ पर स्थित पिलर नंबर 4 के पास भूस्खलन के चलते यातायात को बायपास रोड़ की तरफ से डायवर्ट किया गया साथ ही वहां कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।
कांगड़ा में बनेर खड्ड में बाढ़ के कारण अच्छर माता मंदिर में बाहरी राज्यों के कुछ श्रद्धालुओं के फंसे होने की सूचना मिली। वहीं, जयसिंहपुर में हलेड़ खड्ड में बाढ़ के कारण हलेड़ स्कूल में पानी घुसने से कुछ बच्चों के फंसने की सूचना प्राप्त हुई। उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। इसके अलावा हलेड़ गांव में भी करीब 30 घरों में पानी भरने का समाचार प्राप्त होते ही सभी लोगों को सुरक्षित निकालने का कार्य किया गया।
पौंग डैम में जल स्तर बढ़ने से फतेहपुर क्षेत्र के कुछ गांवों में पानी भरने की सूचना मिली। आसपास के गांवों को खाली कराने के साथ ही बीबीएमबी अधिकारियों को डैम से पानी छोड़ने के लिए कहा गया। बहाव क्षेत्र के लोगों को सायरन और गाड़ियों से अनाउंसमेंट के जरिए सचेत किया गया।
आपदा प्रबंधन के हर पहलू पर गौर
इस पूरे घटनाक्रम में आपदा प्रबंधन योजना, रेस्क्यू ऑपरेशन, आपात संचार प्रणाली, विभागीय तालमेल, आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल, संसाधन मैपिंग, रास्ते बहाल करने को मशीनरी का प्रयोग, स्वास्थ्य व्यवस्था, घायलों को मौके पर मेडिकल सहायता देने, एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल ले जाने, प्रभावितों को राहत शिविरों में पहुंचाने, राशन एवं पेयजल वितरण व्यवस्था देखने, स्थानीय स्तर पर जन सहयोग समेत स्थिति को सामान्य बनाने से जुड़े आपदा प्रबंधन के हर पहलू पर गौर करने के साथ सभी उपायों को परखा गया।
मॉक ड्रिल के उपरांत डीब्रिफिंग
मॉक ड्रिल पूर्ण होने के उपरांत राज्य मुख्यालय शिमला से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस अभ्यास से प्राप्त सीख और अनुभव पर सभी जिलों से फीडबैक ली। इस दौरान अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी एवं आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कांगड़ा के सीईओ रोहित राठौर ने जिले में मॉक ड्रिल के सकारात्मक व विचारणीय बिंदुओं की जानकारी दी।
पैदल ट्रैक कर मौके पर पहुंची पुलिस थाना मनाली की टीम
मनाली। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला के पर्यटन स्थल मनाली में घूमने निकली एक रशियन महिला ढांक से गिर गई। महिला अपने दोस्त के साथ थी और ऐसी स्थिति में उन्होंने मनाली पुलिस से मदद मांगी। पुलिस टीम महिला को रेस्क्यू करने मौके पर पहुंची और उसको ढांक से निकालकर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया।
जानकारी के अनुसार मामला बुधवार रात का है। Vera Litvinov नाम की एक रशियन महिला अपने विदेशी दोस्त Lurii Larovoi के साथ ओल्ड मनाली से बिना लोकल गाइड के खोह वाटरफॉल के लिए रवाना हुआ थे।
इसी दौरान अचानक महिला का पैर फिसल गया और वह 50 मीटर गहरी ढांक में गिर गई। दोनों पर्यटक परेशान होकर मदद के लिए चिल्लाने लगे। इसके बाद Lurii Larovoi ने करीब 8.30 बजे मनाली थाना में हादसे की सूचना दी और मदद मांगी।
सूचना मिलते ही पुलिस थाना मनाली से ASI प्रकाश चंद, PSI इशान्त सेन, मुख्य आरक्षी विनोद कुमार, आरक्षी गोविंद, महिला आरक्षी रुबीना तथा स्थानीय बचाव दल (Adventure Tour Operators Association kullu Manali) विदेशी महिला का रेस्क्यू करने के लिए रवाना हुए।
ओल्ड मनाली से लगभग 2-3 घंटे का पैदल ट्रैक करने के बाद पुलिस टीम व स्थानीय बचाव दल मौके पर पहुंची। यहां से विदेशी महिला (Vera Litvinov) को ढांक से निकाल गया और फिर स्ट्रेचर की मदद से मिशन अस्पताल मनाली पहुंचाया गया। विदेशी महिला की स्थिति गंभीर है। फिलहाल उसका इलाज चल रहा है।
अंबाला। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आजकल अलग तरह की राजनीति कर रहे हैं। पहले उन्होंने भारत जोड़ो अभियान के तहत कई किलोमीटर की यात्रा की तो बाद में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चलाया। अब राहुल गांधी का एक नया रूप देखने को मिला है। शिमला के लिए निकले राहुल गांधी ने अंबाला से चंडीगढ़ तक का करीब 50 किलोमीटर का सफर ट्रक में किया।
बता दें कि राहुल गांधी सोमवार दोपहर के बाद कार से दिल्ली से शिमला के लिए निकले थे। अंबाला में उन्होंने ट्रक ड्राइवरों से बात की और उनकी समस्याएं सुनीं। अंबाला में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बातचीत की और ट्रक में बैठ गए और शिमला की यात्रा पर निकल पड़े। आज सुबह करीब साढ़े पांच बजे उन्होंने ट्रक को अंबाला सिटी के श्री मंजी साहब गुरुद्वारे में रुकवाया और गुरुद्वारे में माथा टेका। यहां पर राहुल गांधी ने लंगर में प्रसाद भी ग्रहण किया। उन्होंने अंबाला से चंडीगढ़ तक का करीब 50 किलोमीटर सफर ट्रक में तय किया। चंडीगढ़ से फिर कार में शिमला के लिए निकले।
मनाली। हिमाचल में मई माह में दिसंबर जैसी बर्फबारी हो रही है। स्थानीय लोगों और गर्मी से राहत पाने पहुंचे पर्यटकों के लिए आफत बन गई है। अटल टनल रोहतांग (धुंधी) में अचानक हुई भारी बर्फबारी के कारण लगभग 500 से अधिक पर्यटक वाहन फंस गए थे।
सूचना मिलते ही डीएसपी क्षमादत्त शर्मा, थाना प्रभारी निरीक्षक मुकेश कुमार अपनी टीम के साथ अटल टनल रोहतांग (धुंधी) पहुंचे। डीएसपी क्षमादत्त के नेतृत्व में पुलिस बचाव दल ने वाहनों का रेस्क्यू करके सकुशल मनाली पहुंचाया।
ऋषि महाजन/नूरपुर।हिमाचल के कांगड़ा जिला में पुलिस ने देह व्यापार के धंधे का पर्दाफाश किया है। मामले में हरियाणा निवासी को गिरफ्तार किया है। साथ ही एक एक लड़की को भी रेस्क्यू किया गया है। मामला पुलिस जिला नूरपुर के तहत का है।
बता दें कि पुलिस को पुलिस थाना डमटाल के अंतर्गत भदरोया में एक होटल में देह व्यापार के धंधे की सूचना मिली थी। सूचना मिलने के बाद नूरपुर पुलिस धंधे का पर्दाफाश करने के लिए जाल बिछाया। नूरपुर पुलिस ने होटल में दबिश दी।
पुलिस टीम ने होटल आरडी में अरुण कुमार पुत्र धर्म सिंह निवासी गांव व डाकघर सनोली खुर्द तहसील वापोली जिला पानीपत हरियाणा को रंगे हाथ देह व्यापार करवाते पकड़ा। पुलिस ने आरोपी को मौके से नकदी और लड़की सहित पकड़ा है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच जारी है।
मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना में शनिवार सुबह एक दुखद हादसा पेश आया है। यहां पर भारतीय वायुसेना के दो लड़ाकू विमान सुखोई-30 और मिराज 2000 दुर्घटनाग्रस्त हो गए। एक विमान में दो पायलट और दूसरे में एक पायलट था।
हादसे में एक पायलट की मौत हो गई है और दो पायलट को रेस्क्यू किया गया है। विमान आपस में ये टकाराए या नहीं इसकी जांच के लिए वायु सेना ने जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है।
हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर राहत एवं बचाव दल पहुंच गया। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, दोनों विमानों ने मध्यप्रदेश के ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी, जहां अभ्यास चल रहा था। रक्षा मंत्री ने एयरफोर्स चीफ से इस हादसे को लेकर बातचीत की है। वहीं, फाइटर जेट क्रैश को लेकर वायुसेना ने जांच बैठा दी है साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मामले पर नजर बनाए हुए हैं।
जानकारी के अनुसार सुखोई और मिराज 2000 ग्वालियर के एयरबेस से आज सुबह अभ्यास के लिए उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के तुंरत बाद दोनों विमान क्रैश होकर जंगल में गिर गए। ग्रामीणों के अनुसार, घटना सुबह लगभग दस बजे की है।
पहाड़गढ़ इलाके में ग्रामीणों ने आसमान में एक विमान जलते हुए देखा और फिर उसके टुकड़े जमीन में गिरते हुए देखा। इसके बाद आसपास हड़कंप मच गया। लोगों ने उस तरफ दौड़ लगाई जिस तरफ विमान के टुकड़े जलकर गिर रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ईश्वर महादेव मंदिर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
लोगों का कहना है कि इन विमानों में जब आग लगी तब वे मुरैना जिले के कैलारस कस्बे के ऊपर से गुजर रहे थे। तभी लोगों ने हवा में उन्हें आग से जलते देखा तो हड़कंप मच गया कि अगर इसका मलबा नीचे गिरा तो पूरा कस्बा तबाह हो सकता है। लेकिन मलबा काफी दूर जंगल मे गिरा। माना जा रहा है कि पायलट ने अपनी जान की बाजी लगाकर कस्बे को जलने से बचाया।
घटना की सूचना मिलते ही मुरैना के कलेक्टर और एसपी मौके पर पहुंचे और बड़ी संख्या में डॉक्टर और पुलिस के दल भी वहां पहुंच गए। घटना के बाद ग्वालियर के महाराजपुरा एयरबेस सेंटर से आधा दर्जन से ज्यादा हेलीकॉप्टर रवाना हुए। इसमें रेस्क्यू दल के सदस्य थे। दिल्ली और इलाहवाद से भी वायुसेना के वरिष्ठ अफसर मौके के लिए रवाना हुए।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा, “मुरैना के कोलारस के पास वायुसेना के सुखोई-30 और मिराज-2000 विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर अत्यंत दुखद है। मैंने स्थानीय प्रशासन को त्वरित बचाव एवं राहत कार्य में वायुसेना के सहयोग के निर्देश दिए हैं। विमानों के पायलट के सुरक्षित होने की ईश्वर से कामना करता हूं।”