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शिमला। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की केंद्र से मिली मदद के बयान पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने पलटवार किया है। आपदा के वक्त में केंद्र से मदद न मिलने को लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर निशाना साधा, साथ ही DGP मामले पर मुख्यमंत्री के प्रदेश लौटने के बाद उचित कदम उठाने की बात कही।
मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को प्रेस वार्ता में यह साफ करना चाहिए कि कब-कब और कितनी मदद के अंदर की ओर से मिली जबकि केंद्र से कोई अतिरिक्त आर्थिक सहायता आपदा के लिए प्रदेश को नहीं मिली केवल रूटीन के आर्थिक पैकेज प्रदेश को मिले।
नरेश चौहान ने दिल्ली में आने वाले लोकसभा के चुनावों के लिए केंद्रीय आलाकमान के साथ हुई बैठक का जिक्र भी किया। नरेश चौहान ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर विभिन्न राज्यों के नेताओं ने केंद्र के नेताओं के साथ मिलकर चर्चा की जिसमें चुनाव को लेकर रणनीति बनाई गई है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि कौन चुनाव लड़ेगा और कब नाम की घोषणा होगी इन तमाम सारी बातों को लेकर केंद्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा हुई है। इसमें हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रदेश की पार्टी अध्यक्ष समेत गई प्रदेश कांग्रेस के नेता भी दिल्ली बैठक में शामिल होने गए हैं।
वहीं, उच्च न्यायालय की ओर से कारोबारी निशांत शर्मा मामले में डीजीपी संजय कुंडू को वर्तमान पद से हटाए जाने वाले मामले पर नरेश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री के हिमाचल लौटने के बाद ही सरकार फैसला करेगी।
इस दौरान नरेश चौहान ने DGP को लेकर कहा कि यह अधिकारी पूर्व की भाजपा सरकार के भी बेहद करीबी रहे हैं। उच्च न्यायालय ने जो भी फैसला सुनाया है सरकार उस पर उचित फैसला मुख्यमंत्री के हिमाचल लौटने के बाद ही करेगी।
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस वर्ष बरसात के दौरान भारी बारिश, भू-स्खलन तथा बाढ़ से आई आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए ‘पुनर्वास’ कार्यक्रम के तहत ठोडो ग्राउंड में आज सोलन जिला में आपदा प्रभावित परिवारों को 11.31 करोड़ रुपए से अधिक की राहत राशि प्रदान की।
इनमें 377 परिवारों को मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने पर पहली किश्त के रूप में 3-3 लाख रुपए जारी किए। जिला सोलन के आपदा प्रभावितों को अब तक 42.53 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की जा चुकी है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला सोलन में आपदा के कारण 8700 परिवार प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिला में 377 घर पूरी तरह से तबाह हुए जबकि लगभग 500 घरों को आंशिक रुप से नुकसान पहुँचा।
उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों के घर के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है।
इसके अतिरिक्त बिजली-पानी का कनेक्शन राज्य सरकार फ्री प्रदान कर रही है और घर निर्माण के लिए सीमेंट भी सरकारी दरों पर 280 रुपए प्रति बैग की दर से दिया जा रहा है।
इसके अलावा कच्चे व पक्के मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में हर प्रभावित के दर्द में भागीदार है और प्रत्येक प्रभावित परिवार को उचित सहायता प्रदान कर रही है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव लेकर आई, लेकिन भाजपा का इस दौरान उदासीन रवैया ही रहा और राज्य सरकार के प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से अभी तक कोई विशेष पैकेज प्राप्त नहीं हुआ है, इसके बावजूद अपने सीमित संसाधनों से राज्य सरकार ने नियमों में बदलाव कर प्रभावितों की सहायता के लिए 4500 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज घोषित किया।
इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार चौधरी तथा संजय अवस्थी, विधायक विनोद सुल्तानपुरी और केएल ठाकुर, बघाट बैंक के चेयरमैन अरुण शर्मा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, जिला कांग्रेस अध्यक्ष शिव कुमार, महिला कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जैनब चंदेल, कांग्रेस नेता हरदीप सिंह बावा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव सुरेंद्र सेठी, उपायुक्त मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह, विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
शिमला। हिमाचल में आपदा प्रभावितों की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह एक और बड़ी घोषणा की है। अब आपदा प्रभावितों एलपीजी किट और राशन भी फ्री मिलेगा।
हिमाचल में हाल ही की बरसात में प्राकृतिक आपदा के कारण प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत एवं सहायता के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश सरकार की ओर से विभिन्न राहत उपायों की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों से स्थानांतरित कर किराये पर उपयुक्त आवासीय सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसके तहत आवास किराये पर लेने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 5,000 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि इन प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए, राज्य सरकार ने अब प्रभावित परिवारों के जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क घरेलू रसोई गैस कनेक्शन किट प्रदान करने का निर्णय लिया है।
इस किट में एक एलपीजी सिलेंडर, प्रेशर रेगुलेटर, हॉट प्लेट, सुरक्षा पाइप शामिल होंगे और एलपीजी घरेलू रिफिल और ब्लू बुक की लागत सहित सभी संबंधित खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस कदम से आपदा प्रभावित परिवारों को बिना किसी वित्तीय बोझ के खाना पकाने सहित अन्य सुविधाएं सुनिश्चित हो सकेंगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों को एलपीजी कनेक्शन के अलावा निःशुल्क राशन भी उपलब्ध करवाएगी। इस आवश्यक सामग्री के राशन पैकेज में 20 किलोग्राम गेहूं आटा, 15 किलोग्राम चावल, 3 किलोग्राम दाल, एक लीटर सरसों का तेल, एक लीटर सोया रिफाइंड तेल, एक किलोग्राम डबल फोर्टिफाइड नमक और 2 किलोग्राम चीनी शामिल है।
उन्होंने कहा कि निःशुल्क राशन की यह सुविधा 31 मार्च, 2024 तक प्रदान की जाएगी, जिससे आपदा प्रभावित परिवारों को खाद्य आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
संबंधित ज़िला नियंत्रक, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और खाद्य निरीक्षक इन आवश्यक वस्तुओं का उचित वितरण किराये के आवास में रहने वाले प्रभावित परिवारों तक सुनिश्चित करेंगे।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह पहल इस चुनौतीपूर्ण समय में आपदा प्रभावित परिवारों के प्रति सहानुभूति रखते हुए उन्हें पूर्ण सहयोग प्रदान करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि सरकार आवश्यकता के समय तत्काल राहत और सहायता प्रदान करने के लिए पूरे समर्पण के साथ कार्य कर रही है तथा प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति तक पहुंचने और अपने उपलब्ध संसाधनों से उन्हें सहायता प्रदान करने का हरसंभव प्रयास कर रही है।