नगरोटा बगवां डबल मर्डर : आरोपी बोला, भाई-भाभी को जान से मारने का नहीं था इरादा
ewn24news choice of himachal 28 Nov,2023 2:44 pm
मौके पर ऐसे बने हालात की चला दीं चार गोलियां
नगरोटा बगवां। हिमाचल के जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां पुलिस स्टेशन से तहत पड़ती पंचायत जसौर में बड़े भाई और भाभी की गोली मारकर हत्या करने के मामले का आरोपी दीपक कुमार अपनी पत्नी और बेटी के साथ झगड़े और मारपीट को लेकर तैश में था।
आरोपी बंदूक और गोलियां गाड़ी में ही रखता था। पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि उनका इरादा भाई और भाभी को जान से मारने का नहीं था। मौके पर जो हालात बने उनके चलते एक गोली के बाद चार गोलियां बड़े भाई और भाभी पर दाग दीं।
दोनों भाइयों विपन कुमार (मृतक) और दीपक कुमार (आरोपी) के बीच लंबे समय से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। दोनों भाइयों के बीच संबंध काफी खराब हो चुके थे। वारदात वाले दिन 2 नवंबर 2023 को विपन कुमार अपनी ड्यूटी पर स्कूल में था और आरोपी दीपक कुमार गाड़ी में अपने बेटे के साथ पास ही किसी निजी कार्य से गया था।
वारदात वाले दिन विपन के परिवार और आरोपी के परिवार के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ। बताया जा रहा है कि बात मारपीट तक पहुंच गई थी।
दोनों भाइयों की पत्नियों ने अपने पतियों को फोन कर बुलाया। विपन कुमार स्कूल से मौके पर पहुंचे। आरोपी दीपक कुमार गाड़ी में अपने बेटे के साथ पास ही कहीं पर गए थे वे भी मौके पर पहुंचे। पत्नी और बेटी के साथ झगड़े को लेकर तेश में थे।
आरोपी के अनुसार वह उन्हें जान से मारना नहीं चाहता था, लेकिन मौके पर हालात ऐसे बने की उसने पहले एक गोली चलाई और फिर चार गोलियां अपने बड़े भाई विपन कुमार (54) और भाभी रमा देवी (46) को मार दीं। आरोपी दीपक कुमार ने यह भी बताया कि उनके बड़े भाई विपन कुमार का माता और पिता के साथ व्यवहार भी ठीक नहीं था।
अपने भाई और भाभी को गोली मारने के बाद आरोपी रानीताल, वाया लंज, जवाली, नूरपुर होते कांगड़ा बॉर्डर क्रॉस कर दिल्ली फरार हो गया। पीड़ित के घर में बालिग सदस्यों की मौत हो चुकी थी और बच्चियां हीं थीं, ऐसे में नगरोटा बगवां पुलिस को सूचना देरी से मिली।
ऐसे में आरोपी को भागने का समय मिल गया। आरोपी 3 नवंबर को दिल्ली पहुंचा और होटल में रुका। 4 नवंबर को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर गाड़ी पार्क कर टिकट लेकर गोवा चला गया। दो दिन गोवा में रुकने के बाद फिर दिल्ली वापस आ गया।
इसी बीच मामले की जांच को डीएसपी कांगड़ा अंकित शर्मा और एसएचओ कांगड़ा की अगुवाई में गठित एसआईटी ने आरोपी की गाड़ी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से ट्रैस कर लिया, उसे रेलवे स्टेशन पर कब्जे में ले लिया। आरोपी जब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचा तो वहां गाड़ी नहीं थी। उसने लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि गाड़ी को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। जैसे ही उसे पुलिस द्वारा गाड़ी कब्जे में लेने की बात पता चली तो वह इसके बाद मथुरा भाग गया।
इस दौरान वह जयपुर, अंबाला, नोएडा और चंडीगढ़ भी रहा।आरोपी को पुलिस का इतना डर हो गया था कि कहीं भी पुलिस को देखता था तो भाग जाता था। इस दौरान आरोपी ने अपने परिवार से संपर्क करने की कोशिश भी की।
आरोपी ने पत्नी को चिट्ठी भी लिखी और फोन पर संपर्क भी करना चाहा। जब संपर्क नहीं हो पाया तो उसे आशंका हुई कि उनका परिवार मुसीबत में है। परिवार से बात न होने के कारण आरोपी दबाव में था। आरोपी ने एसपी ऑफिस धर्मशाला में सरेंडर कर दिया।