सोशल साइंस विषय में हाईएस्ट एग्रीगेट मार्क्स के लिए मिला पदक
कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला की दीक्षा शर्मा को गोल्ड मेडल से नवाजा गया है। दीक्षा शर्मा को एमए (सोशल साइंस विषय) में हाईएस्ट एग्रीगेट मार्क्स के लिए प्रोफेसर जी राम रेड्डी मेमोरियल गोल्ड मेडल प्रदान किया गया।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के 36वें दीक्षांत समारोह का आयोजन राजीव गांधी नवोदय विद्यालय तपोवन स्थित सभागार में किया गया। समारोह में 2794 शिक्षार्थियों को डिग्रियां बांटी गईं। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिरकत की।
कांगड़ा के जयंती विहार निवासी यशपाल शर्मा और किरन शर्मा की पुत्री दीक्षा शर्मा ने बीएससी डीएवी कांगड़ा से, एमएससी (केमिस्ट्री) एचपीयू शिमला से, बीएड धर्मशाला कॉलेज से की है। दीक्षा ने एमए साइकोलॉजी इग्नू से की है। वर्तमान में वह शिमला के एक निजी स्कूल में अध्यापिका हैं। गोल्ड मेडलिस्ट दीक्षा शर्मा की इस उपलब्धि से उनके पति मृदुल अवस्थि व परिजन बेहद खुश हैं।
धर्मशाला। डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि कांगड़ा जिले के बनखंडी में प्रस्तावित चिड़ियाघर (वृहद जूलॉजिकल पार्क) के निर्माण के लिए भूमि का चयन किया जा चुका है और अब परियोजना के ‘मास्टर ले आउट प्लान’ पर कार्य किया जा रहा है। करीब 200 हेक्टेयर भूमि पर प्रस्तावित इस पार्क के मास्टर लेआउट प्लान का प्रारूप अप्रैल माह के अंत तक तैयार कर लिया जाएगा।
बता दें कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बजट भाषण में कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी बनाने की घोषणा के साथ ही 300 करोड़ रुपये से बनखंडी में चिड़ियाघर (वृहद जूलॉजिकल पार्क) के निर्माण की बात कही थी। डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि जूलॉजिकल पार्क के निर्माण का कार्य तीन चरण में किया जाएगा। इसमें पहले चरण में 60 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मास्टर ले आउट प्लान का प्रारूप बनाने से पहले सभी हितधारकों के साथ परामर्श बैठक की जाएगी। उन्होंने एसडीएम को संबंधित क्षेत्र के ग्राम पंचायतों के प्रधानों और अन्य हितधारकों के साथ जल्द परामर्श बैठक करने को कहा।
डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने कांगड़ा जिले में विकास कार्यों को नई गति देने के मकसद से मंगलवार को धर्मशाला में जिला अधिकारियों की बैठक ली और जिले की सभी प्रमुख निर्माणाधीन और प्रस्तावित विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विकास परियोजनाओं को रफ्तार देने के लिए सभी का मार्गदर्शन करते हुए जरूरी निर्देश दिए।
5 घंटे से भी अधिक समय तक चली इस मैराथन बैठक में विकास परियोजनाओं को रफ्तार देने के लिए उनसे जुड़े हर पहलू पर गहन मंथन किया गया। डीसी ने सिलसिलेवार जिले के प्रत्येक उपमंडल में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति का जायजा लिया।
साथ ही वहां आगे प्रस्तावित विकास कार्यों को जमीन पर लाने के लिए भूमि चयन, डीपीआर बनाने तथा विभिन्न अनुमति और अन्य औपचारिकताओं को लेकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली। इस दौरान पर्यटन विकास परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा के साथ साथ डे बोर्डिंग स्कूल के लिए जमीन के मामले, विभिन्न विभागों के भवनों के निर्माण समेत सभी जन उपयोगी एवं विकास योजनाओं को गति देने पर मंथन किया गया। डॉ. निपुण जिंदल ने अधिकारियों को विकास परियोजनाओं के लिए भूमि चयन और एफआरए तथा एफसीए के मामलों को आगे बढ़ाने को कहा। उन्होंने सभी एसडीएम को उपमंडल स्तर पर एफआरए तथा एफसीए के मामलों पर मंथन के लिए गठित समन्वय समिति की बैठकें आयोजित कर विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
उन्होंने देहरा उपमंडल में प्रस्तावित गोल्फ कोर्स के लिए भी जल्द औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए, ताकि अप्रैल माह में इसके भूमिपूजन और निर्माण की दिशा में आगे बढ़ा जा सके। डीसी ने निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए यह ब्योरा लिया कि जो कार्य चल रहे हैं वे कहां तक पहुंचे हैं। कितना प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। यदि कहीं कोई कार्य अटका है तो उसके क्या कारण हैं।
इसके अलावा प्रस्तावित परियोजनाओं के लिए भूमि चयन तथा एफआरए व एफसीए के मामलों की वस्तुस्थिति क्या है। उन्होंने सभी विकास परियोजनाओं को समयबद्ध सिरे चढ़ाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोहित राठौर, सभी एसडीएम तथा बीडीओ समेत विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित रहे।
पालमपुर। कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों…। इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है विकास खंड सुलह की ग्राम पंचायत बारी के चंजेहड़ निवासी राजिंदर कंवर ने। अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत बलबूते युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का केंद्र बन गए हैं। एक ओर लोग खेती योग्य जमीन में बढ़ती लागत और मौसमी बदलावों से आ रही जटिलताओं की वजह से बंजर छोड़ रहे हैं।
वहीं, कांगड़ा जिला के चन्जेहड़ निवासी 75 वर्षीय राजिंदर कंवर ने प्राकृतिक खेती को अपनाकर समाज के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने प्राकृतिक खेती को अपनाया और कृषि लागत को लगभग शून्य किया जबकि मुनाफा दोगुना से अधिक प्राप्त कर रहे हैं।
राजिंदर, 22 कनाल (11 बीघा) जमीन पर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। इसमें गेहूं, भिंडी, चना, मटर, टमाटर, सरसों, घीया, तोरी, खीरा इत्यादि फसलों की प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसमें उनका व्यय 3 हजार और आय अढ़ाई लाख से अधिक है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती से उत्पन्न उत्पादों की औसतन आयु अन्य उत्पादों से अधिक है। बाजार में मूल्य अच्छा होने के साथ-साथ मांग भी अधिक होने से किसानों को दोगुना लाभ हो रहा है।
राजिंदर कंवर बताते हैं कि बंजर भूमि को खेती योग्य बनाने का काम सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती ने आसान किया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश कृषि विभाग के सहयोग से मध्य प्रदेश के झांसी में सुभाष पालेकर से प्राकृतिक खेती के विभिन्न आदानों के निर्माण, प्रयोग, कीट रोग प्रबंधन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने प्राकृतिक खेती को अपना कर सफलता प्राप्त की तो इससे उनका हौसला बढ़ गया। उन्होंने बंजर भूमि को खेती लायक बनाने की चुनौती स्वीकार किया और कड़ी मेहनत से प्राकृतिक खेती में सफलता हासिल की।
राजिंदर बताते हैं कि प्रशिक्षित होने के उपरांत आने के बाद उन्होंने साहीवाल नस्ल की गाय खरीदी। गाय के गोबर – मूत्र और स्थानीय वनस्पतियों से आदान बनाकर उन्होंने खेतों में इस्तेमाल शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि रसायनों का प्रयोग खेतों नहीं करने से उन्हें जल्दी ही अच्छे नतीजे मिले और इसके बाद उत्साह से खेतों में जुट गए।
उन्होंने प्राकृतिक खेती से 3 तरह की गेहूं उगाई है, जिसमें स्थानीय किस्म के साथ, बंसी और काली गेहूं भी सम्मिलित है। मिश्रित खेती के तौर पर गेहूं के साथ सरसों और मटर की फसल ली है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती में स्थानीय बीजों का बड़ा महत्व है। वह अपनी खेती में स्थानीय बीजों का ही इस्तेमाल करते हैं। इससे पैदावार और फसल गुणवत्ता बाकी किसानों के मुकाबले बेहतर रहती है।
राजिंदर गांव के अन्य किसानों और युवाओं को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब हमारा खानपान शुद्ध और रसायनरहित होगा तभी हम एक स्वस्थ जीवन यापन कर सकते हैं। आज के भागदौड़ भरे जमाने में अच्छे, पोषणयुक्त खाने का महत्व और बढ़ गया है। जब किसान रसायन रहित उगाएगा, तो उसका परिवार और आस पड़ोस ही नहीं देश भी सेहतमंद होगा।
धर्मशाला। हिमाचल के कांगड़ा जिला के धर्मशाला के ट्रैकिंग स्थल त्रियुंड में लापता दिल्ली के तीनों युवक रेस्क्यू कर लिए गए हैं। युवकों को मैक्लोडगंज ले आया गया है। युवकों की पहचान अशीष दुआ (23) निवासी दिल्ली, अनुभव सिंह (24) और अनमोल गाबा (23) निवासी रुद्रपुर उत्तराखंड के रूप में हुई है। युवकों त्रियुंड के रास्ते रेस्क्यू किया गया है। युवक मैक्लोडगंज की तरफ त्रियुंड से पैदल आ गए थे। रेस्क्यू टीम ने वहां से तीनों को रेस्क्यू कर लिया।
बता दें कि आज सुबह त्रियुंड में ट्रैकिंग के लिए निकले तीन युवक लापता हो गए थे। लापता युवकों की एक महिला साथी ने दिल्ली से फोन पर मैक्लोडगंज पुलिस को मामले की सूचना दी। बताया गया कि तीन युवक त्रियुंड ट्रैकिंग के लिए निकले थे। शनिवार तेज बारिश और बर्फबारी के बीच वे फंस गए हैं। सूचना मिलने के बाद मैक्लोडगंज पुलिस थाना और एसडीआरएफ की टीम रवाना की गई। युवकों को त्रियुंड के रास्ते में ट्रेस कर रेस्क्यू कर लिया गया।
मैक्लोडगंज पुलिस थाना प्रभारी रिंकू सूर्यवंशी ने युवकों के रेस्क्यू करने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि तीनों युवकों को सुरक्षित मैक्लोडगंज लाया गया है।
ऋषि महाजन/नूरपुर। हिमाचल के कांगड़ा जिला पुलिस स्टेशन डमटाल के तहत घर की रसोई से चिट्टा बरामद हुआ है। बता दें कि पुलिस स्टेशन डमटाल की टीम पेट्रोलिंग पर थी। जब पुलिस मोहटली पहुंची तो टीम को सिकंदर लाल (28) पुत्र दिलभाग सिंह निवासी मोहटली इंदौरा कांगड़ा द्वारा चिट्टा बेचे जाने की सूचना मिली। एसडीपीओ नूरपुर को 42(2) एनडीपीएस के तहत सूचना भेजी गई। इसके बाद पुलिस टीम ने सिकंदर लाल के घर में दबिश दी। तलाशी के दौरान सिकंदर लाल की रसोई से 21.26 ग्राम चिट्टा बरामद किया गया।
बैजनाथ। मुख्य संसदीय सचिव कृषि, पशुपालन, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज किशोरी लाल ने आज शनिवार को कांगड़ा जिला के बीड़ में 5 अप्रैल से 9 अप्रैल 2023 तक आयोजित होने वाले पैराग्लाइडिंग प्री-विश्व कप के संबंध में बैठक की अध्यक्षता की। किशोरी लाल ने कहा कि हिमाचल के कांगड़ा स्थित बैजनाथ के में विश्व प्रसिद्ध पैराग्लाइडिंग साइट बीड़ बिलिंग में लंबे अंतराल के बाद अप्रैल माह में पैराग्लाइडिंग प्री-विश्व कप का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि बीड़ बिलिंग में एक बार फिर विश्वभर के मानव परिंदे हवा में उड़ते नजर आएंगे। सीपीएस ने कहा कि पैराग्लाडिंग से बैजनाथ क्षेत्र को विश्व में पहचान मिली है।
उन्होंने कहा कि पैराग्लाइडिंग प्री-विश्व कप में बैजनाथ में दुनिया भर के पैराग्लाइडर्स आएंगे। उन्होंने कहा कि इसके आयोजन से विश्वभर में हमारे क्षेत्र का नाम प्रसिद्ध होगा। उन्होंने सभी विभागाध्यक्ष को निर्देश दिए कि इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए अपना सहयोग दें।
सीपीएस ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का विजन है कि कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के रूप विकसित किया जाए। उनके इस विजन को साकार करने में यहां पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने, विशेषकर जिले को साहसिक पर्यटन का हब बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पैराग्लाइडिंग से संबंधित जो मुद्दे होंगे उन्हें सरकार के समक्ष रखा जाएगा।
मुख्य संसदीय सचिव ने बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग स्कूल के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। सीपीएस ने कहा कि बीड़ बिलिंग पैराग्लाइडिंग स्कूल प्रशिक्षण देने वाला विश्व का पहला संस्थान होगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही यहां पैराग्लाइडर पायलटों के प्रशिक्षण की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी। वहीं क्षेत्र में पर्यटन को नए पंख लंगेगे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पैराग्लाइडिंग स्कूल के उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया जाएगा। इससे पूर्व मुख्य संसदीय सचिव ने आदर्श बेकरी बैजनाथ की एक शाखा का शुभारंभ मझेरना रोड पपरोला में किया।
इसके उपरांत बीड़-बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के निदेशक अनुराग शर्मा ने कहा कि पैराग्लाइडिंग प्री-विश्व कप का शुभारंभ 5 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष रघुवीर सिंह बाली करेंगे तथा समापन समारोह 9 अप्रैल को होगा। उन्होंने कहा कि समारोह के दौरान शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न स्थानीय कलाकारों द्वारा अपनी स्थानीय संस्कृति को विश्व भर से आए मेहमानों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इस दौरान एयरो और फ्लॉवर शो का भी आयोजन किया जाएगा।
अनुराग शर्मा ने कहा कि बीड़-बिलिंग पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व में दूसरे और एशिया में पहले स्थान पर है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर से 125 पैराग्लाइडिंग के प्रतिभागी यहां पैराग्लाइडिंग करने के लिए आएंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए अब तक 95 पैराग्लाइडिंग के पायलटों ने पंजीकरण करवा दिया है।
ऋषि महाजन/इंदौरा। हिमाचल के कांगड़ा जिला के पुलिस स्टेशन इंदौरा के तहत मृत मिली महिला की पहचान हो गई है। महिला की पहचान सुनीता (43) पत्नी संजीव कुमार निवासी चटक कोलियां नरोट जयमल सिंह तहसील और जिला पठानकोट के रूप में हुई है।
महिला की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में बलजीत सिंह (40) पुत्र रछपाल सिंह निवासी चटक कोलियां नरोट जयमल सिंह पठानकोट, बलजीत सिंह का छोटा भाई सुरजीत सिंह, अमनदीप उर्फ पवन (34) पुत्र बलकार सिंह निवासी मोंगा सोही पखरपुरा अमृतसर शामिल हैं।
बता दें कि पुलिस स्टेशन इंदौरा के तहत 25 फरवरी 2023 को फलाई गांव में एक महिला का शव मिला था। शव मिलने की सूचना के बाद इंदौरा थाना से पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव कब्जे में लिया। शव बुरी तरह क्षत विक्षत था। पहचान नहीं हो पा रही थी।
शव का पोस्टमार्टम नूरपुर अस्पताल में करवाया गया। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। गहनता से जांच के बाद महिला की पहचान भी कर ली और आरोपी भी धर दबोचे।
धर्मशाला।डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि जिले की चार उप तहसीलों राजा का तालाब, रे, ठाकुरद्वारा और सदवां में अब जमीन की रजिस्ट्री की सुविधा उपलब्ध रहेगी। लोगों को घरद्वार के समीप यह सुविधा मिलने से उनके धन और समय की बचत के साथ साथ कामकाज में आसानी होगी।
बता दें कि जिला कांगड़ा के फतेहपुर उपमंडल में बनी उप तहसील राजा का तालाब और रे, इंदौरा उपमंडल में बनी उप तहसील ठाकुरद्वारा तथा नूरपुर उपमंडल में बनी उप तहसील सदवां में पहले रजिस्ट्री की सुविधा उपलब्ध नहीं थी, जिस कारण इन चार उप तहसीलों के लोगों को रजिस्ट्री के कार्य के लिए अपने मुख्य तहसील कार्यालय जाना पड़ता था, लेकिन अब इन उप तहसीलों में रजिस्ट्री आरंभ होने से वहां लोगों को बड़ी सहूलियत होगी।
डीसी ने बताया कि कांगड़ा जिला की इन चार उप तहसीलों में रजिस्ट्री की सुविधा उपलब्ध करवाने को लेकर स्थानीय लोगों के विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों ने जिला प्रशासन के समक्ष अपनी मांग रखी थी। डीसी ने बताया कि लोगों को सुविधा उपलब्ध करवाने की दृष्टि से जिला प्रशासन ने मिशन मोड पर इस दिशा में कार्य किया। उन्होंने बताया कि इन चार उप तहसीलों में रजिस्ट्री की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए जिला प्रशासन ने इंटरनेट और कंपयूटर उपलब्ध करवा दिए हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त इन चार उप तहसीलों में सब-रजिस्ट्रार की लॉगइन आईडी भी एनआईसी द्वारा बना दी गई है। उन्होंने बताया कि इस सप्ताह से इन चार उप तहसीलों राजा का तालाब, रे, ठाकुरद्वारा और सदवां में रजिस्ट्री की सुविधा उपलब्ध हो गई है।
डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि लोगों को अपने घर द्वार के नजदीक सुलभ प्रशासनिक सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए लोगों को सुगम और सुलभ व्यवस्थाएं देने के लिए जिला प्रशासन कार्य कर रहा है।
मक्की व धान की फसलों पर 24 रुपये प्रति कनाल चुकाने होंगे
धर्मशाला।डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने गर्मियों के मौसम के दृष्टिगत जिले में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए जिला अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने जिले के पानी की कमी या सूखा प्रवण क्षेत्रों की पहचान करके ऐसे क्षेत्रों के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना तैयार करने को कहा। इस अवसर पर उन्होंने कृषि और बागवानी विभाग के अधिकारियों को फसलों के नुकसान का आकलन और रिपोर्टिंग के साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में बीमा कंपनियों के साथ समन्वय के निर्देश दिए।
डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान बहुत कम प्रीमियम देकर अपनी फसल का बीमा करवा सकते हैं। इसे लेकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पोर्टल पर 15 जुलाई तक आवेदन किए जा सकते हैं। योजना के तहत खरीफ सीजन के लिए मक्की व धान की फसलों पर 24 रुपये प्रति कनाल प्रीमियम देने पर 1,200 रुपये बीमा कवर का प्रावधान है । किसान नकदी फसलों जैसे टमाटर एवं आलू का बीमा भी करवा सकते हैं। किसान बुआई से लेकर फसल कटाई तक के जितने भी रिस्क हैं इसमें कवर होते हैं।
उन्होंने किसानों के लाभ के लिए मलचिंग और अन्य सूखा शमन उपायों जैसे जल संरक्षण के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करने को कहा। डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल अधिकारियों को खाद्य पदार्थों के थोक विक्रेताओं और निजी खुदरा विक्रेताओं का एक डेटाबेस तैयार करने के निर्देश दिए। ताकि आपातकालीन स्थिति में बिना समय गंवाए खाद्यान्न की व्यवस्था की जा सके।
उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को जंगल में आग लगने की घटनाओं की रोकथाम के लिए पूर्व तैयारी रखने और घटनाओं पर पैनी नजर रखने को कहा।
उन्होंने निर्देश दिए कि आपातकालीन स्थिति में वनों में आग पर नियंत्रण के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, कांगड़ा, अग्निशमन विभाग और स्थानीय समुदाय जैसे सभी हितधारकों के साथ समन्वय करें।
उपायुक्त ने सुरक्षित और पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने तथा ब्लीचिंग पाउडर, पानी कीटाणुशोधन गोलियों का पर्याप्त भंडारण करने को कहा।
इस अवसर पर एडीएम रोहित राठौर, एसडीएम शिल्पी बेक्टा, अधीक्षण अभियंता जल शक्ति दीपक गर्ग, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी जगतार ठाकुर , डीआरडीए के परियोजना अधिकारी सोनू गोयल सहित सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे ।
बैजनाथ । पैराग्लाइडिंग के लिए विश्वविख्यात घाटी बीड़ बिलिंग में अप्रैल माह में प्रस्तावित प्री-वर्ल्ड कप से पर्यटन कारोबारी चहक उठे हैं। लंबे अंतराल के बाद होने जा रहे एक्यूरेसी प्री-वर्ल्ड कप में भारतीय पैराग्लाइडिंग पायलटों के अलावा कई विदेशी पायलट अपने कौशल व कला का जौहर दिखाने को बेताब हैं।
जानकारी के मुताबिक अप्रैल माह में होने वाले इस कप में लगभग 5 देशों के 72 विदेशी पायलटों ने अपनी रजिस्ट्रेशन दर्ज करवाई है। ये सभी पायलट स्पेन, रशिया, नीदरलैंड, श्रीलंका व नेपाल से संबंधित हैं। इनमें 8 महिला पायलट भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि बीड़-बिलिंग घाटी में जब से पैराग्लाइडिंग अस्तित्व में आया है, तब से कई विदेशी पायलटों ने बिलिंग को पैराग्लाइडिंग के स्वर्ग का दर्जा दिया है। यहां पायलटों को प्रचुर मात्रा में उड़ान के लिए थर्मल मिलता है।
बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के निदेशक अनुराग शर्मा ने कहा कि एक्यूरेसी प्री-वर्ल्ड कप का आयोजन अब तक देश में संभव नहीं हो सका है और बीड़ में ही क्रॉस कंट्री प्री-वर्ल्ड कप व वर्ल्ड कप का आयोजन हो सका है। ऐसे में एक्यूरेसी प्री-वर्ल्ड कप देश में होने वाला पहला प्री-वर्ल्ड कप होगा।
इसे लेकर बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रतियोगिता एफएआई व पीडब्ल्यूसीए के निर्देशों के तहत होगी। बीड़-बिलिंग घाटी में प्री-वर्ल्ड कप को लेकर पायलटों सहित लोगों में रोमांच पैदा हुआ है। कप का आयोजन होने का लाभ उन सैकड़ों होटल कारोबारियों व होम स्टे संचालकों को मिलेगा, जोकि कोरोना काल के बाद से आर्थिक मंदी से जूझ रहे थे।
बता दें कि बीड़ बिलिंग घाटी पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व की बेहतरीन साइट है जहां 2016 में वर्ल्ड कप का आयोजन किया गया था उसके बाद यहां पर कोई भी इवेंट नहीं हो पाया है।