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शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के बनखंडी में प्रदेश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर बनाया जा रहा है। इसको लेकर केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने पहले ही मंजूरी दे दी है। सभी प्रक्रिया को जल्द पूरा कर काम शुरू हो जाएगा। प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से चिड़ियाघर की स्थापना एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगा।
यह जानकारी मंगलवार को शिमला में वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य अरण्यपाल वन्य प्राणी विंग अनिल ठाकुर ने वन्य प्राणी सप्ताह के दौरान मीडिया वर्कशॉप के दौरान दी।
अनिल ठाकुर ने बताया कि मीडिया वर्कशॉप के द्वारा मीडिया कर्मियों को सेंसेटाइज किया जा रहा है, ताकि जो भी खबरें अखबारों और टीवी के माध्यम से लोग देखते हैं, उनसे लोग वन्य प्राणियों के प्रति जागरूक और संवेदनशील हो सकें। उन्होंने बताया कि कांगड़ा के बनखंडी में चिड़ियाघर अगले तीन वर्ष में बनकर तैयार हो जाएगा। इसके लिए सारी प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
बता दें कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बजट भाषण में कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी बनाने की घोषणा के साथ ही 300 करोड़ रुपये से बनखंडी में चिड़ियाघर (वृहद जूलॉजिकल पार्क) के निर्माण की बात कही थी।
जूलॉजिकल पार्क के निर्माण का कार्य तीन चरण में किया जाएगा। इसमें पहले चरण में 60 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। पार्क करीब 200 हेक्टेयर भूमि पर बनना प्रस्तावित है।
सभी हितधारकों के साथ परामर्श बैठक होगी
धर्मशाला। डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि कांगड़ा जिले के बनखंडी में प्रस्तावित चिड़ियाघर (वृहद जूलॉजिकल पार्क) के निर्माण के लिए भूमि का चयन किया जा चुका है और अब परियोजना के ‘मास्टर ले आउट प्लान’ पर कार्य किया जा रहा है। करीब 200 हेक्टेयर भूमि पर प्रस्तावित इस पार्क के मास्टर लेआउट प्लान का प्रारूप अप्रैल माह के अंत तक तैयार कर लिया जाएगा।
बता दें कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बजट भाषण में कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी बनाने की घोषणा के साथ ही 300 करोड़ रुपये से बनखंडी में चिड़ियाघर (वृहद जूलॉजिकल पार्क) के निर्माण की बात कही थी। डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि जूलॉजिकल पार्क के निर्माण का कार्य तीन चरण में किया जाएगा। इसमें पहले चरण में 60 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मास्टर ले आउट प्लान का प्रारूप बनाने से पहले सभी हितधारकों के साथ परामर्श बैठक की जाएगी। उन्होंने एसडीएम को संबंधित क्षेत्र के ग्राम पंचायतों के प्रधानों और अन्य हितधारकों के साथ जल्द परामर्श बैठक करने को कहा।
डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने कांगड़ा जिले में विकास कार्यों को नई गति देने के मकसद से मंगलवार को धर्मशाला में जिला अधिकारियों की बैठक ली और जिले की सभी प्रमुख निर्माणाधीन और प्रस्तावित विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विकास परियोजनाओं को रफ्तार देने के लिए सभी का मार्गदर्शन करते हुए जरूरी निर्देश दिए।
5 घंटे से भी अधिक समय तक चली इस मैराथन बैठक में विकास परियोजनाओं को रफ्तार देने के लिए उनसे जुड़े हर पहलू पर गहन मंथन किया गया। डीसी ने सिलसिलेवार जिले के प्रत्येक उपमंडल में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति का जायजा लिया।
साथ ही वहां आगे प्रस्तावित विकास कार्यों को जमीन पर लाने के लिए भूमि चयन, डीपीआर बनाने तथा विभिन्न अनुमति और अन्य औपचारिकताओं को लेकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली। इस दौरान पर्यटन विकास परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा के साथ साथ डे बोर्डिंग स्कूल के लिए जमीन के मामले, विभिन्न विभागों के भवनों के निर्माण समेत सभी जन उपयोगी एवं विकास योजनाओं को गति देने पर मंथन किया गया। डॉ. निपुण जिंदल ने अधिकारियों को विकास परियोजनाओं के लिए भूमि चयन और एफआरए तथा एफसीए के मामलों को आगे बढ़ाने को कहा। उन्होंने सभी एसडीएम को उपमंडल स्तर पर एफआरए तथा एफसीए के मामलों पर मंथन के लिए गठित समन्वय समिति की बैठकें आयोजित कर विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
उन्होंने देहरा उपमंडल में प्रस्तावित गोल्फ कोर्स के लिए भी जल्द औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए, ताकि अप्रैल माह में इसके भूमिपूजन और निर्माण की दिशा में आगे बढ़ा जा सके। डीसी ने निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए यह ब्योरा लिया कि जो कार्य चल रहे हैं वे कहां तक पहुंचे हैं। कितना प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। यदि कहीं कोई कार्य अटका है तो उसके क्या कारण हैं।
इसके अलावा प्रस्तावित परियोजनाओं के लिए भूमि चयन तथा एफआरए व एफसीए के मामलों की वस्तुस्थिति क्या है। उन्होंने सभी विकास परियोजनाओं को समयबद्ध सिरे चढ़ाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोहित राठौर, सभी एसडीएम तथा बीडीओ समेत विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित रहे।
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में कांगड़ा जिला को टूरिज्म कैपिटल के रूप में विकसित करने की घोषणा की है। इसके लिए योजना तैयार की जाएगी। बड़ा गोल्फ कोर्स बनाया जाएगा। ओल्ड एज होम व आईस स्केटिंग रिंक विकसित होंगे। पौंग झील में वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां शुरू होंगी। शिकारे आदि की व्यवस्था की जाएगी।
बजट भाषण में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा के बनखंडी में 300 करोड़ की लागत से चिड़ियाघर बनाने की घोषणा की। चिड़ियाघर का निर्माण 180 हेक्टयर क्षेत्र में तीन चरणों में किया जाएगा। इस वित्त वर्ष चिड़ियाघर के लिए 60 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जमीन का चयन कर लिया है। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने एक साल के अंदर सभी जिलों को हेलीपोर्ट से जोड़ दिया जाएगा।