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शिमला। हिमाचल लोक सेवा आयोग ने असिस्टेंट टाउन प्लानर के पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। आयोग ने इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगें हैं। इच्छुक अभ्यर्थी 23 जनवरी 2023 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
असिस्टेंट टाउन प्लानर के पांच पद भरे जाएंगे। इनमें चार अनारक्षित, एक एसटी के लिए आरक्षित है। ये पद टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग में भरे जाएंगे। यह जानकारी हिमाचल लोक सेवा आयोग के सचिव डीके रतन ने दी है।
बता दें कि हिमाचल लोक सेवा आयोग (HPPSC) ने प्लांट इंजीनियर के पदों की अस्थाई रिजेक्ट लिस्ट जारी कर दी है। इसमें 88 अभ्यर्थियों के आवेदन रिजेक्ट किए हैं। अगर किसी को प्रस्तावित अस्वीकृति के विरुद्ध अभ्यावेदन हो तो आवश्यक सहायक दस्तावेजों के साथ कर सकते हैं। यह आयोग के कार्यालय में दिनांक 02 जनवरी 2023 तक सचिव, लोक सेवा आयोग, निगम विहार, शिमला-171002 हिमाचल प्रदेश के नाम से पहुंच जाने चाहिए। इस तिथि के बाद किसी अभ्यावेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।
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बता दें कि प्लांट इंजीनियर क्लास टू के पद अनुबंध आधार पर भरे जाने हैं। यह पद पशुपालन विभाग के तहत स्टेट कॉरपोरेटिव मिल्क प्रोडूसर फेडरेशन में भरे जाने हैं। इन पदों के लिए 19 मई 2022 को विज्ञापन जारी हुआ था।
शिमला। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 14वीं हिमाचल विधानसभा में विपक्ष के नेता (Leader of Opposition) होंगे। हिमाचल विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर चौधरी चंद्र कुमार ने जयराम ठाकुर सदस्य विधान सभा को 14 वीं हिमाचल विधान सभा में विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता दी है।
बता दें कि रविवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को विधायक दल का नेता चुना गया था। भाजपा विधायक दल की बैठक में भाजपा नेता मंगल पांडे ने जयराम ठाकुर का नाम प्रस्तावित किया था, जिसके बाद सभी विधायकों ने हाथ खड़े कर एक मत से जयराम ठाकुर के नाम पर सहमति जताई।
अब हिमाचल विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर ने जयराम ठाकुर को 14वीं विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। भाजपा के पास नेता प्रतिपक्ष की मान्यता को लेकर आंकड़ा पूरा है।
13वीं विधानसभा में मौजूदा सरकार में बनाए गए डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री नेता प्रतिपक्ष थे। हालांकि कांग्रेस सरकार के पास आंकड़ा पूरा नहीं था। पर जयराम सरकार ने मुकेश अग्निहोत्री को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिया था।
शिमला । भाजपा विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर जमकर हल्ला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार कैबिनेट के गठन तक नहीं कर पाई है, लेकिन पूर्व सरकार में खोले गए संस्थानों को धड़ाधड़ बंद कर रही है।
सरकर का शपथ ग्रहण भी सही मुहूर्त में नहीं हुआ है। अनिश्चितता में ही सरकार रहती है, ऐसे में अगर मिशन लोटस होता है तो भाजपा उसके लिए जिम्मेदार नहीं होगी। मुख्यमंत्री एक दिशा में, उप मुख्यमंत्री एक दिशा में और विधायक और दिशा में हैं। अगर मिशन लोटस होता है तो हम उसकी वजह नहीं होंगे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार बने हुए 15 दिन हो गए हैं और इन 15 दिन में केवल बंद बंद और बंद देखने को मिला है। विभिन्न संस्थानों को बंद किया गया और सीमेंट फैक्टरी बंद हो गई। सरकार समीक्षा का अधिकार तो रखती है, लेकिन फंक्शनल हो चुके दफ्तरों को बंद करना असंवैधानिक है।
भाजपा की 2017 में सरकार बनने के बदले की भावना से काम न करने का प्रण लिया था, जिसे निभाया भी गया, लेकिन इस सरकार ने सारी हदें पार करते हुए सभी संस्थान बंद कर दिए।
सरकार में बंद एक्सप्रेस शुरू हुई है और मंत्रिमंडल भी बंद है। अभी तक सरकार मंत्रिमंडल का गठन नहीं कर पाई है। ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है कि बिना कैबिनेट की मीटिंग के अलोकतांत्रिक निर्णय हो रहे हैं। राज्यपाल को भी इसकी शिकायत की गई है, ताकि इसकी रिपोर्ट मांगी जाए कि क्या सरकार के पास ऐसा अधिकार है।
सीमेंट प्लांट बंद होने से 30 हजार लोगों के रोजगार पर तलवार लटक गई है। फैक्ट्री बंद होने से विकास कार्य ठप हो गए हैं। सीमेंट कंपनियों से कहा जा रहा है कि चुनाव में कुछ भी नहीं किया है।
कांग्रेस ने 10 दिन में ओपीएस (OPS) देने का वादा किया था, लेकिन 15 दिन बीत जाने पर कैबिनेट के गठन तक नहीं हो पाया है। जेओए आईटी पेपर लीक का मामला सामने आया है। सरकार की तरफ से बनाए गए मीडिया एडवाइजर बड़े-बड़े बयान दे रहे हैं, जबकि उनको यह अधिकार नहीं है। क्या मामले को लेकर कांग्रेस सरकार सीबीआई जांच करेगी।
शिमला। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हिमाचल भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। इसके बाद भाजपा ने नवनियुक्त विधायक दल के नेता पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को कांग्रेस सरकार के विरुद्ध एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा बदला-बदली की भावना से पूर्व भाजपा सरकार द्वारा खोले गए विभिन्न विभागों के सरकारी संस्थानों को बंद करने बारे था।
मांग की है कि प्रदेश सरकार द्वारा राजनीतिक द्वेष की भावना से लिए गए इन सभी जनविरोधी निर्णयों को तुरंत जनहित में वापस लिया जाए, ताकि प्रदेश में विकास की अविरल धारा निरंतर प्रवाहित होती रहे, अन्यथा भारतीय जनता पार्टी इन जनविरोधी निर्णयों के विरूद्ध पूरे प्रदेश में जन आंदोलन करेगी।
हिमाचल भाजपा का कहना है कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार देखने को मिल रहा है, जब किसी सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरूआत जनविरोधी निर्णयों से की हो।
किसी भी प्रदेश की उन्नति, प्रगति एवं विकास तभी संभव है, जब उस प्रदेश की सरकार सकारात्मक सोच और दलगत राजनीति से उपर उठकर कार्य करें, परन्तु हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार की कार्यप्रणाली बदला-बदली एवं राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित है।
पिछले कुछ दिन में प्रदेश सरकार ने पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा जनता के हितों व सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बजटीय प्रावधान के साथ जो सरकारी संस्थान खोले थे, उन्हें राजनीतिक द्वेष के चलते बंद करने के आदेश पारित किए हैं।
हिमाचल प्रदेश में अब तक राज्य विद्युत 32, स्वास्थ्य संस्थान (पीएचसी, सीएचसी, अस्पताल) 291, विभाग के तहसीलें 3, उप-तहसीलें 20, कानूनगो सर्कल 9, पटवार सर्कल 80, आईटीआई 17, रेवेन्यू सब डिवीजन सर्कल / डिवीजन / सब-डिवीजन / सेक्शन 16, 2, लोक निर्माण विभाग एसडीपीओ / पुलिस स्टेशन / पुलिस पोस्ट 18, आयुर्वेदिक अस्पताल 3, आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्र 41, अन्य 42 सहित 574 कार्यालयों को बंद कर दिया गया है जो न केवल जनविरोधी है बल्कि तानाशाही निर्णय है, जिसे कदापि सहन नहीं किया जा सकता है।
भाजपा सरकार ने कैबिनेट बैठक में निर्णय लेकर सभी संस्थान आवश्यकतानुसार एवं बजटीय प्रावधान के साथ खोले थे। इन कार्यालयों में कामकाज सुचारू रूप से चलना प्रारंभ भी हो गया था और लोगों को सुविधाएं भी मिल रही थीं. परन्तु मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने बिना कैबिनेट बैठक के विभिन्न सरकारी संस्थानों को बंद करने के आदेश पारित कर दिए, जोकि कानून संगत भी नहीं हैं और कांग्रेस पार्टी की संकीर्ण व दुषित मानसिकता का परिचायक है।
कांग्रेस सरकार को चाहिए था कि वो पूर्व भाजपा सरकार के कार्यों को आगे बढ़ाकर प्रदेश के विकास के लिए कार्य करती परन्तु यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस सरकार सत्ता प्राप्ति के बाद से ही अपनी राजनीतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए जनहितों के विरुद्ध कार्य कर रही है, जिसकी भारतीय जनता पार्टी कड़े शब्दों में आलोचना करती है।
शिमला। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए हैं। शिमला के पीटरहॉफ में रविवार सुबह हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में ये फैसला लिया गया। सभी विधायकों ने एक मत से जयराम ठाकुर का नाम दिया।
बैठक में भाजपा राष्ट्रीय मंत्री विनोद तावड़े पर्यवेक्षक के रुप में सम्मिलित हुए। बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप , भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना, सह प्रभारी संजय टंडन और मंगल पांडे उपस्थित रहे।
मंगल पांडे ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि विधायक दल की बैठक में भाजपा विधायक दल के नेता के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का चयन हुआ है।
उन्होंने बताया कि उनका नाम विपिन परमार, सतपाल सत्ती, बलवीर वर्मा, डॉक्टर जनक राज सहित सभी 24 विधायकों ने प्रस्तावित किया और कुछ क्षणों में उनके नाम पर मोहर लगी।
पांडे ने बताया कि जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार में रहते हुए अच्छा कार्य किया और उनकी देखरेख में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की नकारात्मक सरकार का सामना करेगी।