शिमला। हिमाचल में सुक्खू सरकार और कांग्रेस संगठन में तालमेल न होने की बात सामने आती रही है। हिमाचल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी कई बार इस पर सवाल उठाती रही ह।
अब सरकार और संगठन के बीच तालमेल को लेकर तोड़ निकाल लिया गया है। इसके लिए एक कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाई जाएगी। इसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री सहित 6 सदस्य होंगे।
बाकी तीन सदस्य का नाम हाईकमान अनाउंस करेगा और कमेटी को लेकर आदेश जारी करेगा। तीन सदस्य के नाम भी तय कर लिए हैं, लेकिन अभी खुलासा नहीं किया है। हाईकमान नामों पर मुहर लगाएगा।
यह खुलासा हाईकमान द्वारा भेजे ऑब्जर्वर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने शिमला में प्रेस वार्ता में किया।
कमेटी सरकार और संगठन में तालमेल का काम करेगी। विभिन्न मुद्दों पर सहमति बनाएगी। साथ ही यह भी निर्णय लिया है कि कोई भी विधायक, संगठन का पदाधिकारी पार्टी या सरकार के बारे अंदरुनी मामलों को लेकर प्रेस में नहीं जाएगा।
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पार्टी की राज्यसभा चुनाव में हार हुई है। इसके कारणों की जांच की गई है। छोटे-मोटे मतभेदों को दूर कर लिया गया है। पांच साल कांग्रेस की सरकार रहेगी।
फलों के दाम तय करने की गारंटी को लेकर सरकार पर हमला
धर्मशाला। हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन भी विपक्ष ने कांग्रेस सरकार की गारंटी को लेकर सदन के बाहर खूब हल्ला बोला।
विपक्ष के विधायक सेब की पेटियां लेकर विधानसभा पहुंचे और सरकार से पूछा कि सरकार ने बागवानों को फलों के दाम खुद तय करने की गारंटी दी थी वो कब पूरी होगी। कांग्रेस सरकार ने बागवानों से धोखा किया है जो बर्दाश्त नहीं होगा।
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले 10 गारंटी दी थी जिनमें एक गारंटी बागवानों को उनके फलों के दाम खुद तय करने की दी थी जिसे पूरा नहीं किया गया है।
जब किसान बागवान सरकार के पास इस गारंटी को लेकर पहुंचे तो सरकार ने कहा कि दुनिया में कहीं भी ऐसा कानून नहीं है जहां पर बागवान खुद अपने फलों का दाम तय कर सकते हो।
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने पूछा कि जब ऐसा कानून ही नहीं है तो कांग्रेस में ने ऐसी झूठी गारंटी बागवानों को क्यों दी। सरकार ने किसानों बागवानों को ठगा है इसलिए विपक्ष लगातार गारंटी को याद दिलाने का काम कर रही है।
पांच गारंटी सत्र के दौरान सरकार को याद दिलाई गई है और आने वाले समय में बची हुई पांच अन्य गारंटी को लेकर भी सरकार से सवाल किया जाएगा।
तपोवन (धर्मशाला)। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की साड़ी और चूड़ी वाली बात पर पच्छाद की विधायक रीना कश्यप नाराज दिखीं।
धर्मशाला के तपोवन में हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान रीना कश्यप ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन के अंदर लंच से पहले साड़ी और चूड़ी को लेकर जो बात कही गई थी, वह मेरे हिसाब से कहीं न कहीं महिलाओं का अपमान है।
क्योंकि साड़ियां और चूड़ियां तो देवियों का पहनावा है और हमारी भारतीय संस्कृति है। अतः मैं सरकार से पूछना चाहूंगी कि जिन महिलाओं के दम पर आप यहां पर जीतकर आए हैं, आप उन महिलाओं के लिए इस प्रकार की बात कैसे कर सकते हैं। मुझे इस बात से ठेस पहुंची है और मेरा मुख्यमंत्री से निवेदन है कि वह पूरे प्रदेश की महिलाओं से माफी मांगें और अपने शब्द वापस लें।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कहा कि वह रिकार्ड देखेंगे और अगर कुछ अवांछित होगा तो उसे कार्यवाही से हटा दिया जाएगा।
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने साफ किया कि विधायक रीना कश्यप द्वारा कही गई बात तथ्यों पर आधारित नही़ है।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि जो विपक्ष के विधायक हैं वे कल को साड़ियां और चूड़ियां पहनकर भी आ सकते हैं। उन्होंने किसी महिला या महिला समाज के प्रति कोई टिप्पणी नहीं की है। मर्द लोग भी तो साड़ी और चूड़ी पहनते हैं। मुख्यमंत्री ने ऐसी कोई बात नहीं कहीं, बाकी रिकॉर्ड चेक कर लें और अगर कुछ अवांछित हो तो उसे डिलीट कर सकते हैं।
डलहौजी। चंबा जिला के सलूणी के भांदल में युवक मनोहर की निर्मम हत्या के बाद पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और भाजपा नेताओं को रोक दिया गया।
विनम्र विनती के बाद भी उनके आगे नहीं जाने दिया गया तो भाजपा नेताओं ने सड़क पर बैठकर भजन कीर्तन शुरू कर दिया। इसके बाद भी उनके इजाजत नहीं दी गई। यहां से भाजपा नेता डलहौजी रवाना हुए।
डलहौजी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधानसभा के अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि जो हादसा चंबा में हुआ है उससे हमारे दिल को ठेस पहुंची है हम सब केवल मनोहर को न्याय दिलाने के लिए एकत्र हो रहे हैं।
डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि हमने प्रशासन से बहुत गुहार लगाई और करीब चार बार उनसे मिले, एक घंटे इंतजार किया और श्री राम जय जय राम का पाठ भी किया पर हमें पीड़ित परिवार के पास जाने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी।
हमने प्रशासन को कहा कि अगर मुख्यमंत्री सुक्खू इस परिवार के पास चले गए होते तो हमें लगता कि प्रदेश का कोई बड़ा व्यक्ति गया है लेकिन प्रशासन ने हमें जाने नहीं दिया, इसलिए भाजपा ने तय किया है कि हम कल 17 जून को प्रदेश के सभी 12 जिला मुख्यालों पर एक धरना-प्रदर्शन का आयोजन करेंगे और डिप्टी कमिश्नर के माध्यम से राज्यपाल को इस जघन्य हत्याकांड को लेकर एक ज्ञापन भी भेजेंगे।
उन्होंने कहा हिमाचल में हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि एक अकेला युवक जिसके माता-पिता है, बहनों की शादी हो गई है उसकी जघन्य हत्या की गई और शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर नाले में डाल दिए गए। इस प्रकार के अपराध को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा हमारा प्रदेश देवभूमि है जा हर गांव गांव में खंड खंड में देवी देवता का वास है। वीर भूमि है यहां के वीर सपूत देश की रक्षा करते हैं और देश के लिए बलिदान देना अपना गौरव मानते हैं, पर हमारे प्रदेश में इस प्रकार का हत्याकांड जिसने हमारी आत्मा को झकझोर कर रख दिया है इससे पूरा देश और प्रदेश स्तब्ध है।
जिस प्रकार से अपराधी ने यह अपराध किया है हम कल्पना भी नहीं कर सकते, यह घटना नहीं सदारण है और जिस व्यक्ति ने अपराध किया है वह भी साधारण नहीं हो सकता।
हमारा प्रदेश एक शांतिप्रिय प्रदेश है पर इस घटना के पीछे क्या पक रहा है वह जनता जानना चाहती हैं ? कहीं गहरे राज इसे बेनकाब हो सकते हैं, क्रॉस बॉर्डर क्या पक रहा है उसका भी अंदाजा हमें इन खुलासों से हो सकता है। सरकार ने जब से यह हत्या हुई है तब से कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, यह तो स्थानीय लोगों ने जिस प्रकार से धरना प्रदर्शन किए हैं उसके दबाव में आकर सरकार ने अपराधी को हिरासत में लिया है।
बहुत सारे स्थानीय लोग इस अपराधी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं पर आम जनता एक प्रश्न पूछ रही है क्या यहां पर कोई अतीक अहमद जैसा सरगना काम तो नहीं कर रहा ? क्या इस पूरे मामले की बहुत बड़ी और गहरी जांच की जरूरत है ?
बिंदल बोले कि भाजपा का लक्ष्य किसी प्रकार का अराजकता फैलाने का नहीं है, केवल पीड़ित परिवार से मिलकर उसका मनोबल बढ़ाने का कार्य है। हम प्रशासन के साथ खड़े हैं, पर जिस प्रकार हिमाचल प्रदेश ने एसआईटी का गठन किया है वह हमें मंजूर नहीं है।
शायद सरकार को इस मामले की गंभीरता समझ नहीं आ रही है। सरकार के कुछ लोग इस अपराधी को शरण देने का प्रयास कर रहे हैं। हम सरकार से एक निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं और जिस प्रकार हमारे नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने एनआईए जांच की मांग करी है उसका हर समर्थन करते हैं।
इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, विधायक हंसराज, पूर्व मंत्री राकेश पठानिया डी एस ठाकुर, विक्रम जरियाल, पवन नय्यर राजेश ठाकुर जिया लाल रीता धीमान राजेश ठाकुर अर्जुन ठाकुर अमित ठाकुर नागपाल उपस्थित रहे।
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में हाल ही में मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री के साथ प्रदेश में सड़क अधोसंरचना के विकास को लेकर हुई चर्चा के दौरान उठाए गए विभिन्न मामलों की प्रगति की समीक्षा की गई। दिल्ली में प्राधिकरण के सदस्य मनोज कुमार इस बैठक में विशेष रूप से उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़क सम्पर्क को सुदृढ़ करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) प्रदेश में संचालित की जा रही फोरलेन सड़क परियोजनाओं को तीव्र गति प्रदान करे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वन स्वीकृतियों सहित अन्य सभी प्रक्रियाओं को सरल एवं समयबद्ध किया है। राज्य सरकार सड़कों के विकास में प्राधिकरण को हरसंभव मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की शिमला से मटौर तथा लगभग 12 हजार करोड़ रुपए की पठानकोट से मंडी तक फोरलेन सड़क तैयार करने के लिए प्राधिकरण सैद्धांतिक तौर पर सहमत हो गया है। इसके साथ ही प्रदेश में सड़कों के विस्तारीकरण के दौरान पहाड़ों की कटाई से होने वाले भू-स्खलन एवं पत्थर इत्यादि गिरने से रोकने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) एक कांसेप्ट पेपर तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि बारिश में इन सड़कों पर पत्थर एवं मलबा इत्यादि गिरने से रोकने की परियोजना पर एनएचआई के माध्यम से लगभग 300 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सड़क सम्पर्क बेहतर होने से यहां पर्यटकों की आमद बढ़ेगी और उन्हें बेहतर सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है और इस दृष्टि से भी पठानकोट-मंडी व शिमला-मटौर फोरलेन सड़क परियोजनाएं महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि मंडी शहर के समीप 19 किलोमीटर के भाग को छोड़कर पठानकोट-मंडी फोरलेन सड़क परियोजना के विभिन्न पैकेज की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शीघ्र तैयार की जाए। इसके अतिरिक्त उन्होंने हमीरपुर बाईपास की डीपीआर जल्द तैयार करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार विद्युत चालित वाहनों के संचालन को भी बढ़ावा दे रही है। ऐसे में प्राधिकरण इन फोरलेन सड़क परियोजनाओं में विद्युत चालित वाहनों के लिए उचित दूरी पर चार्जिंग स्टेशन का भी प्रावधान रखे। उन्होंने कहा कि सड़कों की दूरी कम करने तथा लोगों के बहुमूल्य समय की बचत के उद्देश्य से यहां सुरंग निर्माण की संभावनाएं भी तलाशी जाएं।
उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की गई भूमि का मुआवज़ा प्रदान करने के लिए प्रक्रिया तेज की गई है और सबंधित उपायुक्तों को इस बारे में आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सहयोग से बस पोर्ट का व्यवसायिक मॉडल तैयार करने तथा राज्य में रोप-वे परियोजनाओं विशेष तौर पर हिमानी चामुंडा एवं बिजली महादेव रोप-वे के विकास में एनएचएआई से आवश्यक सहयोग पर भी बैठक में विस्तार से चर्चा की गई।
इसके अतिरिक्त फोरलेन सड़कों के मैदानी क्षेत्रों वाले भागों में वाहनों की गति सीमा बढ़ाने, इन सड़क मार्गों के किनारे वे-साईड सुविधाएं उपलब्ध करवाने तथा राजस्व आवंटन से संबंधित मामलों पर भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव आर.डी. नजीम व ओंकार चंद शर्मा, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
शिमला। हिमाचल प्रदेश की कैबिनेट बैठक सीएम सुक्खू की अध्यक्षता में शुरू हो गई है। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
इस माह एक हफ्ते में कैबिनेट की ये तीसरी बैठक है।
बैठक में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र से पहले बुलाई गई इस बैठक में बजट को अंतिम रूप दिया जा सकता है। इसके अलावा बैठक में कांग्रेस की गारंटियों पर भी चर्चा की जा सकती है।
इसमें 18 से 60 साल तक की आयु वर्ग की महिलाओं को 1,500 दिए जाने को लेकर सरकार फैसला ले सकती है। इस गारंटी को लागू करने से पहले कैबिनेट ने सब कमेटी का गठन किया है। सब कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सोमवार को होने वाली मीटिंग में हो सकता है और सरकार इस पर कोई फैसला ले सकती है।
बता दें कि मार्च माह के पहले हफ्ते में ही यह कैबिनेट की तीसरी बैठक होगी। इससे पहले एक मार्च को कैबिनेट की बैठक बुलाई गई थी। बैठक के बाद आगामी बैठक 3 मार्च को रखी गई थी।
तीन मार्च को हुई कैबिनेट की बैठक में ओपीएस की एसओपी, एनएचएम में आशा वर्कर के पद भरने सहित अन्य कुछ निर्णय हुए थे। यह सुक्खू कैबिनेट की चौथी बैठक थी। चौथी कैबिनेट के दो दिन बाद ही 5वीं कैबिनेट की बैठक भी बुला ली गई है।