मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विपक्ष के नेता काउंटिंग हॉल के पास आकर बार-बार काउंटिंग ऑफिसर को धमका रहे हैं जो कि लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
इन्होंने पहले काफी देर वोटिंग रोकी। सब्र रखिए विधायकों पर दबाव न डालें। विपक्ष जिस तरह की गुंडागर्दी कर रहा है हिमाचल की जनता उसको कभी स्वीकार नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। उनके परिवार वाले उनसे संपर्क करना चाह रहे हैं। इसलिए वे परिवार वालों से संपर्क करें। लोकतंत्र में सबको अपनी मर्जी से मत करने का अधिकार होता है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने सरकार पर आचार संहिता उल्लंघन के आरोप जड़े हैं। रिजल्ट आने से पहले विधायक सुदर्शन कुमार बबलू की वोटिंग को लेकर विपक्ष ने खूब हंगामा किया।
इसी के साथ जयराम ठाकुर ने कांग्रेस प्रत्याशी के दिल्ली से आए इलेक्शन एजेंट पर बदसलूकी के आरोप भी लगाए हैं।
बता दें कि अस्वस्थ चल रहे सुदर्शन कुमार बबलू भी मंगलवार सुबह वोट डालने के लिए शिमला पहुंचे। उन्हें शिमला लाने के लिए सरकारी चॉपर पर होशियारपुर भेजा गया था। सुदर्शन कुमार बबलू चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक हैं।
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने कार्यकाल का दूसरा बजट शनिवार को पेश किया। लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए इस बजट में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की तरफ फोकस किया है।
कर्मचारियों और पेंशनरों के हित में भी कुछ ऐलान किए गए हैं। बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल क्षेत्र में भी मजबूती देने के लिए कई नई योजनाओं का ऐलान किया है।
बजट में मुख्यमंत्री ने इस बार 7 नई योजनाओं और तीन नई नीतियों का ऐलान किया है और वर्ष 2024-25 के लिए 58,444 हजार करोड़ के बजट प्रावधान किया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट पेश करने के बाद कहा कि व्यवस्था परिवर्तन से आत्मनिर्भर हिमाचल की परिकल्पना का बजट आज पेश किया गया है जिसमें समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा गया है और ज्यादा फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की तरफ दिया गया है।
कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए जलवायु युक्त कृषि को बढ़ावा दिया गया है। गेहूं और मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य पहली बार निर्धारित किया गया है। दुग्ध किसानों की आय बढ़ाने के लिए गाय और भैंस के दूध पर एमएसपी निर्धारित किया गया है।
सीएम सुक्खू द्वारा पेश किए गए बजट को युवा खेल व आयुष मंत्री यादविंदर गोमा ने ऐतिहासिक करार दिया है। गोमा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट में हर वर्ग को राहत पहुंचाने का प्रयास किया है और प्रदेश में खिलाड़ियों और खेल को प्रोत्साहन देने के लिए बड़े ऐलान किए हैं।
यादविंदर गोमा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने दूसरे बजट में प्रदेश के सभी वर्गों का ध्यान रखा है और प्रदेश के सभी वर्गों को राहत पहुंचाने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू नई खेल नीति को मंजूरी दी है। जगह-जगह स्टेडियम बनाने सहित सभी वर्गों के खिलाड़ियों को मिलने वाले भत्तों व इनाम राशि में वृद्धि कर युवाओं के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं।
वहीं, मंत्री गोमा ने भाजपा द्वारा लगाए जा रहे कांगड़ा की अनदेखी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने समूचे प्रदेश का ख्याल रखा है। कांगड़ा में हवाई अड्डा विस्तारीकरण, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया है। किसी भी तरह की अनदेखी नहीं की गई है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज हिमाचल विधानसभा में अपनी सरकार का दूसरा बजट पेश किया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में क्या-क्या बड़े ऐलान किए पढ़िए लाइव …
बजट में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गाय व भैंस के दूध के खरीद मूल्य में बढ़ोतरी का ऐलान किया है।
गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 38 से 45 रुपए और भैंस का 38 से 55 रुपए करने की घोषणा की है। नए मूल्य 1 अप्रैल, 2024 से लागू होंगे।
मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में कहा कि दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने वाली वह पहली सरकार बन गई है।
सरकार पशुपालकों से गाय का दूध 38 से 45 रुपए और भैंस का 38 से 55 रुपए में खरीदेगी। अगर बाजार में इससे अधिक मूल्य पशुपालकों को मिलता है तो वह खुले बाजार में दूध बेच सकते हैं।
वहीं, एक और बड़ी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 1 अप्रैल, 2024 से दुग्ध सोसायटियों से एपीएमसी द्वारा ली जाने वाली फीस माफ होगी।
हिमाचल में लावारिस पशुओं को समस्या को लेकर स्टेट लेवल टास्क फोर्स गठित करने की घोषणा की है। टास्क फोर्स गौवंश को समीप के गौ सदन में रखने के लिए दिशा निर्देश देंगी। साथ ही सुझाव भी देगी।
इसके साथ ही निजी गौ सदनों में गौवंश अनुदान को भी 700 रुपए प्रति माह से 1200 रुपए प्रति माह किया गया है।
बजट में मछुआरों के लिए भी घोषणाएं की हैं। तालाब निर्माण में 80 फीसदी अनुदान की घोषणा की है।
साथ ही बाइक, थ्री व्हीलर और आइस बॉक्स आदि खरीदने में सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा अन्य कुछ और भी घोषणाएं की हैं।
हिमाचल में आगामी वित्तीय वर्ष में 6 हजार नर्सरी टीचर रखे जाएंगे। पात्र आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी मौका दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें ब्रिज कोर्स करवाया जाएगा।
एसडीएम को संबंधित प्राइमरी स्कूलों की रिव्यू मीटिंग करना अनिवार्य होगा। अभिभावकों के साथ भी बैठक में संवाद होगा।
प्रत्येक जिला, उपमंडल और पंचायत स्तर पर पुस्तकालय बनाने की घोषणा की है। पहले चरण में पंचायत स्तर पर पुस्तकालय स्थापित होंगे।
8 लाख 50 हजार से अधिक छात्रों को सुरक्षित और स्वच्छ पानी की बोतल उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी 60 रुपए बढ़ाने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने दिहाड़ी 240 से 300 रुपए करने का ऐलान किया है। पात्र विधवा, एकल, दिव्यांग मनरेगा मजदूर 3 लाख तक मकान बनाने में सहायता मिलेगी।
इसके अलावा पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों का मानदेय भी बढ़ा है। जिला परिषद अध्यक्ष को 24000 मानदेय मिलेगा। उपाध्यक्ष को 3 हजार बढ़ोतरी के 18 हजार, सदस्य को 1300 बढ़ोतरी के साथ 7800 मानदेय मिलेगा।
पंचायत समिति के अध्यक्ष को 1900 बढ़ोतरी के साथ 11400 रुपए, उपाध्यक्ष को 1400 बढ़ोतरी के साथ 8400 और सदस्य को 1200 बढ़ोतरी के साथ 7200 रुपए मानदेय मिलेगा।
पंचायत प्रधान के मानदेय में 1200 की बढ़ोतरी की है। अब प्रधान को 7200 रुपए मानदेय दिया जाएगा।
उपप्रधान को 800 रुपए बढ़ोतरी के साथ 4800 रुपए और पंच को 250 रुपए प्रति बैठक बढ़ोतरी के साथ 750 रुपए मानदेय मिलेगा।
नगर निकाय प्रतिनिधियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की है। नगर निगम महापौर के मानदेय में 4 हजार रुपए बढ़ोतरी की है। अब महापौर को 24000 रुपए मानदेय मिलेगा।
उपमहापौर को 3 हजार बढ़ोतरी के साथ 18000 और पार्षद को 1400 रुपए बढ़ोतरी के साथ 8400 रुपए मानदेय मिलेगा।
नगर परिषद अध्यक्ष को 1700 रुपए बढ़ोतरी के साथ 10200, उपाध्यक्ष को 1400 रुपए बढ़ोतरी के साथ 8400 रुपए और पार्षद को 700 रुपए बढ़ोतरी के साथ 4200 रुपए मानदेय दिया जाएगा।
नगर पंचायत अध्यक्ष को अब 1400 रुपए बढ़ोतरी के साथ 8400 रुपए मिलेंगे। उपाध्यक्ष को 1100 रुपए बढ़ोतरी के साथ 6600 और सदस्य को 700 रुपए बढ़ोतरी के साथ 4200 रुपए मानदेय दिया जाएगा।
अवैध खनन को लेकर नई नीति लाएगी सरकार
2024-25 में 327 HRTC की 327 बसों को इलेक्ट्रिक बसों में बदला जाएगा
प्रत्येक विधानसभा में 5 रूट पर ई-बसें चलाई जाएंगी। इसके लिए संबंधित विधायक से पांच रूट को लेकर प्राथमिकता मांगी जाएगी।
मुख्यमंत्री सुख आरोग्य योजना के तहत 70 साल से अधिक पात्र बुजुर्गों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा मिलेगी। पात्र पेंशन न लेता हो और आयकर अदा न करता हो।
मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के तहत सभी पात्र विधवाओं के बच्चों को 27 साल तक शिक्षा का सारा खर्च सरकार अदा करेगी।
इसके अलावा 18 साल तक आरडी खाते में 1 हजार रुपए प्रतिमाह डालेगी। पात्र विधवा महिलाओं का स्वास्थ्य बीमा का वार्षिक प्रीमियम सरकार देगी।
इस योजना के लिए पात्र विधवा महिला की वार्षिक आय 1 लाख से कम होनी चाहिए।
हिमाचल में वन विभाग में जल्द वन रक्षकों की भर्ती की जाएगी। वन रक्षकों के 100 रिक्त पदों को भरा जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बजट भाषण में इसका ऐलान किया है।
पुलिस कर्मियों की डाइट मनी में पांच गुना बढ़ोतरी का ऐलान किया गया है। डाइट मनी को 210 से बढ़ाकर 1000 रुपए करने की घोषणा की गई है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 500 रुपए बढ़ोतरी के साथ 10000 रुपए का ऐलान किया गया है। मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं मानदेय 400 रुपए बढ़ाकर 7000 कर दिया गया है।
आंगनबाड़ी सहायिका को 300 रुपए बढ़ाकर 5500 रुपए, आशा वर्कर को 300 रुपए बढ़ाकर 5500, मिड डे मील को 500 की बढ़ोतरी 4500, वाटर केरियर शिक्षा विभाग 600 बढ़ोतरी के साथ 5000, जल रक्षक को 300 बढ़ोतरी के साथ 5300, जल शक्ति विभाग MTW को 600 बढ़ोतरी के साथ 5000, पैरा फिटर पंप ऑपरेटर को 300 बढ़ोतरी के साथ 6300, पंचायत चौकीदार को 1000 बढ़ोतरी के साथ 8000, राजस्व चौकीदार को 300 बढ़ोतरी के साथ 5800, नंबरदार को 500 बढ़ोतरी के साथ 4200 रुपए मानदेय मिलेगा।
वहीं SMC शिक्षकों और आईटी टीचर के मानदेय में 1900 रुपए प्रति माह बढ़ोतरी की गई है। सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात स्पेशल पुलिस अफर (SPO) के मानदेय में 500 रुपए की बढ़ोतरी की गई है।
हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर को 1 अप्रैल 2024 से महंगाई भत्ते की 4 फीसदी किस्त देने का ऐलान किया है। साथ ही कर्मचारी अब अपने सेवाकाल में कम से कम दो बार एलटीसी की सुविधा ले सकेंगे। पहले यह एक बार मिलती थी।
मजदूरों की दिहाड़ी 25 से बढ़ाकर 400 रुपए प्रति माह करने की घोषणा की है। आउटसोर्स कर्मचारियों को 12000 रुपए मानदेय मिलेगा। पंचायत वेटरनरी सहायक के वेतन को 7 हजार रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 7500 रुपए करने का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि हिमाचल पंजाब सरकार के वेतनमान का अनुसरण करता है। पंजाब में अभी कर्मचारियों को एरियर का भुगतान नहीं किया गया है।
एक जनवरी 2016 से 30 दिसंबर 2021 के बीच रिटायर कर्मचारियों के लीव इन कैंशमेंट और ग्रेज्युटी के संबंधित एरियर का भुगतान भी चरणबद्ध तरीके से 1 मार्च, 2024 से शुरू कर दिया जाएगा।
ओलंपिक खेलों व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण विजेता को 3 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपए पुरस्कार मिलेगा। रजत पदक विजेता को 2 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। कांस्य पदक विजेता को 1 करोड़ रुपए की जगह दो करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
एशियन गेम्स में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण विजेता को 50 लाख की जगह चार करोड़, रजत पदक विजेता को 30 लाख से बढ़ाकर अढ़ाई करोड़ रुपए और कांस्य पद विजेता को 20 लाख रुपए की जगह डेढ़ करोड़ रुपए मिलेंगे।
कॉमनवेल्थ गेम्स में व्यक्ति स्पर्धा में स्वर्ण पदक विजेता को 50 लाख से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए मिलेंगे। रजत पदक विजेता को 30 लाख से 2 करोड़ रुपए और कांस्य पदक विजेता को 20 लाख रुपए की जगह 1 करोड़ रुपए पुरस्कार मिलेगा।
राज्यपाल ने सदन में रखा 1 साल के कार्यों का लेखा-जोखा
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र की शुरुआत 11 बजे राज्यपाल के अभिभाषण से हुई। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कांग्रेस सरकार के 1 साल के कार्यों का लेखा-जोखा सदन में रखा।
करीब एक घंटे 5 मिनट चले राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार के व्यवस्था परिवर्तन को लेकर उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी सदन में दी गई। राज्यपाल के अभिभाषण को जहां सरकार ने नीतिगत दस्तावेज करार दिया तो वहीं विपक्ष ने इस दस्तावेज को नकार दिया।
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार व्यवस्था परिवर्तन के नारे को लेकर आगे बढ़ रही है। अभिभाषण में उन परिणाम का उल्लेख किया गया, जो एक साल में हमें नजर आए हैं।
खराब आर्थिक स्थिति के बावजूद हिमाचल प्रदेश सरकार ने बेहतरीन काम किया। आपदा के दौरान राज्य सरकार ने बेहतरीन काम करके लोगों को राहत देने का काम किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार के दौरान नौकरी बेचने का काम होता था, लेकिन उनकी सरकार ने आते ही कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर युवाओं से हो रहे खिलवाड़ को रोकने का काम किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले बजट में ग्रीन स्टेट की परिकल्पना की दिशा में भी राज्य सरकार आगे बढ़ रही है। शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार लाने के लिए काम हो रहा है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्व मामले का रिकॉर्ड निपटारा करके दिखाया है। पहले लोग पटवारी के पीछे भागते थे, लेकिन अब पटवारी लोगों के पीछे भागते हैं। सरकार आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति की आवाज सुन रही है और उसे मुताबिक काम कर रही है।
वहीं, राज्यपाल के अभिभाषण पर नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल ने मजबूरी में नियमों के तहत अभिभाषण को पढ़ा है। लेकिन, दस्तावेज में जो आंकड़े दिखाए गए हैं और जो व्यवस्था परिवर्तन के दावे किए गए हैं, उसकी असलियत धरातल पर अलग है।
कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने से पहले 10 गारंटी दी थीं, जिनका इस दस्तावेज में कहीं जिक्र नहीं है।
हालांकि, ओपीएस (OPS) को सरकार ने बहाल किया है, लेकिन उसमें भी अब सरकार अंतिम सैलरी के अनुसार मिलने वाली 50 फीसदी पेंशन को घटाकर 20 फीसदी करने वाली है, जिसका किसी भी कर्मचारी को लाभ नहीं होगा।
इसके अलावा किसानों से दूध और गोबर खरीद का वादा भी किया गया था, जिसका इस दस्तावेज में जिक्र तक नहीं है। 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने के भी दावे किए गए थे, वह भी दस्तावेज से गायब हैं।
इसके अलावा एक लाख रोजगार और महिलाओं को 1500 पेंशन मासिक देने की बात कही गई थी, लेकिन उस दिशा में भी सरकार ने कुछ कार्य नहीं किया है। बेरोजगार रिजल्ट के लिए भूख हड़ताल पर हैं।
सरकार अपनी गारंटी को भूलते जा रही है, लेकिन विपक्ष इन्हें भूलने नहीं देगा और कांग्रेस की गारंटी ही इनकी सत्ता से बाहर जाने की गारंटी साबित होगी।
ज्वालामुखी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र के तहत अंब पठियार में ‘सरकार गांव के द्वार’कार्यक्रम की अध्यक्षता की और जन समस्याएं सुनीं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ज्वालामुखी के सुरानी में विकास खंड अधिकारी कार्यालय खोलने, ज्वालामुखी में जल शक्ति विभाग का मंडल तथा मझीण में उपमंडल खोलने की घोषणा की।
उन्होंने मझीण व लगड़ू उप तहसीलों को तहसीलों का दर्जा देने तथा भड़ोली में उप-तहसील खोलने, लुथान व हिरण में पटवार सर्किल खोलने की भी घोषणा की।
उन्होंने ब्यास नदी पर सिधोड़ा पत्तन पर बड़ा से सिल्ह और अमतर से सुधंगल के लिए पुल का निर्माण करने, ज्वालामुखी में हेलीपोर्ट स्थापित करने, ज्वालामुखी कॉलेज में प्रशासनिक भवन बनाने तथा यहां वाणिज्य, गणित, राजनीतिशास्त्र तथा हिंदी की स्नातकोत्तर कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की।
ज्वालामुखी महाविद्यालय का नाम स्वतंत्रता सेनानी पंडित सुशील रत्न के नाम पर रखने की भी घोषणा की।
उन्होंने राजकीय उच्च विद्यालय देहरियां व चौकाठ को जमा दो का दर्जा प्रदान करने, राजकीय माध्यमिक पाठशाला वनगल चौकी, थड़ा, सलिहार व बौहण-भारी को उच्च विद्यालय बनाने तथा पिहड़ी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा लगड़ु में विद्युत बोर्ड का उप-मंडल खोलने व मझीण व ठेहड़ा में 33 केवी सब स्टेशन स्थापित करने की भी घोषणा की।
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहली बार राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर इंतकाल सहित अन्य मामलों का घर-द्वार पर निपटारा सुनिश्चित किया है।
लगभग तीन माह में ही इंतकाल के रिकॉर्ड 89 हजार से अधिक मामले और तकसीम के 6029 लम्बित मामलों का निपटारा इन अदालतों के माध्यम से किया गया। जिला कांगड़ा में भी इंतकाल के 21,483 व तकसीम के 1133 मामले निपटाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य के साथ कार्य करते हुए अर्थव्यस्था को सुदृढ़ करने के लिए कड़े फैसले ले रही है। पिछली भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन ने प्रदेश को आर्थिक बदहाली में धकेला।
गत वर्ष प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हुई तबाही के दौरान भाजपा मूक दर्शक बनी रही। विपक्ष न तो प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा नजर आया और न ही इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के संकल्प का समर्थन किया।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व वित्त मंत्री से मिला और हिमाचल में भीषण आपदा से निपटने के लिए विशेष पैकेज की मांग की।
तीनों भाजपा सांसदों से पूछा जाना चाहिए कि जब प्रदेश में इतिहास की सबसे बड़ी आपदा आई तो क्या वे प्रधानमंत्री या गृह मंत्री से मिले? अब तक जो भी मदद मिली है, वह सभी राज्यों को आपदा के तहत निर्धारित बजट से ही मिली है, जबकि केंद्र सरकार की ओर से विशेष राहत पैकेज का एक भी पैसा राज्य को नहीं मिल पाया है।
प्रभावितों की मदद के लिए हमारी सरकार ने अपने सीमित संसाधनों से 4500 करोड़ रुपए का पैकेज जारी किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए मुआवजा राशि में भी 25 गुणा तक की बढ़ोतरी की।
स्थानीय विधायक संजय रत्न ने ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र में पहुंचने पर मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि वह इस क्षेत्र के तीव्र विकास में विशेष रूचि ले रहे हैं।
उन्होंने 205 करोड़ रुपये के लोकार्पण एवं शिलान्यास के लिए उनका विशेष तौर पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन की भावना के साथ कार्य करते हुए प्रदेश सरकार कल्याणकारी योजनाओं का समय पर लोगों को लाभ सुनिश्चित कर रही है।
सुभाष चौहान/ज्वालामुखी। कांगड़ा जिला के राजकीय महाविद्यालय ज्वालाजी में सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कार्यक्रम में शिरकत की।
ज्वालाजी कॉलेज परिसर में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा स्टॉल और विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शनियां भी लगाई गईं।
इस दौरान देहरा विकास खंड के अंतर्गत गुगाणा, गुरकाल व खबली पंचायत के स्वयं सहायता समूहों के द्वारा तैयार किए गए उत्पाद आकर्षण का केंद्र बन रहे।
गुगाणा पंचायत से पूर्व ब्लॉक समिति सदस्य मधुबाला ने बताया कि उन्होंने स्वयं सहायता समूह बनाया है, जिसमें महिलाओं ने नहाने के साबुन बनाने का प्रशिक्षण लिया है। यहां महिलाएं मिलकर कई प्रकार के नहाने के हर्बल साबुन व उत्पाद तैयार करती हैं।
महिलाएं प्लाश, नीम, तुलसी आदि से साबुन तैयार करती हैं, जोकि बिना किसी कैमिकल के बनाया जाता है और स्किन के लिए भी हानिकारक नहीं होता।
मधुबाला ने बताया कि वह महिलाओं के साथ मिलकर काफी समय से ये काम कर रही हैं और अन्य महिलाओं को भी इसका प्रशिक्षण दे रही है, ताकि वह भी स्वरोजगार से जुड़ सकें।
घुरकाल (भड़ोली) पंचायत से उषा धीमान ने बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मिलकर आचार, मुरब्बा, चटनी व अन्य खाद्य उद्पात बनाती हैं। ये सभी उत्पाद बिना किसी कैमिकल के ऑर्गेनिक तरीके से तैयार किए जाते हैं।
खबली पंयाचत से अनु कुमारी ने बताया कि वह कृषक बहनों के साथ मिलकर मोटे अनाज से खाद्य उत्पाद बनाने का काम करती हैं। महिलाएं रागी के लड्डू और चॉकलेट, बाजरे की बर्फी, कंगनी की खीर सहित और भी पौष्टिक खाद्य पदार्थ तैयार करती हैं।
वहीं ज्वालाजी के दरंग पंयाचत से रजनी हांडा ने बताया कि वह महिलाओं के साथ कॉस्टयूम ज्वेलरी बनाती हैं। हाल ही में महिलाओं को इसका प्रशिक्षण दिया गया है जिसके बाद महिलाएं अपने हाथों से खूबसूरत कॉस्टयूम ज्वेलरी तैयार कर रही हैं।
ज्वालामुखी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र में सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम में शिरकत की। ज्वालामुखी कॉलेज में आयोजित किया गया।
लोगों की समस्याएं सुनने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने संबोधन में कहा कि युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए। हमारी सरकार पहले ही साल 20 हजार रोजगार देने जा रही है।
इसके लिए 31 मार्च, 2024 की डेडलाइन निर्धारित की है। शिक्षकों की बैच वाइज भर्ती शुरू है। कुछ जगहों पर हो गई है और कुछ में होनी है।
सीधी भर्ती के लिए भी जल्द विज्ञापन जारी होने जा रहा है। 590 लेक्चरर के पदों के लिए जल्द लिखित परीक्षा होगी। वन मित्र भर्ती किए जा रहे हैं। हिमाचल पुलिस में कमांडो कांस्टेबल की भर्ती होने जा रही है।
जल शक्ति विभाग में पहले चरण में 5 हजार भर्तियां करेंगे और दूसरे चरण में भी इतनी हो भर्ती होगी। भर्तियां मेरिट के आधार पर होंगी। पिछले भाजपा सरकार की तरह नहीं पैसे देकर भर्तियां की जाएंगी।
भर्तियों में पूरी पारदर्शिता अपनाई जाएगी। जब तक हिमाचल राज्य चयन आयोग काम करना शुरू नहीं कर देता तब तक हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग भर्तियां करेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ज्वालामुखी कॉलेज का नाम पूर्व विधायक और स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय सुशील रतन के नाम पर रखने की घोषणा की।
ज्वालामुखी के विधायक संजय रतन स्वर्गीय सुशील रतन के बेटे हैं। लोगों की समस्याएं सुनने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने संबोधन में ज्वालामुखी कॉलेज में एमए गणित, पॉलिटिकल साइंस और हिंदी की कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की।
इसके अलावा ज्वालामुखी के सुरानी में बीडीओ ऑफिस खोलने का भी ऐलान किया। ज्वालामुखी में जल शक्ति विभाग का डिवीजन खोलने की भी घोषणा की है। इसके कुछ स्कूलों को अपग्रेड करने की घोषणा भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने की है।
ज्वालामुखी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू गुरुवार को ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने ज्वालामुखी विधानसभा की जनता को करोड़ों रुपए की विकासात्मक योजनाएं समर्पित कीं।
ज्वालामुखी विधानसभा के लुथान में महिलाओं ने लोक गीत गाकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने सभी महिलाओं का इस आत्मीय स्वागत के लिए आभार व्यक्त किया।
इस दौरान एक बुजुर्ग महिला को बैठने के लिए कुर्सी कम पड़ गई जिसके चलते वह खड़ी हो गई।
यह देख मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने तुरंत उस बुजुर्ग महिला को बुलाया को अपने साथ अपनी कुर्सी पर बैठाया। उनके इस सादगी को देखकर महिलाएं बेहद खुश हुईं और उन्हे ढेरों आशीर्वाद दिए।
देहरा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कांगड़ा जिला के प्रागपुर में सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। जारी टुअर प्रोग्राम के अनुसार मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू 19 जनवरी, 2024 यानी कल सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर अनाडेल ग्राउंड से नक्की ग्राउंड प्रागपुर के लिए निकलेंगे।
नक्की ग्राउंड में उतरने के बाद करीब 12 बजकर 15 मिनट पर नक्की खड्ड प्रागपुर पहुंचेंगे। यहां पर वह सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। साथ ही मंडवारा से करोल वाया चनौरा बस्ती, बाबा बलोटू मंदिर, सुकेड़ रोड़ का लोकार्पण करेंगे। बणी से प्रागपुर वाया डांगरा सिद्ध रोड़ पर पुलों का भी लोकार्पण करेंगे।
करीब अढ़ाई बजे नक्की खड्ड से प्रागपुर विश्राम गृह जाएंगे। यहां लंच करने के बाद करीब चार बजे नक्की ग्राउंड से शिमला के लिए निकलेंगे। करीब चार बजकर 50 मिनट पर उनका ओक ओवर पहुंचने का कार्यक्रम है।