विदेशी पक्षियों के शिकार को अपनाया जा रहा हथकंडा
हरिपुर। सर्दियों में पौंग डैम प्रवासी पक्षियों से गुलजार रहती है। पौंग झील में ये पक्षी किसी आकर्षण से कम नहीं होते हैं। हर साल सात समुंदर पार साइबेरिया, चीन, मंगोलिया आदि से काफी संख्या में विदेशी मेहमान पौंग झील पहुंचते हैं और गर्मियां होते लौट जाते हैं।
मोटे-मोटे आंकड़ों के अनुसार इस बार अब तक 50 हजार के करीब विदेशी मेहमानों ने पौंग डैम में दस्तक दी है। पर अफसोस इस बात का है कि जितनी संख्या में विदेशी मेहमान यहां पहुंचते हैं, उतने वापस अपने वतन नहीं लौट पाते हैं और शिकारियों का शिकार बन जाते हैं।
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विदेशी पक्षियों को मारने के लिए शिकारी विभिन्न हथकंडे अपनाते हैं। पौंग डैम के किनारे जमीन पर फंदे यानी फाई लगाकर भी खाने के लिए इनका शिकार किया जा रहा है। कांगड़ा जिला के देहरा विधानसभा क्षेत्र के हरिपुर के पास भटोली फकोरियां में पौंग झील क्षेत्र का एक वीडियो हमारे हाथ लगा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह पक्षियों को मारने के लिए फाई (फंदा) लगाई गई है।
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क्या होती है फाई
फाई मछली पकड़ने वाले जाल की डोरी से बनाई जाती है। डोरी को फंदे के आकार में जमीन में लगाया जाता है, जब पक्षी उस जगह पर बैठता जहां फाई लगाई होती है तो वह वहां फंस जाता है।
वाइल्ड लाइफ नगरोटा सूरियां रेंज ऑफिसर का चार्ज देख रहे परविंद्र राणा ने कहा कि विदेशी मेहमानों का शिकार करने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है। अभी इस माह 9 जनवरी को क्षेत्र के तहत पड़ते घाड जरोट में एक व्यक्ति को मृत विदेशी पक्षी के साथ पकड़ा गया है। फंदे लगाने के मामले में भी कार्रवाई होगी।