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शिमला-दिल्ली के लिए रोज होगी उड़ान
शिमला। हिमाचल में हवाई उड़ानों को लेकर अच्छी खबर है। एलायंस एयर ने उड़ानों का शेड्यूल और किराया तय कर दिया गया है। शिमला से धर्मशाला और कुल्लू नई फ्लाइट शुरू होने जा रही है। यह 9 दिसंबर से शुरू होगी।
शिमला से धर्मशाला और धर्मशाला से शिमला फ्लाइट सोमवार, शुक्रवार और शनिवार को चलेगी। शिमला से कुल्लू मंगलवार, बुधवार, वीरवार और रविवार को उड़ानें होंगी। नई फ्लाइट शिमला से सुबह सात बजकर 40 मिनट पर रवाना होकर करीब 8 बजकर 30 मिनट पर धर्मशाला पहुंचेगी। धर्मशाला से 8 बजकर 50 मिनट पर चलकर 9 बजकर 40 मिनट पर शिमला पहुंचेगी। शिमला से कुल्लू के लिए भी यही समय रहेगा। किराया प्रति यात्री 5,138 रहेगा।
पोस्टल बैलेट की गिनती के लिए पांच अलग टेबल
नूरपुर। निर्वाचन अधिकारी व एसडीएम नूरपुर अनिल भारद्वाज की अध्यक्षता में आज शनिवार को स्थानीय मिनी सचिवालय में मतगणना कार्य की अंतिम तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। उन्होंने बताया कि विधानसभा निर्वाचन-2022 के लिए 8 दिसंबर को सम्पन्न होने वाली मतगणना के लिए प्रशासन ने सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं। विधानसभा क्षेत्र के लिए कुल नौ राउंड में मतगणना की प्रक्रिया पूरी होगी।
12 नवंबर को सम्पन्न हुए मतदान में ईवीएम में दर्ज 69,628 मतों की प्रत्येक राउंड की गणना के लिए 14 टेबल लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त डाक मत पत्रों (पोस्टल बैलेट) की गिनती के लिए पांच अलग टेबल लगाए गए हैं। अनिल भारद्वाज ने बताया कि ईवीएम के लिए स्थापित प्रत्येक टेबल पर एक-एक माइक्रो ऑब्जर्वर, मतगणना पर्यवेक्षक और मतगणना सहायक नियुक्त किए गए हैं।
वहीं पोस्टल बैलेट की गिनती के लिए स्थापित प्रत्येक टेबल में एक-एक माइक्रो ऑब्जर्वर और मतगणना पर्यवेक्षक तथा दो मतगणना सहायक तैनात रहेंगे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक मतगणना टेबल पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार का एक एजेंट भी मौजूद रहेगा। मतगणना केंद्र पर मोबाइल फोन ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान निर्वाचन कानूनगो संजय शर्मा सहित अन्य अधिकारी व कर्मी उपस्थित रहे।
मतगणना ड्यूटी स्टाफ को दी जा रही ट्रेनिंग
शिमला। हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को हुई वोटिंग के बाद 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे। मतगणना के लिए सभी जिलों में तैयारियां जोर शोर से चली हैं। मतगणना के लिए कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। शिमला जिले की आठ विधानसभा सीटों की मतगणना सही व शांतिपूर्ण ढंग से करवाने के लिए पर्याप्त बंदोबस्त किए जा रहे हैं। मतगणना को लेकर जिला के सभी विधानसभा क्षेत्रों के केंद्र में आज कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई। बर्फबारी से निपटने के लिए संबंधित विभागों को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी आदित्य नेगी ने बताया कि मतगणना के लिए तैनात कर्मचारियों को ईवीएम पर ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि मतगणना के दिन किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। जिला में 380 कर्मचारियों की ड्यूटी मतगणना में लगाई गई है। 20 प्रतिशत कर्मचारी को रिजर्व रखा गया है। सभी मतगणना केंद्रों पर त्रि-स्तरीय सुरक्षा रहेगी। मौसम खराब होने की स्थिति में अगर बर्फबारी होती है तो उससे निपटने के लिए सभी विभागों को इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी केंद्रों पर जनरेटर की व्यवस्था होगी, ताकि बिजली न होने पर भी मतगणना में रुकावट पैदा न हो।
उधर, कांगड़ा के पॉलिटेक्निक संस्थान में मतगणना रिहर्सल का आयोजन किया गया। इसमें डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने कर्मचारियों को जानकारी दी।
kue-बिना इंफास्ट्रक्चर के किया लागू
शिमला। एचपीयू में ईआरपी (ERP) सिस्टम पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। 80 फीसदी छात्रों के फेल होने के बाद छात्र सड़कों पर हैं। इसी कड़ी में आज एसएफआई (SFI) ने शिमला के पंचायत भवन से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक आक्रोश रैली निकाली और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
एसएफआई के जिला सचिव बंटी ठाकुर ने बताया कि रूसा के बाद अब ईआरपी सिस्टम से 80 प्रतिशत छात्र फेल हो गए हैं। रूसा के लागू होने से 90 फीसदी छात्रों को इसका नुकसान भुगतना पड़ा था। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने ईआरपी सिस्टम पर 8 करोड़ से ज्यादा खर्च किया है, लेकिन नतीजे शून्य हैं। इस प्रणाली में ऑनलाइन पीडीएफ ब्लर हो सकती हैं। अध्यापकों के पास इसके लिए पर्याप्त डाटा है या नहीं बिना इंफास्ट्रक्चर के यह सिस्टम लागू हुआ है। एसएफआई दो दिन का अधिवेशन करने जा रही है, उससे पहले रैली व प्रदर्शन कर इस प्रणाली को वापस लेने की मांग कर रही है।
चंबा जिला में 3.4 तीव्रता का भूकंप किया रिकॉर्ड
चंबा। हिमाचल के चंबा जिला में भूकंप आया है। भूकंप के किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। भूकंप रात करीब 12 बजकर 38 मिनट पर आया है। रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 3.4 आकी गई है। केंद्र जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था। बता दें कि हिमाचल में पिछले 39 दिन में 8 बार धरती कांपी है। सबसे अधिक चंबा जिला में पांच बार धरती डोली।
इससे पहले मंडी जिला में भूकंप आया था। इसकी तीव्रता नोर्मल से थोड़ी ज्यादा थी। 16 नवंबर रात 9 बजकर 32 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए थे। तीव्रता 4.1 रही थी। 6 नवंबर को चंबा में ही 2.9 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया था। भूकंप दोपहर 1 बजकर 46 मिनट पर आया था। 5 नवंबर को कांगड़ा में 2.6 तीव्रता का भूकंप आया था।
भूकंप रात को 12 बजकर 32 मिनट पर आया था। 31 अक्टूबर को भी चंबा में 2.6 तीव्रता का भूकंप रात 9 बजकर 17 मिनट पर दर्ज किया गया था। 31 अक्टूबर को ही सुबह 11 बजकर 29 मिनट पर भी चंबा में 2.8 तीव्रता का भूकंप आया था। सिरमौर में 29 अक्टूबर को भूकंप आया था। तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.0 आकी गई थी। टाइम दोपहर 1 बजकर 36 मिनट था। 26 अक्टूबर को चंबा में ही 3.5 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया था। भूकंप सुबह 5 बजकर 40 मिनट पर आया था।
भूकंप आने पर क्या करें
अगर भूकंप के वक्त आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। घर में किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठकर हाथ से सिर और चेहरे को ढकें। भूकंप के झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें। अगर रात में भूकंप आया है और आप बिस्तर पर लेटे हैं तो लेटे रहें, तकिए से सिर ढक लें।
घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो किसी रुमाल या कपड़े से मुंह को ढक लें। मलबे के नीचे खुद की मौजूदगी को जताने के लिए पाइप या दीवार को बजाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके। अगर आपके पास कुछ उपाय न हो तो चिल्लाते रहें और हिम्मत ना हारें।
भूकंप आने पर क्या ना करें
भूकंप के वक्त अगर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों और भूकंप के खंभों से दूर रहें। अगर आप गाड़ी चला रहे हो तो उसे रोक लें और गाड़ी से बाहर ना निकलें। किसी पुल या फ्लाईओवर पर गाड़ी खड़ी न करें। अगर आप घर में हैं तो बाहर ना निकलें। अगर आप भूकंप के वक्त मलबे में दब जाएं तो माचिस बिल्कुल ना जलाएं। इससे गैस लीक होने की वजह से आग लगने का खतरा हो सकता है। घर में हैं तो चले नहीं। सही जगह ढूंढें और बैठ जाएं। घर के किसी कोने में चले जाएं, कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें।
भूकंप के वक्त लिफ्ट के इस्तेमाल बिल्कुल ना करें। साथ ही कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल भी न करें। क्योंकि लिफ्ट और सीढ़ियां दोनों ही टूट सकती हैं। अगर मलबे में दब जाएं तो ज़्यादा हिले नहीं और धूल ना उड़ाएं। आपके आप-पास जो चीज मौजूद हो उसी से अपनी मौजूदगी जताएं। भूकंप के दौरान आप पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं।
भूकंप की स्थिति के लिए पहले से तैयारी कैसे करें
आपको एक इमरजेंसी किट बनाकर रखनी चाहिए, जिसमें आपके जरूरी दस्तावेज, खाना, पानी और फर्स्ट एड की चीजें हों। घर के सामान को सुरक्षित रखने की कोशिश करें और छत या किसी दीवार के गिरने की स्थिति में जरूरी सामान को बचाने के उपाय करें। अपने परिवार के लिए एक इमरजेंसी प्लान तैयार करें।