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हिमाचल मौसम अपडेट: ये 3 दिन 4 जिलों में येलो अलर्ट-जानिए क्यों

8 दिसंबर तक शुष्क रहेगा मौसम
शिमला। हिमाचल में पिछले 24 घंटे में मौसम शुष्क रहा है। न्यूनतम और अधिकतम तापमान में कोई बदलाव नहीं हुआ है औसत न्यूनतम औऱ अधिकतम  तापमान सामान्य रहे हैं।  आज सबसे कम न्यूनतम तापमान केलांग का -4.8 डिग्री और पिछले कल अधिकतम तापमान ऊना का 26.8 डिग्री सेल्सियस रहा है।
देहरा: शादी में शिरकत करने जा रहे थे दो भाई-एक की मौत, एक घायल
हिमाचल में 8 दिसंबर तक मौसम शुष्क बने रहने का अनुमान है। 8 दिसंबर को उच्च पर्वतीय क्षेत्रों लाहौल स्पीति, किन्नौर, चंबा और कुल्लू व मंडी के ऊपरी क्षेत्रों में एक दो स्थानों पर बारिश और बर्फबारी की संभावना है।
वहीं, तीन दिन चार में येलो अलर्ट जारी हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 4, 5 और 6 दिसंबर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। सुबह से समय बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा. मंडी जिलों के एक दो स्थानों पर मध्यम से घना कोहरा रहने की संभावना जताई है। इसलिए वाहन चालक सुबह के समय सावधानी से आवाजाही करें।
हिमाचल में दिसंबर माह अब तक सूखा ही गुजरा है। बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई है। सभी जिलों में सामान्य बारिश की बात करें तो जिलों में सामान्य बारिश से 100 फीसदी कम बारिश हुई है। वहीं, एक अक्टूबर 2022 से 4 दिसंबर तक बारिश की बात करें तो सामान्य से 24 फीसदी अधिक बारिश हुई है। बिलासपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, सिरमौर, शिमला और सोलन में अच्छी बारिश हुई है। हमीरपुर, किन्नौर, लाहौल स्पीति और ऊना में सामान्य से कम फीसदी बारिश हुई है।
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देहरा: शादी में शिरकत करने जा रहे थे दो भाई-एक की मौत, एक घायल

डाडासीबा के पास स्कूटी स्किड होने से हुआ हादसा
देहरा। हिमाचल के जिला कांगड़ा में एक हादसे में बड़े भाई की मौत हो गई है और छोटा भाई गंभीर रूप से घायल है। घायल को पीजीआई चंडीगढ़ ले जाया गया है। हादसा स्कूटी स्किड होने के चलते हुआ है। दोनों भाई शादी में शिरकत करने के लिए डाडासीबा जा रहे थे।
बता दें कि पंचायत सरड़ डोगरी के गांव मंगाली के सगे भाई विशाल (18) और साहिल(17) स्कूटी में सवार होकर डाडासीबा में शादी समारोह में जा रहे थे। डाडासीबा के पास आरा चौक और नंगल चौक के बीच स्कूटी सड़क स्किड हो गई और दोनों उल्टी दिशा में सड़क किनारे पत्थरों पर जा गिरे। इससे उनके सिर पर गहरी चोटें आईं। दोनों को डाडासीबा अस्पताल ले जाया गया। गंभीर हालत के चलते दोनों को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया।
जब तक दोनों को एंबुलेंस से पीजीआई ले जाया जाता विशाल ने दम तोड़ दिया। गंभीर घायल छोटे भाई साहिल को पीजीआई ले जाया गया। दोनों भाईयों के पिता की दो साल पहले मृत्यु हुई है। मां ही उनका पालन पोषण कर रही हैं। डाडासीबा पुलिस चौकी की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्कूटी को कब्जे में लिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
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हिमाचल में बर्फबारी: ऩवंबर ने कर दिया कमाल, अब दिसंबर की बारी

बर्फबारी से पर्यटन कारोबार को मिली संजीवनी
शिमला। हिमाचल में नवंबर माह में हुई बर्फबारी पर्यटन कारोबार के लिए संजीवनी दिख रही है। दिसंबर के पहले हफ्ते में होटलों में ऑक्यूपेंसी 70 फीसदी से अधिक है। अब क्रिसमस और न्यू ईयर पर नजरें हैं। क्रिसमस और न्यू ईयर के लिए होटलों में अभी से बुकिंग शुरू हो गई है। अब तक 25 फीसदी बुकिंग क्रिसमस और न्यू ईयर पर हुई है। वहीं, आज वीकेंड पर शिमला में पर्यटकों की काफी भीड़ देखी गई। इससे ट्रैफिक जाम की समस्या से भी दो चार होना पड़ा।
हिमाचल: सर्दियों में क्यों बढ़ते हैं कुत्तों और बंदरों के काटने के मामले-जानिए
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटक कारोबार पटरी पर लौट आया है। नवंबर माह में पहाड़ों पर हुई बर्फ़बारी के बाद से ही पर्यटकों की आमद बढ़ गई है। दिसंबर माह के पहले वीकेंड पर पहाड़ों की रानी शिमला में पर्यटकों से गुलजार हो गई है। पड़ोसी राज्य चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से काफी तादाद में पर्यटक शिमला पहुंचे हैं, जिसके चलते शिमला में होटलों में ऑक्यूपेंसी भी 70 फीसदी से ज्यादा हो गई है।
नवंबर माह तक एक करोड़ 40 लाख पर्यटक पहुंचे
राजधानी शिमला के रिज और मालरोड पर पर्यटकों की आमद बढ़ने से पर्यटन कारोबारी भी काफी खुश हैं और उन्हें इस बार अच्छा पर्यटन कारोबार होने की उम्मीद है। कोरोना के चलते दो साल कारोबारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था, लेकिन इस साल नवंबर माह तक एक करोड़ 40 लाख पर्यटक हिमाचल पहुंच चुके हैं और दिसंबर माह काफी पर्यटकों के आने की उम्मीद है। खासकर क्रिसमस और नए साल के जश्न के लिए काफी तादात में आ सकते हैं। अभी से ही पर्यटक क्रिसमस को लेकर एडवांस बुकिंग करवा रहे हैं।
एक करोड़ 70 लाख पहुंच सकता है आंकड़ा
निजी होटल और पर्यटन निगम के होटल भी तैयारियो में जुटे हैं। पर्यटन निगम के निदेशक अमित कश्यप ने कहा कि इस साल काफी तादाद में पर्यटक हिमाचल आ रहे हैं और नवंबर माह तक एक करोड़ 40 लाख पर्यटक हिमाचल आ चुके हैं। दिसंबर माह में भी बर्फबारी देखने के लिए काफी संख्या में पर्यटक आ सकते हैं। एक करोड़ 70 लाख का आंकड़ा पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि क्रिसमस और नए साल को लेकर लेटर निगम के होटलों में तैयारियां की जा रही हैं और पर्यटको के मनोरंजन की व्यवस्था की जा रही है।
पर्यटन कारोबारियों को काफी राहत
वहीं, पर्यटकों की आमद बढ़ने से पर्यटन कारोबारी भी काफी खुश नजर आ रहे हैं। टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सेठ का कहना है कि इस साल पर्यटक काफी तादाद में आ रही हैं और यदि क्रिसमस नए साल पर बर्फबारी होती है तो पर्यटन कारोबारियों को काफी राहत मिलेगी। बर्फबारी देखने के लिए बाहरी राज्यों से काफी तादाद में लोग शिमला सहित प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि क्रिसमस और नए साल को लेकर अभी 25 फीसदी ही बुकिंग हुई है।
पहाड़ों की रानी शिमला में वीकेंड पर बाहरी राज्यों से काफी तादाद में पर्यटक शिमला पहुंचे हैं। रविवार को भी सुबह से ही पर्यटकों की आमद शुरू हो गई और शहर में जाम जैसी समस्या से भी लोगों को जूझना पड़ा। शिमला के विक्ट्री टनल से टूटीकंडी तक जाम लगा रहा और वाहन रेंगते हुए नजर आए। इससे 20 मिनट के सफर में एक घंटा का समय लगा।

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शिमला में डॉग एडॉप्शन योजना पर उठे सवाल, दहशत बरकरार

कुत्तों से परेशान जनता, नगर निगम निजात दिलाने में विफल
शिमला।  हिमाचल की राजधानी शिमला में बंदरों और कुत्तों की समस्या जस की तस बनी हुई है। शहर के हर वार्ड में समस्या है। लोग इससे काफी परेशान हैं। आवारा कुत्तों की समस्या लगातार बढ़ने से दहशत भी बढ़ गई है। रात के समय ये मामले बढ़ जाते हैं। हालांकि, कुत्तों की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर निगम ने डॉग एडॉप्शन योजना शुरू की है, जिसके तहत निगम आवारा कुत्तों को गोद लेने पर पार्किंग और गारबेज फीस की फ्री सेवा देता है। अब तक इस योजना के तहत करीब 150 लोग फायदा उठा चुके हैं। फिर भी समस्या जैसे पहले थी वैसे ही है। ऐसे में डॉग एडॉप्शन योजना पर भी सवाल उठ रहे हैं।
शिमला से कुल्लू-धर्मशाला नई फ्लाइट, शेड्यूल और किराया तय-जानिए
कई बार प्रशासन के समक्ष जनता गुहार लगा चुकी है, लेकिन कुत्तों के आतंक से कोई निजात नहीं मिल पाई है। राजधानी पर्यटन की दृष्टि से एक अलग महत्व रखती है, लेकिन शहर के ऐतिहासिक क्षेत्रों में बेसहारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। राजधानी के जिला अस्पताल दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल की अगर बात करें तो अकेले इस अस्पताल में पिछले 4 महीनों में 439 कुत्तों के काटने के मामले आए हैं।
संडे स्पेशल: नूरपुर सिविल अस्पताल की बड़ी उपलब्धि, जरूर पढ़ें खबर
अस्पताल के एमएस (MS) डॉ. लोकेन्द्र शर्मा ने बताया कि जानवरों के काटने में कोई कमी नहीं आई है, जो आंकड़ा पुराना है, उससे अधिक मामले आ रहे हैं। इसके अलावा नगर निगम की डॉग एडॉप्शन योजना के बाद भी इसमें कोई कमी नहीं आई है। उन्होंने बताया अकेले इसी अस्पताल में हर माह सैकड़ों मरीज जानवरों के काटने के पहुंचते हैं, जिन्हें एंटी रेबीज का टीका लगाकर वापस घर भेजा जाता है। इसके अलावा अस्पताल में रोजाना आठ से दस मामले आते हैं, जिनका मुफ्त में उपचार किया जाता है।
बंदरों और कुत्तों का आतंक शहर में इस कद्र बढ़ गया है कि माल और रिज में कुछ भी खाने पीने की चीज़ों को पर्यटकों और स्थानीय लोगों से छीन कर आसानी से भाग जाते हैं। नगर निगम शिमला ने आवारा कुत्तों से निजात पाने के लिए शिमला में डॉग एडॉप्शन योजना शुरू की है, जिसके तहत निगम आवारा कुत्तों को गोद लेने पर पार्किंग और गारबेज फीस की फ्री सेवा देता है। अब तक इस योजना के तहत करीब 150 लोग फायदा उठा चुके हैं, लेकिन शहर में समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है।
शिमला नगर निगम की  डॉग एडॉप्शन योजना के बाद भी शहर के सभी वार्डों में नवजात कुतों से लेकर बड़े आवारा कुत्तों की संख्या पर कोई लगाम नहीं लग पाई है, जिससे अब निगम की डॉग एडॉप्शन योजना पर भी सवाल उठने लगे हैं कि क्या निगम ने अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए यह योजना शुरू की है या फिर वाक्य ही शहर में आवारा कुत्तों की बढती संख्या पर लगाम लगी है, लेकिन शहर में नवजात कुत्तों और आवारा कुत्तों को देखते हुए प्रशासन के दावे खोखले साबित होते दिखाई दे रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर में ऐसी कोई भी जगह नहीं है, जहां पर कुत्ते नहीं हैं। सुबह के समय बच्चों को अकेले स्कूल भेजना खतरे से खाली नहीं है। बच्चों पर कुत्ते हमला कर देते हैं। इन कुत्तों के लिए कोई न कोई नीति बनाई जानी चाहिए, ताकि लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। कुत्ते के काटने का सबसे ज्यादा खतरा महिलाओं और बच्चों को होता है ये ज्यादातर बच्चों पर ही हमला करते हैं। इसके बावजूद प्रशासन इस समस्या के प्रति गंभीर नहीं है।

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संडे स्पेशल: नूरपुर सिविल अस्पताल की बड़ी उपलब्धि, जरूर पढ़ें खबर

फ्री हो रहे जटिल हड्डियों के ऑपरेशन
ऋषि महाजन/नूरपुर। कांगड़ा और चंबा जिला के लोगों के लिए अच्छी खबर है। जो हड्डी रोग से संबंधित ऑपरेशन प्राइवेट अस्पतालों में लाखों खर्च कर होते हैं, वो कांगड़ा जिला के नूरपुर सिविल अस्पताल में प्रधानमंत्री व हिम केयर कार्ड के जरिए निशुल्क मिल रही है। यहीं, नहीं सरकारी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेजों में ही यह सुविधा है। इसी के साथ ही सिविल अस्पतालों में यह सुविधा देने वाला नूरपुर सिविल अस्पताल पहला अस्पताल बन गया है।
बिग ब्रेकिंग: हिमाचल में ड्राइंग मास्टर लिखित परीक्षा का रिजल्ट घोषित
हिमाचल के जिला कांगड़ा के नूरपुर सिविल अस्पताल में तैनात हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कार्तिक सैनी द्वारा गत 10 महीने में करीब 70 से ज्यादा जटिल हड्डियों के ऑपरेशन करके मरीजों को राहत प्रदान की है। कार्तिक सैनी ने इस दौरान लगभग 15 कूल्हा प्रत्यारोपण और 10 के करीब घुटना प्रत्यारोपण सहित कई अन्य गंभीर मरीजों की टूटी हुई हड्डियों को ठीक किया है।
चंबा के सुंडला की बिमला (60) व नूरपुर के रिना गांव की स्वर्णा देवी (500) प्रत्येक के दोनों घुटनों का प्रत्यारोपण एक साथ किया। दोनों मरीज अब पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर चल रही हैं। गौरतलब है कि प्राइवेट हॉस्पिटलों में इस तरह के ऑपरेशन का खर्चा लाखों रुपए आता है। वहीं, नूरपुर अस्पताल में उक्त ऑपरेशन हिम केयर कार्ड/प्रधानमंत्री हेल्थ कार्ड के जरिए पूर्ण रूप से निशुल्क किए गए।
नूरपुर सिविल अस्पताल में तैनात हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कार्तिक ने बताया कि इस तरह के जटिल ऑपरेशन हिमाचल के कुछ एक मेडिकल कॉलेजों में जैसे कि टांडा मेडिकल, आईजीएमसी शिमला आदि में होते हैं, जबकि सिविल अस्पतालों में हिमाचल में केवल यह सुविधा नूरपुर में मिल रही है। वहीं, नूरपुर अस्पताल में कार्यरत  मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर सुशील शर्मा ने कहा कि नूरपुर में इस तरह की सुविधा प्रधानमंत्री व हिम केयर कार्ड के जरिए निशुल्क मिल रही है, जिसे लोगों को फायदा उठाना चाहिए।
शिमला से कुल्लू-धर्मशाला नई फ्लाइट, शेड्यूल और किराया तय-जानिए

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शिमला से कुल्लू-धर्मशाला नई फ्लाइट, शेड्यूल और किराया तय-जानिए

शिमला-दिल्ली के लिए रोज होगी उड़ान

शिमला। हिमाचल में हवाई उड़ानों को लेकर अच्छी खबर है। एलायंस एयर ने उड़ानों का शेड्यूल और किराया तय कर दिया गया है। शिमला से धर्मशाला और कुल्लू नई फ्लाइट शुरू होने जा रही है। यह 9 दिसंबर से शुरू होगी।

शिमला: ERP सिस्टम को लेकर SFI का हल्ला, रैली निकाल नारेबाजी

शिमला से धर्मशाला और धर्मशाला से शिमला फ्लाइट सोमवार, शुक्रवार और शनिवार को चलेगी। शिमला से कुल्लू मंगलवार, बुधवार, वीरवार और रविवार को उड़ानें होंगी। नई फ्लाइट शिमला से सुबह सात बजकर 40 मिनट पर रवाना होकर करीब 8 बजकर 30 मिनट पर धर्मशाला पहुंचेगी। धर्मशाला से 8 बजकर 50 मिनट पर चलकर 9 बजकर 40 मिनट पर शिमला पहुंचेगी। शिमला से कुल्लू के लिए भी यही समय रहेगा। किराया प्रति यात्री 5,138 रहेगा।

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नूरपुर विधानसभा चुनाव: नौ राउंड में पूरी होगी मतगणना, लगेंगे 14 टेबल

पोस्टल बैलेट की गिनती के लिए पांच अलग टेबल

नूरपुर। निर्वाचन अधिकारी व एसडीएम नूरपुर अनिल भारद्वाज की अध्यक्षता में आज शनिवार को स्थानीय मिनी सचिवालय में मतगणना कार्य की अंतिम तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। उन्होंने बताया कि विधानसभा निर्वाचन-2022 के लिए 8 दिसंबर को सम्पन्न होने वाली मतगणना के लिए प्रशासन ने सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं। विधानसभा क्षेत्र के लिए कुल नौ राउंड में मतगणना की प्रक्रिया पूरी होगी।

हिमाचल: चुनाव नतीजों की तैयारी, कर्मचारियों की रहेगी बड़ी जिम्मेदारी

12 नवंबर को सम्पन्न हुए मतदान में ईवीएम में दर्ज 69,628 मतों की प्रत्येक राउंड की गणना के लिए 14 टेबल लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त डाक मत पत्रों (पोस्टल बैलेट) की गिनती के लिए पांच अलग टेबल लगाए गए हैं। अनिल भारद्वाज ने बताया कि ईवीएम के लिए स्थापित प्रत्येक टेबल पर एक-एक माइक्रो ऑब्जर्वर, मतगणना पर्यवेक्षक और मतगणना सहायक नियुक्त किए गए हैं।

शिमला: ERP सिस्टम को लेकर SFI का हल्ला, रैली निकाल नारेबाजी

वहीं पोस्टल बैलेट की गिनती के लिए स्थापित प्रत्येक टेबल में एक-एक माइक्रो ऑब्जर्वर और मतगणना पर्यवेक्षक तथा दो मतगणना सहायक तैनात रहेंगे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक मतगणना टेबल पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार का एक एजेंट भी मौजूद रहेगा। मतगणना केंद्र पर मोबाइल फोन ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान निर्वाचन कानूनगो संजय शर्मा सहित अन्य अधिकारी व कर्मी उपस्थित रहे।

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हिमाचल: चुनाव नतीजों की तैयारी, कर्मचारियों की रहेगी बड़ी जिम्मेदारी

मतगणना ड्यूटी स्टाफ को दी जा रही ट्रेनिंग

शिमला। हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को हुई वोटिंग के बाद 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे। मतगणना के लिए सभी जिलों में तैयारियां जोर शोर से चली हैं। मतगणना के लिए कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। शिमला जिले की आठ विधानसभा सीटों की मतगणना सही व शांतिपूर्ण ढंग से करवाने के लिए पर्याप्त बंदोबस्त किए जा रहे हैं। मतगणना को लेकर जिला के सभी विधानसभा क्षेत्रों के केंद्र में आज कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई। बर्फबारी से निपटने के लिए संबंधित विभागों को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं।

अनोखा जुगाड़: आठ रुपए में 150 किलोमीटर का सफर- बैठ सकते हैं 6 लोग

जिला निर्वाचन अधिकारी आदित्य नेगी ने बताया कि मतगणना के लिए तैनात कर्मचारियों को ईवीएम पर ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि मतगणना के दिन किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। जिला में 380 कर्मचारियों की ड्यूटी मतगणना में लगाई गई है। 20 प्रतिशत कर्मचारी को रिजर्व रखा गया है। सभी मतगणना केंद्रों पर त्रि-स्तरीय सुरक्षा रहेगी। मौसम खराब होने की स्थिति में अगर बर्फबारी होती है तो उससे निपटने के लिए सभी विभागों को इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी केंद्रों पर जनरेटर की व्यवस्था होगी, ताकि बिजली न होने पर भी मतगणना में रुकावट पैदा न हो।

शिमला: ERP सिस्टम को लेकर SFI का हल्ला, रैली निकाल नारेबाजी

उधर, कांगड़ा के पॉलिटेक्निक संस्थान में मतगणना रिहर्सल का आयोजन किया गया। इसमें डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने कर्मचारियों को जानकारी दी।

उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी देबश्वेता बनिक ने मतगणना केंद्रों पर तैनात किए जाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों की अक्षरश: अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को यहां बचत भवन में मतगणना सुपरवाइजरों, सहायक तथा माइक्रो ऑब्जर्वरों के लिए आयोजित जिला स्तरीय पूर्वाभ्यास के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी ने ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मतगणना हॉल के अंदर की व्यवस्था के संबंध में निर्वाचन आयोग ने कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं और इनकी अनुपालना में किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए।
सदर हलके में विधानसभा चुनाव-2022 की मतगणना के लिए तैनात अधिकारियों को शनिवार को राजकीय वल्लभ महाविद्यालय मंडी में प्रथम अभ्यास करवाया गया। निर्वाचन अधिकारी एवं एसडीएम सदर रितिका जिंदल ने कहा कि मंडी जिले के सदर हलके में 8 दिसंबर को विधानसभा निर्वाचन-2022 की मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी। सबसे पहले पोस्ट बैलट पेपर मतों की गणना की जाएगी। उसके बाद ईवीएम के मतों की गणना शुरू होगी। उन्होंने विविध विभागों के प्रतिनियुक्ति मतगणना स्टाफ को मतगणना संबंधी कई अहम जानकारियां व बारीकियां बताई व सीखाईं गई।
मतगणना हॉल में मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पर प्रतिबंध रहेगा। एसडीएम ने कहा कि मतगणना के दिन यानि 8 दिसंबर को मतगणना हॉल में मोबाइल सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। कोई भी अधिकारी, कर्मचारी, पार्टी के उम्मीदवार, एजैंट आदि मतगणना हॉल में अपने साथ मोबाइल व कोई अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण साथ नहीं ले जा सकेंगे। रितिका जिदंल ने कहा कि मंडी के वल्लभ महाविद्यालय में विधानसभा चुनाव-2022 को लेकर दूसरी मतगणना संबंधी रिहर्सल 6 दिसंबर को प्रातः 11 बजे की जाएगी। मंडी सदर के 111 बूथों की मतगणना के लिए 14 टेबल लगाए गए हैं।

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शिमला: ERP सिस्टम को लेकर SFI का हल्ला, रैली निकाल नारेबाजी

kue-बिना इंफास्ट्रक्चर के किया लागू

शिमला। एचपीयू में ईआरपी (ERP) सिस्टम पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। 80 फीसदी छात्रों के फेल होने के बाद छात्र सड़कों पर हैं। इसी कड़ी में आज एसएफआई (SFI) ने शिमला के पंचायत भवन से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक आक्रोश रैली निकाली और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

अनोखा जुगाड़: आठ रुपए में 150 किलोमीटर का सफर- बैठ सकते हैं 6 लोग

एसएफआई के जिला सचिव बंटी ठाकुर ने बताया कि रूसा के बाद अब ईआरपी सिस्टम से 80 प्रतिशत छात्र फेल हो गए हैं। रूसा के लागू होने से 90 फीसदी छात्रों को इसका नुकसान भुगतना पड़ा था। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने ईआरपी सिस्टम पर 8 करोड़ से ज्यादा खर्च किया है, लेकिन नतीजे शून्य हैं। इस प्रणाली में ऑनलाइन पीडीएफ ब्लर हो सकती हैं। अध्यापकों के पास इसके लिए पर्याप्त डाटा है या नहीं बिना इंफास्ट्रक्चर के यह सिस्टम लागू हुआ है। एसएफआई दो दिन का अधिवेशन करने जा रही है, उससे पहले रैली व प्रदर्शन कर इस प्रणाली को वापस लेने की मांग कर रही है।

 

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हिमाचल में 39 दिन में 8 बार डोली धरती- इस जिला में फिर आया भूकंप

चंबा जिला में 3.4 तीव्रता का भूकंप किया रिकॉर्ड

चंबा। हिमाचल के चंबा जिला में भूकंप आया है। भूकंप के किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। भूकंप रात करीब 12 बजकर 38 मिनट पर आया है। रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 3.4 आकी गई है। केंद्र जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था। बता दें कि हिमाचल में पिछले 39 दिन में 8 बार धरती कांपी है। सबसे अधिक चंबा जिला में पांच बार धरती डोली।

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इससे पहले मंडी जिला में भूकंप आया था। इसकी तीव्रता नोर्मल से थोड़ी ज्यादा थी। 16 नवंबर रात 9 बजकर 32 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए थे। तीव्रता 4.1 रही थी। 6 नवंबर को चंबा में ही 2.9 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया था। भूकंप दोपहर 1 बजकर 46 मिनट पर आया था। 5 नवंबर को कांगड़ा में 2.6 तीव्रता का भूकंप आया था।

भूकंप रात को 12 बजकर 32 मिनट पर आया था। 31 अक्टूबर को भी चंबा में 2.6 तीव्रता का भूकंप रात 9 बजकर 17 मिनट पर दर्ज किया गया था। 31 अक्टूबर को ही सुबह 11 बजकर 29 मिनट पर भी चंबा में 2.8 तीव्रता का भूकंप आया था। सिरमौर में 29 अक्टूबर को भूकंप आया था। तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.0 आकी गई थी। टाइम दोपहर 1 बजकर 36 मिनट था। 26 अक्टूबर को चंबा में ही 3.5 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया था। भूकंप सुबह 5 बजकर 40 मिनट पर आया था।

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भूकंप आने पर क्या करें

अगर भूकंप के वक्त आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। घर में किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठकर हाथ से सिर और चेहरे को ढकें। भूकंप के झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें। अगर रात में भूकंप आया है और आप बिस्तर पर लेटे हैं तो लेटे रहें, तकिए से सिर ढक लें।

घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो किसी रुमाल या कपड़े से मुंह को ढक लें। मलबे के नीचे खुद की मौजूदगी को जताने के लिए पाइप या दीवार को बजाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके। अगर आपके पास कुछ उपाय न हो तो चिल्लाते रहें और हिम्मत ना हारें।

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भूकंप आने पर क्या ना करें

भूकंप के वक्त अगर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों और भूकंप के खंभों से दूर रहें। अगर आप गाड़ी चला रहे हो तो उसे रोक लें और गाड़ी से बाहर ना निकलें। किसी पुल या फ्लाईओवर पर गाड़ी खड़ी न करें। अगर आप घर में हैं तो बाहर ना निकलें। अगर आप भूकंप के वक्त मलबे में दब जाएं तो माचिस बिल्कुल ना जलाएं। इससे गैस लीक होने की वजह से आग लगने का खतरा हो सकता है। घर में हैं तो चले नहीं। सही जगह ढूंढें और बैठ जाएं। घर के किसी कोने में चले जाएं, कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें।
भूकंप के वक्त लिफ्ट के इस्तेमाल बिल्कुल ना करें। साथ ही कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल भी न करें। क्योंकि लिफ्ट और सीढ़ियां दोनों ही टूट सकती हैं। अगर मलबे में दब जाएं तो ज़्यादा हिले नहीं और धूल ना उड़ाएं। आपके आप-पास जो चीज मौजूद हो उसी से अपनी मौजूदगी जताएं। भूकंप के दौरान आप पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं।

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भूकंप की स्थिति के लिए पहले से तैयारी कैसे करें

आपको एक इमरजेंसी किट बनाकर रखनी चाहिए, जिसमें आपके जरूरी दस्तावेज, खाना, पानी और फर्स्ट एड की चीजें हों। घर के सामान को सुरक्षित रखने की कोशिश करें और छत या किसी दीवार के गिरने की स्थिति में जरूरी सामान को बचाने के उपाय करें। अपने परिवार के लिए एक इमरजेंसी प्लान तैयार करें।

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