Categories
TRENDING NEWS Top News Himachal Latest Shimla State News

शिमला में भारी बारिश के बीच SFI का प्रदर्शन, सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी

छात्र संगठन ने राजभवन के बाहर बोला हल्ला

शिमला।  भारी बारिश के बीच छात्र संगठन एसएफआई (SFI) ने राजभवन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। एसएफआई कार्यकर्ताओं ने राजभवन के बाहर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एसएफआई ने नई शिक्षा नीति, छात्र संघ चुनाव बहाल करने और विश्वविद्यालय में कथित तौर पर गलत तरीके से की गई भर्तियों के खिलाफ प्रदर्शन किया।

HPBose : 10वीं और 12वीं अनुपूरक परीक्षा के लिए आवेदन की तिथि बढ़ी

एसएफआई के राज्य अध्यक्ष रमन थारटा ने कहा कि नई शिक्षा नीति देश के लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने नई शिक्षा नीति को कैंसर बताया और कहा कि जिस तरह कैंसर व्यक्ति की जड़ों को खत्म करता है, उसी तरह नई शिक्षा नीति की जड़ों पर हमला करेगी। उन्होंने कहा कि लंबे वक्त से छात्र संघ चुनाव बहाली नहीं हुई है। पहले कांग्रेस ने चुनाव बंद किए और सत्ता में आने से पहले भाजपा ने छात्र संघ चुनाव बहाली का वादा किया, लेकिन पांच साल तक पूरा नहीं किया। अब कांग्रेस सरकार भी इस बारे में कोई बात नहीं कर रही है।

कुल्लू : श्रीखंड महादेव यात्रा शुरू, 50 श्रद्धालुओं का जत्था रवाना, डीसी ने दिखाई हरी झंडी

रमन थारटा ने कहा कि 70 फीसदी प्रोफेसरों की भर्तियां विश्वविद्यालय में गलत तरीके से हुई हैं। विश्वविद्यालय में अब तक स्थाई कुलपति की नियुक्ति नहीं हो सकी है। इसके अलावा प्रदेश के 104 कॉलेजों में भी प्रिंसिपल नहीं हैं। ऐसे में प्रदेश के राज्यपाल को इन सब बातों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी बात नहीं मानेगी, तो आने वाले वक्त में छात्र शक्ति के साथ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।

सिरमौर : गोवंश के बछड़े को काटने के मामले में एक गिरफ्तार, हिंदू संगठनों का हल्ला

 

चंबा में आधी रात को डोली धरती, 8 घंटे बाद किन्नौर जिला में आया भूकंप

हिमाचल और देश दुनिया से जुड़ी हर बड़ी अपडेट के लिए जुड़ें EWN24 NEWS की वेबसाइट https://ewn24.in/ फेसबुक https://www.facebook.com/ewn24 और यूट्यूब https://www.youtube.com/@ewn24news/videos के साथ
Categories
Top News Himachal Latest KHAS KHABAR Shimla

शिमला : SFI ने HPU में किया प्रदर्शन, मांगें ना मानने पर उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

ईआरपी सिस्टम को लेकर भी छात्रों में है रोष

शिमला । हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की एसएफआई इकाई ने छात्रों की समस्याओं को लेकर विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर के कार्यालय के बाहर उग्र प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय एसएफआई इकाई सह सचिव संतोष ने कहा कि एसएफआई पिछले लंबे समय से रिवॉल्यूशन के रिजल्ट को लेकर लगातार प्रदेश भर में आंदोलनरत है। परंतु, इसके बावजूद भी प्रशासन अभी तक आधे अधूरे परिणाम ही घोषित कर पाया है। जिसकी वजह से प्रदेशभर के अनेक छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। जो रिजल्ट घोषित भी हुए हैं उनमें ईआरपी की खामियों के चलते अनेक अनियमितताएं पाई गई है।

एसएफआई ने कहा कि ईआरपी सिस्टम में सुधार को लेकर भी अनेक बार प्रशासन को चेताया है लेकिन प्रशासन इस ओर भी कोई सुध लेने को तैयार नहीं है। एसएफआई ने कहा यूजी परीक्षाओं के परिणाम को आए 100 से अधिक दिन हो गए हैं परन्तु हालात यह है कि विश्वविद्यालय 100 दिनों के अंदर भी रिवॉल्यूशन के परिणामों को घोषित कर पाने में नाकाम है । जो परिणाम अभी तक विश्वविद्यालय ने घोषित किए हैं उसके अंदर भी काफी खामियां ईआरपी सिस्टम के चलते देखने को मिली हैं।

ताले-जंजीर लेकर विधानसभा पहुंची भाजपा, CM ऑफिस के बाहर की नारेबाजी

एसएफआई इसका विरोध करती है और विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करती है कि इन परिणामों को जल्दी से जल्दी घोषित किया जाए। अधूरे परिणाम के चलते छात्रों को अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

इस धरने में आगे बात रखते हुए एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष हरीश ने कहा कि विश्वविद्यालय के अंदर पिछले लंबे समय से स्थाई कुलपति नहीं है। पिछले कुलपति और वर्तमान में भाजपा राज्यसभा सांसद सिकंदर कुमार ने इस विश्वविद्यालय को आउट सोर्स भर्तियों का अड्डा बना कर रख दिया था जिसके परिणाम आज प्रदेश भर का छात्र भुगत रहा है।

रोजगार चाहिए तो 18 को आएं नालागढ़, नामी कंपनियां लेंगी साक्षात्कार

साथ ही उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन होने पर हम उम्मीद लगाए बैठे थे कि इस विश्वविद्यालयों को स्थाई कुलपति मिलेगा परंतु आज 3 महीने से अधिक समय होने के बावजूद भी विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति की नियुक्ति नहीं की गई है । यह सरकार के इस विश्वविद्यालय के प्रति नकारात्मक रवैया को दर्शाता है। एसएफआई प्रदेश सरकार से मांग करती है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंदर जल्द से जल्द स्थाई कुलपति की नियुक्ति की जाए।

नगर निगम शिमला के वार्डों की संख्या घटाने पर हाईकोर्ट पहुंची बीजेपी

एसएफआई का मानना है कि इन सभी समस्याओं का मूल कारण छात्रों के पास अपनी समस्याओं को उठाने का मंच ना होना है। वह मंच एससीए था परंतु 2013 के बाद से ही प्रदेश भर में एससीए इलेक्शन पर प्रतिबंध लगा हुआ है। छात्रों को उनके जनवादी अधिकार से दूर रखने का काम बीजेपी तथा कांग्रेस दोनों ही सरकारों ने समान रूप से किया है। ऐसे में जब छात्र अपनी मांगों को लेकर प्रशासन के पास जाता है तो प्रशासन छात्र मांगों को गंभीरता से ना लेकर टालमटोल करने की कोशिश करता है। एसएफआई ने कहा कि सरकार चाहे कांग्रेस की हो या बीजेपी की दोनों ने ही छात्रों को उनके अधिकारों से वंचित रखा है।

हिमाचल में वाटर सेस का रास्ता साफ, विधानसभा में पारित हुआ विधेयक

एसएफआई ने चेतावनी देते हुए कहा कि इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। यदि छात्र मांगों को सकारात्मक रूप से सुलझाया नहीं गया तो आने वाले समय के अंदर विश्वविद्यालय के साथ साथ पूरे प्रदेश के अंदर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी और अथॉरिटी का उग्र घेराव किया जाएगा। जिसका जिम्मेदार यूनिवर्सिटी प्रशासन तथा प्रदेश सरकार होगी।

आज की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट पढ़ें https://ewn24.in/ पर,  ताजा अपडेट के लिए हमारा Facebook Page Like करें 

Categories
Top News Himachal Latest KHAS KHABAR Shimla Uncategorized

शिमला : SFI ने किया चीफ वार्डन का घेराव, उग्र आंदोलन को चेताया

छात्रावासों के अंदर खाने की गुणवत्ता को बढ़ाया जाए

शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई एसएफआई ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर चीफ वार्डन का घेराव कर ज्ञापने पत्र सौंपा। जिसमें मुख्य मांगी थी कि जो छात्र पीएचडी में 5 साल से अधिक समय से हॉस्टलों में रह रहे हैं उनके हॉस्टल कैंसिल किए जाए। ताकि जो छात्र अभी पीएचडी में दाखिल हुए हैं उन्हें अधिक मात्रा में हॉस्टल मिल सके। एसएफआई ने यह मांग भी रखी है की नए हॉस्टल का निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू किया जाए और नई हॉस्टल एलॉटमेंट लिस्ट जल्द से जल्द जारी की जाए।

एसएफआई ने मांग की है कि हॉस्टलों के अंदर पर्याप्त मात्रा में पीने के पानी की व्यवस्था की जाए, हॉस्टलों का रिनोवेशन का कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाए, हॉस्टलों के अंदर खाने की गुणवत्ता को बढ़ाया जाए। कन्या छात्रावासों में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ की जाए, छात्रावासों की सड़कों को स्ट्रीट लाइट्स की मरम्मत की जाए व छात्रावासों के अंदर इंडोर गेम के उपकरण स्थापित किए जाएं।

बजट सत्र: हिमाचल में नहीं कोई राज्य मार्ग, कर दिए हैं डिनोटिफाई 

इन मांगों को लेकर परिसर अध्यक्ष हरीश ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि जानबूझकर पीएचडी के छात्रों को 5 साल से अधिक समय तक हॉस्टलों के अंदर रहने की एक्सटेंशन दी जा रही है। जिस वजह से जो छात्र अभी पीएचडी के अंदर एनरोल हुए हैं व इस सुविधा से वंचित रह रहे हैं।

परिसर सचिव सुरजीत ने यह मांग रखी कि छात्रावासों के अंदर खाने की गुणवत्ता को बढ़ाया जाए क्योंकि खराब खाना खाने के कारण छात्रों को या तो बाहर खाना खाना पड़ रहा है या फिर भूखे रहना पड़ रहा है। इसके साथ ही उन्होंने प्रत्येक छात्रावास के हर फ्लोर पर एक्वागार्ड स्थापित करने की मांग रखी।

बजट सत्र 2023 : विधायक निधि रोकने पर भड़का विपक्ष, सदन से किया वॉकआउट

छात्रावासों में सिक्योरिटी के मुद्दे पर बात रखते हुए इकाई सह सचिव संतोष कुमार ने कहां की छात्रावासों में पुलिस को सिर्फ डराने धमकाने के मकसद से रखा है। जहां पर कन्या छात्रावासों में पुलिस व सुरक्षाकर्मियों की जरूरत है वहां पर एक या दो सुरक्षाकर्मी ही तैनात है जिस कारण छात्राएं बंदरों के डर से छात्रावासों से बाहर निकलने से डरती है तथा लाइब्रेरी तक नहीं पहुंच पाती है।

हिमाचल: 8वीं और आईटीआई पास के लिए नौकरी का मौका

हॉस्टल की रिनोवेशन पर बात रखते हुए एसएफआई ने कहा कि हॉस्टलों की मरम्मत पर लाखों रुपए सैंक्शन हुए हैं परंतु उनका उपयोग कहीं नहीं हो रहा है जिस कारण ना तो उन छात्रावासों में कोई छात्र अथवा छात्राएं रह रहे हैं और ना ही उनकी मरम्मत हो रही है। एसएफआई ने यह मांग भी रखी कि छात्रावासों की तरफ जाने वाले रास्ते की मरम्मत की जाए वह स्ट्रीटलाइट्स की भी मरम्मत की जाए ताकि आने जाने वाले छात्रों को परेशानी का सामना ना करना पड़े।

सुक्खू पहली बार बने थे विधायक, इसी ऑल्टो कार में पहुंचे से विधानसभा

इसके अलावा हॉस्टलों की सभी मांगो पर चीफ वार्डन से हुई बातचीत पर चीफ वार्डन ने यह आश्वासन दिया की जल्द से जल्द इन मांगो वर अमल किया जाएगा। एसएफआई ने यह चेतावनी भी दी कि यदि प्रशासन जल्द से जल्द इन मांगों पर संज्ञान नहीं लेता है तो ऐसे में आने वाले समय में विश्वविद्यालय के छात्रों को लामबंद करते हुए प्रशासन का घेराव करेगी और उग्र आंदोलन की ओर बढ़ेगी जिसका जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रशासन होगा।

आज की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट पढ़ें https://ewn24.in/ पर,  ताजा अपडेट के लिए हमारा Facebook Page Like करें 

 

Categories
TRENDING NEWS Top News Himachal Latest Shimla State News

RKMV मारपीट मामला : ABVP कार्यकर्ताओं ने डीसी ऑफिस के बाहर किया प्रदर्शन

SFI कार्यकर्ताओं पर लगाए गुंडागर्दी के आरोप

शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला गर्ल्स कॉलेज RKMV में छात्र संगठन ABVP और SFI की कार्यकर्ताओं के बीच हुई मारपीट में कुछ छात्राओं को चोट आई है वहीं ABVP की दो कार्यकर्ताओं की बाजू टूट गई है। ABVP ने SFI कार्यकर्ताओं पर गुंडागर्दी के आरोप लगाए और इसके खिलाफ रविवार को शिमला उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया। उन्होंने पुलिस प्रशासन से एसएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

छात्र संगठन ABVP के प्रांत मंत्री आकाश नेगी ने कहा कि कन्या महाविद्यालय में एसएफआई के गुंडों द्वारा एबीवीपी की कार्यकर्ताओं पर रॉड, डंडो और पत्थरों से हमला किया गया जिसमें कई छात्राएं घायल हुई हैं। महाविद्यालय में एसएफआई के कार्यकर्ता पहुंचे थे जबकि कन्या महाविद्यालय में लड़कों के जाने पर मनाई है। एसएफआई के कई कार्यकर्ताओं ने शराब पीकर महाविद्यालय में जाकर लड़कियों पर हमला किया गया जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हिमाचल: गर्मी के लिए हो जाएं तैयार, मैदानी क्षेत्रों में अब नहीं बारिश के आसार

उन्होंने कहा कि इसको लेकर पुलिस चौकी लक्कड़ बाजार में शिकायत दे दी है और चार एसएफआई के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि एसएफआई की गुंडागर्दी पर लगाम नहीं लगाई गई तो आने वाले दिनों में उग्र प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेगे।

हिमाचल : सुक्खू कैबिनेट की 5वीं बैठक कल, लिए जा सकते हैं ये महत्वपूर्ण निर्णय

वहीं, घायल हुई छात्राओं ने कहा कि वह महाविद्यालय के बाहर मोमोज खाने आए थे और इस दौरान एसएफआई के लड़कों द्वारा उन पर गंदे कमेंट किए जा रहे थे और जब विरोध किया गया तो  उनके फोन छीन लिए गए जिसके बाद उन्होंने उन पर रोड और डंडों से हमला किया गया जिसमें कई छात्राओं के गंभीर चोटे आई है यहां तक की बाजू भी टूट गई है और प्लास्टर लगाया गया है।

आज की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट पढ़ें https://ewn24.in/ पर,  ताजा अपडेट के लिए हमारा Facebook Page Like करें 

Categories
TRENDING NEWS Top News Himachal Latest Shimla

SFI की चेतावनी- NEP, CBCS व ERP को हटाए सरकार, नहीं तो होगा उग्र आंदोलन

री-वैल्यूएशन परिणाम को किया जाए घोषित

शिमला। एसएफआई ने को पीजी प्रथम सत्र परीक्षाओं में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत सीबीसीएस के माध्यम से जो परेशानियां छात्रों को आ रही हैं उसको जल्द से जल्द सुलझाने की मांग की है। एसएफआई ने चेतावनी देते हुए कहा कि NEP के साथ सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBCS) और एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ERP) को खत्म कर इसके लिए कोई और सिस्टम प्रदेश सरकार द्वारा लाया जाना चाहिए। एसएफआई ने कहा कि अगर जल्द छात्रों की मांगों को सकारात्मक रूप से सुलझाया नहीं गया तो आने वाले समय के अंदर विश्वविद्यालय के अंदर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

शिमला : रिपन अस्पताल के कर्मचारी ने उठाया खौफनाक कदम 

एसएफआई कैंपस सचिवालय सदस्य साहिल ने बताया कि विश्वविद्यालय इस बार पीजी प्रथम सत्र में NEP के तहत CBCS को लागू कर रहा है। जिसके चलते छात्रों को परेशानी देखने को मिल रही है के चलते छात्र परेशान है कि वह इस सिस्टम के अंदर किस तरह अपनी परीक्षाओं की तैयारियां करेंगे।

शिमला : रिज पर सजे स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद, नाबार्ड का 5 दिवसीय मेला शुरू

उन्होंने कहा कि एसएफआई मांग कर रही है कि री-वैल्यूएशन के परिणाम को जल्द घोषित किया जाए परन्तु अभी तक रिजल्ट पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाया है। जिसके अंदर अभी भी काफी कमियां देखने को मिल रही है। इसके चलते छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कुछ महाविद्यालय के अंदर मिड टर्म आरंभ हो चुके है पर छात्रों को मालूम नहीं है की वह किस ईयर को वह परीक्षाएं दे।

HRTC चालक पदों पर भर्ती : विभाग ने तय किए ये नियम, अप्लाई करने से पहले पढ़ें

धरना-प्रदर्शन के दौरान कैंपस उपाध्यक्ष हैप्पी ने कहा कि काफी समय से प्रदेश सरकार NEP को लागू करने के प्रयत्न करने जा रही है जिसमें मातृभाषा में पढ़ाई करना और करवाना असंभव है। उन्होंने कहा कि हमने GDP का 6% खर्च करना लक्ष्य रखा लेकिन भारत सरकार अभी GDP का 2.5% ही खर्च करवा पा रही है जो NEP के तहत असंभव सा अनुमान लगाया जा रहा है।

मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का शिमला में विरोध, सड़कों पर उतरे ‘आप’ कार्यकर्ता

आज भारत शिक्षा पर जीडीपी खर्च करने में भूटान से भी पीछे है। NEP में शिक्षा के समवर्ती सूची से हटा के केंद्रीयकरण करने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ST, SC, JRF व अन्य स्कॉलरशिप के बारे में कोई प्रावधान नहीं है। छात्र अगर इन पर मुद्दा लड़ना चाहे तो उनके लिए कोई SCA का प्रावधान भी नहीं है। ऐसे में कैंपस डेमोक्रेसी के लिए आने वाले समय में खतरा है और बीजेपी सरकार ने अनपर्लियामेंरी तौर पर इसको पास किया है। जिसके तहत NEP का पहला कदम सीबीसीएस है जिसमे 2013 से यूजी में लाया गया और हिमाचल प्रदेश में 2015 में छात्रों को उसका खामियाजा देखने को मिला जब 98% छात्र फेल हो गए थे।

हिमाचल : राज्यपाल शिव प्रताप के हृदय की एक धमनी में ब्लॉकेज, डला स्टंट

एसएफआई ने कहा कि आज यूजी व पीजी के छात्रों का भविष्य संकट में है। 13 करोड़ खर्च करने के बावजूद भी सिस्टम में कोई सुधार नहीं हो पाया है। ऐसे में सीबीएस को छात्रों पर थोपना उचित नहीं होगा। इसका परिणाम है इसका परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेंगे ।

आज की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट पढ़ें https://ewn24.in/ पर,  ताजा अपडेट के लिए हमारा Facebook Page Like करें 

 

 

 

Categories
Top News Himachal Latest KHAS KHABAR Shimla State News

HPU में 19 मिनट तक चली BBC की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री, पुलिस ने उठाई स्क्रीन

शिमला। देशभर में बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री सुर्खियां बटोर रही है। लेफ्ट समर्थित छात्र संगठन देश भर के अलग-अलग विश्वविद्यालयों में प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भी शनिवार शाम 6 बजे एसएफआई छात्र संगठन ने प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की।

HPU में 19 मिनट तक चली BBC की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री, पुलिस ने उठाई स्क्रीन 

 

इससे पहले हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की ओर से डॉक्यूमेंट्री को न चलाने का निर्देश जारी कर दिया गया था। मौके पर तैनात हिमाचल प्रदेश पुलिस शिमला पुलिस के पदाधिकारियों के समझाने के बावजूद एसएफआई कार्यकर्ताओं ने डॉक्यूमेंट्री के स्क्रीनिंग की जिद पकड़े रखी। शाम छह बजे भाषणबाजी के बाद डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग शुरू हुई। करीब 19 मिनट तक डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने के बाद पुलिस हरकत में आई।

शिमला पुलिस के जवानों ने मौके पर से प्रोजेक्टर के लिए लगाई गई स्क्रीन को वहां से हटा दिया। इस दौरान छात्र संगठन एसएफआई और पुलिस के जवानों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। शिमला पुलिस ने केंद्र सरकार की ओर से डॉक्यूमेंट्री प्रतिबंधित होने और इसके प्रसारण से कानून-व्यवस्था खराब होने की स्थिति का हवाला देते हुए कार्रवाई की।

पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य से उठाई मांग- बेलदार का पदनाम हो कंडक्टर

इस पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्र संगठन एसएफआई ने कहा कि सरकार तानाशाही रवैया अपनाए हुए है। लोगों से सच छिपाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग कर वे सेंसरशिप के कानून के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। छात्र संगठन एसएफआई ने ऐलान किया कि सरकार की ओर से उन्हें रोके जाने के बाद अब इस डॉक्यूमेंट्री को शिमला के मालरोड और हिमाचल प्रदेश सचिवालय के बाहर दिखाने का काम करेंगे।

एसएफआई ने आरोप लगाया कि पुलिस सरकार के इशारों पर छात्रों की आवाज दबाने का काम कर रही है। छात्र संगठन एसएफआई के कार्यकर्ता जेब में एक QR कोड लेकर पहुंचे थे। प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री रोके जाने के बाद सभी कार्यकर्ताओं को QR कोड बांटे गए और अपने मोबाइल और लैपटॉप पर डॉक्यूमेंट्री देखने के लिए कहा गया।

HPBose: 10वीं और 12वीं के इन छात्रों को स्पेशल चांस, फरवरी में होंगे पेपर 

आज की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट पढ़ें https://ewn24.in/ पर,  ताजा अपडेट के लिए हमारा Facebook Page Like करें 
Categories
Politics TRENDING NEWS Top News Himachal Latest Shimla State News

शिमला: ERP सिस्टम को लेकर SFI का हल्ला, रैली निकाल नारेबाजी

kue-बिना इंफास्ट्रक्चर के किया लागू

शिमला। एचपीयू में ईआरपी (ERP) सिस्टम पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। 80 फीसदी छात्रों के फेल होने के बाद छात्र सड़कों पर हैं। इसी कड़ी में आज एसएफआई (SFI) ने शिमला के पंचायत भवन से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक आक्रोश रैली निकाली और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

अनोखा जुगाड़: आठ रुपए में 150 किलोमीटर का सफर- बैठ सकते हैं 6 लोग

एसएफआई के जिला सचिव बंटी ठाकुर ने बताया कि रूसा के बाद अब ईआरपी सिस्टम से 80 प्रतिशत छात्र फेल हो गए हैं। रूसा के लागू होने से 90 फीसदी छात्रों को इसका नुकसान भुगतना पड़ा था। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने ईआरपी सिस्टम पर 8 करोड़ से ज्यादा खर्च किया है, लेकिन नतीजे शून्य हैं। इस प्रणाली में ऑनलाइन पीडीएफ ब्लर हो सकती हैं। अध्यापकों के पास इसके लिए पर्याप्त डाटा है या नहीं बिना इंफास्ट्रक्चर के यह सिस्टम लागू हुआ है। एसएफआई दो दिन का अधिवेशन करने जा रही है, उससे पहले रैली व प्रदर्शन कर इस प्रणाली को वापस लेने की मांग कर रही है।

 

आज की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट पढ़ें https://ewn24.in/ पर,  ताजा अपडेट के लिए हमारा Facebook Page Like करें