चंबा। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला में सोमवार सुबह धरती डोली और भूकंप के झटके महसूस किए गए। सोमवार सुबह करीब 8 बजकर 8 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। झटके जोरदार थे इसलिए कुछ लोग डर के मारे घर से बाहर की ओर भागे।
हालांकि, भूकंप के कारण जिला चंबा में किसी तरह के जानमाल का नुकसान होने का समाचार नहीं है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 के आसपास रही। इसका केंद्र पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर था।
गौर हो कि चंबा जिला भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जाता है और इसे जोन 5 में शामिल किया गया है, जिसका मतलब यह है कि चंबा में कभी भी कोई जोरदार भूकंप का झटका तबाही मचा सकता है। चंबा में हर वर्ष कई बार भूकंप महसूस किया जाता है। बीते माह की 20 तारीख को भी जिला चंबा में भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3 से 4 के बीच मापी गई थी।
चंबा। हिमाचल के चंबा जिला में भूकंप आया है। भूकंप के किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। भूकंप रात करीब 12 बजकर 38 मिनट पर आया है। रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 3.4 आकी गई है। केंद्र जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था। बता दें कि हिमाचल में पिछले 39 दिन में 8 बार धरती कांपी है। सबसे अधिक चंबा जिला में पांच बार धरती डोली।
इससे पहले मंडी जिला में भूकंप आया था। इसकी तीव्रता नोर्मल से थोड़ी ज्यादा थी। 16 नवंबर रात 9 बजकर 32 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए थे। तीव्रता 4.1 रही थी। 6 नवंबर को चंबा में ही 2.9 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया था। भूकंप दोपहर 1 बजकर 46 मिनट पर आया था। 5 नवंबर को कांगड़ा में 2.6 तीव्रता का भूकंप आया था।
भूकंप रात को 12 बजकर 32 मिनट पर आया था। 31 अक्टूबर को भी चंबा में 2.6 तीव्रता का भूकंप रात 9 बजकर 17 मिनट पर दर्ज किया गया था। 31 अक्टूबर को ही सुबह 11 बजकर 29 मिनट पर भी चंबा में 2.8 तीव्रता का भूकंप आया था। सिरमौर में 29 अक्टूबर को भूकंप आया था। तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.0 आकी गई थी। टाइम दोपहर 1 बजकर 36 मिनट था। 26 अक्टूबर को चंबा में ही 3.5 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया था। भूकंप सुबह 5 बजकर 40 मिनट पर आया था।
अगर भूकंप के वक्त आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। घर में किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठकर हाथ से सिर और चेहरे को ढकें। भूकंप के झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें। अगर रात में भूकंप आया है और आप बिस्तर पर लेटे हैं तो लेटे रहें, तकिए से सिर ढक लें।
घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो किसी रुमाल या कपड़े से मुंह को ढक लें। मलबे के नीचे खुद की मौजूदगी को जताने के लिए पाइप या दीवार को बजाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके। अगर आपके पास कुछ उपाय न हो तो चिल्लाते रहें और हिम्मत ना हारें।
भूकंप के वक्त अगर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों और भूकंप के खंभों से दूर रहें। अगर आप गाड़ी चला रहे हो तो उसे रोक लें और गाड़ी से बाहर ना निकलें। किसी पुल या फ्लाईओवर पर गाड़ी खड़ी न करें। अगर आप घर में हैं तो बाहर ना निकलें। अगर आप भूकंप के वक्त मलबे में दब जाएं तो माचिस बिल्कुल ना जलाएं। इससे गैस लीक होने की वजह से आग लगने का खतरा हो सकता है। घर में हैं तो चले नहीं। सही जगह ढूंढें और बैठ जाएं। घर के किसी कोने में चले जाएं, कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें।
भूकंप के वक्त लिफ्ट के इस्तेमाल बिल्कुल ना करें। साथ ही कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल भी न करें। क्योंकि लिफ्ट और सीढ़ियां दोनों ही टूट सकती हैं। अगर मलबे में दब जाएं तो ज़्यादा हिले नहीं और धूल ना उड़ाएं। आपके आप-पास जो चीज मौजूद हो उसी से अपनी मौजूदगी जताएं। भूकंप के दौरान आप पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं।
आपको एक इमरजेंसी किट बनाकर रखनी चाहिए, जिसमें आपके जरूरी दस्तावेज, खाना, पानी और फर्स्ट एड की चीजें हों। घर के सामान को सुरक्षित रखने की कोशिश करें और छत या किसी दीवार के गिरने की स्थिति में जरूरी सामान को बचाने के उपाय करें। अपने परिवार के लिए एक इमरजेंसी प्लान तैयार करें।
मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बुधवार सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए l सुंदरनगर के नजदीक भूकंप का केंद्र रहा। भूकंप की रिएक्टर स्केल पर 2.8 तीव्रता रही।
इसका केंद्र बिंदु सुंदरनगर के पास रहा और तीव्रता 2.9 रही। जान माल के नुकसान की कोई खबर नही है। डीसी मंडी अरिंदम चौधरी का कहना है की जान माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
अगर भूकंप के वक्त आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। घर में किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठकर हाथ से सिर और चेहरे को ढकें। भूकंप के झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें। अगर रात में भूकंप आया है और आप बिस्तर पर लेटे हैं तो लेटे रहें, तकिए से सिर ढक लें।
घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो किसी रुमाल या कपड़े से मुंह को ढक लें। मलबे के नीचे खुद की मौजूदगी को जताने के लिए पाइप या दीवार को बजाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके। अगर आपके पास कुछ उपाय न हो तो चिल्लाते रहें और हिम्मत ना हारें।
भूकंप आने पर क्या ना करें
भूकंप के वक्त अगर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों और भूकंप के खंभों से दूर रहें। अगर आप गाड़ी चला रहे हो तो उसे रोक लें और गाड़ी से बाहर ना निकलें। किसी पुल या फ्लाईओवर पर गाड़ी खड़ी न करें। अगर आप घर में हैं तो बाहर ना निकलें।
अगर आप भूकंप के वक्त मलबे में दब जाएं तो माचिस बिल्कुल ना जलाएं। इससे गैस लीक होने की वजह से आग लगने का खतरा हो सकता है। घर में हैं तो चले नहीं। सही जगह ढूंढें और बैठ जाएं। घर के किसी कोने में चले जाएं, कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें।
भूकंप के वक्त लिफ्ट के इस्तेमाल बिल्कुल ना करें। साथ ही कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल भी न करें। क्योंकि लिफ्ट और सीढ़ियां दोनों ही टूट सकती हैं। अगर मलबे में दब जाएं तो ज़्यादा हिले नहीं और धूल ना उड़ाएं। आपके आप-पास जो चीज मौजूद हो उसी से अपनी मौजूदगी जताएं। भूकंप के दौरान आप पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं।
मंडी। हिमाचल के मंडी जिला में भूकंप आया है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.5 आंकी गई है। आज दोपहर 12 बजकर 14 मिनट पर आए भूकंप का का केंद्र जमीन से 5 किलोमीटर नीचे रहा है। भूकंप से किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
बता दें कि हिमाचल में इस माह अब तक पांच बार भूकंप आ चुका है। इससे पहले 24 मार्च को हिमाचल के कांगड़ा जिला में भूकंप आया है। भूकंप करीब 2 बजकर 2 मिनट पर रिकॉर्ड किया गया था। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.0 आंकी गई थी। इसका केंद्र जमीन से 5 किलोमीटर नीचे रहा। 23 मार्च को सुबह करीब 4 बजकर 21 मिनट पर आए भूकंप की तीव्रता 2.6 आंकी गई है। इसका केंद्र जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था। भूकंप मंडी के पधर और आसपास के क्षेत्रों में आया था। 16 मार्च को लाहौल स्पीति जिला में रात एक बजकर 36 मिनट पर भूकंप आया था।
तीव्रता 2.5 रही और केंद्र जमीन के अंदर 10 किलोमीटर था। इससे पहले 14 मार्च को हमीरपुर में भी आधी रात 1 बजकर 33 मिनट पर भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.0 आंकी गई है। भूकंप का केंद्र जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था।
भूकंप आने पर क्या करें
अगर भूकंप के वक्त आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। घर में किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठकर हाथ से सिर और चेहरे को ढकें। भूकंप के झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें। अगर रात में भूकंप आया है और आप बिस्तर पर लेटे हैं तो लेटे रहें, तकिए से सिर ढक लें।
घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो किसी रुमाल या कपड़े से मुंह को ढक लें। मलबे के नीचे खुद की मौजूदगी को जताने के लिए पाइप या दीवार को बजाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके। अगर आपके पास कुछ उपाय न हो तो चिल्लाते रहें और हिम्मत ना हारें।
भूकंप के वक्त अगर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों और बिजली के खंभों से दूर रहें। अगर आप गाड़ी चला रहे हो तो उसे रोक लें और गाड़ी से बाहर ना निकलें। किसी पुल या फ्लाईओवर पर गाड़ी खड़ी न करें। अगर आप घर में हैं तो बाहर ना निकलें। अगर आप भूकंप के वक्त मलबे में दब जाएं तो माचिस बिल्कुल ना जलाएं। इससे गैस लीक होने की वजह से आग लगने का खतरा हो सकता है। घर में हैं तो चले नहीं।
सही जगह ढूंढें और बैठ जाएं। घर के किसी कोने में चले जाएं, कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें। भूकंप के वक्त लिफ्ट के इस्तेमाल बिल्कुल ना करें। साथ ही कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल भी न करें। क्योंकि लिफ्ट और सीढ़ियां दोनों ही टूट सकती हैं। अगर मलबे में दब जाएं तो ज़्यादा हिले नहीं और धूल ना उड़ाएं। आपके आप-पास जो चीज मौजूद हो उसी से अपनी मौजूदगी जताएं। भूकंप के दौरान आप पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं।
आपको एक इमरजेंसी किट बनाकर रखनी चाहिए, जिसमें आपके जरूरी दस्तावेज, खाना, पानी और फर्स्ट एड की चीजें हों। घर के सामान को सुरक्षित रखने की कोशिश करें और छत या किसी दीवार के गिरने की स्थिति में जरूरी सामान को बचाने के उपाय करें। अपने परिवार के लिए एक इमरजेंसी प्लान तैयार करें।
शिमला। अब हिमाचल के कांगड़ा जिला में भूकंप में आया है। भूकंप की तीव्रता 2.6 आंकी गई है। इसका केंद्र जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था। भूकंप रात करीब एक बजे रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि, रात पर लोगों के सोए होने कारण भूकंप के झटके महसूस नहीं हुए हैं। हिमाचल में इस माह 19 दिन में 9 बार भूकंप आ चुका है। शिमला में सबसे अधिक तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। किन्नौर, चंबा में दो-दो, मंडी व कांगड़ा में एक-एक बार भूकंप आया है।
15 नवंबर को हिमाचल में एक दिन में दो जिलों में भूकंप आया था। मंडी और चंबा जिला में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप की तीव्रता 3.4 और 2.9 रही थी। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला में 13 नवंबर भूकंप आया है। आधी रात के बाद करीब 2 बजकर 36 मिनट पर भूकंप रिकॉर्ड किया गया है। भूकंप की तीव्रता 2.7 थी और इसका केंद्र जमीन से 5 किलोमीटर नीचे रहा। इससे पहले इस माह 9 नवंबर को किन्नौर जिला में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
भूकंप की तीव्रता 4.4 आंकी गई थी। भूकंप शाम करीब 4 बजकर 27 मिनट पर आया था। इसका केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे रहा है। वहीं, 7 नवंबर को शिमला जिला में भूकंप रिकॉर्ड किया गया है। भूकंप की तीव्रता 2.8 और केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था। भूकंप सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर आया था। इससे पहले 4 नवंबर को भी शिमला में भूकंप आया था। भूकंप की तीव्रता 2.4 आंकी गई थी।
भूकंप सुबह 7 बजकर 13 मिनट पर आया था। भूकंप का केंद्र जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था। चार नवंबर को ही शिमला में 2.5 तीव्रता का भूकंप भी आया था। भूकंप सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर रिकॉर्ड किया गया। भूकंप का केंद्र जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था। 3 नवंबर को किन्नौर में भूकंप आया था। भूकंप की तीव्रता 2.2 थी और केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था। भूकंप रात 11 बजकर 56 मिनट पर रिकॉर्ड किया गया।