मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बजट भाषण में की घोषणा
शिमला। हिमाचल में अब शादी, त्योहार और अन्य समारोह के लिए राशन डिपुओं से सरसों तेल और रिफाइंड खरीदा जा सकेगा।
यह ऐलान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में किया है। मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के कार्यकाल का दूसरा बजट शनिवार को हिमाचल विधानसभा में पेश किया।
बजट भाषण में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राशन डिपो के माध्यम से फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के मानदंडों के अनुसार विटामिन A और D से फोर्टिफाईड सरसों का तेल और रिफाइंड तेल दिया जा रहा है।
अभी तक यह तेल उपभोक्ताओं को राशन डिपो से सीमित मात्रा में ही उपलब्ध होता है। शादी, त्योहार और अन्य समारोह में उपभोक्ताओं को तेल खुले बाजार से ऊंचे दाम में खरीदना पड़ता है।
मैं घोषणा करता हूं कि एक अप्रैल, 2024 से सभी उपभोक्ता अपनी आवश्यकता अनुसार राशन डिपो से यह तेल प्राप्त कर सकेंगे। इससे राज्य की महिलाओं को 100 करोड़ रुपए का लाभ मिलेगा।
बजट भाषण में उन्होंने कहा कि पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को और सुदृढ़ करने के लिए इंटिग्रेटिड मैनेजमेंट ऑफ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (IMPDS) को अपग्रेड किया जाएगा।
वन नेशन, वन राशनकार्ड के तहत नेशनल पोर्टेबिलिटी (National Portability) को और सुदृढ़ किया जाएगा। इससे एनएफएसए के प्रावधानों के अनुसार राशन वितरण को पारदर्शी बनाने में सहायता मिलेगी।
इसके अंतर्गत वेब आधारित केवाईसी का प्रावधान किया जाएगा, जिससे इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी के तहत लाभार्थियों को इस योजना के लाभ किसी भी राज्य में मिल सकेंगे।
मिलों से आवंटित आटे की गोदामवार निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। खाद्य उपदान के लिए कुल 200 करोड़ रुपए से अधिक व्यय किए जाएंगे।
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने कार्यकाल का दूसरा बजट शनिवार को पेश किया। लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए इस बजट में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की तरफ फोकस किया है।
कर्मचारियों और पेंशनरों के हित में भी कुछ ऐलान किए गए हैं। बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल क्षेत्र में भी मजबूती देने के लिए कई नई योजनाओं का ऐलान किया है।
बजट में मुख्यमंत्री ने इस बार 7 नई योजनाओं और तीन नई नीतियों का ऐलान किया है और वर्ष 2024-25 के लिए 58,444 हजार करोड़ के बजट प्रावधान किया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट पेश करने के बाद कहा कि व्यवस्था परिवर्तन से आत्मनिर्भर हिमाचल की परिकल्पना का बजट आज पेश किया गया है जिसमें समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा गया है और ज्यादा फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की तरफ दिया गया है।
कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए जलवायु युक्त कृषि को बढ़ावा दिया गया है। गेहूं और मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य पहली बार निर्धारित किया गया है। दुग्ध किसानों की आय बढ़ाने के लिए गाय और भैंस के दूध पर एमएसपी निर्धारित किया गया है।
सीएम सुक्खू द्वारा पेश किए गए बजट को युवा खेल व आयुष मंत्री यादविंदर गोमा ने ऐतिहासिक करार दिया है। गोमा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट में हर वर्ग को राहत पहुंचाने का प्रयास किया है और प्रदेश में खिलाड़ियों और खेल को प्रोत्साहन देने के लिए बड़े ऐलान किए हैं।
यादविंदर गोमा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने दूसरे बजट में प्रदेश के सभी वर्गों का ध्यान रखा है और प्रदेश के सभी वर्गों को राहत पहुंचाने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू नई खेल नीति को मंजूरी दी है। जगह-जगह स्टेडियम बनाने सहित सभी वर्गों के खिलाड़ियों को मिलने वाले भत्तों व इनाम राशि में वृद्धि कर युवाओं के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं।
वहीं, मंत्री गोमा ने भाजपा द्वारा लगाए जा रहे कांगड़ा की अनदेखी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने समूचे प्रदेश का ख्याल रखा है। कांगड़ा में हवाई अड्डा विस्तारीकरण, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया है। किसी भी तरह की अनदेखी नहीं की गई है।
डोमेन विशेषज्ञ की सहायता से कमियों को किया जाएगा दूर
शिमला। हिमाचल में कैंसर की रोकथाम तथा उपचार के लिए आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था के दृष्टिगत मेडिकल कॉलेज हमीरपुर (Dr. Radhakrishnan Medical College Hamirpur) में 100 करोड़ रुपये की लागत से स्टेट ऑफ द आर्ट्स फेसलिटी (State of the Art facilities) के साथ स्टेट कैंसर इंस्टीच्यूट (State Cancer Institute) स्थापित किया जाएगा।
यह घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने शनिवार को विधानसभा में बजट भाषण में की है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की सहायता से प्रदेश में बढ़ते कैंसर के रोगियों के कारणों का पता भी लगाया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कैंसर पीड़ित मरीजों को प्रदेश में ही कीमोथेरेपी (Chemotherapy) और पैलिएटिव केयर (Palliative Care) की सुविधा प्रदान करने के लिए जिला अस्पतालों तथा चयनित ‘आदर्श स्वास्थ्य केंद्रों पर कैंसर डे केयर सेंटर्स (Cancer Day Care Centres) की स्थापना की जाएगी।
इन केंद्रों में कीमोथेरेपी ले रहे सभी मरीजों के लिए बिस्तर का प्रावधान होगा। कीमोथेरेपी दवाओं को राज्य आवश्यक दवा सूची में सम्मिलित किया जाएगा, ताकि मरीजों को कीमोथेरेपी के लिए अधिक पैसा व्यय न करना पड़े।
आईजीएमसी शिमला (Indira Gandhi Medical College Shimla) में कैंसर पीड़ित रोगियों के उन्नत रेडियोथेरेपी (Advanced Radio Therapy) तकनीक से उपचार के लिए 21 करोड़ रुपये की लागत से एक LINAC (Linear Accelerator) मशीन स्थापित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में कहा कि पिछली सभी सरकारों ने प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए बहुत सी योजनाएं आरंभ की हैं। ऐसी ही योजनाओं में से ‘हिमकेयर’ और ‘सहारा’ 2019 में शुरू की गईं और इनका लाभ भी जन साधारण तक पहुंचा है।
लेकिन, इनसे संबंधित Emperical Data के विश्लेषण (Analysis) के बाद इनके कार्यान्वयन में कुछ संरचनात्मक (Structural) और ऑपरेशनल (Operational) समस्याएं उजागर हुई हैं।
इनमें से प्रमुख समस्या है कि convergence और तकनीकी (Technology) की एप्लीकेशन (Application) के अभाव में कुछ योजनाओं में दोहराव (Duplication) की समस्या आ रही है।
इसके लिए राष्ट्रीय स्तर के डोमेन विशेषज्ञ (Domain Experts) की सहायता से इन कमियों को दूर करके कुछ आवश्यक सुधार करने की घोषणा की गई है। तब तक इन दोनों योजनाओं का कार्यान्वयन यथावत होता रहेगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में कुल 3 हजार 415 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।
बजट भाषण के अनुसार प्रथम चरण में प्रदेश के 53 स्वास्थ्य संस्थानों में हॉस्पिटल मैनेजमेंट इनफार्मेशन सर्विस (Hospital Management Information Service) की स्थापना की जाएगी।
इससे मरीजों को उनके डिजिटल रिकॉर्ड (Digital Record) के आधार पर बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो पाएंगी। इस क्रम में लगभग 57 लाख प्रदेशवासियों का आभा आईडी बनाया जा चुका है और शीघ्र ही सभी पात्र प्रदेशवासियों का आभा आईडी बना दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में हिमाचल में स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) के बढ़ते हुए मामलों के दृश्टिगत 1 करोड़ रुपये की लागत से स्टेट लेवल स्क्रब टाइफस रिसर्च यूनिट (State Level Scrub Typhus Research Unit) स्थापित करने की घोषणा की है।
डॉ राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा और कमला नेहरू अस्पताल शिमला में नवजात शिशुओं में स्तनपान को प्रोत्साहित करने के लिए शिशुओं तथा जच्चाओं के लिए ‘स्तनपान प्रबंधन केंद्र (Lactation Management Centres) स्थापित किए जाएंगे।
प्रदेश के जिन स्वास्थ्य संस्थानों में X-Ray की सुविधा नहीं है, वहां के निवासियों की सुविधा के लिए निजी चिकित्सकों के माध्यम से यह सुविधा प्रदान की जाएगी। 2026 के अंत तक प्रत्येक जिले में सभी टेस्ट सुविधाओं सहित एक एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला (Integrated Public Health Lab) की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि पिछले बजट में घोषित नाहन, चंबा औऱ हमीरपुर में नए नर्सिंग कॉलेजों में निर्माण कार्य शुरू होगा। टांडा मेडिकल कॉलेज में जीएनएम स्कूल को नर्सिंग कॉलेज में स्तरोन्नत किया जाएगा।
बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़, परवाणु, पांवटा और ऊना औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत प्रवासी कामगारों की हेल्थ स्क्रीनिंग (Health Screening) के लिए एक गेस्ट वर्कर स्क्रीनिंग प्रोजेक्ट (Guest Worker Screening Project) आरम्भ किया जाएगा।
‘राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना का ऐलान
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविदर सिंह सुक्खू ने अपनी सरकार के कार्यकाल का दूसरा बजट शनिवार को हिमाचल विधानसभा में पेश किया। उन्होंने बजट भाषण में प्राकृतिक खेती में स्वरोजगार को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए 680 करोड़ रुपये की ‘राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना’ के तीसरे चरण में एक नई योजना ‘‘राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना’’ शुरू करने की घोषणा की है।
इसके अंतर्गत प्रथम चरण में प्रत्येक पंचायत से 10 किसानों को ‘जहर मुक्त खेती’ के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस प्रकार लगभग 36,000 किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा, जो किसान पहले से ही खेती कर रहे हों, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
जो भी किसान इस योजना से जुड़ते रहेंगे तथा गेहूं में यूरिया और 12-32-16 और मक्की में यूरिया खाद का इस्तेमाल न करके गोबर का इस्तेमाल करेंगे, उनका अधिकतम 20 क्विंटल प्रति परिवार अनाज न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाएगा।
बेरोजगार युवाओं को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं को 40 रुपये प्रति किलोग्राम तथा मक्की को 30 रुपये प्रति किलोग्राम के MSP पर खरीदा जाएगा।
हिमाचल में प्राकृतिक तकनीक से लगभग 37 हज़ार मिट्रिक टन से अधिक गेहूं का उत्पादन किया जा रहा है। 15 हज़ार एकड़ की भूमि को वेब पोर्टल के माध्यम से प्राकृतिक खेती भूमि के रूप में सर्टिफाई किया जाएगा।
इसके अंतर्गत 10 नए Farmer Producer Organizations गठित किए जाएंगे। 2024-25 में इस पर 50 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। फैंसिंग के लिए जालीदार बाड़ तथा कांटेदार तार लगाने के लिए 10 करोड़ रुपये किसानों को सहायता के रूप में व्यय किए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश कृषि मिशन’ के अंतर्गत 3 से 5 साल की अवधि में 2 हजार 500 कृषि क्लस्टर समूहों को समान रूप से विकसित करने की घोषणा की है। इस मिशन के अंतर्गत climate के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में High Value फसलों को बढ़ावा दिया जाएगा।
बजट भाषण के अनुसार 2024-25 में JICA Phase-2 प्रोजेक्ट के तहत 50 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सब्जी उत्पादन के अंतर्गत लाया जाएगा। इसके अतिरिक्त लाभार्थी कृषकों के उत्पादन में Processing के माध्यम से Value Addition का प्रावधान किया जाएगा तथा इन उत्पादों को बेचने के लिए आवश्यक मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रेक्चर का विकास किया जाएगा।
शिमला जिले में मेहंदली तथा शिलारू, कुल्लू जिला में बंदरोल में नई मंडियों का निर्माण किया जाएगा। सिरमौर में पांवटा साहिब, खैरी, घंडूरी और नौहराधार, कुल्लू में चैरीबिहाल, पतलीकूहल और खेगसू, मंडी में टकोली और कांगनी, कांगड़ा में जसूर, पास्सू व पालमपुर, सोलन में परवाणू,
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किसानों को दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 1 अप्रैल, 2024 से गाय तथा भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को क्रमश: वर्तमान 38 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 45 रुपये प्रति लीटर और 47 रुपये प्रति लीटर से 55 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है।
यदि किसान को खुले बाज़ार में दूध की अधिक कीमत मिलती है तो वह इसे खुले बाज़ार में बेचने के लिए स्वतंत्र होगा। 1 अप्रैल, 2024 से दुग्ध उत्पादन सोसाइटियों से APMC द्वारा ली जाने वाली फीस माफ की जाएगी।
बजट में हिम गंगा योजना के तहत वर्ष 2024-25 के दौरान कांगड़ा के ढगवार में 1.5 लाख लीटर प्रति दिन की क्षमता वाले Fully Automated Milk and Milk Products Plant की स्थापना की घोषणा की गई है।
इस प्लांट के लिए भूमि उपलब्ध करवा दी गई है और इसकी क्षमता को बाद में बढ़ाकर 3 LLPD कर दिया जाएगा। इस प्लांट में अत्याधुनिक तकनीक से दूध का पाउडर बनाया जाएगा, जिससे कि मांग से अधिक दूध को लंबे समय तक संरक्षित (Preserve) करके रखा जा सके।
इसके अतिरिक्त दही, खोया, घी, आइसक्रीम, फ्लेवर्ड मिल्क (Flavoured Milk), processed cheese और अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इसके साथ ही यहां अल्ट्रा हीट टेक्नोलॉजी से पैकिग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। दत्तनगर मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट में 50 हजार लीटर प्रति दिन की क्षमता का एक अतिरिक्त संयंत्र चालू कर दिया जाएगा।
ऊना तथा हमीरपुर में भी आधुनिकतम तकनीक से मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किए जाएंगे, जिन पर लगभग 50 करोड़ रुपये व्यय होंगे। स्थानीय युवाओं को किसानों/संग्रह केंद्र से मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट तक दूध ले जाने के लिए 50 फीसदी उपदान पर 200 रेफ्रिजरेटेड मिल्क वैन (Refrigerated Milk Vans) उपलब्ध करवाई जाएंगी।
बजट भाषण में पशुपालकों को उत्तम नस्ल के पशु उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सोलन जिले के दाड़लाघाट में ‘कृत्रिम गर्भाधान प्रषिक्षण केंद्र’ की स्थापना करने की घोषणा की गई है। विषेशज्ञ पशु चिकित्सकों द्वारा गंभीर पशु रोगों की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 44 मोबाइल वेटरनरी वैन क्रय कर ली गई हैं।
यह सेवा वर्ष 2024 में पूर्ण रूप से आरंभ कर दी जाएगी। प्रत्येक वैन में एक वेटरनरी डॉक्टर तथा एक फार्मासिस्ट तैनात होगा। पशुपालक प्रदेश में कहीं से भी टॉल फ्री फोन नंबर 1962 पर कॉल करके पशुओं के उपचार की सुविधा या पशुपालन से संबंधित अन्य जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
प्रदेश में भेड़-बकरियों के लिए FMD Vaccination शुरू करने तथा ऊन की अन्य समस्याओं के निदान के लिए एक नई योजना ”भेड़-बकरी पालक प्रोत्साहन योजना“ प्रारंभ करने की भी घोषणा की है। इस योजना पर 10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी।
प्रदेश में बढ़ते हुए बेसहारा पशुओं की समस्या के निदान के लिए एक‘State Level Task Force’का गठन किया जाएगा, जोकि 3 माह के भीतर इन पशुओं को किसानों तथा स्थानीय समुदायों से परामर्श के बाद समीप के गौ-अभ्यारण्यों तथा गौशालाओं में रखने के लिए दिशा-निर्देश सुझाएंगे।
इसी के साथ गौ-अभ्यारण्यों तथा गौशालाओं के निर्माण तथा रख-रखाव से संबंधित सुझाव भी दिए जाएंगे। निजी गौ-सदनों में आश्रित गौवंश के लिए दिए जाने वाले अनुदान 700 रुपये प्रति गौवंश प्रतिमाह से बढ़ाकर 1 हजार 200 रुपये करने का भी ऐलान किया है। इस बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कुल 582 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।
शिमला। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज बजट पेश किया। बजट में मुख्यमंत्री ने एसएमसी (SMC) शिक्षकों का 1900 रुपए मानदेय बढ़ाने का ऐलान किया। एसएमसी अध्यापक मानदेय में बढ़ोतरी को लेकर बिलकुल भी खुश नजर नहीं आए।
एसएमसी (SMC) शिक्षकों का कहना है कि वे नियमितीकरण की मांग को लेकर 27 तारीख से निरंतर क्रमिक अनशन पर बैठे हैं और 8 तारीख से निरंतर पेन डाउन स्ट्राइक पर हैं।
छात्रों की परीक्षा अगले सप्ताह से शुरू होगी। छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो गई है और हजारों स्कूलों में परीक्षा करवाने के लिए अध्यापक नहीं है लेकिन सरकार इसे लेकर गंभीर नहीं है।
बजट में एसएमसी (SMC) शिक्षकों के मानदेय में 1900 रुपए बढ़ाने की घोषणा की है। इसका हम विरोध करते हैं। हमारी मांग है कि एसएमसी शिक्षकों के लिए स्थाई नीति का निर्माण किया जाए।
एसएमसी अध्यापक संघ प्रवक्ता निर्मल ठाकुर निर्मल ठाकुर ने कहा कि विरोध स्वरूप एसएमसी शिक्षक 19 फरवरी 2024 से पूर्ण रूप से कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे। सभी अध्यापक अपने परिवार सहित विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे।
एसएमसी (SMC) शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा मंत्री ने हमें 12 फरवरी को बुलाया था और हमें ये आश्वासन दिया था कि कैबिनेट सब कमेटी द्वारा फाइनल रिपोर्ट तैयार की गई है जो 14 फरवरी कैबिनेट में जाएगी।
14 फरवरी की कैबिनेट में भी ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। हमें उम्मीद थी 17 फरवरी को बजट में जरूर हमारे लिए उचित फैसला होगा लेकिन मात्र मानदेय बढ़ाकर ही सरकार ने इतिश्री कर ली है।
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि हिमाचल में नई खेल नीति लाई जाएगी। इसके तहत ओलंपिक खेलों व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण विजेता को 3 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपए पुरस्कार मिलेगा। रजत पदक विजेता को 2 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
कांस्य पदक विजेता को 1 करोड़ रुपए की जगह दो करोड़ रुपए दिए जाएंगे। एशियन गेम्स में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण विजेता को 50 लाख की जगह चार करोड़, रजत पदक विजेता को 30 लाख से बढ़ाकर अढ़ाई करोड़ रुपए और कांस्य पद विजेता को 20 लाख रुपए की जगह डेढ़ करोड़ रुपए मिलेंगे।
कॉमनवेल्थ गेम्स में व्यक्ति स्पर्धा में स्वर्ण पदक विजेता को 50 लाख से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए मिलेंगे। रजत पदक विजेता को 30 लाख से 2 करोड़ रुपए और कांस्य पदक विजेता को 20 लाख रुपए की जगह 1 करोड़ रुपए पुरस्कार मिलेगा। टीम स्पर्धाओं में विजेता हिमाचली खिलाड़ियों को प्राप्त पदक के आधार पर उपरोक्त पुरस्कार राशि में से प्रत्येक खिलाड़ी को प्रतिनिधित्व के अनुपात में बराबर राशि मिलेगी।
राज्य से बाहर 200 किलोमीटर की दूरी तक खेल स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए खिलाड़ियों को AC 3 टियर किराया और 200 किलोमीटर से अधिक दूरी के स्थानों पर जाने के लिए इकोनॉमी क्लास का हवाई किराया (Economy Class Air Fare) मिलेगा। सरकारी विभागों में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को विभिन्न पदों पर 3 प्रतिशत खेल कोटा के अंतर्गत सम्मिलित वर्तमान 43 खेलों की संख्या को बढ़ाएगी।
प्रारंभिक शिक्षा स्तर के खिलाड़ियों को प्रदेश में होने वाली खेलों में भाग लेने पर 250 रुपये प्रतिदिन डाइट मनी मिलेगी। अन्य सभी खिलाड़ियों को प्रदेश में होने वाली खेलों में भाग लेने पर 400 रुपये प्रतिदिन डाइट मनी दी जाएगी। सभी खिलाड़ियों को प्रदेश के बाहर होने वाली खेलों में भाग लेने पर समान रूप से 500 रुपये प्रतिदिन डाइट मनी अदा होगी। प्रदेश के खेल हॉस्टलों में रहने वाले सभी खिलाड़ियों को उपरोक्त के अनुसार 250 रुपये तथा 400 रुपये की डाइट मनी दी जाएगी।
हमीरपुर में आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक इंडोर स्टेडियम का निर्माण होगा। ऊना के पंजोआ में भी इंडोर स्टेडियम का निर्माण होगा। मनाली बंदरोल में एक इंडोर स्पोर्ट्स स्टेडियम बनेगा। रैहन और देहरा में स्विमिंग पूल सुविधा के साथ इंडोर स्टेडियम का निर्माण होगा। खरीड़ी, नादौन, कसुम्पटी, जयसिंहपुर और ढली बाइपास में इंडोर बहुउद्देशीय खेल परिसर का निर्माण करवाया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में की घोषणा
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण के दौरान शिक्षा क्षेत्र को लेकर भी कुछ ऐलान किए हैं। बजट भाषण में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ के अनुरूप प्रदेश में स्कूली स्तर पर 5+3+3+4 शिक्षा प्रणाली लागू की जाएगी, जिसमें तीन साल का Pre School ‘बाल वाटिका’ पाठ्यक्रम भी शामिल होगा।
प्रदेश में अभी 6 हजार से अधिक प्राथमिक पाठशालाओं में प्री-स्कूल चलाए जा रहे हैं। इस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आगामी वित्तीय वर्ष में 6 हजार नर्सरी टीचर नियुक्त किए जाएंगे।
पात्र आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी नर्सरी अध्यापक बनने का अवसर दिया जाएगा और इसके लिए उन्हें Bridge Course भी करवाया जाएगा।
इस व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू करने के लिए पहली कक्षा में प्रवेश के लिए ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ के अनुसार कम से कम 6 वर्ष की आयु तय की गई है और प्री-प्राइमरी की तीन कक्षाओं में प्रवेश के लिए क्रमश: 3, 4 और 5 वर्ष की न्यूनतम आयु सीमा तय की गई है।
स्कूलों और समाज के बीच बेहतर ताल-मेल के लिए तथा सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए ‘‘अपना विद्यालय-मेरा विद्यालय-मेरा सम्मान’’ योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है।
इसमें, जहां एक ओर मुख्यमंत्री से लेकर खंड स्तरीय अधिकारी तक सभी एक-एक शिक्षण संस्थान को गोद लेंगे, वहीं दूसरी ओर समुदाय को स्कूलों से जोड़ा जाएगा। इसमें पात्र एवं इच्छुक व्यक्तियों द्वारा निशुल्क शिक्षा प्रदान किए जाने की व्यवस्था भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि प्रत्येक उपमंडल में एसडीएम को सभी प्राइमरी स्कूल की महीने में एक दिन बारी-बारी से अनिवार्य रूप से रिव्यू मीटिंग करनी होगी। इस बैठक में उस स्कूल में न केवल विद्यार्थियों बल्कि अध्यापकों की परफोर्मेंस का भी रिव्यू किया जाएगा।
अभिभावकों के साथ भी इसी बैठक में संवाद किया जाएगा। इसी बैठक में स्कूल के रख-रखाव के बारे में भी उचित निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों की वार्षिक रैकिंग और उनके लिए Performance Based Grant की व्यवस्था की शुरूआत की जाएगी। इस सारी व्यवस्था को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से विकसित किया जाएगा। इसे आम जनता तथा अभिभावकों से भी सांझा किया जाएगा, जिसके लिए एक वेबसाइट बनाई जाएगी।
पढ़ने-पढ़ाने की संस्कृति के विकास के लिए प्रदेश में वर्ष 2024-25 में ‘‘पढ़ो हिमाचल’’ के नाम से एक व्यापक जन अभियान प्रारंभ किया जाएगा। इस अभियान में विद्यालयों के साथ-साथ ग्रामीण एवं शहरी जन समुदाय को भी जोड़ा जाएगा।
इसी अभियान के तहत प्रदेश के 500 शिक्षण संस्थानों में सामान्य पाठकों और विषेश रूप से युवाओं के लिए रीडिंग रूम बनाए जाएंगे तथा इन्हीं शिक्षण संस्थानों के पुस्तकालयों के चलाने में आम जन की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाएगा।
प्रत्येक जिला व उपमंडल मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर एक आधुनिकतम सुविधाओं सहित पुस्तकालय तथा वाचनालय बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में की है।
यह कार्य चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। प्रथम चरण में, पंचायत स्तर पर 493 पुस्तकालयों का निर्माण करके इनमें पुस्तकें तथा अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिस पर 88 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।
जिन स्थानों पर छात्रों और छात्राओं के लिए अलग-अलग स्कूल अथवा महाविद्यालय चल रहे हों, स्थानीय निवासियों की मांग पर आवश्यकतानुसार उन दोनों को मिलाकर एक को एजुकेशन शैक्षणिक संस्थान चलाने की शुरूआत की जाएगी।
इससे छात्र व छात्राओं के शैक्षणिक विकास के साथ-साथ उनका मनोवैज्ञानिक विकास होगा तथा व्यक्तित्व उभरेगा। इसके साथ ही जिन क्षेत्रों में 3 से 5 किलोमीटर के दायरे में कोई प्राथमिक शिक्षा न हो, वहां के बच्चों को नजदीक के स्कूल तक लाने और वापस घर छोड़ने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी।
बजट भाषण के अनुसार प्रदेश में पढ़ाए जा रहे पाठ्यक्रम का संवैधानिक मूल्यों के परिप्रेक्ष्य में पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का समावेश भी किया जाएगा।
इसके लिए पांचवी कक्षा से हिमाचल के इतिहास एवं संस्कृति, भारतीय संविधान, स्वास्थ्य, Basic Hygiene और अन्य सामान्य ज्ञान के विषयों पर अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम आरंभ किया जाएगा।
सभी विद्यालयों में खेलों तथा व्यायाम के लिए प्रतिदिन कम से कम एक पीरियड अनिवार्य किया जाएगा। आवश्यकतानुसार पीईटी की नियुक्ति को प्राथमिकता दी जाएगी। 500 बच्चों से अधिक वाले स्कूलों में स्वयं सहायता समूहों को मिड डे मील के अंतर्गत भोजन बनाने और परोसने में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
सीएम सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि पिछली सरकार ने प्रदेश में तीन स्थानों पर ‘अटल आदर्श विद्यालय’ बनाने प्रारंभ किए। उनकी सरकार इन्हें पूरा करने के लिए न केवल आवश्यक
धनराशि उपलब्ध करवाएगी, बल्कि इन्हें क्रियाशील भी करेगी। ‘राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलों’ तथा ‘अटल आदर्श विद्यालयों’ के लिए कर्मचारियों का एक विशेष संवर्ग बनाया जाएगा। इन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों पर उत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों के रूप में विकसित किया जाएगा।
प्रथम चरण में प्रदेश में लाहडू, नगरोटा बगवां, अमलेहड़, भोरंज, संगनाई (ऊना) आदि सहित 10 राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलों के निर्माण कार्य को आरंभ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार जल जनित रोगों से प्रतिवर्ष भारत को 49 अरब 78 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। भारत के दो तिहाई जिले पानी की कमी से जूझ रहे हैं।
बच्चों को पीने के लिए साफ पानी मिले इसके लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जाएगा तथा सरकारी स्कूलों के 8 लाख 50 हज़ार से अधिक बच्चों के लिए एक सुरक्षित एवं स्वच्छ पानी की बोतल उपलब्ध करवाई जाएगी। शिक्षा क्षेत्र में कुल 9 हजार 560 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।
शिमला। हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर को 1 अप्रैल 2024 से महंगाई भत्ते की 4 फीसदी किस्त देने का ऐलान किया है। इस पर करीब 580 करोड़ रुपए प्रति वर्ष खर्च होंगे।
साथ ही कर्मचारी अब एक अप्रैल 2024 के बाद अपने सेवाकाल में कम से कम दो बार All India Leave Travel Concession यानी एलटीसी की सुविधा ले सकेंगे।
पहले यह सुविधा सेवाकाल के अंत में एक बार ही मिलती थी। एलटीसी को छुट्टी यात्रा भी कहा जाता है। इसके तहत कर्मी को भारत में कहीं भी भ्रमण के लिए रियायत मिलती है।
मजदूरों की दिहाड़ी 25 रुपए बढ़ाकर 400 रुपए प्रति माह करने की घोषणा की है। आउटसोर्स कर्मचारियों को 12000 रुपए मानदेय मिलेगा। पंचायत वेटरनरी सहायक को भी 7 हजार की जगह 7500 रुपए वेतन मिलेगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि हिमाचल पंजाब सरकार के वेतनमान का अनुसरण करता है। पंजाब में अभी कर्मचारियों को एरियर का भुगतान नहीं किया गया है।
सरकार एक मार्च, 2024 से चरणबद्ध ढंग से कर्मचारियों को वेतन और पेंशन एरियर भुगतान शुरू कर देगी।
एक जनवरी 2016 से 30 दिसंबर 2021 के बीच रिटायर कर्मचारियों के लीव इन कैंशमेंट और ग्रेज्युटी के संबंधित एरियर का भुगतान भी चरणबद्ध तरीके से 1 मार्च, 2024 से शुरू कर दिया जाएगा।
शिमला। हिमाचल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 500 रुपए बढ़ोतरी के साथ 10000 रुपए का ऐलान किया गया है। मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं मानदेय 400 रुपए बढ़ाकर 7000 कर दिया गया है।
आंगनबाड़ी सहायिका को 300 रुपए बढ़ाकर 5500 रुपए, आशा वर्कर को 300 रुपए बढ़ाकर 5500, सिलाई अध्यापिका को 500 रुपए बढ़ोतरी, मिड डे मील वर्कर को 500 की बढ़ोतरी 4500, वाटर कैरियर शिक्षा विभाग 600 बढ़ोतरी के साथ 5000, जल रक्षक को 300 बढ़ोतरी के साथ 5300 मानदेय मिलेगा।
जल शक्ति विभाग MTW को 600 बढ़ोतरी के साथ 5000, पैरा फिटर पंप ऑपरेटर को 300 बढ़ोतरी के साथ 6300, पंचायत चौकीदार को 1000 बढ़ोतरी के साथ 8000, राजस्व चौकीदार को 300 बढ़ोतरी के साथ 5800, नंबरदार को 500 बढ़ोतरी के साथ 4200 रुपए मानदेय मिलेगा।
वहीं, SMC शिक्षकों और आईटी टीचर के मानदेय में 1900 रुपए प्रति माह बढ़ोतरी की गई है। सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात स्पेशल पुलिस अफसर (SPO) के मानदेय में 500 रुपए की बढ़ोतरी की गई है।
18 साल तक बच्चों की RD में डाले जाएंगे एक हजार रुपए प्रतिमाह
शिमला। हिमाचल में वन विभाग में जल्द वन रक्षकों की भर्ती की जाएगी। वन रक्षकों के 100 रिक्त पदों को भरा जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बजट भाषण में इसका ऐलान किया है।
हिमाचल पुलिस कर्मियों की डाइट मनी में पांच गुना बढ़ोतरी का ऐलान किया गया है। डाइट मनी को 210 से बढ़ाकर 1000 रुपए करने की घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के तहत सभी पात्र विधवाओं के बच्चों को 27 साल तक शिक्षा का सारा खर्च सरकार अदा करेगी। इसके अलावा 18 साल तक आरडी खाते में 1 हजार रुपए प्रतिमाह डालेगी।
पात्र विधवा महिलाओं का स्वास्थ्य बीमा का वार्षिक प्रीमियम सरकार देगी। इस योजना के लिए पात्र विधवा महिला की वार्षिक आय 1 लाख से कम होनी चाहिए।