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ऋषि महाजन/नूरपुर। हिमाचल के अधिकतर किसान-बागवान आज भी परंपरागत खेती कर रहे हैं, जोकि सारा साल मौसम पर निर्भर रहते हैं, लेकिन मौसम की बदलती परिस्थितियों के बाद अब किसानों का रुझान आधुनिक तकनीक से खेती बाड़ी करने की ओर बढ़ा है। ऑफ सीजन सब्जियों की बाजार में बढ़ती मांग और अच्छे दाम मिलने पर अब ग्रीनहाउस और पॉलीहाउस जैसी तकनीक को अपनाकर किसान-बागवान बेमौसमी फल व सब्जियां उगाकर अच्छा उत्पादन व मुनाफा कमा रहे हैं।
हिमाचल सरकार द्वारा संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन चलाया जा रहा है, जिसके तहत किसानों-बागवानों को पॉलीहाउस लगाने के लिए 85 फीसदी अनुदान प्रदान किया जा रहा है ।
जिला कांगड़ा के इंदौरा ब्लॉक के इंदपुर से संबंध रखने वाले चेतन ठाकुर एक ऐसे ही बागवान हैं, जिन्होंने इस योजना से लाभ लेकर पॉलीहाउस लगाया, जिससे वह बेमौसमी सब्जियों का अच्छा उत्पादन कर आज लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।
चेतन ठाकुर ने होटल मैनेजमेंट की डिग्री लेने के बाद बड़े-बड़े होटलों में चार साल तक काम किया, लेकिन वह अपने प्रदेश में ही अपना कारोबार शुरू करने के साथ अन्य लोगों के लिए भी रोजगार उपलब्ध करवाना चाहते थे। उनके पिता कृषि विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं, जिसके कारण शुरू से ही चेतन शर्मा की खेती बाड़ी में गहरी दिलचस्पी थी। अपने पिता से प्रेरणा लेकर उन्होंने खेती बाड़ी में में ही अपना रोजगार शुरू करने का मन बनाया।
कृषि तथा बागवानी विभाग से मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद चेतन ठाकुर ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन से लाभ लेकर एक एकड़ जमीन पर पॉलीहाउस लगा कर सब्जियां उगाना शुरू कीं। उन्होंने क्षेत्र के अन्य किसानों को भी इस संरक्षित खेती बाड़ी से जुड़ने के लिए प्रेरित किया, जिसके चलते आज चेतन ठाकुर पांच अन्य किसान साथियों के साथ क्लस्टर बना कर चार एकड़ एरिया में पॉलीहाउस में संरक्षित खेती कर रहे हैं।
चेतन ठाकुर का कहना है कि बाकी किसान साथियों के साथ क्लस्टर बना कर काम करने से उन्हें सब्जियों को मंडियों तक पहुंचाने, बीज, खाद, उपकरण आदि सामान लाने तथा ले जाने में पैसों की बचत के अलावा खेती में अपना-अपना अनुभव साझा करने में भी मदद मिलती है।
विभाग से मिली सब्सिडी
चेतन ठाकुर को पॉलीहाउस लगाने में बागवानी विभाग द्वारा 85 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की गई है। इसके अलावा सोलह हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में स्वचलित सिंचाई सुविधा लगाने पर 80 प्रतिशत, पॉवर टिलर पर 50 प्रतिशत, ग्रेडिंग मशीन पर 2 लाख 50 हजार, वाटर स्टोरेज टैंक पर 50 प्रतिशत तथा अन्य कृषि उपकरणों पर अनुदान प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सब्सिडी तथा प्रशिक्षण के बिना संरक्षित खेती बाड़ी करना अत्यंत मुश्किल काम है। इसके साथ ही हर पांच साल बाद पॉलीहाउस की शीट बदलने में भी सरकार द्वारा 80 प्रतिशत अनुदान दिया गया।
चेतन ठाकुर पॉलीहाउस में फरवरी से सितंबर माह तक खीरा तथा अगस्त से जून के सीजन में लाल-पीली शिमला मिर्च का उत्पादन करते हैं। वह सीजन में दो एकड़ जमीन से सोलह सौ क्विंटल खीरा तथा 2 एकड़ जमीन से 500-500 क्विंटल लाल व पीली शिमला मिर्च का उत्पादन करते हैं। इसके अलावा सर्दियों के मौसम में पॉलीहाउस के बीच की खाली जगह पर ब्रोकली तथा लैट्यूस (सलाद पत्ती) का उत्पादन करते हैं।
आज चेतन ठाकुर तथा उनका प्रत्येक किसान साथी पॉलीहाउस में सब्जियां उगा कर सालाना कम से कम सात-सात लाख रुपये से अधिक का मुनाफा कमा रहे हैं, जो पारंपरिक खेती की तुलना में कई गुना ज्यादा है। वह स्वावलंबी बनने के साथ बारह और स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवा रहे हैं। चेतन ठाकुर अपने व्यवसाय के क्षेत्र को निकट भविष्य में व्यापक स्तर पर बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं।आज चेतन ठाकुर क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।
पॉलीहाउस के अंदर का मौसम जैसे तापमान, नमी और यहां तक कीटों की उपस्थिति आदि किसान के नियंत्रण में रहती है, जिससे कीटनाशकों और उर्वरकों का उपयोग कम होने के साथ इसकी देखभाल करना भी आसान हो जाता है। पॉलीहाउस में उगाए गए फल, सब्जियां और पौधे ताजा रहते हैं, जिससे मार्केट में अच्छे दाम मिलते हैं।
बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ कमलशील नेगी का कहना है कि इस योजना के तहत राज्य सरकार किसानों को पॉलीहाउस लगाने के लिए 85 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। इसके अलावा सिंचाई सुविधा लगाने, पॉवर टिलर खरीदने, ग्रेडिंग मशीन की खरीद, वाटर स्टोरेज टैंक तथा अन्य कृषि उपकरणों पर 50 से 80 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सूक्खू ने बागवानी तथा कृषि विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में नई-नई योजनाओं की शुरुआत की है । मुख्यमंत्री की इन योजनाओं और दूरगामी सोच से किसानों-बागवानों विशेषकर युवाओं को स्वरोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होने के साथ अच्छी आय भी प्राप्त होगी।
ऋषि महाजन/नगरोटा सूरियां। कृषि व पशुपालन मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने बताया है कि प्रदेश सरकार अपनी चुनावी गारंटी के तहत अब पशुपालकों से पहली जनवरी से दो रुपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीद शुरू करेगी। गोबर खाद के रूप में लिया जाएगा, कच्चा नहीं लिया जाएगा। यह जानकारी उन्होंने वीरवार को ज्वाली विधानसभा क्षेत्र के नगरोटा सूरियां में जनसभा को संबोधित करते हुए दी।
कृषि मंत्री ने बताया कि गोबर से आर्गेनिक खाद तैयार की जाएगी, जिसे सरकारी उपक्रम हिमफेड के माध्यम से किसानों को उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस खाद का उपयोग कृषि व बागवानी विभाग के फार्मों में भी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त बागवानी व सेब बाहुल्य क्षेत्रों में भी इस खाद की बिक्री कृषि व बागवानी विभाग के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी, ताकि लोगों को आर्गेनिक खेती के लिए प्रेरित किया जा सके।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा आर्गेनिक खाद से फसल तैयार करने वाले किसानों को चिन्हित करने के साथ उनसे ऊंची कीमतों पर फसलों को खरीदा जाएगा।
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के वायदे पर कार्य कर रही है, जिसके तहत सभी विभागों में भर्ती प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र की सड़कों के सुधार एवं बेहतर रखरखाव के लिए करोड़ों रुपए के बजट का प्रावधान करवाया गया है। उन्होंने बताया कि नगरोटा सूरियां में गज खड्ड पुल तथा सुखाहार नहर परियोजना के निर्माण के लिए भी जल्द राशि उपलब्ध करवाई जाएगी।
चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा समाज के हर वर्ग के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं और विभागीय अधिकारी इन योजनाओं का लाभ हर वर्ग तक पहुंचना सुनिश्चित करें।
कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार 11 दिसंबर को अपना एक वर्ष का सफल कार्यकाल पूरा करने जा रही है। इस वर्ष प्रदेश में घटित भयंकर आपदा के बावजूद प्रदेश सरकार ने अनेक जनहितैषी योजनाएं धरातल पर लागू करने के साथ प्रदेश हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सत्ता संभालने पर लोगों से पारदर्शी प्रशासन देने का जो वादा किया था उस पर प्रदेश सरकार खरा उतरी है।
उन्होनें कहा कि प्रदेश सरकार व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय के साथ काम कर रही है जिसके फलस्वरूप कई जनहितैषी फैसले लेकर व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बदलाव का यह दौर इसी तरह जनसेवा में आगे भी जारी रहेगा।
कृषि मंत्री ने इस अवसर पर जनसमस्याएं भी सुनीं तथा संबंधित अधिकारियों को समस्याओं के शीघ्र समाधान के निर्देश दिए ताकि लोगों को सभी मूलभूत सुविधाएं घर-द्वार के नजदीक उपलब्ध हो सकें।
पालमपुर। हिमाचल में अब मुलहठी लोगों की खांसी ही नहीं भगाएगी बल्कि रोजगार के अवसर भी मुहैया करवाएगी। प्रदेश में पहली बार मुलहठी की व्यवसायिक रूप से शुरूआत हुई है। सीएसआईआर-आईएचबीटी, पालमपुर में “एक सप्ताह – एक प्रयोगशाला” के कार्यक्रम के शुभारंभ पर सीपीएस व पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल ने किसानों को प्रदेश में पहली बार मुलहठी की व्यवसायिक खेती करने के लिए रोपण सामग्री वितरित की।
इसके अलावा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए किसानों एवं उद्यमियों को विभिन्न फसलों के बीज एवं रोपण सामग्री भी आबंटित की गई। स्टार्टअप पर एक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर संस्थान की प्रौद्योगिकियों के प्रसार के लिए समझौता ज्ञापन भी किए गए। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव ने संस्थान कि पादप संवर्धन इकाई एवं पुष्प प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
बता दें कि सीएसआईआर-आईएचबीटी, पालमपुर में 20-25 फरवरी के दौरान “एक सप्ताह – एक प्रयोगशाला” का आयोजन किया जा रहा है। इसमें संस्थान अपनी विकसित प्रौद्योगिकियों को जन सामान्य के लिए प्रदर्शित करेगा।
शुरुआत 6 जनवरी 2023 को डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री भारत सरकार द्वारा की गई थी। इस कार्यक्रम के माध्यम से सीएसआईआर के 37 प्रमुख संस्थान भारत में अपने यहां विकसित प्रौद्योगिकीय उपलब्धियों एवं नवाचारों द्वारा अर्जित सफलताओं का प्रदर्शन कर रहे हैं।
आशीष बुटेल ने कहा कि राज्य सरकार चुनौतियों को स्वीकार करते हुए उद्यमियों, स्टार्टअप, किसानों एवं जन सामान्य के आर्थिकी का सुदृढ़ करने की दिशा में अग्रसर है। इस क्षेत्र में उन्होनें सीएसआईआर-आईएचबीटी द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों की सराहना की एवं भविष्य में भी संस्थान से योगदान के लिए आग्रह किया।
बुटेल ने राज्य में निवेश करने के लिए उद्यमियों और स्टार्टअप करने का भरोसा दिया और कहा कि हिमाचल सरकार इस तरह की उद्योगों को प्रोत्साहित करेगी, जिससे राज्य के लोगों के लिए आजीविका सृजन हो सके। उन्होंने कहा कि पालमपुर के राज्य स्तरीय होली मेले में राज्य के नए स्टार्टअप एवं उद्यमियों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान किया जाएगा।
इससे पूर्व संस्थान के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने मुख्य अतिथि एवं आए हुए प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए “एक सप्ताह – एक प्रयोगशाला” कार्यक्रम के उदेश्य पर प्रकाश डाला। अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि संस्थान के वैज्ञानिकों ने हींग, केसर, स्टीविया, लिलियम, दालचीनी जैसी फसलों की कृषि तकनीक विकसित करके किसानों एवं उद्यमियों की आत्मनिर्भता की ओर कदम बढ़ाए हैं। सुगंधित फसलें विशेषकर लेवेंडर और गेंदे को उगाने एवं प्रसंस्करण के लिए अलग-अलग राज्यों में आसवन इकाइयां स्थापित की गईं।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डा. गिरीश साहनी, भटनागर फेलो एवं पूर्व महानिदेशक,सीएआईआर ने इकोसिस्टम में बदलाव पर बल दिया ताकि प्रयोगशाला के अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी को उत्पादों के माध्यम से बाजार में उपलब्ध कराया जा सके। उन्होनें बताया कि प्रौद्योगिकी पार्कों की स्थापना से इन विकसित प्रौद्योगिकियों को प्रसारित किया जा सकता है।
आयोजन के विशिष्ट अतिथि, डॉ. एमपी गुप्ता, प्रबन्ध निदेशक,डक्कन हेल्थकेयर लि. हैदराबाद ने अपने संबोधन में कहा कि चुनौतियों से निकलकर ही सफलता प्राप्त होती है। भारत में अपार संभावनाएं हैं। भारत में विनियामक कानूनों, नीतियों की स्पष्टता, सरलता एवं सुधारों की आवश्यकता है ताकि उद्यमी अपने उत्पाद को जल्द से जल्द विकसित करके इसे बाजार तक पहुंचा सके।