शिमला। हिमाचल प्रदेश से उद्योगों के पलायन और बल्क ड्रग पार्क के मुद्दे को लेकर गुरुवार को भी विपक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही सरकार के खिलाफ विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया।
विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि बीबीएन में सरकार की मिलीभगत से बिचौलियों से परेशान हो कर उद्योग पलायन हो रहे हैं। सरकार कह रही है कि वे अपनी शर्तों पर प्रदेश में निवेश लाएंगे। सरकार बताए कि वे कौन सी शर्तें हैं।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में उद्योगों को स्थापित करने में केंद्र की अटल बिहारी वाजपेई सरकार का बड़ा योगदान रहा है और उसके बाद पीएम मोदी ने बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क जैसी सौगात हिमाचल को दी है लेकिन उन लोगों का जिक्र करने के बजाय सदन में एक विधायक के परिवार का किया जा रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
कबाड़ बीबीएन में एक बड़ा मुद्दा हो गया है जिसको लेकर अलग-अलग बातें सामने आ रही हैं। उद्योगपतियों के ऊपर ऐसी शर्तें लगाई जा रही हैं जिससे विवश हो कर वे बिचौलियों के पास आएं।
सरकार में कुछ ऐसे लोग बैठ गए हैं जिनके कारण स्थापित उद्योग हिमाचल प्रदेश से पलायन करने को मजबूर हो गए हैं। निवेश लाने के लिए मंत्री और सीएम दुबई घूम कर आ गए। वे किन-किन औद्योगिक घरानों से मिले इसकी किसी को जानकारी नहीं, लेकिन शादियों की तस्वीरें सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आ रही हैं।
‘राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना का ऐलान
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविदर सिंह सुक्खू ने अपनी सरकार के कार्यकाल का दूसरा बजट शनिवार को हिमाचल विधानसभा में पेश किया। उन्होंने बजट भाषण में प्राकृतिक खेती में स्वरोजगार को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए 680 करोड़ रुपये की ‘राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना’ के तीसरे चरण में एक नई योजना ‘‘राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना’’ शुरू करने की घोषणा की है।
इसके अंतर्गत प्रथम चरण में प्रत्येक पंचायत से 10 किसानों को ‘जहर मुक्त खेती’ के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस प्रकार लगभग 36,000 किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा, जो किसान पहले से ही खेती कर रहे हों, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
जो भी किसान इस योजना से जुड़ते रहेंगे तथा गेहूं में यूरिया और 12-32-16 और मक्की में यूरिया खाद का इस्तेमाल न करके गोबर का इस्तेमाल करेंगे, उनका अधिकतम 20 क्विंटल प्रति परिवार अनाज न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाएगा।
बेरोजगार युवाओं को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं को 40 रुपये प्रति किलोग्राम तथा मक्की को 30 रुपये प्रति किलोग्राम के MSP पर खरीदा जाएगा।
हिमाचल में प्राकृतिक तकनीक से लगभग 37 हज़ार मिट्रिक टन से अधिक गेहूं का उत्पादन किया जा रहा है। 15 हज़ार एकड़ की भूमि को वेब पोर्टल के माध्यम से प्राकृतिक खेती भूमि के रूप में सर्टिफाई किया जाएगा।
इसके अंतर्गत 10 नए Farmer Producer Organizations गठित किए जाएंगे। 2024-25 में इस पर 50 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। फैंसिंग के लिए जालीदार बाड़ तथा कांटेदार तार लगाने के लिए 10 करोड़ रुपये किसानों को सहायता के रूप में व्यय किए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश कृषि मिशन’ के अंतर्गत 3 से 5 साल की अवधि में 2 हजार 500 कृषि क्लस्टर समूहों को समान रूप से विकसित करने की घोषणा की है। इस मिशन के अंतर्गत climate के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में High Value फसलों को बढ़ावा दिया जाएगा।
बजट भाषण के अनुसार 2024-25 में JICA Phase-2 प्रोजेक्ट के तहत 50 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सब्जी उत्पादन के अंतर्गत लाया जाएगा। इसके अतिरिक्त लाभार्थी कृषकों के उत्पादन में Processing के माध्यम से Value Addition का प्रावधान किया जाएगा तथा इन उत्पादों को बेचने के लिए आवश्यक मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रेक्चर का विकास किया जाएगा।
शिमला जिले में मेहंदली तथा शिलारू, कुल्लू जिला में बंदरोल में नई मंडियों का निर्माण किया जाएगा। सिरमौर में पांवटा साहिब, खैरी, घंडूरी और नौहराधार, कुल्लू में चैरीबिहाल, पतलीकूहल और खेगसू, मंडी में टकोली और कांगनी, कांगड़ा में जसूर, पास्सू व पालमपुर, सोलन में परवाणू,
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किसानों को दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 1 अप्रैल, 2024 से गाय तथा भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को क्रमश: वर्तमान 38 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 45 रुपये प्रति लीटर और 47 रुपये प्रति लीटर से 55 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है।
यदि किसान को खुले बाज़ार में दूध की अधिक कीमत मिलती है तो वह इसे खुले बाज़ार में बेचने के लिए स्वतंत्र होगा। 1 अप्रैल, 2024 से दुग्ध उत्पादन सोसाइटियों से APMC द्वारा ली जाने वाली फीस माफ की जाएगी।
बजट में हिम गंगा योजना के तहत वर्ष 2024-25 के दौरान कांगड़ा के ढगवार में 1.5 लाख लीटर प्रति दिन की क्षमता वाले Fully Automated Milk and Milk Products Plant की स्थापना की घोषणा की गई है।
इस प्लांट के लिए भूमि उपलब्ध करवा दी गई है और इसकी क्षमता को बाद में बढ़ाकर 3 LLPD कर दिया जाएगा। इस प्लांट में अत्याधुनिक तकनीक से दूध का पाउडर बनाया जाएगा, जिससे कि मांग से अधिक दूध को लंबे समय तक संरक्षित (Preserve) करके रखा जा सके।
इसके अतिरिक्त दही, खोया, घी, आइसक्रीम, फ्लेवर्ड मिल्क (Flavoured Milk), processed cheese और अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इसके साथ ही यहां अल्ट्रा हीट टेक्नोलॉजी से पैकिग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। दत्तनगर मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट में 50 हजार लीटर प्रति दिन की क्षमता का एक अतिरिक्त संयंत्र चालू कर दिया जाएगा।
ऊना तथा हमीरपुर में भी आधुनिकतम तकनीक से मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किए जाएंगे, जिन पर लगभग 50 करोड़ रुपये व्यय होंगे। स्थानीय युवाओं को किसानों/संग्रह केंद्र से मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट तक दूध ले जाने के लिए 50 फीसदी उपदान पर 200 रेफ्रिजरेटेड मिल्क वैन (Refrigerated Milk Vans) उपलब्ध करवाई जाएंगी।
बजट भाषण में पशुपालकों को उत्तम नस्ल के पशु उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सोलन जिले के दाड़लाघाट में ‘कृत्रिम गर्भाधान प्रषिक्षण केंद्र’ की स्थापना करने की घोषणा की गई है। विषेशज्ञ पशु चिकित्सकों द्वारा गंभीर पशु रोगों की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 44 मोबाइल वेटरनरी वैन क्रय कर ली गई हैं।
यह सेवा वर्ष 2024 में पूर्ण रूप से आरंभ कर दी जाएगी। प्रत्येक वैन में एक वेटरनरी डॉक्टर तथा एक फार्मासिस्ट तैनात होगा। पशुपालक प्रदेश में कहीं से भी टॉल फ्री फोन नंबर 1962 पर कॉल करके पशुओं के उपचार की सुविधा या पशुपालन से संबंधित अन्य जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
प्रदेश में भेड़-बकरियों के लिए FMD Vaccination शुरू करने तथा ऊन की अन्य समस्याओं के निदान के लिए एक नई योजना ”भेड़-बकरी पालक प्रोत्साहन योजना“ प्रारंभ करने की भी घोषणा की है। इस योजना पर 10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी।
प्रदेश में बढ़ते हुए बेसहारा पशुओं की समस्या के निदान के लिए एक‘State Level Task Force’का गठन किया जाएगा, जोकि 3 माह के भीतर इन पशुओं को किसानों तथा स्थानीय समुदायों से परामर्श के बाद समीप के गौ-अभ्यारण्यों तथा गौशालाओं में रखने के लिए दिशा-निर्देश सुझाएंगे।
इसी के साथ गौ-अभ्यारण्यों तथा गौशालाओं के निर्माण तथा रख-रखाव से संबंधित सुझाव भी दिए जाएंगे। निजी गौ-सदनों में आश्रित गौवंश के लिए दिए जाने वाले अनुदान 700 रुपये प्रति गौवंश प्रतिमाह से बढ़ाकर 1 हजार 200 रुपये करने का भी ऐलान किया है। इस बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कुल 582 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि हिमाचल में नई खेल नीति लाई जाएगी। इसके तहत ओलंपिक खेलों व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण विजेता को 3 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपए पुरस्कार मिलेगा। रजत पदक विजेता को 2 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
कांस्य पदक विजेता को 1 करोड़ रुपए की जगह दो करोड़ रुपए दिए जाएंगे। एशियन गेम्स में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण विजेता को 50 लाख की जगह चार करोड़, रजत पदक विजेता को 30 लाख से बढ़ाकर अढ़ाई करोड़ रुपए और कांस्य पद विजेता को 20 लाख रुपए की जगह डेढ़ करोड़ रुपए मिलेंगे।
कॉमनवेल्थ गेम्स में व्यक्ति स्पर्धा में स्वर्ण पदक विजेता को 50 लाख से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए मिलेंगे। रजत पदक विजेता को 30 लाख से 2 करोड़ रुपए और कांस्य पदक विजेता को 20 लाख रुपए की जगह 1 करोड़ रुपए पुरस्कार मिलेगा। टीम स्पर्धाओं में विजेता हिमाचली खिलाड़ियों को प्राप्त पदक के आधार पर उपरोक्त पुरस्कार राशि में से प्रत्येक खिलाड़ी को प्रतिनिधित्व के अनुपात में बराबर राशि मिलेगी।
राज्य से बाहर 200 किलोमीटर की दूरी तक खेल स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए खिलाड़ियों को AC 3 टियर किराया और 200 किलोमीटर से अधिक दूरी के स्थानों पर जाने के लिए इकोनॉमी क्लास का हवाई किराया (Economy Class Air Fare) मिलेगा। सरकारी विभागों में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को विभिन्न पदों पर 3 प्रतिशत खेल कोटा के अंतर्गत सम्मिलित वर्तमान 43 खेलों की संख्या को बढ़ाएगी।
प्रारंभिक शिक्षा स्तर के खिलाड़ियों को प्रदेश में होने वाली खेलों में भाग लेने पर 250 रुपये प्रतिदिन डाइट मनी मिलेगी। अन्य सभी खिलाड़ियों को प्रदेश में होने वाली खेलों में भाग लेने पर 400 रुपये प्रतिदिन डाइट मनी दी जाएगी। सभी खिलाड़ियों को प्रदेश के बाहर होने वाली खेलों में भाग लेने पर समान रूप से 500 रुपये प्रतिदिन डाइट मनी अदा होगी। प्रदेश के खेल हॉस्टलों में रहने वाले सभी खिलाड़ियों को उपरोक्त के अनुसार 250 रुपये तथा 400 रुपये की डाइट मनी दी जाएगी।
हमीरपुर में आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक इंडोर स्टेडियम का निर्माण होगा। ऊना के पंजोआ में भी इंडोर स्टेडियम का निर्माण होगा। मनाली बंदरोल में एक इंडोर स्पोर्ट्स स्टेडियम बनेगा। रैहन और देहरा में स्विमिंग पूल सुविधा के साथ इंडोर स्टेडियम का निर्माण होगा। खरीड़ी, नादौन, कसुम्पटी, जयसिंहपुर और ढली बाइपास में इंडोर बहुउद्देशीय खेल परिसर का निर्माण करवाया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में की घोषणा
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण के दौरान शिक्षा क्षेत्र को लेकर भी कुछ ऐलान किए हैं। बजट भाषण में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ के अनुरूप प्रदेश में स्कूली स्तर पर 5+3+3+4 शिक्षा प्रणाली लागू की जाएगी, जिसमें तीन साल का Pre School ‘बाल वाटिका’ पाठ्यक्रम भी शामिल होगा।
प्रदेश में अभी 6 हजार से अधिक प्राथमिक पाठशालाओं में प्री-स्कूल चलाए जा रहे हैं। इस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आगामी वित्तीय वर्ष में 6 हजार नर्सरी टीचर नियुक्त किए जाएंगे।
पात्र आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी नर्सरी अध्यापक बनने का अवसर दिया जाएगा और इसके लिए उन्हें Bridge Course भी करवाया जाएगा।
इस व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू करने के लिए पहली कक्षा में प्रवेश के लिए ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ के अनुसार कम से कम 6 वर्ष की आयु तय की गई है और प्री-प्राइमरी की तीन कक्षाओं में प्रवेश के लिए क्रमश: 3, 4 और 5 वर्ष की न्यूनतम आयु सीमा तय की गई है।
स्कूलों और समाज के बीच बेहतर ताल-मेल के लिए तथा सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए ‘‘अपना विद्यालय-मेरा विद्यालय-मेरा सम्मान’’ योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है।
इसमें, जहां एक ओर मुख्यमंत्री से लेकर खंड स्तरीय अधिकारी तक सभी एक-एक शिक्षण संस्थान को गोद लेंगे, वहीं दूसरी ओर समुदाय को स्कूलों से जोड़ा जाएगा। इसमें पात्र एवं इच्छुक व्यक्तियों द्वारा निशुल्क शिक्षा प्रदान किए जाने की व्यवस्था भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि प्रत्येक उपमंडल में एसडीएम को सभी प्राइमरी स्कूल की महीने में एक दिन बारी-बारी से अनिवार्य रूप से रिव्यू मीटिंग करनी होगी। इस बैठक में उस स्कूल में न केवल विद्यार्थियों बल्कि अध्यापकों की परफोर्मेंस का भी रिव्यू किया जाएगा।
अभिभावकों के साथ भी इसी बैठक में संवाद किया जाएगा। इसी बैठक में स्कूल के रख-रखाव के बारे में भी उचित निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों की वार्षिक रैकिंग और उनके लिए Performance Based Grant की व्यवस्था की शुरूआत की जाएगी। इस सारी व्यवस्था को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से विकसित किया जाएगा। इसे आम जनता तथा अभिभावकों से भी सांझा किया जाएगा, जिसके लिए एक वेबसाइट बनाई जाएगी।
पढ़ने-पढ़ाने की संस्कृति के विकास के लिए प्रदेश में वर्ष 2024-25 में ‘‘पढ़ो हिमाचल’’ के नाम से एक व्यापक जन अभियान प्रारंभ किया जाएगा। इस अभियान में विद्यालयों के साथ-साथ ग्रामीण एवं शहरी जन समुदाय को भी जोड़ा जाएगा।
इसी अभियान के तहत प्रदेश के 500 शिक्षण संस्थानों में सामान्य पाठकों और विषेश रूप से युवाओं के लिए रीडिंग रूम बनाए जाएंगे तथा इन्हीं शिक्षण संस्थानों के पुस्तकालयों के चलाने में आम जन की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाएगा।
प्रत्येक जिला व उपमंडल मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर एक आधुनिकतम सुविधाओं सहित पुस्तकालय तथा वाचनालय बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में की है।
यह कार्य चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। प्रथम चरण में, पंचायत स्तर पर 493 पुस्तकालयों का निर्माण करके इनमें पुस्तकें तथा अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिस पर 88 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।
जिन स्थानों पर छात्रों और छात्राओं के लिए अलग-अलग स्कूल अथवा महाविद्यालय चल रहे हों, स्थानीय निवासियों की मांग पर आवश्यकतानुसार उन दोनों को मिलाकर एक को एजुकेशन शैक्षणिक संस्थान चलाने की शुरूआत की जाएगी।
इससे छात्र व छात्राओं के शैक्षणिक विकास के साथ-साथ उनका मनोवैज्ञानिक विकास होगा तथा व्यक्तित्व उभरेगा। इसके साथ ही जिन क्षेत्रों में 3 से 5 किलोमीटर के दायरे में कोई प्राथमिक शिक्षा न हो, वहां के बच्चों को नजदीक के स्कूल तक लाने और वापस घर छोड़ने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी।
बजट भाषण के अनुसार प्रदेश में पढ़ाए जा रहे पाठ्यक्रम का संवैधानिक मूल्यों के परिप्रेक्ष्य में पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का समावेश भी किया जाएगा।
इसके लिए पांचवी कक्षा से हिमाचल के इतिहास एवं संस्कृति, भारतीय संविधान, स्वास्थ्य, Basic Hygiene और अन्य सामान्य ज्ञान के विषयों पर अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम आरंभ किया जाएगा।
सभी विद्यालयों में खेलों तथा व्यायाम के लिए प्रतिदिन कम से कम एक पीरियड अनिवार्य किया जाएगा। आवश्यकतानुसार पीईटी की नियुक्ति को प्राथमिकता दी जाएगी। 500 बच्चों से अधिक वाले स्कूलों में स्वयं सहायता समूहों को मिड डे मील के अंतर्गत भोजन बनाने और परोसने में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
सीएम सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि पिछली सरकार ने प्रदेश में तीन स्थानों पर ‘अटल आदर्श विद्यालय’ बनाने प्रारंभ किए। उनकी सरकार इन्हें पूरा करने के लिए न केवल आवश्यक
धनराशि उपलब्ध करवाएगी, बल्कि इन्हें क्रियाशील भी करेगी। ‘राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलों’ तथा ‘अटल आदर्श विद्यालयों’ के लिए कर्मचारियों का एक विशेष संवर्ग बनाया जाएगा। इन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों पर उत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों के रूप में विकसित किया जाएगा।
प्रथम चरण में प्रदेश में लाहडू, नगरोटा बगवां, अमलेहड़, भोरंज, संगनाई (ऊना) आदि सहित 10 राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलों के निर्माण कार्य को आरंभ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार जल जनित रोगों से प्रतिवर्ष भारत को 49 अरब 78 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। भारत के दो तिहाई जिले पानी की कमी से जूझ रहे हैं।
बच्चों को पीने के लिए साफ पानी मिले इसके लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जाएगा तथा सरकारी स्कूलों के 8 लाख 50 हज़ार से अधिक बच्चों के लिए एक सुरक्षित एवं स्वच्छ पानी की बोतल उपलब्ध करवाई जाएगी। शिक्षा क्षेत्र में कुल 9 हजार 560 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।