मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में की घोषणा
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण के दौरान शिक्षा क्षेत्र को लेकर भी कुछ ऐलान किए हैं। बजट भाषण में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ के अनुरूप प्रदेश में स्कूली स्तर पर 5+3+3+4 शिक्षा प्रणाली लागू की जाएगी, जिसमें तीन साल का Pre School ‘बाल वाटिका’ पाठ्यक्रम भी शामिल होगा।
प्रदेश में अभी 6 हजार से अधिक प्राथमिक पाठशालाओं में प्री-स्कूल चलाए जा रहे हैं। इस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आगामी वित्तीय वर्ष में 6 हजार नर्सरी टीचर नियुक्त किए जाएंगे।
पात्र आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी नर्सरी अध्यापक बनने का अवसर दिया जाएगा और इसके लिए उन्हें Bridge Course भी करवाया जाएगा।
इस व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू करने के लिए पहली कक्षा में प्रवेश के लिए ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ के अनुसार कम से कम 6 वर्ष की आयु तय की गई है और प्री-प्राइमरी की तीन कक्षाओं में प्रवेश के लिए क्रमश: 3, 4 और 5 वर्ष की न्यूनतम आयु सीमा तय की गई है।
स्कूलों और समाज के बीच बेहतर ताल-मेल के लिए तथा सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए ‘‘अपना विद्यालय-मेरा विद्यालय-मेरा सम्मान’’ योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है।
इसमें, जहां एक ओर मुख्यमंत्री से लेकर खंड स्तरीय अधिकारी तक सभी एक-एक शिक्षण संस्थान को गोद लेंगे, वहीं दूसरी ओर समुदाय को स्कूलों से जोड़ा जाएगा। इसमें पात्र एवं इच्छुक व्यक्तियों द्वारा निशुल्क शिक्षा प्रदान किए जाने की व्यवस्था भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि प्रत्येक उपमंडल में एसडीएम को सभी प्राइमरी स्कूल की महीने में एक दिन बारी-बारी से अनिवार्य रूप से रिव्यू मीटिंग करनी होगी। इस बैठक में उस स्कूल में न केवल विद्यार्थियों बल्कि अध्यापकों की परफोर्मेंस का भी रिव्यू किया जाएगा।
अभिभावकों के साथ भी इसी बैठक में संवाद किया जाएगा। इसी बैठक में स्कूल के रख-रखाव के बारे में भी उचित निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों की वार्षिक रैकिंग और उनके लिए Performance Based Grant की व्यवस्था की शुरूआत की जाएगी। इस सारी व्यवस्था को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से विकसित किया जाएगा। इसे आम जनता तथा अभिभावकों से भी सांझा किया जाएगा, जिसके लिए एक वेबसाइट बनाई जाएगी।
पढ़ने-पढ़ाने की संस्कृति के विकास के लिए प्रदेश में वर्ष 2024-25 में ‘‘पढ़ो हिमाचल’’ के नाम से एक व्यापक जन अभियान प्रारंभ किया जाएगा। इस अभियान में विद्यालयों के साथ-साथ ग्रामीण एवं शहरी जन समुदाय को भी जोड़ा जाएगा।
इसी अभियान के तहत प्रदेश के 500 शिक्षण संस्थानों में सामान्य पाठकों और विषेश रूप से युवाओं के लिए रीडिंग रूम बनाए जाएंगे तथा इन्हीं शिक्षण संस्थानों के पुस्तकालयों के चलाने में आम जन की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाएगा।
प्रत्येक जिला व उपमंडल मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर एक आधुनिकतम सुविधाओं सहित पुस्तकालय तथा वाचनालय बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में की है।
यह कार्य चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। प्रथम चरण में, पंचायत स्तर पर 493 पुस्तकालयों का निर्माण करके इनमें पुस्तकें तथा अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिस पर 88 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।
जिन स्थानों पर छात्रों और छात्राओं के लिए अलग-अलग स्कूल अथवा महाविद्यालय चल रहे हों, स्थानीय निवासियों की मांग पर आवश्यकतानुसार उन दोनों को मिलाकर एक को एजुकेशन शैक्षणिक संस्थान चलाने की शुरूआत की जाएगी।
इससे छात्र व छात्राओं के शैक्षणिक विकास के साथ-साथ उनका मनोवैज्ञानिक विकास होगा तथा व्यक्तित्व उभरेगा। इसके साथ ही जिन क्षेत्रों में 3 से 5 किलोमीटर के दायरे में कोई प्राथमिक शिक्षा न हो, वहां के बच्चों को नजदीक के स्कूल तक लाने और वापस घर छोड़ने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी।
बजट भाषण के अनुसार प्रदेश में पढ़ाए जा रहे पाठ्यक्रम का संवैधानिक मूल्यों के परिप्रेक्ष्य में पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का समावेश भी किया जाएगा।
इसके लिए पांचवी कक्षा से हिमाचल के इतिहास एवं संस्कृति, भारतीय संविधान, स्वास्थ्य, Basic Hygiene और अन्य सामान्य ज्ञान के विषयों पर अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम आरंभ किया जाएगा।
सभी विद्यालयों में खेलों तथा व्यायाम के लिए प्रतिदिन कम से कम एक पीरियड अनिवार्य किया जाएगा। आवश्यकतानुसार पीईटी की नियुक्ति को प्राथमिकता दी जाएगी। 500 बच्चों से अधिक वाले स्कूलों में स्वयं सहायता समूहों को मिड डे मील के अंतर्गत भोजन बनाने और परोसने में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
सीएम सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि पिछली सरकार ने प्रदेश में तीन स्थानों पर ‘अटल आदर्श विद्यालय’ बनाने प्रारंभ किए। उनकी सरकार इन्हें पूरा करने के लिए न केवल आवश्यक
धनराशि उपलब्ध करवाएगी, बल्कि इन्हें क्रियाशील भी करेगी। ‘राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलों’ तथा ‘अटल आदर्श विद्यालयों’ के लिए कर्मचारियों का एक विशेष संवर्ग बनाया जाएगा। इन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों पर उत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों के रूप में विकसित किया जाएगा।
प्रथम चरण में प्रदेश में लाहडू, नगरोटा बगवां, अमलेहड़, भोरंज, संगनाई (ऊना) आदि सहित 10 राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलों के निर्माण कार्य को आरंभ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार जल जनित रोगों से प्रतिवर्ष भारत को 49 अरब 78 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। भारत के दो तिहाई जिले पानी की कमी से जूझ रहे हैं।
बच्चों को पीने के लिए साफ पानी मिले इसके लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जाएगा तथा सरकारी स्कूलों के 8 लाख 50 हज़ार से अधिक बच्चों के लिए एक सुरक्षित एवं स्वच्छ पानी की बोतल उपलब्ध करवाई जाएगी। शिक्षा क्षेत्र में कुल 9 हजार 560 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।
ऊना। हिमाचल के ऊना जिला में सभी सरकारी व निजी प्राइमरी, मिडल व सैकेंडरी विद्यालयों का समय सुबह 10 से बाद 3 बजे तक रहेगा। इस संबंध में आदेश जारी करते हुए डीसी ऊना राघव शर्मा ने बताया कि जिला में निरंतर पड़ रही अत्यधिक ठंड के कारण स्कूली बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने उप निदेशक उच्च शिक्षा की सिफारिश के उपरांत यह निर्णय लिया है।
ऊना डीसी राघव शर्मा ने बताया कि कम किए गए समय की क्षतिपूर्ति प्रार्थना सभा तथा भोजन के समय को समाप्त कर पूरी की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह आदेश जिला के समस्त सरकारी व निजी प्राइमरी विद्यालयों में 22 से 31 जनवरी 2024 तक लागू होंगे।
मंडी। हिमाचल के मंडी जिला के तीन शिक्षा खंडों में स्कूलों की समय सारिणी में बदलाव किया गया है। डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने हिमाचल के मंडी जिला के कुछ मैदानी क्षेत्रों में सुबह के समय घने कोहरे के कारण जनहित व बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक आदेश जारी कर बल्ह, सलवाहन तथा औट शिक्षा खंडों के सभी निजी व सरकारी स्कूलों की समय सारिणी में बदलाव किया है।
इसके तहत मंडी जिला के इन शिक्षा खंडों के सभी निजी व सरकारी स्कूल सुबह साढ़े नौ बजे से सायं साढ़े तीन बजे तक खुले रहेंगे। आदेश के अनुसार हालांकि संबंधित प्रारंभिक एवं उच्च शिक्षा उप-निदेशक द्वारा उपरोक्त स्कूलों के बंद होने के समय को बाद में बढ़ाया जा सकता है।
आदेशों के अनुसार प्रारंभिक एवं उच्च शिक्षा उप-निदेशक तथा संबंधित क्षेत्र के स्कूलों के प्रधानाचार्य को इन आदेशों की कड़ाई से पालना करने को कहा गया है। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं तथा 31 जनवरी तक या आगामी आदेशों तक जारी रहेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उनकी मांगों को पूरा करने के लिए चिंतित हैं और उनकी मांगों को पूरा करने को लेकर गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दी जा रही 125 यूनिट फ्री बिजली से भी हिमाचल बिजली बोर्ड को घटा हो रहा है। बिजली बोर्ड कर्मचारियों को हर महीने पहली तारीख को तनख्वाह मिले, समय पर ओपीएस बहाल हो इसके लिए बिजली बोर्ड कर्मचारी 125 यूनिट छोड़ने के लिए तैयार हैं।
शिमला। हिमाचल के जहां एक ही कैंपस में प्राइमरी, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूल चल रहे हैं, वहां अब मिड डे मील का सारा कंट्रोल प्रिसिंपल के पास होगा। सरकार ने इसको लेकर निर्णय ले लिया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने शिमला के चौड़ा मैदान में संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया से बातचीत में दी।
उन्होंने कहा कि कुछ स्कूलों में एक ही कैंपस में प्राइमरी वाले अलग और सेकेंडरी वाले अलग खिचड़ी बनाते हैं। इसके लिए सरकार ने फैसला लिया है कि जहां एक ही कैंपस में प्राइमरी, हाई और सेकेंडरी स्कूल चल रहे हैं, वहां पर मिड डे मील का कंट्रोल प्रिसिंपल के पास होगा। प्रिसिंपल इस पर प्रशासनिक कंट्रोल करेंगे।
वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में क्वालिटी एजुकेशन और स्टाफ की कमी को लेकर सरकार गेस्ट फैकल्टी नीति लेकर आ रही है। जहां पर शिक्षकों की कमी होगी उन स्कूलों में गेस्ट फैकल्टी पर लेक्चरर रखे जाएंगे।
क्वालिटी एजुकेशन और मेरिट के आधार पर लेक्चरर रखे जाएंगे। इनकी नियुक्ति स्थाई होगा और पीरियड के आधार पर पैसे देय होंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आने वाले समय में हिमाचल में क्वालिटी एजुकेशन अच्छी होगी।
परवाणू में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद कार्रवाई
सोलन। हिमाचल के जिला सोलन की पुलिस चिट्टा और अन्य ड्रग्स की तस्करी पर लगातार कड़ी नजर रखे हुए है। पिछले कुछ महीनों में जिला पुलिस ने 7 बड़े अंतर्राज्यीय चिट्टा तस्करों के नेटवर्कों को ध्वस्त भी किया है। पुलिस ने हाल ही में एक अन्य नेटवर्क को भी तोड़ा है। पुलिस थाना परवाणू की टीम ने 15 नवंबर 2023 को दो आरोपियों को 18.16 ग्राम चिट्टे सहित धरा था। आरोपियों से पूछताछ में पुलिस इसके सप्लायर तक पहुंची और उसे गिरफ्तार किया।
पुलिस टम ने सप्लायर नाइजीरियन चिट्टा तस्कर उगोचुकु अलासोनी (37) पुत्र फिडेलिक्स अलासोनी निवासी नाइजीरिया को दिल्ली से गिरफ्तार किया। इस विदेशी आरोपी के पास कोई वैलिड पासपोर्ट या वीजा नहीं है।
बता दें कि सोलन पुलिस द्वारा इस वर्ष अभी तक बाहरी राज्यों के 71 आरोपियों को धरा है। इसमें चिट्टे के 57 बड़े सप्लायर शामिल हैं, जो दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, असम व महाराष्ट्र आदि राज्यों से हैं। इनमें 5 अफ्रीकी मूल के नाइजीरियन नागरिक भी शामिल हैं।
इन बाहरी राज्यों के तस्करों द्वारा हिमाचल प्रदेश में चलाए जा रहे चिट्टा तस्करी के 8 बड़े अंतर्राज्यीय नेटवर्को को ध्वस्त कर दिया गया है। सोलन जिला पुलिस ने इस वर्ष अभी तक नशा तस्करी के 100 मुकदमें दर्ज करके 210 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
शिक्षा विभाग की एक समीक्षा बैठक में सीएम सुक्खू ने दी जानकारी
शिमला। वर्ष 2026-2027 तक हिमाचल की प्राथमिक से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक स्तर की 2050 पाठशालाओं को चरणबद्ध तरीके से मुख्यमंत्री स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा।
यह जानकारी मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को शिक्षा विभाग की एक समीक्षा बैठक में दी। अगले शैक्षणिक सत्र से यह संस्थान गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाने में मील का पत्थर सिद्ध होंगे। उन्होंने 31 दिसंबर, 2023 तक इनकी सूची तैयार करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए व्यापक स्तर पर सुधार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है तथा इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
राज्य में सरकारी क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले जाएंगे। इसके साथ ही स्कूल एडॉप्शन प्रोग्राम भी शुरू किया जाएगा, जिसके लिए खंड, उपमंडल व जिला स्तर के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा, ताकि शिक्षा के स्तर में सुधार आ सके।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को गेस्ट लेक्चरर योजना शुरू करने की संभावनाएं तलाशने के भी निर्देश दिए। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन लेने और चयन के बाद उन्हें रिक्त पदों वाले स्कूलों में एक साल के लिए तैनात करने संबंधी प्रावधान भी किए जाएंगे।
उन्होंने विभाग को इस योजना का विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विभाग को प्राथमिक और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं के क्लस्टर बनाकर उनके संसाधनों का सांझा उपयोग करने की रूपरेखा को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने को कहा।
विद्यार्थियों को अन्य गतिविधियों के साथ-साथ एक शैक्षणिक सत्र में अनिवार्य 220 अध्यापन दिवस (टीचिंग डे) सुनिश्चित करने के लिए कैलेंडर तैयार किया जाएगा।
शिक्षकों का प्रमुख दायित्व विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना है तथा उन्हें अपने दायित्व का निर्वहन करने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए। पहली नियुक्ति पर अध्यापकों को अनिवार्य प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बेहतर कार्य करने वाले स्कूलों और अध्यापकों को राज्य सरकार प्रोत्साहित करेगी और इसके तहत जिला स्तर पर 5 स्कूलों को सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ-साथ प्रमुख गैर सरकारी संस्थाओं का सहयोग लेने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में लाए जा रहे सुधारों के तहत सरकारी शिक्षण संस्थानों में भी छह वर्ष की आयु में पहली कक्षा में दाखिला सुनिश्चित किया जाए।
इसके साथ ही विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को आयु वर्ग के अनुसार जीवन उपयोगी कौशल (लाइफ स्किल) में पारंगत किया जाएगा, ताकि उनका ज्ञान केवल किताबों तक ही सीमित न रहने पाए।
उन्होंने प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से खोले जा रहे राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों की प्रगति की भी समीक्षा की।
गोहर, धर्मपुर तथा बंगाणा में निर्माणाधीन अटल आदर्श विद्यालय के निर्माण कार्य को वर्तमान राज्य सरकार पूरा करेगी और इनके लिए पर्याप्त धन उपलब्ध करवाया जाएगा। इन्हें अगले वर्ष से संचालित किया जाएगा।
बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, सचिव शिक्षा राकेश कंवर, निदेशक उच्च शिक्षा अमरजीत शर्मा, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा आशीष कोहली, परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान राजेश शर्मा, संयुक्त सचिव सुनील वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
मंडी। हिमाचल के मंडी जिला के जवाहर नवोदय विद्यालय पंडोह में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में छठी कक्षा में दाखिले के लिए 4 नवंबर को प्रवेश परीक्षा होगी। प्रवेश परीक्षा के लिए मंडी जिले में 22 स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।
डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने प्रवेश परीक्षा के सुचारू एवं प्रभावी संचालन के लिए परीक्षा केंद्रों वाले स्कूलों में 4 नवंबर शनिवार की छुट्टी घोषित की है। उन्होंने इस संदर्भ में आदेश जारी किए हैं। बता दें कि जेएनवी में छठी कक्षा में प्रवेश परीक्षा के लिए जिले के 4449 बच्चे परीक्षा देंगे। परीक्षा सुबह 10 से दोपहर बाद डेढ़ बजे तक होगी।
जेएनवी प्रवेश परीक्षा के लिए मंडी जिले में वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चौंतड़ा, लडभड़ोल, द्रंग, चोलथरा, धर्मपुर, बलद्वाड़ा, कोटली, गोहर, जंजैहली, बगस्याड़, करसोग, निहरी, महादेव, चुराग, वरिष्ठ माध्यमिक छात्र पाठशाला जोगिंदरनगर, सरकाघाट, सुंदरनगर, मंडी व भंगरोटू और वरिष्ठ माध्यमिक कन्या पाठशाला सुंदरनगर, मंडी तथा भंगरोटू में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा के चलते इन स्कूलों में 4 नवंबर को अवकाश घोषित किया गया है।
सेंटर फॉर साइंस लर्निंग एंड क्रिएटिविटी का किया उद्घाटन
शिमला।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जिन स्कूलों में जरूरत होगी, वहां साइंस की क्लासें शुरू की जाएंगी। शिमला के आनंदपुर में सेंटर फॉर साइंस लर्निंग एंड क्रिएटिविटी (साइंस म्यूजियम) का उद्घाटन के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के ज्यादातर स्कूलों में साइंस की पढ़ाई करवाई जा रही है। जहां ओर जरूरत होगी, वहां इसकी संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
बता दें कि यह प्रदेश का दूसरा साइंस लर्निंग सेंटर है। इससे पहले पालमपुर में साइंस लर्निंग सेंटर के जरिए बच्चों को रोचक और रचनात्मक तरीके से साइंस की पढ़ाई करवाई जा रही है। शिमला में भी केंद्र की शुरुआत हो चुकी है। यहां एक प्लेनेटोरियम भी बनाया जा रहा है, जिसका कार्य साल 2024 में पूरा होगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस साइंस म्यूजियम की शुरुआत होने के साथ छात्र रचनात्मक तरीके से साइंस की पढ़ाई कर सकेंगे। यहां 60 बच्चों के लिए हॉस्टल की भी सुविधा है। इससे आने वाले समय में छात्रों में रुचि बढ़ेगी।
साइंस भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए बड़ा हथियार है। हिमाचल में ज्यादा बेटियां साइंस की पढ़ाई करती हैं। हम चाहते हैं कि छात्र भी साइंस में रुचि लें। यह साइंस म्यूजियम छात्रों में साइंस के प्रति रुचि बढ़ाने में मददगार होगा।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने एशियाई खेलों में भारत के बेहतरीन प्रदर्शन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के लिए खुशी के पल हैं। महिला कबड्डी टीम ने भी एशियन गेम में गोल्ड मेडल जीता है।
इसकी अगुआई हिमाचल प्रदेश की रहने वाली रितु नेगी कर रही हैं, जो हिमाचल प्रदेश के लिए गर्व की बात है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि महिला कबड्डी टीम के साथ एशियाई खेलों में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों को बधाई दी।
छात्रों की संख्या पूरी होने पर रि-ओपन किए विद्यालय
शिमला। हिमाचल सरकार ने एक तरफ जहां डिनोटिफाई किए 20 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को खोलने के आदेश जारी किए हैं, वहीं 143 स्कूलों को डिनोटिफाई भी किया है। बता दें कि हिमाचल की सुक्खू सरकार ने दो छात्रों की संख्या वाले 143 स्कूल डिनोटिफाई किए हैं। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने 117 प्राथमिक और 26 माध्यमिक स्कूल बंद किए जाने को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं।
इसमें शिमला जिले के 25, लाहौल स्पीति के 19, मंडी के 18, कांगड़ा के 17, चंबा व सोलन के 8-8, बिलासपुर के 6, किन्नौर के पांच, हमीरपुर व कुल्लू के 4-4 और सोलन के 3 प्राइमरी स्कूल शामिल हैं। वहीं, लाहौल स्पीति के 7, शिमला के 6, मंडी के पांच, कांगड़ा के तीन, चंबा, किन्नौर के दो-दो और सिरमौर का एक मिडल स्कूल है।
वहीं, हिमाचल में छात्रों की संख्या बढ़ने पर पहले बंद किए 20 स्कूलों को दोबारा खोलने की अधिसूचना जारी की है। इसमें शिमला और मंडी के 5-5, चंबा और सिरमौर के 3-3, कांगड़ा, सोलन के 2-2 सीनियर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं। 29 मई 2023 के अनुसार इन स्कूलों में छात्रों की संख्या 20 से अधिक है। इसके चलते इन्हें दोबारा खोला गया है।
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बता दें कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने छात्रों की कम संख्या के चलते स्कूल बंद किए जाने के बाद कहा था कि अगर किसी स्कूल में छात्रों की निर्धारित संख्या पूरी हो जाती है तो उस स्कूल को दोबारा खोलने पर विचार किया जाएगा।
शिमला।हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त सभी विंटर क्लोजिंग स्कूलों ( किन्नौर व चंबा जिला के पांगी व भरमौर सहित ) में छुट्टियां 17 जुलाई 2023 तक बढ़ा दी हैं। सभी विंटर क्लोजिंग हाई/मिडल/प्राइमरी/निजी स्कूल 17 जुलाई तक बंद रहेंगे। ऐसा आपदा के चलते उत्पन्न स्थितियों को चलते किया गया है। इस बारे निदेशक हायर एजुकेशन डॉ. अमरजीत के शर्मा ने आदेश जारी कर दिए हैं।
आदेशों के मुताबिक 17 जुलाई के बाद उपमंडल स्तर पर एसडीएम/स्थानीय प्रशासन मौसम की स्थिति और कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए संबंधित जिला के उपनिदेशक हायर एजुकेशन से प्राप्त सूचना/परामर्श के साथ स्कूल बंद करने के संबंध में निर्णय ले सकते हैं।
बता दें कि हिमाचल सरकार ने 11 जुलाई को मानसून ब्रेक में बदलाव किया था। कुल्लू जिला में अब 10 जुलाई से पहली अगस्त तक 23 दिन की मानसून ब्रेक होगी। पहले ये 23 जुलाई से 14 अगस्त तक निर्धारित थी। लाहौल स्पीति जिला में 17 जुलाई से 27 अगस्त की जगह अब 10 जुलाई से 20 अगस्त तक 42 दिन की समर ब्रेक होगी।
किन्नौर, पांगी, भरमौर में 10 जुलाई से 15 जुलाई तक 6 दिन की मानसून ब्रेक निर्धारित की थी। पहले ये 22 जुलाई से 27 जुलाई तक निर्धारित थी। वहीं अन्य विटर क्लोजिंग स्कूलों में भी 10 जुलाई से 15 जुलाई तक 6 दिन की मानसून ब्रेक थी। ये भी पहले 22 जुलाई से 27 जुलाई तक निर्धारित थी। अब इस 17 जुलाई तक बढ़ा दिया है।
इसके अलावा राज्य में कार्यरत और सीबीएसई/आईसीएसई/किसी अन्य शिक्षा बोर्ड से संबद्ध निजी स्कूल इस संबंध में अपना निर्णय ले सकते हैं। विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा एवं संरक्षा हर स्तर पर सुनिश्चित की जाए।