18 साल तक बच्चों की RD में डाले जाएंगे एक हजार रुपए प्रतिमाह
शिमला। हिमाचल में वन विभाग में जल्द वन रक्षकों की भर्ती की जाएगी। वन रक्षकों के 100 रिक्त पदों को भरा जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बजट भाषण में इसका ऐलान किया है।
हिमाचल पुलिस कर्मियों की डाइट मनी में पांच गुना बढ़ोतरी का ऐलान किया गया है। डाइट मनी को 210 से बढ़ाकर 1000 रुपए करने की घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के तहत सभी पात्र विधवाओं के बच्चों को 27 साल तक शिक्षा का सारा खर्च सरकार अदा करेगी। इसके अलावा 18 साल तक आरडी खाते में 1 हजार रुपए प्रतिमाह डालेगी।
पात्र विधवा महिलाओं का स्वास्थ्य बीमा का वार्षिक प्रीमियम सरकार देगी। इस योजना के लिए पात्र विधवा महिला की वार्षिक आय 1 लाख से कम होनी चाहिए।
बर्फानी तेंदुए की अनुमानित संख्या हो सकती है 52 से 72
शिमला। 2 से 9 अक्टूबर तक वन विभाग का वाइल्ड लाइफ विंग वन्य प्राणी सप्ताह मनाने जा रहा है जिसके तहत वन विभाग द्वारा कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 72वें वन्य प्राणी सप्ताह में इस बार का थीम “विकास एवं वन्य जीव मार्ग” रखा गया है। सप्ताह भर वाइल्ड लाइफ विंग अलग-अलग कार्यक्रम जिसमें मिनी मैराथन, वर्कशॉप, पेंटिंग प्रतियोगिता सहित अनेक कार्यक्रम आयोजित करेगा।
वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य अरण्यपाल वन्य प्राणी विंग अनिल ठाकुर ने बताया कि 72वें वन्य प्राणी सप्ताह के तहत प्रदेश में अलग-अलग तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और वन्य जीवों के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हिमाचल में बंदरों की संख्या कम हो रही है।
2016 में की गई बंदरों की गणना के मुताबिक हिमाचल में बंदरों की संख्या 3 लाख 16 हज़ार है। प्रदेश में 1 लाख 76 हजार बंदरों की नसबंदी की गई है। अब फ़िर से हिमाचल में बंदरों की गणना की जा रही है जो मार्च 2024 तक पूरी होगी। वन विभाग का वन्य प्राणी विंग बर्फानी तेंदुए की गणना कर चुका है। बर्फानी तेंदुए की अनुमानित संख्या 52 से 72 तक हो सकती है।
विधायक प्राथमिकता बैठक में सीएम सुक्खू ने कही यह बात
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पेयजल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भविष्य में प्रदेश में सभी पेयजल योजनाओं में फिल्टर तथा यूवी जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग अनिवार्य किया जाएगा। शिमला में आयोजित विधायक प्राथमिकता बैठक के दौरान नाहन से विधायक अजय सोलंकी द्वारा उठाए गए एक मामले पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि सभी पेयजल योजनाओं में जल की गुणवत्ता संबंधी मानकों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जल शक्ति विभाग को पेयजल योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में ही इसके लिए उचित प्रावधान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दूषित पेयजल की आपूर्ति से जलजनित रोगों के फैलने की आशंका बनी रहती है। उन्होंने विभाग को जलापूर्ति पाइपों की गुणवत्ता में भी सुधार लाने और इनमें गंदगी इत्यादि न पनप सके, इसके लिए पुख्ता उपाय करने के भी निर्देश दिए।
विधायक प्राथमिकता बैठक में आगामी पांच वर्षों में हिमाचल की प्रगति के प्रति प्रदेश सरकार और विशेष तौर पर मुख्यमंत्री की सोच की परिलक्षित हुई। उन्होंने आनी के विधायक की ओर से उठाए गए मामले पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार अब हिमाचल को फल राज्य के बाद दुग्ध उत्पादन में न केवल आत्मनिर्भर, बल्कि आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे विशेष तौर पर ग्रामीण आर्थिकी को मजबूती प्रदान की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री ने विधायकों से प्रदेश में सड़क परियोजनाओं से हटकर रोपवे तथा सुरंगों इत्यादि के निर्माण को प्राथमिकता प्रदान करते हुए इस बारे में प्रस्ताव लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पर्वतमाला योजना के अंतर्गत हिमाचल मेें इस पर निकट भविष्य में काफी कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में बेहतर संपर्क सुविधा उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत विधायक सुरंग निर्माण तथा रोपवे इत्यादि की संभावनाएं तलाशते हुए इसके लिए प्रस्ताव लाएं।
उन्होंने कहा कि राज्य के अनछुए पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए भी विधायक प्रस्ताव लाएं तथा प्रमुख पर्यटन स्थलों में बेतरतीब निर्माण पर उन्होंने संबंधित विभागों को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के परिवेश के अनुसार भवनों के निर्माण को प्राथमिकता प्रदान की जानी चाहिए ताकि यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को संरक्षित एवं सुरक्षित रखा जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए वन स्वीकृतियों एवं अन्य आपत्तियों इत्यादि के निपटारे के लिए समयसीमा तय की गई है। उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिए कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशों से संबंधित सभी मामलों की सूची उपलब्ध करवाएं ताकि उच्चतम स्तर पर विचार विमर्श कर इनका सर्वमान्य हल निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर पर ऐसे मामलों की निरंतर निगरानी की जा रही है।
विधायक प्राथमिकता बैठक के प्रथम दिवस मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता, धैर्य से सबकी बात सुनने तथा उपयोगी सुझावों पर उचित निर्णय लेते हुए प्रशासनिक अमले को तत्काल निर्देश जारी करने की उनकी शासकीय दक्षता की सभी विधायकों ने खुले मन से प्रशंसा भी की।