शिमला।सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य अतिथि गृह पीटर हॉफ शिमला में जनसमस्याएं सुनीं। जब वह लोगों की समस्याएं सुन रहे थे तो लंबी कतार के अंत में पहुंचे। वहीं, अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी बात रखनी शुरू की।
मसला गंभीर होने के कारण सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसे इत्मिनान से सुनना चाहा। जहां वह खड़े थे, उससे कुछ ही दूरी पर उनके बैठने के किए कुर्सियों का प्रबंध था। लेकिन, उन्होंने कुर्सी पर बैठने के बजाय पास ही लगे एक बैंच पर बैठकर अधिकारियों की बात सुननी शुरू कर दी। उन्होंने साथ में कुछ अधिकारियों को भी बिठा लिया।
बता दें कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सीएम बनने के बाद पहले भी कई बार अपनी सादगी का परिचय दे चुके हैं। घागस में बिलासपुर रोड पर बागी बिनौला में बहादुर ढाबे पर मक्की की रोटी व माह की दाल और कड़ी के साथ डिनर करना, श्रीनगर में फाइव स्टार होटल में न रुककर आम सरकारी गेस्ट हाऊस में रात को रुकना, चार्टड प्लेन से न आकर साधारण फ्लाइट से दिल्ली आना कई ऐसे उदाहरण हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद किया खुलासा
शिमला। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग को लेकर पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बड़ा खुलासा किया है। सुक्खू ने बताया कि जांच एजेंसियों ने जो रिपोट सौंपी है, उसमें हैरान कर देने वाली बातें सामने आई हैं।
पता चला है कि कर्मचारी चयन आयोग द्वारा अभी तक जिन भर्तियों का रिजल्ट नहीं निकाला गया है उन भर्तियों के पेपर भी बेचे गए हैं। यानी आयोग की भर्तियों में पेपर बेचने का सिलसिला काफी लंबे समय से चल रहा था।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी कह चुके हैं कि पिछले पांच से साल से यह धंधा चल रहा था और हर बार 60 फीसदी भर्तियों में धांधली हुई है। सुक्खू ने कहा है कि यह बेहद ही गंभीर मामला है, क्योंकि जो युवा वर्ग, गरीब माता-पिता का बेटा या बेटी सोचते थे कि सरकारी नौकरी में जाएंगे।
इसके लिए वह फार्म भरते हैं, टेस्ट पास करते हैं और बाद में पता चलता है कि संबंधित भर्ती का पेपर बिका है, तो उस पर क्या गुजरती होगी। निश्यच ही यह जांच का विषय है और सरकार इस पर गंभीर है। सीएम ने कहा कि हम युवाओं को यकीन दिलाते हैं कि सरकार एक पारदर्शी फार्मूला लाएगी और योग्य उम्मीदवार को सरकारी नौकरी मिलेगी।
शिमला। हिमाचल प्रदेश सिलाई कटाई एवं पंचायत सहायक का कर्मचारी संघ का प्रतिनिधिमंडल प्रदेशाध्यक्ष सरिता कंवर की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध से मिला। सिलाई अध्यापिकाओं ने कहा है कि अध्यापिकाएं 1996 से अपनी सेवाएं दे रही हैं और 2017 से 10:00 से 5:00 बजे तक पंचायत सहायिका के रूप में कार्य कर रही है।
संघ ने कहा कि 13 अक्टूबर, 2022 को सिलाई अध्यापकों को दैनिक दर से अदायगी करने का निर्णय लिया गया जिसका सिलाई अध्यापिकाएं विरोध करती हैं। सिलाई अध्यापिकाओं ने मांग की है कि हमें कुशल कामगार की तर्ज पर दैनिक वेतन भोगी किया जाए। सिलाई अध्यापिकाओं ने मांग की है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय में जो केस शशिकांत बनाम हिमाचल सरकार चला है उसे तुरंत वापस लिया जाए और माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय को लागू किया जाए।
इसके अलावा सिलाई अध्यापिका का पद नाम बदला जाए व पंचायती राज विभाग व अन्य सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर नियुक्त किया जाए। माननीय मुख्यमंत्री व पंचायती राज मंत्री ने पूर्ण आश्वासन दिया कि वह दैनिक भोगी करने के लिए बजट में प्रावधान करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश महामंत्री नीरू कालिया उप सचिव सोनिका अध्यक्ष लीला ठाकुर, विमला गौतम जयंती शर्मा , आरती, नीना शर्मा , सरोज , सावित्री, रेखा भगनाल, द्रौपदी , अनीता, मीरा आदि शामिल थे।
प्रदेश सरकार का बजट आगामी पांच वर्ष की दिशा करेगा तय करेगा
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वार्षिक योजना 2023-24 के लिए ऊना, हमीरपुर, कुल्लू तथा सिरमौर जिला के विधायकों की प्राथमिकताओं को निर्धारित करने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सत्ता के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि विधायक भविष्य की चुनौतियों का समाधान करने के दृष्टिकोण से अपनी प्राथमिकताएं प्रस्तुत करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में विचार-विमर्श और परामर्श से हमें प्रदेश में विकास की दिशा तय करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त होंगे। राज्य के लिए वित्तीय अनुशासन की आवश्यकता है, जिसमें विपक्ष का सहयोग भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खर्चे कम करने होंगे। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास और सभी वर्गों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है।
सरकार का आने वाला बजट आगामी पांच वर्ष की दिशा तय करेगा जिस पर सरकार की योजनाएं लक्षित होंगी। उन्होंने अधिकारियों को संतुलित योजनाएं तैयार करने और इनके कार्यान्वयन को गति प्रदान करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र के विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने वार्षिक योजना 2023-24 का आकार 9523.82 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को स्वच्छ, पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन प्रदान करने के लिए सरकार वचनबद्ध है। राज्य सरकार भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाएगी। जनता की शिकायतों को प्रभावी ढंग से सुलझाने एवं कुशल प्रशासन प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
व्यवस्था में परिवर्तन के जरिए सभी लक्ष्य प्राप्त किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि टेंडर की अधिसूचना के लिए 7 दिन की समयसीमा निर्धारित की गई है, जबकि टेंडर अवार्ड करने के लिए 20 दिन की समयसीमा निर्धारित की गई है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों तथा उपायुक्तों से आग्रह किया कि विधायकों द्वारा उठाई गई समस्याओं व शिकायतों को निपटाने में किसी प्रकार की कोताही न करें और उनके बहुमूल्य सुझावों पर आवश्यक कार्यवाही करें।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग व जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए कि नाबार्ड के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 962 करोड़ के बजट का परिव्यय का पूर्ण उपयोग करें और नाबार्ड कार्यालय में प्रतिपूर्ति दावे 15 मार्च, 2023 से पहले जमा करें।
उन्होंने विधायकों द्वारा दी गई योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के बनाने में होने वाले विलंब को कम करने के लिए एफसीए, एफआर और गिफ्ट डीड आदि औपचारिकताओं का समयबद्ध निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग और उपायुक्त भी अपने स्तर पर हर माह प्राथमिकताओं की समीक्षा करेंगे जिसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी।
इससे पूर्व वित्त सचिव अक्षय सूद ने मुख्यमंत्री, मंत्रिगण व विधायकगण का बैठक में स्वागत किया। इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अन्य सचिव व संबंधित जिलों के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, योजना सलाहकार वासू सूद और विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।
शिमला। सीएम ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस पर बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य एवं समृद्धि की कामना की है। अपने बधाई सन्देश में मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने सभी क्षेत्रों में आशातीत प्रगति की है जिसका श्रेय राज्य के मेहनतकश तथा ईमानदार लोगों को जाता है।
उन्होंने कहा कि हमारा संविधान हमारा मार्गदर्शक है। गणतंत्र दिवस सभी को एक सूत्र में बांधने वाली भारतीयता के गौरव का उत्सव है। सीएम सुक्खू ने लोगों से भारत को शांतिपूर्ण और प्रगतिशील देश बनने की दिशा में सदैव समर्पित होकर कार्य करने का आह्वान किया।
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह गर्व की बात है कि हिमाचल मुख्य क्षेत्रों में देश के अन्य राज्यों के लिए विकास का आदर्श बनकर उभर रहा है।
उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर हमें गणतंत्र के आधारभूत सिद्धान्तों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराना चाहिए। हमें अपनी लोकतांत्रिक जड़ों को और मजबूत बनाने के लिए निरन्तर अग्रसर रहना चाहिए।
नई दिल्ली। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह से भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य में कृषि, बागवानी और स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए अत्याधुनिक तकनीकें अपनाने और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री के साथ विस्तार से विचार-विमर्श किया।
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के किसी एक राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय में न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग स्थापित करने पर विचार कर रही है, ताकि कैंसर रोगियों को प्रदेश में ही रेडिएशन थैरेपी का उपचार प्रदान कर उनके समय और संसाधनों की बचत की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाने पर विशेष बल दिया जाना समय की मांग है और उन्होंने इसके लिए केंद्र से तकनीकी सहायता प्रदान करने का भी अनुरोध किया।
उन्होंने राज्य के बागवानी और कृषि विभाग के अधिकारियों के लिए अनुकूलन (ओरिन्टेशन) कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही नई तकनीकों से परिचित करवाने में सहयोग का भी आग्रह किया, जिससे उन्हें नवोन्वेषी तकनीकों से भलीभांति अवगत करवाया जा सकेगा।
उन्होंने नई तकनीकों की जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से किसानों और बागवानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाने का भी आग्रह किया, जिससे किसानों और बागवानों को उनके उत्पादों की गुणवत्ता को सुधारने में सहायता मिल सकेगी। मुख्यमंत्री ने ‘आरोमा मिशन’ के तहत लैवेंडर की खेती के लिए चंबा जिला को शामिल करने और लैवेंडर के उत्पादन के लिए किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने का भी अनुरोध किया।
प्राकृतिक आपदाओं के प्रति प्रदेश की संवेदनशीलता के दृष्टिगत सीएम ने भूकम्पीय क्षेत्रों कांगड़ा और हमीरपुर में एक उच्च स्तरीय अत्याधुनिक भूकम्पीय प्रयोगशाला एवं डॉटा विश्लेषण केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने डॉ. जितेंद्र सिंह को अवगत करवाया कि हिमाचल प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्याधिक संवेदनशील राज्य है।
ऐसे में दो जनजातीय जिलों किन्नौर और लाहौल-स्पीति में डॉपलर राडार स्थापित करने के अलावा हमीरपुर, चंबा, नालागढ़, केलांग और काजा क्षेत्रों में मौसम वेधशालाएं (वेदर ऑबजरवेटरीज) स्थापित करने के साथ ही आपदा प्रतिक्रिया, विश्लेषण और मौसम पूर्वानुमान प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए हमीरपुर जिला में डॉटा सेंटर स्थापित करना अति आवश्यक है। इससे न केवल बहुमूल्य जीवन को सुरक्षित किया जा सकेगा अपितु राज्य के किसानों एवं बागवानों को मौसम सम्बंधी सटीक जानकारी समय पर उपलब्ध हो सकेगी।
डॉ. सिंह ने हिमालयी पारिस्थितिकी के प्रति मुख्यमंत्री की चिंता और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनकी गहरी रुचि की सराहना करते हुए उन्होंने हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती और मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया भी उपस्थित थे।
शिमला।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने अनावश्यक व्यय किया और अपने कार्यकाल के अंत में 900 से अधिक संस्थान खोले। इससे वार्षिक 5000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपने कार्यकाल के दौरान अनावश्यक व्यय किया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एनपीएस कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कैबिनेट की पहली बैठक में प्रदेश के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में संपन्न आम विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में राज्य के लोगों को 10 गारंटियां दी हैं। राज्य सरकार प्रदेश में इन सभी गारंटियों को चरणबद्ध तरीके से लागू करेगी।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पेंशनधारको को नियमित और सम्मानजनक पेंशन मिले, इसके लिए रूपरेखा तैयार करनी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखकर एनपीएस अंशदान के तहत संग्रह की गई राशि का भुगतान करने को कहा है। एनपीएस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। कर्मचारी कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष सुरेन्द्र मनकोटिया ने भी अपने सुझाव दिए।
इस अवसर पर सीएम के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, विधायक संजय अवस्थी, अनिरुद्ध सिंह एवं अजय सोलंकी, मुख्य सचिव आरडी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना तथा एनपीएस कर्मचारियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
शिमला। मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने निर्णय लिया है कि पूर्व जयराम सरकार के एक अप्रैल 2022 के बाद कैबिनेट में लिए गए सभी फैसलों की समीक्षा होगी। एक्सटेंशन और री-इम्प्लॉयमेंट वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवाओं को टर्मिनेट कर दिया गया है, सभी विभागों में भर्तियों पर रोक लगा दी गई है और कई दफ्तर डिनोटिफाई कर दिए हैं। मुख्यमंत्री के इस फैसले से पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर में रोष है। उन्होंने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कांग्रेस ने बदले की भावना के साथ काम करने की शुरुआत की है।
जयराम ने कहा कि हमने पांच साल बिना किसी भेदभाव के जनता की सेवा करने का कार्य किया है और कभी बदले की भावना से प्रदेश में कोई काम नहीं किया। हमने पिछली कांग्रेस सरकार में जनता के लिए गए किसी फैसले को नहीं पलटा, कोई विकास कार्य नहीं रोका, मगर अफसोस कि कांग्रेस ने अपना रिवाज जारी रखते हुए हमारी सरकार के फैसलों को रोकने और पलटने का काम शुरू कर दिया, जबकि अभी तो मंत्रिमंडल का भी गठन नहीं हुआ लेकिन बदले की भावना के साथ काम करने की शुरुआत हो गई।
स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, पुलिस स्टेशन, पुल, सड़क, पेयजल योजना… इन सब कामों को लटकाने, अटकाने और भटकाने का काम शुरू हो गया है जिसके लिए जनता इन्हें कभी माफ़ नहीं करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बदले की भावना के साथ काम की शुरुआत अच्छी नहीं है।
बता दें कि मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही सुखविंद्र सिंह सुक्खू एक्शन मोड में आ गए हैं। सीएम सुक्खू ने निर्णय लिया कि पूर्व जयराम सरकार के एक अप्रैल 2022 के बाद कैबिनेट में लिए गए सभी फैसलों की समीक्षा होगी। इनमें नए संस्थान खोलने और अपग्रेड करने के फैसले रिव्यू किए जाएंगे और कुछ को डिनोटिफाई भी किया जाएगा। जयराम सरकार के कार्यकाल में अधिकारियों को दिया गया पुनर्रोजगार समाप्त कर दिया गया है, जबकि मेडिकल कॉलेजों को इससे अलग रखा गया है।
लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग को छोड़कर राज्य के निगमों, बोर्डों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नामित सदस्यों और अन्य कमेटियों तथा शहरी निकायों में नामित सदस्यों की नियुक्तियां फिलहाल ठंडे बस्ते में डालने को कहा गया है।
हालांकि, यह स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल कॉलेजों और अन्य संस्थानों में की जा रही भर्तियों पर लागू नहीं होगा। इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिव को उपयुक्त आदेश जारी कर दिए हैं। जिन अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले किए गए थे और उन पर अमल नहीं किया गया। उनको भी रोक दिया है।
जल शक्ति विभाग में पैरा स्टाफ, पैरा पंप ऑपरेटर, पैरा फिटर, मल्टीपर्पज, पैरा कुक और पैरा हेल्पर के कोई नए नियुक्ति आदेश व नए भर्ती नोटिस जारी करने पर रोक लगा दी गई है। किसी भी विभाग की ओर से आगामी आदेशों तक एलओसी जारी नहीं किए जाएंगे। किसी भी वजह से क्षतिग्रस्त शिलान्यास व उद्घाटन पट्टिकाओं की मरम्मत की जाएगी और इसकी रिपोर्ट जल शक्ति विभाग के मुख्य अभियंता को कार्यालय को भेजने के लिए कहा गया है।
लंबित चल रहे भी टेंडर को होल्ड करने के निर्देश दिए गए हैं और आगामी आदेशों तक किसी भी परिस्थिति में इन्हें जारी नहीं करने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल कोई नया टेंडर आमंत्रित नहीं किया जाएगा।
पूर्व सरकार के कार्यकाल में शिक्षा, लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों में मल्टी टास्क वर्कर भर्तियां हुई हैं। इसे लेकर विधायक हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। इसमें जगत सिंह नेगी, संजय रत्न, मोहन लाल ब्राक्टा को सदस्य बनाया है। यह कमेटी इन भर्तियों सहित पैरा वर्कर भर्ती के मामले भी देखेगी।
शिमला। हिमाचल के नए सीएम और डिप्टी सीएम ने आज पदभार संभाल लिया है इसके बाद अब मंत्रियों के नाम को लेकर घमासान शुरू हो गया है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू विधायक दल की मीटिंग के बाद दिल्ली रवाना हो गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पार्टी हाईकमान के साथ मंत्रियों के नामों पर मंथन करेंगे। पार्टी हाईकमान से अंतिम मंजूरी लेने के बाद राज्य सरकार अगले एक-दो दिन के भीतर मंत्रिमंडल की आधिकारिक घोषणा कर सकती है।
उधर, हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी विधायक बेटे विक्रमादित्य सिंह के साथ दिल्ली रवाना हो गई हैं। सुक्खू की कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों में कई नाम तो लगभग तय हो गए हैं जिनकी औपचारिक घोषणा होना बाकी है। विधायक विक्रमादित्य सिंह का नाम इस लिस्ट में सबसे ऊपर है।
इसके अलावा वरिष्ठ नेता और पूर्व में सांसद रह चुके चंद्रकुमार भी मंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। धर्मशाला से सुधीर शर्मा, कुल्लू से सुंदर ठाकुर, किन्नौर से जगत सिंह नेगी, बिलासपुर से राजेश धर्माणी और सिरमौर से हर्षवर्धन सिंह चौहान का नाम तय माना जा रहा है।
भटियात से कुलदीप पठानिया का नाम भी मंत्री बनने की चर्चाओं में है। जनजातीय समीकरण बिठाते हुए पार्टी लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर को मंत्री बनने का मौका दे सकती है। सोलन से वरिष्ठ नेता कर्नल धनीराम शांडिल को विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है वहीं, धर्मपुर से चंद्रशेखर को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है।
जुब्बल कोटखाई से विधायक रोहित ठाकुर, कसुम्पटी से विधायक अनिरुद्ध सिंह के बीच फंसा हुआ है। वहीं, कांगड़ा जिला में आशीष बुटेल और रघुवीर सिंह बाली में से किसी एक के नाम पर मुहर लगनी है।
हिमाचल भवन में विधायकों को मिलेंगी आम नागरिकों जैसी सुविधाएं
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर पदभार संभालने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह प्रदेश सचिवालय में सभी विधायकों के साथ बैठक की। बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि अब हिमाचल सदन और हिमाचल भवन में विधायकों को भी आम आदमी जितने पैसे चुकाने होंगे।
इससे पहले विधायकों को आम आदमी के मुकाबले रियायती दरों पर कमरे उपलब्ध करवाये जाते थे। सरकार के इस फैसले के बाद अब आम आदमी और विधायक एक पायदान पर आकर खड़े हो जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस नीतिगत फैसले से अब विधायकों को भी आम आदमी जितने पैसे चुकाने होंगे। सीएम सुक्खू ने कहा कि जल्द ही हिमाचल प्रदेश सरकार अपने वादे के मुताबिक ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली को लेकर भी फैसला लेगी।