पदोन्नति व पेंशन की भी उठाई मांग, मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन
शिमला। संविधान दिवस के मौके पर आज सीटू के बेनर तले आंगनबाड़ी व मिड-डे मील वर्कर ने वेतन विसंगति व नियमितिकरण की मांग को लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को मांग पत्र सौंपा। लंबे समय से मिड-डे मील व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस मांग को लेकर संघर्षरत हैं।
रविवार को चौड़ा मैदान में संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संगठनों ने मांगों को लेकर सीएम को ज्ञापन सौंपा। वहीं, सीटू के राज्यसचिव जगत राम ने वनमित्र की भर्तियों में आरक्षण की मांग भी मुख्यमंत्री के समक्ष उठाई।
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आंगनबाड़ी हेल्पर वर्कर यूनियन महासचिव वीना शर्मा ने कहा कि आज सरकार के समक्ष उन्होंने नियमतिकरण की मांग सहित ग्रेच्यूटी का मुद्दा उठाते हुए ज्ञापन सौंपा है साथ ही हरियाणा की तर्ज पर वेतन प्रदान किए जाने की मांग भी सीएम के समक्ष रखी गई है।
उन्होंने कहा कि अगस्त माह में आंगनबाड़ी भर्ती में हेल्पर्स की पदोन्नति को लेकर संशोधन किया है उस संशोधन में सुधार कर पुराने नियम को लागू किया जाए। पेंशन की मांग भी उठाई गई है।
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इसके साथ ही प्री प्राइमरी में आंगनबाड़ी की नियुक्ति की मांग भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गई है और सरकार से उम्मीद है कि इन मांगों को जल्द पूरा किया जाएगा।
वहीं, सीटू के राज्यअध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि सीएम सुक्खू से आज आंगनबाड़ी व मिड-डे मील की मांगों को लेकर प्रतिनिधिनिधिमंडल मिला है और मांग उठाई गई है कि आंगनबाड़ी वर्कर का नियमितीकरण होना चाहिए। उन्हें ग्रेच्युटी की सुविधा प्रदान की जाए।
आंगनबाड़ी में हेल्पर की भर्ती के लिए जो संशोधन किया गया जिसमें पदोन्नति की आयु सीमा बढ़ाई गई है। उस संशोधन को वापस लिया जाए जिस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए माना है कि इस पर जल्द विचार कर इसे दुरुस्त किया जाएगा। वहीं, मिड-डे मील के एडजस्टमेंट और नियमितीकरण पर भी सीएम ने आश्वासन दिया है।
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इस अवसर पर सीटू के राज्य महासचिव जगत राम ने सीएम के समक्ष भर्तियों में आरक्षण को ठीक ढंग से लागू करने की मांग को उठाते हुए कहा कि प्रदेश में आरक्षण सही प्रकार से लागू नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में सरकार ने 2061 वन मित्र की भर्तियां निकाली गई हैं जिसमें आरक्षण लागू नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट फाइल किया है कि 40 दिन से ऊपर जैसे भी भर्ती हो उसमें आरक्षण लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे मुख्यमंत्री से उम्मीद करते हैं इसे लागू किया जाएगा। जगतराम ने कहा कि अगर इसे लागू नहीं किया जाता तो उच्च न्यायालय में इसके विरोध में जाएंगे और इस पर स्टे लिया जाएगा।