शिमला। हिमाचल प्रदेश के बागी पूर्व विधायक पर अब एक्शन की तैयारी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के जिला हमीरपुर के बड़सर विधानसभा से पूर्व विधायक इंद्रदत्त लखनपाल को नगर निगम की तरफ से अवैध निर्माण को लेकर नोटिस दिया गया है। ऐसे में अब उनके घर पर बुलडोजर चलाने की तैयारी है।
शिमला में नगर नगर की तरफ से यह नोटिस आईडी लखनपाल के नाम से भेजा गया है। नोटिस में कहा गया है कि यदि वह 23 मार्च को व्यक्तिगत तौर पर शिमला में सुनवाई के लिए पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की जा सकती है।
बता दें कि शिमला के तारा देवी में इंद्रदत्त लखनपाल का घर है। नोटिस में कहा गया है कि यहां पर अवैध निर्माण किया गया है। मामला साल 2015 का है, जिसमें अब नोटिस दिया गया है। नगर निगम की तरफ से उन्हें 23 मार्च सुबह 10 बजे पेश होने के लिए कहा गया है।
इंद्रदत्त लखनपाल ने नोटिस की कॉपी सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए सीएम सुक्खू पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि आज हुजूर की ओर से फरमान आया है। 253 का नोटिस दिया है।
बताओ कि तुम्हारा घर क्यों न तोड़ दिया जाए? मेरा घर तो लोगों के दिलों में है, पर खैर दिल भी तोड़ ही दिए आपने। मैं बहुत समय चुप रहा। बहुत चीजें ऐसी बोल सकता हूं, जो शायद मुख्यमंत्री जी को भीतर तक चुभ जाएं। पार्टी में रहा हूं, बहुत कुछ जानता हूं। मगर कृतघ्न नहीं हूं।
मैंने पहले भी कहा कि मैं कार्यकर्ताओं के दर्द लेकर कई बार मुख्यमंत्री जी से मिला, लेकिन मुझे कहा गया कि “मेरे लोग तो कह रहे हैं कि सरकार बहुत अच्छी चल रही है, सब सुखी हैं। मैंने तब भी कहा था और आज भी कह रहा हूं। आपके लोग आपको भ्रमित करते हैं।
1500 रुपये के फॉर्म हमने भी भरवाए थे। बड़सर की महिलाएं पूछती थीं कि भाई जी कब मिलेंगे पैसे ? नौजवान भी पूछते थे कि कब मिलेंगे रोजगार ? कब निकलेंगे रिजल्ट ? वादे बहुत थे, पर जब जब आपको याद करवाया, तब तब फटकार और आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला।
धर्मशाला। कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तारीकरण राष्ट्रीय दृष्टि से बेहद अहम है। एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर चल रही प्रक्रिया पर धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इससे न केवल पर्यटन और रोजगार के अवसरों में कई गुणा इजाफा होगा, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार महत्वपूर्ण है। सुधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला कांगड़ा को प्रदेश की पर्यटन राजधानी बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से मुख्यमंत्री के कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने का संकल्प साकार होने के साथ क्षेत्र का भी भाग्य बदलेगा।
प्रदेश के लिए वरदान साबित होगा विस्तारीकरण
सुधीर शर्मा ने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तारीकरण हर प्रकार से हिमाचल प्रदेश और यहां के लोगों के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे जहां एक तरफ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि बड़ा एयरपोर्ट बनने से यहां बड़े जहाजों के साथ मालवाहक जहाज भी उतरेंगे। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में हजारों-लाखों लोगों के लिए रोजगार के बड़े प्रोजेक्ट आएंगे। सुधीर शर्मा ने कहा इससे हमारे प्रदेश और विशेषकर कांगड़ा जिला में फिल्म इंडस्ट्री, आईटी पार्क और अन्य बड़ी परियोजनाओं के लिए भी रास्ते खुलेंगे।
उन्होंने कहा कि इससे पर्यटकों की संख्या में कई गुणा वृद्धि होगी, जिससे जिले में व्यापार और पर्यटन कारोबार मजबूत होगा। पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों की आमदन में इजाफा होगा तथा रोजगार के नए साधन भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डा विस्तारीकरण से स्थानीय लोग भी किफायती दामों में बड़े शहरों की यात्रा कर सकेंगे, जिससे पैसों के साथ-साथ समय की भी बचत होगी।
उन्होंने कहा कि नौकरीपेशा, व्यापारी, विद्यार्थी के साथ-साथ हर वर्ग को इससे लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल कांगड़ा बल्कि ऊना, हमीरपुर और चम्बा जिले के लोागों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से क्षेत्र और लोगों की आर्थिकी भी मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी कांगड़ा एयरपोर्ट का विस्तार देश के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस विस्तारीकरण से किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में सेना और देश के सुरक्षा बलों को यह बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में देश के अन्य हिस्सों के अलावा विदेशों से भी भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। हवाई अड्डे के विस्तारीकरण से सैलानियों को आने में आसानी होगी और बेहतर कनेक्टिविटी से उनकी संख्या में भी इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा में देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों के साथ-साथ, खेल गतिविधियां और हर प्रकार के पर्यटन को आकर्षित करने की क्षमता है। कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तारीकरण जिले में कनेक्टिविटी के ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि जिले में पौंग बांध में वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों को बढ़ाना, आईटी पार्क का निर्माण, गोल्फ कोर्स निर्माण, धर्मशाला को एक्जीबिशन इंडस्ट्री हब बनाने के साथ साथ धौलाधार की पहाड़ियों में टेंट सिटी विकसित करने जैसी कईं परियोजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए प्रशासन दिन रात कसरत कर रहा है। पर्यटन की दृष्टि से इन तमाम व्यवस्थाओं को विकसित करने के साथ जरूरी है सैलानियों के लिए कनेक्टिविटी को सुगम बनाना। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कनेक्टिविटी सबसे आवश्यक विषय है। जिले में कनेक्टिविटी के ढांचे को मजबूत करने से पर्यटकों की आमद स्वतः ही बढ़ेगी।
सुधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री की निर्णायक कार्यशैली और दूरदृष्टि के चलते कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण की प्रक्रिया को अब गति मिली है। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट का विस्तारीकरण हर लिहाज से क्षेत्र के लिए अच्छा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग निजी स्वार्थों के चलते इसको लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोग मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व पर भरोसा रखें। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट विस्तार को लेकर इस प्रकार का प्रारूप बनाया जा रहा है कि कम से कम लोग विस्थापित हों। उन्होंने कहा कि लोगों के साथ अन्याय नहीं होगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह भ्रमित न हों। सुधीर शर्मा ने युवाओं से आग्रह किया कि एयरपोर्ट विस्तार की भविष्य की उपयोगिता को देखते हुए इसका विरोध न करें। उन्होंने कहा कि यह विस्तारीकरण जिला कांगड़ा, प्रदेश और राष्ट्रीय सुरक्षा तीनों लिहाज से महत्वपूर्ण है, इसलिए लोग भ्रमित न हों और सरकार पर विश्वास रखें।
औपचारिकताओं को पूर्ण कर तेज गति से होगा विस्तार: डीसी
डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार की परियोजना के कार्यान्वयन में केंद्रीय जल और विद्युत अनुसंधान शाला (सीडब्ल्यूपीआरएस) पुणे की विशेषज्ञ सेवाएं ली गई थीं। उन्होंने कहा कि इस दल ने एयरपोर्ट रनवे ब्रिज के निर्माण और उससे जुड़े हर पहलू के गहन अध्ययन के उपरांत व्यवहारिकता रिपार्ट सौंपे दी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने अब इसको लेकर आगे बढ़ने के निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तारिकरण को लेकर सामाजिक प्रभाव आकलन के लिए प्रदेश सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) ने सामाजिक प्रभाव आकलन के लिए अपना कार्य करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर प्रशासन हिपा को पूरा सहयोग करेगी और औपचारिकताओं को पूर्ण कर विस्तार कार्य को तेज गति से किया जाएगा।
कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर क्षेत्र के लोगों ने भी अपनी राय दी है। वालिया टूर एंड ट्रैवल्स धर्मशाला के संजीव कुमार वालिया, धर्मशाला टैक्सी यूनियन के प्रधान मेहर सिंह ठाकुर तथा होटल व्यवसायी अनीश माटा ने विस्तारिकरण का स्वागत करते हुए बताया कि इससे क्षेत्र में बड़ी फ्लाइटस आएंगी, जिससे होटल इंडस्ट्री के साथ-साथ टैक्सी चालकों और छोटे दुकानदारों का भी फायदा होगा। उन्होंने बताया कि बड़े जहाज आने से पर्यटकों की संख्या बड़ेगी, जिससे क्षेत्र की आर्थिकी बढ़ने के साथ, जिला कांगड़ा का विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि इससे पर्यटकों को अच्छी सुविधाओं के साथ सस्ते दाम में हवाई टिकट उपलब्ध होंगी, जिससे उन्हें भी लाभ होगा।
कांगड़ा। हिमाचल के कांगड़ा जिला के नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री स्वर्गीय जीएस बाली की पत्नी एवं नगरोटा बगवां के मौजूदा विधायक रघुवीर सिंह बाली की माता किरण बाली का शनिवार को निधन हो गया। लंबी बीमारी के चलते दिल्ली AIIMS में उनका इलाज चल रहा था। आज सुबह करीब 7 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
पूर्व मंत्री जीएस बाली का निधन भी शनिवार 30 अक्टूबर 2021 को दिल्ली एम्स में हुआ था और उनकी पत्नी किरण बाली ने भी शनिवार को ही दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और अन्य कैबिनेट मंत्रियों ने किरण बाली के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
मेरे विधानसभा मे साथी बिधायक श्री रघुवीर सिंह बाली के माता जी के देहांत की खबर अति दुखद है। भगवान दिवंगत आत्मा को श्री चरणों में स्थान दे व परिजनों को इस दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐशांति ।
प्रदेश सरकार का बजट आगामी पांच वर्ष की दिशा करेगा तय करेगा
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वार्षिक योजना 2023-24 के लिए ऊना, हमीरपुर, कुल्लू तथा सिरमौर जिला के विधायकों की प्राथमिकताओं को निर्धारित करने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सत्ता के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि विधायक भविष्य की चुनौतियों का समाधान करने के दृष्टिकोण से अपनी प्राथमिकताएं प्रस्तुत करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में विचार-विमर्श और परामर्श से हमें प्रदेश में विकास की दिशा तय करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त होंगे। राज्य के लिए वित्तीय अनुशासन की आवश्यकता है, जिसमें विपक्ष का सहयोग भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खर्चे कम करने होंगे। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास और सभी वर्गों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है।
सरकार का आने वाला बजट आगामी पांच वर्ष की दिशा तय करेगा जिस पर सरकार की योजनाएं लक्षित होंगी। उन्होंने अधिकारियों को संतुलित योजनाएं तैयार करने और इनके कार्यान्वयन को गति प्रदान करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र के विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने वार्षिक योजना 2023-24 का आकार 9523.82 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को स्वच्छ, पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन प्रदान करने के लिए सरकार वचनबद्ध है। राज्य सरकार भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाएगी। जनता की शिकायतों को प्रभावी ढंग से सुलझाने एवं कुशल प्रशासन प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
व्यवस्था में परिवर्तन के जरिए सभी लक्ष्य प्राप्त किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि टेंडर की अधिसूचना के लिए 7 दिन की समयसीमा निर्धारित की गई है, जबकि टेंडर अवार्ड करने के लिए 20 दिन की समयसीमा निर्धारित की गई है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों तथा उपायुक्तों से आग्रह किया कि विधायकों द्वारा उठाई गई समस्याओं व शिकायतों को निपटाने में किसी प्रकार की कोताही न करें और उनके बहुमूल्य सुझावों पर आवश्यक कार्यवाही करें।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग व जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए कि नाबार्ड के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 962 करोड़ के बजट का परिव्यय का पूर्ण उपयोग करें और नाबार्ड कार्यालय में प्रतिपूर्ति दावे 15 मार्च, 2023 से पहले जमा करें।
उन्होंने विधायकों द्वारा दी गई योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के बनाने में होने वाले विलंब को कम करने के लिए एफसीए, एफआर और गिफ्ट डीड आदि औपचारिकताओं का समयबद्ध निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग और उपायुक्त भी अपने स्तर पर हर माह प्राथमिकताओं की समीक्षा करेंगे जिसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी।
इससे पूर्व वित्त सचिव अक्षय सूद ने मुख्यमंत्री, मंत्रिगण व विधायकगण का बैठक में स्वागत किया। इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अन्य सचिव व संबंधित जिलों के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, योजना सलाहकार वासू सूद और विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।
धर्मशाला। हिमाचल की सुक्खू सरकार में चंबा जिला की प्रमोशन हुई है। भटियात विधानसभा क्षेत्र से विधायक कुलदीप सिंह पठानिया को हिमाचल विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया है। उनकी चयन सर्वसम्मति के साथ हुआ है। बुधवार को कुलदीप पठानिया ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ नामांकन दाखिल किया था।
आज सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सबसे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा अध्यक्ष पद पर कुलदीप पठानिया के चयन के लिए प्रस्ताव सदन में रखा। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रस्ताव का समर्थन किया। इसके बाद डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया तो हर्षवर्धन चौहान ने प्रस्ताव का समर्थन किया। फिर धनी राम शांडिल ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने उसका समर्थन किया। इसके बाद नए चुने गए विधानसभा अध्यक्ष को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया गया।
बता दें कि पूर्व जयराम सरकार में चंबा जिला से चुनकर आए विधायक हंस राज को डिप्टी स्पीकर बनाया गया था। हंसराज चुराह विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। इस बार चंबा जिला को अध्यक्ष पद मिला है और कुलदीप पठानिया अध्यक्ष चुने गए हैं। कुलदीप सिंह पठानिया के राजनीतिक सफर की बात करें तो वह पांच बार भटियात विधानसभा क्षेत्र से जीतें हैं। इसमें तीन बार कांग्रेस तो 2 बार आजाद जीते हैं। उन्होंने 1985 में कांग्रेस की टिकट पर पहला चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी।
1990 में वह चुनाव हार गए। 1993 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दी और शिव कुमार को प्रत्याशी बनाया। कुलदीप पठानिया ने आजाद ताल ठोक दी। वह आजाद चुनाव जीत गए। 1998 में फिर कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी बनाया और वह चुनाव हार गए। 2003 में कांग्रेस ने फिर शिव कुमार को चुनावी मैदान में उतारा और भाजपा ने किशोरी लाल को टिकट दी।
कुलदीप पठानिया एक बार फिर कांग्रेस से बगावत कर गए और आजाद चुनावी मैदान में कूद गए। भाजपा में भी बगावत हुई और भूपेंद्र सिंह चौहान आजाद चुनावी मैदान में उतर गए। 2003 के चुनाव में भटियात विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला आजाद प्रत्याशियों के बीच ही रहा और कुलदीप सिंह पठानिया ने बाजी मारी।
2007 में मुकाबला कुलदीप सिंह पठानिया और भूपेंद्र सिंह चौहान के बीच रहा। बस फर्क इतना था कि कुलदीप सिंह पठानिया कांग्रेस और भूपेंद्र सिंह चौहान भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े। चुनाव में कुलदीप सिंह पठानिया ने जीत दर्ज की। 2012 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बिक्रम सिंह जरयाल को चुनावी मैदान में उतारा। कांग्रेस ने फिर कुलदीप पठानिया पर भरोसा जताया। पर कुलदीप पठानिया चुनाव जीत नहीं पाए।
2017 में भी कुलदीप पठानिया को बिक्रम सिंह जरयाल के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा। 2022 के चुनाव में कुलदीप पठानिया ने एक बार फिर वापसी की और कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते हैं। अब वह हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे।