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सीएम बोले-5 साल कुछ नहीं किया, अब विपक्ष को आउटसोर्स कर्मियों की आई याद

 सरकार आउटसोर्स और करुणामूलक नौकरियों पर विचार कर रही है

शिमला। हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के 14 वें दिन आज प्रश्नकाल से पहले विपक्ष ने नौकरी से निकाले जा रहे आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव लाया, जिसे  विधानसभा अध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया। चर्चा न मिलने के कारण विपक्ष ने बिफर कर वॉकआउट कर दिया। विपक्ष के वॉकआउट को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गैर जरूरी करार दिया।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल बीजेपी की सरकार रही, लेकिन आउटसोर्स कर्मियों के लिए कुछ नहीं किया। विपक्ष को अब आउटसोर्स की याद आई है। विपक्ष ने उनका बजट भाषण नहीं सुना है। सरकार आउटसोर्स और करुणामूलक नौकरियों पर विचार कर रही है। विपक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए वॉकआउट कर रहा है।

वहीं, सीएम के सदन में उपस्थित न होने पर व राहुल गांधी के साथ सूरत कोर्ट जाने को लेकर विपक्ष के आरोपों के जवाब में सीएम ने कहा कि राहुल गांधी देश की सबसे पुरानी पार्टी के शीर्ष नेता हैं। जब परिवार में किसी पर विपदा आती है तो पूरा परिवार इकट्ठा होता है। पूर्व सीएम भी इस तरह जाते थे उन्हें इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।

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आज सदन में नशे को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा संकल्प लाया गया, जिसमें नशा तस्करों पर नकेल कसने के लिए कानून को सख्त करने का प्रस्ताव रखा गया है। फिलहाल इस प्रस्ताव को गृह मंत्रालय की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा और इसको लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत भी हुई है। बढ़ते नशे पर रोक लगाने के मकसद से कानून को सख्त करने के लिए सरकार ने यह संकल्प लाया है।

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राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल, छात्रों को शाम को गाड़ी से छोड़ने की होगी व्यवस्था

9 जगह चिन्हित कर विभाग के नाम रजिस्टर

शिमला। हिमाचल सरकार ने हर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार ने कदमताल शुरू कर दी है। राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों के लिए सरकार ने रोडमैप भी तैयार कर लिया है। हिमाचल में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल एसडीएम दप्तर के 3-4 किलोमीटर के दायरे में खोले जाएंगे।

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इन स्कूलों में 4-5 राजकीय प्राथमिक स्कूलों के शिक्षा ग्रहण करेंगे। सरकार एक बच्चे पर 36 हजार रुपए खर्च करती है। स्कूलों में मिड-डे मील की व्यवस्था की है। अब इस योजना में अधिक पैसे का प्रावधान कर इन स्कूलों में भी दोपहर के भोजन की व्यवस्था की जाएगी।

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इन स्कूलों की स्थापना के लिए 50 बीघा या 100 कनाल भूमि का चयन किया जा रहा है। जहां सरकारी जगह उपलब्ध नहीं होगी वहां निजी भूमि खरीदकर इन स्कूलों की स्थापना की जाएगी औऱ इसके लिए हमने 300 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया है। 3-4 किलोमीटर दायरे में जिन 5-6 राजकीय प्राथमिक स्कूलों में जितने भी बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, उन सभी छात्रों को राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल में शिक्षा दी जाएगी। 10-12 बीघा भूमि में छात्रों को खेलने के लिए खेल मैदान बनाने की व्यवस्था की जाएगी और ये मैदान भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार स्थापित किए जाएंगे।

 

अगर किसी छात्र का घर स्कूल से दूर होगा तो उसे शाम को गाड़ी से छोड़ने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी। इन स्कूलों की स्थापना के लिए 9 जगह चिन्हित कर विभाग के नाम रजिस्टर कर दी गई हैं। कांगड़ा के इंदौरा, जसवां परागपुर, पालमपुर, किन्नौर, ऊना, हरोली, कुटलैहड़, गगरेट और हमीरपुर के बड़सर में इन स्कूलों की स्थापना के लिए भूमि विभाग के नाम रजिस्टर हो गई है। 46 जगह एफसीए के कारण भूमि विभाग के नवाम रजिस्टर नहीं हो पाई है।

 

विभाग द्वारा भूमि क्लीयरेंस के आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर दिए गए हैं। पहले फेज के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह क्लस्टर प्री नर्सरी से स्टार्ट होगा और इसमें प्राइमरी स्तर तक शिक्षा दी जाएगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 27 मार्च को हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान प्रश्नकाल में दी है।

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हिमाचल बजट सत्र में उठा बागवानों से लूट, अडानी ग्रुप के सीए स्टोर में मनमानी का मुद्दा

बिना एमओयू अडानी के सीए स्टोर को दे दी लाखों की सब्सिडी

शिमला। हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के 11वें दिन प्रश्नकाल में सेब सीजन के दौरान बागवानों के साथ लूट और अडानी ग्रुप के सीए स्टोर में हो रही मनमानियों का मुद्दा उठा। ठियोग से विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने बागवानी मंत्री से पूछा कि शिमला जिला में अडानी के कितने सीए स्टोर चल रहे हैं और क्या इनमें नियमों की पालना हो रही है, जिसमें बिना एमओयू के अडानी के सीए स्टोर को राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की ओर से 1598.79 लाख रुपए की सब्सिडी नाबार्ड के तहत देने की बात सामने आई है।

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विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि अडानी ने सीए स्टोर की स्थापना पर किसानों बागवानों की मदद का भरोसा दिया था, लेकिन उसका उल्टा हुआ है। सेब सीजन के दौरान अडानी ग्रुप चुप रहते हैं और बीच सीजन में दाम तय करते हैं, दाम तय करने में मनमानी की जाती है, बिना एमओयू के काम दिया गया। इसलिए सरकार मामले की समीक्षा करके फिर से एमओयू किया जाए।

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बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि अडानी ग्रुप ने शिमला जिले के सैंज,मैंहदली और रेवली में सीए स्टोर स्थापित किए हैं, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की ओर से अडानी ग्रुप को 1598.79 लाख रुपए की सब्सिडी नाबार्ड के तहत दी गई, इस संदर्भ में एमओयू हस्ताक्षरित नहीं किया गया। बागवानी मंत्री ने आश्वासन दिया कि नियमों की उल्लंघना पर उचित कार्रवाई होगी।

 

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बजट सत्र: पौंग बांध विस्थापितों को लेकर लगा था सवाल, सरकार ने दिया ये जवाब

कुल 16,352 में से 15,352 पात्रता प्रमाण पत्र जारी

शिमला। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल में पौंग बांध विस्थापितों को लेकर सवाल लगा था। धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा के सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने जानकारी दी है कि कुल 16,352 पात्र पौंग बांध विस्थापितों में से 15,352 पात्रता प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं। अवैध कब्जों और पौंग बांध विस्थापितों की अन्य शिकायतों के निवारण के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उनके माध्यम से शिकायतों को राजस्थान पुलिस को प्रेषित करने उनका निवारण सुनिश्चित किया जा रहा है।

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द्वितीय चरण में हो रहे मुरब्बा आवंटन में मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए एक निरीक्षण कमेटी का गठन किया गया है। निरीक्षण कमेटी द्वारा मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी, स्कूल, सड़क, अस्पताल और बिजली आदि की उपलब्धता बारे अपनी निरीक्षण रिपोर्ट वर्ष 2021 में राजस्थान सरकार को भेज दी गई है।

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हिमाचल सरकार ने पौंग बांध विस्थापितों की समस्याओं के निवारण के लिए समय-समय पर राज्य स्तरीय पौंग बांध विस्थापित सलाहकार समिति का गठन किया है, जो पौंग बांध विस्थापितों की समस्याओं को दूर करने के उपायों व प्रगति की समीक्षा करती है। सर्वोच्च न्यायालय के तत्वाधान में बनी उच्च स्तरीय कमेटी के निर्देश पर जिन 399 टिकों का पौंग बांध निर्माण के समय अधिग्रहण किया गया था, उनका समस्त रिकॉर्ड उर्दू भाषा में था, उसका हिंदी अनुवाद करके संपूर्ण अभिलेख राजस्थान सरकार को भेजा दिया गया है, ताकि मुरब्बा आवंटन में तेजी आए।

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उच्च स्तरीय समिति के आदेश पर हिमाचल सरकार ने Google Spreadsheet तैयार की है, ताकि पौंग बांध विस्थापितों की भूमि, पात्र व्यक्तियों की संख्या, पात्रता प्रमाण पत्र और मुरब्बा आवंटन की वर्तमान स्थिति बारे सबी हितधारकों को पता लग सके।

 

हिमाचल व राजस्थान सरकार ने अपने-अपने कॉलम में आंकड़े दर्ज करने थे। हिमाचल सरकार ने 16352 परिवारों में से करीब 14 हजार के करीब एंट्री व 1916 कैटेगरी में शत प्रतिशत एंट्री पूर्ण कर ली है। राजस्थान सरकार ने भी अपने कॉलम में एंट्री करना शुरू कर दिया है।

 

हर माह आयुक्त उपनिवेशन के कार्यालय में मुरब्बा आवंटन के लिए विशेष कैंप आयोजित किए जा रहे हैं। जल संसाधन मंत्रालय भारत सरकार तत्वाधान में हिमाचल सरकार व राजस्थान सरकार द्वारा दिल्ली में आयोजित कैंप में आंकड़ा मिलान कार्य किया गया है। शेष बचे एक हजार के करीब पौंग बांध विस्थापितों को पात्रता प्रमाण पत्र जारी करने और उन्हें मुरब्बा आवंटन के लिए अपने वांछित दस्तावेज जमा करवाने के लिए तीन बार नोटिस के साथ-साथ समाचार पत्रों के माध्यम से भी हितधारकों को आमंत्रित किया गया है, ताकि उनके दस्तावेज का सत्यापन करके उनके प्रकरण राजस्थान सरकार को प्रेषित किए जा सकें।

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बजट सत्र : प्रश्नकाल से शुरू होगी तीसरे दिन की कार्यवाही, गतिरोध के आसार

सदन में आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट रखेंगे मुख्यमंत्री सुक्खू

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही आज प्रश्नकाल से शुरू होगी। आज भी सदन में गतिरोध बने रहने के आसार हैं। इस दौरान विभिन्न मसलों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक देखने को मिल सकती है। यह भी संभव है कि आज भी विपक्ष किसी अन्य मसले पर चर्चा की मांग को लेकर सदन में स्थगन प्रस्ताव लाकर सत्ता पक्ष को बैकफुट पर धकेलने का प्रयास कर सकता है। सेशन के पहले दोनों दिनों के दौरान भी विपक्ष ने यही रुख अपनाया है।

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इसके बाद मुख्यमंत्री सुक्खू सदन में आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट रखेंगे। इसके बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल सदन में कैग (भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक) की रिपोर्ट को टेबल करेंगे। यह रिपोर्ट सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर आधारित होगी। सदन में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री पावर प्रोजेक्ट पर सेस लगाने के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। इस पर चर्चा के बाद विधेयक को पास किया जाएगा।

सदन में तीखी नोक झोंक, बीजेपी विधायक ने दी आमरण अनशन की चेतावनी

आज प्राइवेट मेंबर डे है। इसमें 4 सदस्यों के संकल्प चर्चा के लिए सदन में रखे जाएंगे। पहला संकल्प घुमारवीं के कांग्रेस विधायक राजेश धर्माणी द्वारा लाया गया है। इसमें उन्होंने बिना FCA FRA के बनी सड़कें और भवन को एकमुश्त रेगुलर करने के पॉलिसी बनाने के लिए संकल्प लाया है।

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दूसरा संकल्प भाजपा MLA विपिन सिंह परमार का है। परमार पावर प्रोजेक्ट में हिमाचल की हिस्सेदारी बढ़ाने और लाभांश एग्रीमेंट की अनुपालना नहीं होने से स्टेट को हो रहे आर्थिक नुकसान से बचने के लिए नीति बनाने की मांग करेंगे। तीसरा संकल्प पांवटा साहिब के BJP विधायक सुखराम चौधरी का है। इसमें वह बेसहारा पशुओं से फसलों को हो रहे नुकसान बारे सदन में नीति बनाने की मांग करेंगे।

 

चौथा संकल्प भाजपा के झंडुता से विधायक जेआर कटवाल का है, इसमें वह भारतीय प्रजातंत्र व कल्याणकारी राज्य में निहित चिन्हित संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा को सुदृढ़ को करने तथा विषमताओं के निवारण के लिए नीति बनाने की मांग सदन में रखेंगे।

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