मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में की घोषणा
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण के दौरान शिक्षा क्षेत्र को लेकर भी कुछ ऐलान किए हैं। बजट भाषण में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ के अनुरूप प्रदेश में स्कूली स्तर पर 5+3+3+4 शिक्षा प्रणाली लागू की जाएगी, जिसमें तीन साल का Pre School ‘बाल वाटिका’ पाठ्यक्रम भी शामिल होगा।
प्रदेश में अभी 6 हजार से अधिक प्राथमिक पाठशालाओं में प्री-स्कूल चलाए जा रहे हैं। इस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आगामी वित्तीय वर्ष में 6 हजार नर्सरी टीचर नियुक्त किए जाएंगे।
पात्र आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी नर्सरी अध्यापक बनने का अवसर दिया जाएगा और इसके लिए उन्हें Bridge Course भी करवाया जाएगा।
इस व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू करने के लिए पहली कक्षा में प्रवेश के लिए ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ के अनुसार कम से कम 6 वर्ष की आयु तय की गई है और प्री-प्राइमरी की तीन कक्षाओं में प्रवेश के लिए क्रमश: 3, 4 और 5 वर्ष की न्यूनतम आयु सीमा तय की गई है।
स्कूलों और समाज के बीच बेहतर ताल-मेल के लिए तथा सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए ‘‘अपना विद्यालय-मेरा विद्यालय-मेरा सम्मान’’ योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है।
इसमें, जहां एक ओर मुख्यमंत्री से लेकर खंड स्तरीय अधिकारी तक सभी एक-एक शिक्षण संस्थान को गोद लेंगे, वहीं दूसरी ओर समुदाय को स्कूलों से जोड़ा जाएगा। इसमें पात्र एवं इच्छुक व्यक्तियों द्वारा निशुल्क शिक्षा प्रदान किए जाने की व्यवस्था भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि प्रत्येक उपमंडल में एसडीएम को सभी प्राइमरी स्कूल की महीने में एक दिन बारी-बारी से अनिवार्य रूप से रिव्यू मीटिंग करनी होगी। इस बैठक में उस स्कूल में न केवल विद्यार्थियों बल्कि अध्यापकों की परफोर्मेंस का भी रिव्यू किया जाएगा।
अभिभावकों के साथ भी इसी बैठक में संवाद किया जाएगा। इसी बैठक में स्कूल के रख-रखाव के बारे में भी उचित निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों की वार्षिक रैकिंग और उनके लिए Performance Based Grant की व्यवस्था की शुरूआत की जाएगी। इस सारी व्यवस्था को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से विकसित किया जाएगा। इसे आम जनता तथा अभिभावकों से भी सांझा किया जाएगा, जिसके लिए एक वेबसाइट बनाई जाएगी।
पढ़ने-पढ़ाने की संस्कृति के विकास के लिए प्रदेश में वर्ष 2024-25 में ‘‘पढ़ो हिमाचल’’ के नाम से एक व्यापक जन अभियान प्रारंभ किया जाएगा। इस अभियान में विद्यालयों के साथ-साथ ग्रामीण एवं शहरी जन समुदाय को भी जोड़ा जाएगा।
इसी अभियान के तहत प्रदेश के 500 शिक्षण संस्थानों में सामान्य पाठकों और विषेश रूप से युवाओं के लिए रीडिंग रूम बनाए जाएंगे तथा इन्हीं शिक्षण संस्थानों के पुस्तकालयों के चलाने में आम जन की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाएगा।
प्रत्येक जिला व उपमंडल मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर एक आधुनिकतम सुविधाओं सहित पुस्तकालय तथा वाचनालय बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में की है।
यह कार्य चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। प्रथम चरण में, पंचायत स्तर पर 493 पुस्तकालयों का निर्माण करके इनमें पुस्तकें तथा अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिस पर 88 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।
जिन स्थानों पर छात्रों और छात्राओं के लिए अलग-अलग स्कूल अथवा महाविद्यालय चल रहे हों, स्थानीय निवासियों की मांग पर आवश्यकतानुसार उन दोनों को मिलाकर एक को एजुकेशन शैक्षणिक संस्थान चलाने की शुरूआत की जाएगी।
इससे छात्र व छात्राओं के शैक्षणिक विकास के साथ-साथ उनका मनोवैज्ञानिक विकास होगा तथा व्यक्तित्व उभरेगा। इसके साथ ही जिन क्षेत्रों में 3 से 5 किलोमीटर के दायरे में कोई प्राथमिक शिक्षा न हो, वहां के बच्चों को नजदीक के स्कूल तक लाने और वापस घर छोड़ने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी।
बजट भाषण के अनुसार प्रदेश में पढ़ाए जा रहे पाठ्यक्रम का संवैधानिक मूल्यों के परिप्रेक्ष्य में पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का समावेश भी किया जाएगा।
इसके लिए पांचवी कक्षा से हिमाचल के इतिहास एवं संस्कृति, भारतीय संविधान, स्वास्थ्य, Basic Hygiene और अन्य सामान्य ज्ञान के विषयों पर अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम आरंभ किया जाएगा।
सभी विद्यालयों में खेलों तथा व्यायाम के लिए प्रतिदिन कम से कम एक पीरियड अनिवार्य किया जाएगा। आवश्यकतानुसार पीईटी की नियुक्ति को प्राथमिकता दी जाएगी। 500 बच्चों से अधिक वाले स्कूलों में स्वयं सहायता समूहों को मिड डे मील के अंतर्गत भोजन बनाने और परोसने में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
सीएम सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि पिछली सरकार ने प्रदेश में तीन स्थानों पर ‘अटल आदर्श विद्यालय’ बनाने प्रारंभ किए। उनकी सरकार इन्हें पूरा करने के लिए न केवल आवश्यक
धनराशि उपलब्ध करवाएगी, बल्कि इन्हें क्रियाशील भी करेगी। ‘राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलों’ तथा ‘अटल आदर्श विद्यालयों’ के लिए कर्मचारियों का एक विशेष संवर्ग बनाया जाएगा। इन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों पर उत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों के रूप में विकसित किया जाएगा।
प्रथम चरण में प्रदेश में लाहडू, नगरोटा बगवां, अमलेहड़, भोरंज, संगनाई (ऊना) आदि सहित 10 राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलों के निर्माण कार्य को आरंभ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार जल जनित रोगों से प्रतिवर्ष भारत को 49 अरब 78 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। भारत के दो तिहाई जिले पानी की कमी से जूझ रहे हैं।
बच्चों को पीने के लिए साफ पानी मिले इसके लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जाएगा तथा सरकारी स्कूलों के 8 लाख 50 हज़ार से अधिक बच्चों के लिए एक सुरक्षित एवं स्वच्छ पानी की बोतल उपलब्ध करवाई जाएगी। शिक्षा क्षेत्र में कुल 9 हजार 560 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।
बेरोजगारों- किसानों के लिए घोषित हो सकती हैं नई योजनाएं
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज अपनी सरकार का दूसरा बजट पेश करेंगे। लोकसभा चुनावी साल में सुक्खू के पिटारे पर प्रदेश की नजर है। हालांकि, खजाना खाली होने की वजह से ज्यादा उम्मीद तो नहीं है, फिर भी बेरोजगारों, कर्मचारी, किसानों के लिए कुछ नई योजनाएं इस बजट में देखने को मिल सकती हैं।
किसानों के लिए योजनाओं को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले की बोल चुके हैं कि बजट में कुछ देखने को मिलेगा। चुनाव से पहले यह बजट लोक लुभावना हो सकता है।
कर्मचारियों का 12 फीसदी महंगाई भत्ता सरकार के पास बकाया हो गया है। इसी तरह कर्मचारी और पेंशनर्स का नए वेतनमान का 11 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का एरियर भी सरकार के पास पेंडिंग है।
ऐसे में मुख्यमंत्री सुक्खू डीए (DA) या सैलरी के एरियर में से एक पर कोई घोषणा कर सकते हैं। एसएमसी (SMC), कंप्यूटर टीचर लंबे समय से पॉलिसी की मांग कर रहे हैं। इस बजट में इनको क्या और कितनी राहत मिलती है, यह आज साफ हो जाएगा।
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज विधानसभा सदन में हिमाचल आर्थिक सर्वेक्षण 2023- 24 की रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2023- 24 के दौरान राज्य की विकास दर 7.1 फीसदी आंकी गई है। वित्तीय वर्ष 2022- 23 में यह 6 .9 फीसदी थी। वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रति व्यक्ति आय 2,18,788 के मुकाबले वित्तीय वर्ष 2023 -24 में 2,35,199 रहने का अनुमान लगाया गया है।
हिमाचल की प्रति व्यक्ति आय 2023- 24 के लिए अनुमानित राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय से 49, 345 अधिक है। हिमाचल प्रदेश में कोविड के कारण पर्यटकों के आगमन में कमी आई थी, लेकिन वर्ष 2023 में 160.05 लाख पर्यटक हिमाचल प्रदेश पहुंचे हैं, जोकि प्रदेश के लिए काफी संतोषजनक बात है।
इससे पता चल रहा है कि पर्यटकों का आगमन कोविड से पहले के स्तर में पहुंच रहा है। घरेलू पर्यटकों का आगमन 2020 में 32.13 लाख से बढ़कर 2021 में 56.37 लाख, 2022 में 151 लाख और 2023 में पूर्ण रूप से 160.05 लाख हो गया है।
सर्वेक्षण के अनुसार हिमाचल प्रदेश के लिए श्रम बल भागीदारी दर सभी उम्र के लिए 61.3 प्रतिशत रही जो कि उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और अखिल भारतीय स्तर से अधिक है। हिमाचल प्रदेश में 54.8 प्रतिशत महिलाएं पड़ोसी राज्य व अखिल भारतीय स्तर(27%) की तुलना में आर्थिक गतिविधियों में अधिक सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।
वहीं अगर हिमाचल प्रदेश में गरीबी दर की बात की जाए तो 2013-14 में गरीबी दर 10.14 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 3.88 प्रतिशत हो गई है। इस अवधि के दौरान लगभग 4.67 लाख लोग गरीबी रेखा से उबरे हैं।
कृषि और संबद्ध क्षेत्र का योगदान 2018-19 में 17,767 करोड़ से 49 फीसदी बढ़कर 2023- 24 में 26,458 करोड़ हो गया है।
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में कहा कि सरकार किसी के नाम की शिलान्यास पट्टिका नहीं तोड़गी और न ही हटाएगी। कांग्रेस सरकार लोगों के दिल में पट्टिकाएं लगाने में विश्वास रखती है। अधिकारियों को भी इसको लेकर निर्देश दिए जाएंगे। जनप्रतिनिधियों के नाम की पट्टिका लगाई जा सकती है, इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
हालांकि अधिकारियों के नाम की पट्टिका पर नियमों का अध्ययन किया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में विधायक पूर्ण चंद ठाकुर के सवाल के जवाब में कही।
बता दें कि विधायक पूर्ण चंद ठाकुर ने शिलान्यास पट्टिकाओं को तोड़ने और हटाने को लेकर सरकार से प्रश्न पूछा था। नेता विपक्ष जयराम ठाकुर और सुंदरनगर विधायक राकेश जमवाल ने भी सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष के विधायकों की अनदेखी कर रही है और अगर किसी स्कूल या खेल प्रतियोगिता ने विपक्ष का विधायक शामिल होता है तो सरकार कर्मचारियों को ट्रांसफर कर रही है।
शिलान्यास और उद्घटान पट्टिकाओ को भी हटाया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि किसकी पट्टिका को लगाया जा सकता है। इस सवाल का जवाब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिया।
शिमला। हिमाचल के 113 तहसील कार्यालयों में से 24 के पास ही सरकारी वाहन हैं। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा के सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने दी है।
जानकारी में बताया गया कि हिमाचल में कुल 113 तहसील कार्यालय हैं, जिन में से कुल 24 तहसीलदारों को वाहन उपलब्ध करवाए गए हैं। इसमें शिमला जिला के शिमला ग्रामीण, चंबा जिला के चंबा सदर, भरमौर, पांगी, मंडी के लडभडोल, करसोग, जोगिन्द्र नगर और सिरमौर के पांवटा साहिब हैं।
वहीं, ऊना जिला के ऊना, किन्नौर के मुरंग, कल्पा, सांगला, पूह, निचार, कुल्लू के कुल्लू, हमीरपुर जिले के हमीरपुर, भोरंज, लाहौल स्पीति के केलांग, काजा, कांगड़ा के पालमपुर, जयसिहंपुर, नूरपुर, सोलन जिला के सोलन और नालागढ़ को वाहन उपलब्ध करवाए हैं। शेष तहसीलों में वाहन उपलब्ध करवाने बारे मामला सरकार के विचाराधीन है।
शिमला। माता श्री चिंतपूर्णी के दर्शन के लिए सरकार द्वारा कोई फीस नहीं लगाई गई है। मंदिर न्यास द्वारा 08 अगस्त, 2023 को सुगम दर्शन प्रणाली नामक स्कीम का आरंभ किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करना, प्रबंधन में सुधार करना, बीमार, वृद्ध एवं दिव्यांगजन आदि को सुगम दर्शन की सुविधा प्रदान करना है।
जो श्रद्धालु माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर न्यास लिफ्ट का उपयोग कर सुगमता से दर्शन करना चाहते है, वह भी एक निश्चितराशि देकर दर्श न कर सकते हैं। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान श्री नैना देवी जी के विधायक रणधीर शर्मा के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने दी है।
जानकारी में बताया गया कि इस प्रणाली में माता श्री चिंतपूर्णी के दर्शन करने के लिए तीन लेवल बनाए गए हैं। लेवल 1 के तहत अति विशिष्ट व्यक्तियों (VIPs) के लिए निःशुल्क पास बनाया जाता है। लेवल 2 के तहत वृद्ध, बीमार, दिव्यांगजन आदि मात्र 50 रुपए शुल्क पर अपना प्रमाण पत्र देकर एक परिचारक सहित लिफ्ट का उपयोग कर माताजी के दर्शन कर सकते हैं।
लेवल 3 के तहत कोई भी श्रद्धालु 1100 रुपए शुल्क देकर 4 सदस्यों सहित (कुल 5 सदस्य) लिफ्ट का उपयोग कर माताजी के दर्शन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त इन श्रद्धालुओं के लिए मंदिर द्वारा निःशुल्क ई-कार्ट लगाई गई है, जोकि बाबा श्री माई दास सदन से लिफ्ट तक चलाई जा रही है।
e-District Portal के माध्यम से जारी किए जा रहे प्रमाण पत्र
शिमला। हिमाचल सरकार e-District Portal के माध्यम से सभी प्रकार के प्रमाण-पत्र जारी कर रही है, जिस कारण ओबीसी (OBC) और एससी (SC) प्रमाण-पत्र बनाने के लिए महिलाओं को बार-बार मायके जाने की आवश्यकता नहीं है। यह जानकारी राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान (Himachal Budget Session) ज्वालामुखी के विधायक संजय रतन के सवाल के जवाब में दी है।
संजय रतन ने सवाल पूछा था कि ओबीसी और एससी प्रमाण-पत्र बनाने के लिए महिलाओं को बार-बार उनके मायके जाना पड़ता है। यदि हां, तो क्या सरकार विवाह उपरांत संबंधित राजस्व कार्यालय से प्रमाण-पत्र जारी करने का विचार रखती है।
हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान (Himachal Budget Session) के दौरान सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा के सवाल से जवाव में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने जानकारी दी है कि गत वर्ष बरसात के कारण प्रदेश में कुल 9905.77 करोड़ का नुकसान हुआ है।
प्रदेश सरकार द्वारा गत वर्ष बरसात के कारण हुए नुकसान की भरपाई हेतु 1254.22 करोड़ रुपये विभिन्न जिलों व विभागों को जारी किए गए हैं, जिसमें से प्रभावित लोगों को मुआवजे के तौर पर 483.16 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा इस आपदा हेतु अभी तक कोई भी विशेष पैकेज प्रदान नहीं किया गया है।
हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान (Himachal Budget Session) के दौरान बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी के सवाल के जवाब में पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने जानकारी मुहैया करवाई है कि गत तीन वर्ष में प्रदेश में कोई भी नई ग्राम पंचायत गठित नहीं हुई है।
2020 में 412 नई पंचायतें गठित हुई हैं, जिनमें से 46 पंचायतों के नए भवन की धरातल मंजिल बन कर तैयार हो गई है।
सरकार द्वारा इन नवनिर्मित पंचायतों के भवनों के निर्माण के लिए तैयार आरेखण 23 मार्च 2021 और 2 जुलाई 2021 के निर्देशानुसार 83.89 लाख रुपये की राशि उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान था, लेकिन अब 29 अगस्त 2023 से संशोधित आरेखण अनुसार 114.90 लाख रुपये का बजट उपलब्ध करवाया जा रहा है ।
इन नवगठित 412 ग्राम पंचायतों में पंचायत चौकीदार की श्रेणी के पद सृजित न होने के कारण किसी भी पंचायत में पंचायत चौकीदार नियुक्त नहीं किए गए हैं। इन ग्राम पंचायतों के लिए पंचायत चौकीदार के पदों को भरने संबंधी प्रस्तावना वर्तमान में प्रकियाधीन है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सरकार ने जानकारी मुहैया करवाई है कि जेओए (आईटी) पोस्ट कोड 817 में रिजल्ट घोषित करने से संबंधित आगामी कार्रवाई अभी अपेक्षित नहीं है। यानी अभी रिजल्ट नहीं निकाला जा सकता है।
सुंदरनगर के विधायक राकेश जंवाल के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जानकारी मुहैया करवाई है कि जेओए आईटी पोस्ट कोड 817 के पदों की भर्ती प्रक्रिया अभी पूर्ण नहीं हुई है। मामले में कोई भी साक्षात्कार आयोजित नहीं किया गया है, क्योंकि ग्रुप सी के पदों के लिए 17 अप्रैल 2017 की जारी अधिसूचना के अनुसार साक्षात्कार समाप्त कर दिए गए हैं।
विषयगत मामला वर्तमान में राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधक ब्यूरो के अन्वेषणाधीन है। सरकार ने 9 फरवरी 2024 को कैबिनेट की बैठक में उन सभी भर्ती मामलों से संबंधित विभिन्न मुद्दों की जांच करने के लिए एक कैबिनेट सब कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है, पूर्ववर्ती कर्मचारी चयन आयोग की चल रही जांच के कारण परिणाम लंबित हैं।
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधान सभा का बजट सत्र शुरू हो गया है। बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के अभिभाषण से हुई। राज्यपाल कांग्रेस सरकार की 13 महीने की उपलब्धियों को सदन में रखेंगे। कल यानी 15 फरवरी से राज्यपाल के अभिभाषण पर दो दिन चर्चा होगी। यह 14वीं विधानसभा का दूसरा बजट सत्र और पांचवां विधानसभा सत्र है।
बता दें कि इस बजट सत्र में 13 बैठकें रखी गई हैं। बजट सत्र 29 फरवरी तक चलेगा। लोकसभा चुनाव की आहट से पहले बजट सत्र को लेकर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष आमने-सामने हैं, जिसके चलते सत्र हंगामेदार रह सकता है।
17 फरवरी को सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेंगे। उसके बाद चार दिन तक बजट पर चर्चा होगी। 22 और 26 फरवरी को गैर सरकारी कार्य दिवस निर्धारित किया गया है। 26, 27 और 29 को अनुदान मांगों पर चर्चा की जाएगी।
इसी के साथ 29 फरवरी को बजट पारित कर दिया जाएगा। इस बार विधानसभा सदस्यों द्वारा अभी तक कुल 793 प्रश्नों की सूचनाएं भेजी गई हैं, जिनमें 582 तारांकित और 209 आतारांकित प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। नियम 130 के अंतर्गत 8 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं।
धर्मशाला। हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि तपोवन में शीतकालीन सत्र के दौरान सुरक्षा में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी तथा सीसीटीवी व ड्रोन कैमरों से निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। सत्र के दौरान तपोवन विधान सभा भवन तथा परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
सुरक्षा पूर्व की भांति चाक चौबंद रहेगी। हिमाचल प्रदेश सरकार तथा विधान सभा सचिवालय के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को जारी किए गए शासकीय पास प्रमुखता से प्रदर्शित करने होंगे, ताकि सुरक्षा कर्मियों को फ्रिस्किंग की कम से कम आवश्यकता रहे।
सोमवार को तपोवन विधानसभा भवन में प्रेस वार्ता में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की चौदहवीं विधान सभा का चतुर्थ सत्र 19 दिसंबर, 2023 से 23 दिसंबर, 2023 तक आयोजित किया जाएगा। 19 दिसंबर को मंगलवार के दिन प्रातः 11 बजे सत्र का शुभारंभ होगा।
हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस सत्र में कुल 5 बैठकें होंगी तथा 23 दिसंबर को शनिवार के दिन भी बैठक आयोजित की जाएगी। 21 दिसंबर, 2023 का दिन गैर सरकारी सदस्य कार्य दिवस के लिए निर्धारित किया गया है। सत्र की अधिसूचना 29 नवंबर, 2023 को पहले ही जारी की जा चुकी है। सत्र की अधिसूचना जारी होने के साथ ही माननीय सदस्यों से प्रश्नों से संबंधित सूचनाएं विधानसभा सचिवालय को आनी शुरू हो गई है।
उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र की तैयारियों के लिए जिला प्रशासन जिलाधीश कांगड़ा की अध्यक्षता में पहले भी बैठकें कर चुका है, लेकिन सत्र के दृष्टिगत आज उनकी अध्यक्षता में पहली बैठक का आयोजन किया गया है, जिसमें जिला प्रशासन के हर विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। तपोवन भवन में मुरम्मत तथा साफ-सफाई का कार्य समय रहते पूर्ण किया जाएगा।
सत्र में भाग लेने आ रहे पक्ष तथा प्रतिपक्ष के माननीय सदस्यों की ठहरने की समुचित व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एंबुलेस तथा एक डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टॉफ के कर्मचारी भी तपोवन परिसर में ड्यूटी पर तैनात रहेंगे।
विधानसभा भवन के अंदर मोबाइल, लैपटॉप तथा इलेक्ट्रॉनिक वस्तु के ले जाने पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। तपोवन विधानसभा भवन तथा परिसर को कृत्रिम दुधिया रोशनी से सुसज्जित किया जाएगा।
डीसी कांगड़ा, पुलिस अधीक्षक कांगड़ा, उप-निदेशक पर्यटन, महाप्रबंधक दूर संचार धर्मशाला, मुख्य चिकित्सक अधिकारी धर्मशाला, आयुक्त नगर निगम धर्मशाला, अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग, अधिशाषी अभियंता जल शक्ति विभाग, अधिशाषी अभियंता विद्युत, अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण (विद्युत), उप निदेशक जन संपर्क विभाग धर्मशाला तथा क्षेत्रिय प्रबंधक पथ परिवहन निगम धर्मशाला को सत्र से संबंधित कार्य समय रहते पूर्ण करने के निर्देश दिए गए है, ताकि सत्र का कार्य बिना व्यवधान के अविलम्ब चलता रहे।