विधानसभा में सवाल के जवाब में मुहैया करवाई जानकारी
शिमला। हिमाचल की सुक्खू सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान अब तक 3,159 लोगों को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान करसोग के विधायक दीप राज के सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मुहैया करवाई है।
जवाब में बताया गया कि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2022-23 के अनुसार प्रदेश की बेरोजगारी की दर 4.0 प्रतिशत है। प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में 7,42,845 आवेदक पंजीकृत हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि ये सभी पंजीकृत आवेदक बेरोजगार हों।
वर्तमान में प्रदेश सरकार ने अपने अब तक के कार्याकाल में सरकारी क्षेत्र में 3,159 लोगों को रोजगार प्रदान किया है। गैर सरकारी क्षेत्रों में श्रम एवं रोजगार विभाग द्वारा रोजगार कार्यालयों के माध्यम से 9,317 युवाओं को रोजगार प्रदान किया गया है।
इसके अतिरिक्त यह भी सूचित किया जाता है कि गैर सरकारी क्षेत्र अथवा निजी क्षेत्र के उद्योगों एवं नियोक्ताओं द्वारा रोजगार उनके स्तर पर भी प्रदान किया जाता है।
किस विभाग, बोर्ड और निगम में मिली सरकारी नौकरी
रजिस्ट्रार हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में 55, सरकार के उप सचिव (एसए) हिमाचल प्रदेश, कार्मिक सचिवालय विभाग (प्रशासन सेवा-I) शिमला में 7, आयुक्त, हिमाचल प्रदेश राज्य सूचना आयोग, शिमला में 2, रजिस्ट्रार, हिमाचल प्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग,शिमला में 2, निदेशक कृषि हिमाचल में 14 और पशुपालन विभाग में 16 पद भरे गए हैं।
निदेशक, अटल बिहारी वाजपेई संस्थान पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेल विभाग मनाली, जिला कुल्लू में दो, सहकारी समितियों में चार, प्रारंभिक शिक्षा विभाग में 605, राज्य कर एवं उत्पाद शुल्क हिमाचल प्रदेश में 5, फायर सर्विंसेस में 29, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एचओएफएफ), वन खेती एवं संरक्षण विभाग में 9 को रोजगार प्रदान किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग में 160, उच्च शिक्षा विभाग में 483, एडीजी-सह-कमांडेंट जनरल, होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा एवं अग्निशमन सेवाएं हिमाचल प्रदेश, शिमला में एक, बागवानी में 4, उद्योग विभाग में 6, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में 1, जल शक्ति विभाग में 67, कमला नेहरू अस्पताल शिमला में 14 और श्रम-सह-निदेशक रोजगार, हिमाचल प्रदेश, शिमला में 2 को सरकारी नौकरी मिली है।
पंचायती राज विभाग में 5, पुलिस विभाग में 156, प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी विभाग में 2, कारागार एवं सुधार सेवाएं, हिमाचल प्रदेश, शिमला में 10, पीडब्ल्यूडी में 125, तकनीकी शिक्षा में 13, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग हिमाचल प्रदेश, शिमला में 2, कोष, लेखा एवं लॉटरी विभाग हिमाचल प्रदेश, शिमला में 1, शहरी विकास विभाग में 3 और महिला एवं बाल विकास विभाग में 11 को रोजगार दिया गया है।
युवा सेवाएं एवं खेल विभाग में 16, अभियोजन विभाग में 2, ऑडिट विभाग में 11, आयुष विभाग में 68, फोरेंसिक सर्विस में 2, हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड खलीनी शिमला में 2, हिमाचल प्रदेश बिल्डिंग एवं अन्य कॉन्स्ट कार्य कल्याण बोर्ड में 13 पद भरे गए हैं।
हिमाचल एक्ससर्विसमेन कॉरपोरेशन में 1, हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड में 40, हिमाचल प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन में 5, एचआरटीसी में 95, बिजली बोर्ड में 442, वन निगम में 10, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 2, एमसी शिमला में एक, हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम में 3 को सरकारी क्षेत्र में रोजगार मिला है।
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी, ऊन खरीद विपणन फेडरेशन में 7, राज्य विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद शिमला में 1, हिमऊर्जा में 1, हिमाचल प्रदेश जोगिन्द्रा सहकारी बैंक, राजगढ़ रोड, सोलन में 8, डॉ वाईएस परमार विश्वविद्यालय नौणी शिमला में 3, एचपीयू में 4, डीसी ऑफिस बिलासपुर में 1, चंबा में 11, कुल्लू में 3, शिमला में 6 और ऊना में भी 6 को नौकरी मिली है।
शिमला। हिमाचल में शराब से जुटाए पैसे से दूध की गंगा बहेगी। जी हां शराब पर मिल्क सेस से एकत्रित पैसे को दूध गंगा योजना के तहत यूज किया जाएगा। मिल्क सेस से जनवरी तक 90 करोड़ रुपए से ज्यादा इकट्ठे हो गए हैं। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने दी।
इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 1 अप्रैल 2023 से 31 जनवरी 2024 तक शराब की बोतल पर मिल्क सेस से 90 करोड़ रुपए की आमदनी हुई है। यह जानकारी सोमवार को हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के दौरान दी गई है। प्रश्नकाल में शराब की बोतल पर मिल्क सेस के मुद्दा गूंजा। श्री नैना देवी जी के विधायक रणधीर शर्मा और शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया ने इस बारे प्रश्न पूछा था।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि शराब पर मिल्क सेस 10 रुपये प्रति बोतल लगाया है। 31 जनवरी तक करीब 90 करोड़ 77 लाख 99 हजार 232 रुपये एकत्र कर लिए गए हैं। उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा 100 करोड़ रुपये को टच कर जाएगा।
इस पैसे को मिल्क के विकास के लिए किसानों को दिया जाएगा यानी इसको गंगा योजना के तहत यूज किया जाएगा। इससे जो राजस्व प्राप्त होगा उससे चिलिंग प्लांट्स और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में लगाया जाएगा।
किस जिला में कितना हुआ इकट्ठा
बद्दी में 7 करोड़ 28 लाख 12 हजार 043, बिलासपुर में 5 करोड़ 25 लाख 91 हजार 960 रुपए और चंबा में 5 करोड़ 33 लाख 82 हजार 839 रुपए इकट्ठे हुए हैं। हमीरपुर में 4 करोड़ 62 लाख 54 हजार 983, कांगड़ा में 16 करोड़ 52 लाख 65 हजार 533 और किन्नौर में 1 करोड़ 28 लाख 27 हजार 977 रुपए एकत्रित हुए हैं।
कुल्लू और लाहौल स्पीति में 7 करोड़ 28 लाख 15 हजार 491, मंडी में 9 करोड़ 31 लाख 33 हजार 941, नूरपुर में 3 करोड़ 76 लाख 72 हजार 112, शिमला में 13 करोड़ 79 लाख 27 हजार 822 और सिरमौर में 4 करोड़ 49 लाख 36 हजार 927 रुपए मिल्क सेस एकत्रित हुआ है। सोलन में 6 करोड़ 09 लाख 88 हजार 570 और ऊना में 5 करोड़ 71 लाख 89 हजार 034 रुपए मिल्क सेस के रूप में इकट्ठे हुए हैं।
बेरोजगारों- किसानों के लिए घोषित हो सकती हैं नई योजनाएं
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज अपनी सरकार का दूसरा बजट पेश करेंगे। लोकसभा चुनावी साल में सुक्खू के पिटारे पर प्रदेश की नजर है। हालांकि, खजाना खाली होने की वजह से ज्यादा उम्मीद तो नहीं है, फिर भी बेरोजगारों, कर्मचारी, किसानों के लिए कुछ नई योजनाएं इस बजट में देखने को मिल सकती हैं।
किसानों के लिए योजनाओं को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले की बोल चुके हैं कि बजट में कुछ देखने को मिलेगा। चुनाव से पहले यह बजट लोक लुभावना हो सकता है।
कर्मचारियों का 12 फीसदी महंगाई भत्ता सरकार के पास बकाया हो गया है। इसी तरह कर्मचारी और पेंशनर्स का नए वेतनमान का 11 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का एरियर भी सरकार के पास पेंडिंग है।
ऐसे में मुख्यमंत्री सुक्खू डीए (DA) या सैलरी के एरियर में से एक पर कोई घोषणा कर सकते हैं। एसएमसी (SMC), कंप्यूटर टीचर लंबे समय से पॉलिसी की मांग कर रहे हैं। इस बजट में इनको क्या और कितनी राहत मिलती है, यह आज साफ हो जाएगा।
नई दिल्ली। वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आज यानी वीरवार को अंतरिम बजट 2024-25 पेश किया। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट (Budget) पेश किया। नई सरकार बनने के बाद पूर्ण बजट पेश किया जाएगा।
अंतरिम बजट (Budget) में चार प्रमुख वर्गों यानी गरीब, महिलाएं, युवा एवं अन्नदाता (किसान) को ऊपर उठाने पर प्रधानमंत्री का फोकस है। आयुष्मान भारत योजना के तहत हेल्थ केयर कवर का दायरा बढ़ाया जाएगा।
अंतरिम बजट (Budget) में आयुष्मान भारत योजना तहत स्वास्थ्य सेवा सुरक्षा में सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को भी शामिल करने की घोषणा की है।
नारी शक्ति पर ध्यान केंद्रित करते हुए सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए टीकाकरण का प्रस्ताव दिया। सरकार माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए विभिन्न योजनाओं में तालमेल स्थापित करेगी।
सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए 9 से 14 वर्ष की आयु की बालिकाओं के लिए टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार सभी पात्र श्रेणियों के बीच इस टीकाकरण को बढ़ावा देगी।
कोविड संबंधी चुनौतियों के बावजूद पीएम-आवास योजना (ग्रामीण) के तहत तीन करोड़ मकानों का लक्ष्य जल्द ही हासिल किया जाएगा।
अगले पांच वर्षों में 2 करोड़ अतिरिक्त मकानों का लक्ष्य लिया जाएगा।
छत पर सौर प्रणाली लगाने से 1 करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक निशुल्क बिजली प्राप्त कर सकेंगे।
हरेक परिवार को सालाना 15,000 से 18,000 रुपए की बचत होने का अनुमान है।
50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण के साथ एक लाख करोड़ रुपए का कोष स्थापित किया जाएगा।
इस कोष से दीर्घकालिक वित्त पोषण या पुनर्वित्तपोषण कम या शून्य ब्याज दरों पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
वर्ष 2030 तक 100 मीट्रिक टन की कोयला गैसीकरण और तरलीकरण क्षमता स्थापित की जाएगी।
परिवहन के लिए कम्प्रस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) और घरेलू प्रयोजनों के लिए पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) में कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) के चरणबद्ध अधिदेशात्मक मिश्रण को अनिवार्य किया जाएगा।
राज्यों को प्रतिष्ठित पर्यटक केंद्रों का संपूर्ण विकास शुरू करने, उनकी वैश्विक पैमाने पर ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
पर्यटन केंद्रों को वहां उपलब्ध सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्ता के आधार पर रेटिंग देने के लिए एक फ्रेमवर्क बनाया जाएगा।
वित्त पोषण करने के लिए राज्यों को मैचिंग के आधार पर ब्याज मुक्त दीर्घावधि ऋण दिया जाएगा।
राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न पड़ावों से जुड़े सुधार के लिए 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 75,000 करोड़ रुपए के प्रावधान का प्रस्ताव।
उधार को छोड़कर कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 27.56 लाख करोड़ रुपए है, जिसमें से कर प्राप्ति 23.24 लाख करोड़ रुपए है।
कुल व्यय का संशोधित अनुमान 44.90 लाख करोड़ रुपए है।