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बजट सत्र: अनुपूरक अनुदान मांगों की प्रथम और अंतिम किस्त सदन में पेश

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की प्रस्तुत

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वर्ष 2022-23 के लिए अनुपूरक अनुदान मांगों की प्रथम और अंतिम किस्त सदन में प्रस्तुत की। अनुपूरक मांगें 13,141 करोड़ 07 लाख की हैं, जिनमें से 11,707 करोड़ 68 लाख राज्य स्कीमों और 1433 करोड़ 39 लाख केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों के लिए प्रावधित किए गए हैं।

बजट सत्र 2023 : विधायक निधि रोकने पर भड़का विपक्ष, सदन से किया वॉकआउट

राज्य स्कीमों के तहत मुख्यत: 6004 करोड़ 63 लाख Ways and Means और Overdraft के लिए, 1260 करोड़ 65 लाख पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ, 551 करोड़ 48 लाख बिजली सब्सिडी, 444 करोड़ 03 लाख अस्पतालों के निर्माण, चिकित्सा उपकरणों की खरीद और हिमकेयर योजना, 435 करोड़ 08 लाख वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं, कॉलेजों के भवनों के लिए और कर्मचारियों के वेतन अदायगी, 289 करोड़ 38 लाख एचआरटीसी को सहायता, 284 करोड़ 79 लाख मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष,

सुख आश्रय भवन निर्माण और सामाजिक सुरक्षा पेंशन, 279 करोड़ 06 लाख जलापूर्ति और मल निकाली योजनाओं, 226 करोड़ 51 लाख प्राकृतिक आपदा राहत, 209 करोड़ 33 लाख मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना, ऑप्टिकल केबल फाइबर नोटवर्क और सरकारी विभागों के डिजिटल विस्तार के लिए प्रावधित किए गए हैं।

बजट सत्र: हिमाचल में नहीं कोई राज्य मार्ग, कर दिए हैं डिनोटिफाई 

वहीं, 208 करोड़ 42 लाख फसल बीमा योजना, Crop Diversification, मंडी मध्यस्थता योजना के लंबित दायित्व औऱ उद्यान विकास परियोजना, 156 करोड़ 91 लाख ग्रामीण स्थानीय निकायों को अनुदान, जिला परिषद के स्टाफ के वेतन, 15वें वित्तायोग के अंतर्गत अनुदान, 154 करोड़ 71 लाख सड़कों और पुलों के लिए, 128 करोड़ 71 लाख रेल परियोजनाओं, 108 करोड़ 70 लाख स्किल डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट 106 करोड़ 08 लाख सरकारी भवनों, विश्राम एवं परिधि गृहों, छात्रवासों के निर्माण और रखरखाव आदि,

67 करोड़ 73 लाख दीन दयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन, अमृत, स्वच्छ भारत मिशन और शिमला जल प्रबंधन निगम, 55 करोड़ 48 लाख न्याय प्रशासन, 53 करोड़ 93 लाख खाद्यान्न उपदान, धान की खरीद और हिमाचल गृहणी सुविधा योजना और 43 करोड़ 33 लाख मनरेगा के लिए प्रावधित किए हैं।

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केंद्रीय प्रोयोजित स्कीमों के अंतर्गत अधिकतर राशि चालू तथा नई विकास परियोजनाओं, जिनके लिए केंद्र सरकार से इस वर्ष के दौरान धनराशि प्राप्त हुई है के लिए प्रस्तावित है। 400 करोड़ एनडीआरएफ से प्राप्त आपदा प्रबंधन के लिए, 221 करोड़ 96 लाख मनरेगा, 141 करोड़ 78 लाख स्मार्ट सिटी मिशन, 140 करोड़ 91 लाख कोविड-19 आपातकालीन सेवाओं और स्वास्थ्य व्यवस्था पैकेज, 95 करोड़ 60 लाख केंद्रीय सड़क निधि, 95 करोड़ 43 लाख स्टार प्रोजेक्ट, 47 करोड़ प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना,

43 करोड़ 08 लाख राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान और 34 करोड़ 47 लाख स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के लिए प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अनुपूरक अनुदान मांगों को पारित करने की सिफारिश सदन से की है।

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बजट सत्र: हिमाचल में नहीं कोई राज्य मार्ग, कर दिए हैं डिनोटिफाई

सदन में सवाल के जवाब में मंत्री ने दी जानकारी

शिमला। हिमाचल में वर्तमान में कोई भी राज्य मार्ग नहीं है, क्योंकि वर्ष 2017 में सरकार द्वारा सभी राज्य मार्गों को डिनोटिफाई कर मुख्य जिला मार्गों (Major District Road) की श्रेणी में वर्गीकृत कर दिया गया था। यह जानकारी भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज के प्रश्न के उत्तर में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दी है।

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सवाल के जवाब में बताया गया कि वर्तमान में हिमाचल में मुख्य जिला मार्गों और ग्रामीण मार्गों पर कुल 2,419 पुल स्थापित किए गए हैं, जिनकी नियमित जांच और रखरखाव का कार्य समय समय पर आवश्यकतानुसार विभाग द्वारा निरंतर किया जाता है। इस वित्तीय वर्ष में विभाग द्वारा 148 पुलों के रखरखाव के लिए 947.08 लाख रुपए व्यय किए गए हैं।

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बजट सत्र: आईटीआई शाहपुर में 2 न्यू एज व्यवसाय शुरू किए जाने प्रस्तावित

केवल पठानिया के सवाल के जवाब में मंत्री ने दी जानकारी

शिमला। हिमाचल के कांगड़ा जिला की आईटीआई शाहपुर में आगामी सत्र से दो नए न्यू एज व्यवसाय टेक्नीशियन मेकाट्रॉनिक्स व इंटरनेट ऑफ थिंग्स (स्मार्ट सिटी) शुरू किए जाने प्रस्तावित हैं। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल के जवाब में तकनीकी शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने दी है।

सुक्खू का अलग अंदाज-ऑल्टो में आए, नाराज विधायक को भी संग लाए

सवाल के जवाब में तकनीकी शिक्षा मंत्री ने बताया कि शाहपुर में आईटीआई की स्थापना 1 अगस्त 1962 में हुई थी। वर्तमान में 27 ट्रेड के 50 यूनिट में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। वर्तमान में संस्थान वर्ष 2019 से विश्व बैंक पोषित औद्योगिक मूल्य संवर्धन के लिए कौशल सुदृढ़ीकरण परियोजना के अंतर्गत शामिल है। इस संस्थान में प्रदेश का पहला ड्रोन ट्रेनिंग स्कूल स्थापित किया गया है और रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन स्कीम के अंतर्गत ड्रोन फ्लाइंग प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षण महानिदेशालय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

सुक्खू सरकार का पहला बजट सत्र शुरू, ऑल्टो कार में विस पहुंचे सीएम

तकनीकी शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस संस्थान में आधुनिक पद्धति द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिस के लिए संस्थान में स्मार्ट क्लास रूम स्थापित किए गए हैं। संस्थान में आधुनिक प्रशिक्षण के लिए कई प्रकार के टीचिंग लर्निंग सॉफ्टवेयर भी उपलब्ध हैं, जिनके द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को आधुनिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। संस्थान की आईटी लैब का भी सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण किया गया है।

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सुक्खू पहली बार बने थे विधायक, इसी ऑल्टो कार में पहुंचे से विधानसभा

मुख्यमंत्री भूले नहीं 20 साल पुराने अपने दिन

शिमला। हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। यह हिमाचल की सुक्खू सरकार का पहला बजट सत्र है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ऑल्टो कार में विधानसभा परिसर पहुंचे। सुखविंदर सिंह सुक्खू 2003 में पहली बार विधायक बनने पर अपनी इसी ऑल्टो कार से शिमला स्थित विधानसभा भवन पहुंचे थे।

सुक्खू का अलग अंदाज-ऑल्टो में आए, नाराज विधायक को भी संग लाए

मुख्यमंत्री बनने के बाद मंगलवार को जब वह पहली बार विधानसभा भवन शिमला में बजट सत्र के लिए पहुंचे, तो भी उसी ऑल्टो कार से अपने सरकारी आवास ओक ओवर से आए।

सुक्खू सरकार का पहला बजट सत्र शुरू, ऑल्टो कार में विस पहुंचे सीएम

बता दें कि बजट सत्र 14 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र में कुल 18 बैठकें होंगी। 17 मार्च को मुख्यमंत्री सदन में बजट पेश करेंगे और 23 मार्च तक बजट पर चर्चा होगी। 16 और 24 मार्च गैर सरकारी सदस्य दिवस होंगे, जबकि 29 मार्च को सदन में बजट पारित होगा।

पहले दिन की कार्यसूची के अनुसार सबसे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंत्रीपरिषद का परिचय करवाएंगे। इसके बाद हिमाचल विधानसभा के पूर्व सदस्य स्वर्गीय मनसा राम के निधन पर शोकोद्गार होगा। फिर प्रश्नकाल होगा। अध्यादेश और विधायी कार्य के बाद नियम 130 के अंतर्गत प्रस्ताव पेश होंगे।

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विधानसभा सदस्य जीत राम कटवाल प्रस्ताव करेंगे कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी भूमि पर बने घरों और गौशालाओं के नियमितीकरण करने बारे और इंद्रदत्त लखनपाल प्रदेश की वन संपदा को आग, बाढ़ व भूस्खलन से बचाने बारे सदन विचार करे। अंत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू वित्तीय वर्ष 2022-23 की अनुपूरक अनुदान मांगें प्रथम तथा अंतिम किस्त को प्रस्तुत करेंगे।

हिमाचल में मिशन डिनोटिफाई सहित अन्य मुद्दों पर इस बार बजट सत्र के तपने की उम्मीद है। सुक्खू सरकार का पहला ही बजट सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। क्योंकि संस्थान बंद करने को लेकर विपक्ष सदन के बाहर भी आक्रामक रुख अपनाए हुए है। बजट सत्र शुरू होने के एक दिन पहले भी भाजपा ने शिमला में प्रदर्शन किया था और सुक्खू सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी।

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सुक्खू का अलग अंदाज-ऑल्टो में आए, नाराज विधायक को भी संग लाए

अपनी कार में विधानसभा परिसर पहुंचे मुख्यमंत्री

शिमला। हिमाचल बजट सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह अपनी ऑल्टो कार से विधानसभा पहुंचे। नाराज विधायक रवि ठाकुर को भी अपने साथ बिठाकर सुक्खू विधानसभा लाए। 11 बजे से सदन की कार्यवाही शुरू हो गई है।

सुक्खू सरकार का पहला बजट सत्र शुरू, ऑल्टो कार में विस पहुंचे सीएम

बता दें कि लाहौल स्पीति के कांग्रेस के विधायक रवि ठाकुर अपने क्षेत्र से अधिकारियों के तबादलों को लेकर नाराज थे। एक तरफ जहां उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई थी तो सोमवार को रवि ठाकुर ने मुख्यमंत्री को ही निशाने पर ले लिया था। उन्होंने कहा था कि सुखविंदर सिंह सुक्खू कभी मंत्री नहीं रहे हैं और वह सीधे विधायक से मुख्यमंत्री बन गए हैं ऐसे में सरकार में आने और प्रशासनिक पकड़ में थोड़ा समय लगता है।

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उन्होंने कहा था कि जिस तरह से बच्चा पैदा होने के बाद खाने के लिए दांत आने में समय लगता है। वैसे ही शायद थोड़ा समय लग सकता है। इसको लेकर ही कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा था कि लाहौल स्पीति में एसडीएम बीडीओ से लेकर कई पद खाली पड़े हुए हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि कोई अधिकारी जब तक ज्वाइन नहीं कर लेता तब तक पहले वाले अधिकारी को रिलीव नहीं किया जा सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया था कि जल्द से जल्द पदों को भरा जाए।

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सुक्खू सरकार का पहला बजट सत्र शुरू, ऑल्टो कार में विस पहुंचे सीएम

14 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा सेशन

शिमला। हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। यह हिमाचल की सुक्खू सरकार का पहला बजट सत्र है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ऑल्टो कार में विधानसभा परिसर पहुंचे। यहां पर मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सुखविंदर सिंह सुक्खू 2003 में पहली बार विधायक बनने पर अपनी इसी ऑल्टो कार से शिमला स्थित विधानसभा भवन पहुंचे थे।

मुख्यमंत्री बनने के बाद मंगलवार को जब वह पहली बार विधानसभा भवन शिमला में बजट सत्र के लिए पहुंचे, तो भी उसी ऑल्टो कार से अपने सरकारी आवास ओक ओवर से आए।

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बता दें कि बजट सत्र 14 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र में कुल 18 बैठकें होंगी। 17 मार्च को मुख्यमंत्री सदन में बजट पेश करेंगे और 23 मार्च तक बजट पर चर्चा होगी। 16 और 24 मार्च गैर सरकारी सदस्य दिवस होंगे, जबकि 29 मार्च को सदन में बजट पारित होगा।

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पहले दिन की कार्यसूची के अनुसार सबसे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंत्रीपरिषद का परिचय करवाएंगे। इसके बाद हिमाचल विधानसभा के पूर्व सदस्य स्वर्गीय मनसा राम के निधन पर शोकोद्गार होगा। फिर प्रश्नकाल होगा। अध्यादेश और विधायी कार्य के बाद नियम 130 के अंतर्गत प्रस्ताव पेश होंगे। विधानसभा सदस्य जीत राम कटवाल प्रस्ताव करेंगे कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी भूमि पर बने घरों और गौशालाओं के नियमितीकरण करने बारे और इंद्रदत्त लखनपाल प्रदेश की वन संपदा को आग, बाढ़ व भूस्खलन से बचाने बारे सदन विचार करे। अंत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू वित्तीय वर्ष 2022-23 की अनुपूरक अनुदान मांगें प्रथम तथा अंतिम किस्त को प्रस्तुत करेंगे।

 

हिमाचल में मिशन डिनोटिफाई सहित अन्य मुद्दों पर इस बार बजट सत्र के तपने की उम्मीद है। सुक्खू सरकार का पहला ही बजट सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। क्योंकि संस्थान बंद करने को लेकर विपक्ष सदन के बाहर भी आक्रामक रुख अपनाए हुए है। बजट सत्र शुरू होने के एक दिन पहले भी भाजपा ने शिमला में प्रदर्शन किया था और सुक्खू सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी।

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फतेहपुर में डिनोटिफाई के खिलाफ लोगों का मोर्चा-आमरण अनशन को चेताया

पटवारवृत्त को बंद करने के विरोध में लोगों का गुस्सा

फतेहपुर। हिमाचल के कांगड़ा जिला की तहसील फतेहपुर के तहत पड़ती पंचायत नंगल में पिछली सरकार के कार्यकाल में खुले पटवार वृत्त को डिनोटिफाई करना क्षेत्र के लोगों को रास नहीं आ रहा है। लोगों में इसके लिए रोष है।

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लोगों ने आज एसडीएम फतेहपुर के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजकर फैसले को बदलने की अपील की है। साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर ज्ञापन सौंपने के बाद भी सरकार ने फैसला नहीं बदला तो मजबूरन लोगों को आमरण अनशन पर बैठना पड़ेगा।

वहीं, बीडीसी जितेंद्र पठानिया ने बताया कि पहले ही उक्त अनोह क्षेत्र में समस्याओं का अंबार है और अब पटवार वृत को डिनोटिफाइ कर दिया है। इससे समस्या कम होने के चलते बढ़ गई है।

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जितेंद्र पठानिया ने बताया कि उक्त पटवार वृत्त से करीब 17 गांवों के किसान जुड़े हुए हैं, जिन्हें अब फिर परेशानी से जूझना पड़ेगा। पंचायत द्वारा बनाए गए भवन में ही पटवार वृत्त चल रहा है तो वहीं अंदर के पंखे व अन्य सामान भी स्थानीय लोगों ने अपने जेब लगवाया है।

यहां पटवारी व चौकीदार सरकारी हैं, लेकिन वे भी स्थाई नहीं हैं। दूसरे पटवार वृत्त का पटवारी व चौकीदार डेपुटेशन पर है। ऐसे में पटवार वृत्त खुलने पर सैकड़ों किसानों को फायदा तो हो रहा है, वे भी सरकार के बजट के बिना।

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इस मौके पर पंचायत प्रधान करनैल सिंह, पूर्व प्रधान त्रिशला देवी, वार्ड सदस्य शामो देवी, आशा देवी, बीना देवी , राज कुमारी, कमला देवी , अंजू वाला, सुंदो देवी , रीना कुमारी, मेला राम, प्रवीण कुमार, कुलदीप कुमारव सुरेश कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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चंबा जिला से मिला चौथा विधानसभा अध्यक्ष, भटियात से दूसरा-पढ़ें खबर

1952 से 1956 तक जयवंत राम रह चुके हैं स्पीकर

चंबा। हिमाचल में 14वीं विधानसभा का अध्यक्ष चंबा जिला के भटियात क्षेत्र के विधायक कुलदीप पठानिया को चुना गया है। कुलदीप पठानिया चंबा जिला से चौथे विधानसभा अध्यक्ष होंगे। साथ ही भटियात क्षेत्र से दूसरे स्पीकर होंगे। इसमें तीन कांग्रेस तो एक भाजपा से संबंधित नेता अध्यक्ष बने हैं। भटियात विधानसभा क्षेत्र से जयवंत राम 1952 से 1956 तक विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं।

सुक्खू सरकार में चंबा जिला की प्रमोशन, कुलदीप पठानिया बने विस अध्यक्ष

इसके बाद बनीखेत से कांग्रेस नेता देशराज महाजन ने 1963 से 1972 तक विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व संभाला। 2007 में तत्कालीन भाजपा सरकार में भरमौर विधानसभा क्षेत्र से तुलसी राम को अध्यक्ष की कमान सौंपी थी। वह 2007 से 2012 तक विस अध्यक्ष रहे। अब कांग्रेस नेता कुलदीप पठानिया को अध्यक्ष बनाया गया है।

बता दें कि आज सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सबसे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा अध्यक्ष पद पर कुलदीप पठानिया के चयन के लिए प्रस्ताव सदन में रखा। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रस्ताव का समर्थन किया।

हिमाचल विधानसभा सत्र: जोश में भूले, दर्शकदीर्घा में नहीं बजा सकते ताली

इसके बाद डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया तो हर्षवर्धन चौहान ने प्रस्ताव का समर्थन किया। फिर धनी राम शांडिल ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने उसका समर्थन किया। इसके बाद नए चुने गए विधानसभा अध्यक्ष को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया गया।

बता दें कि पूर्व जयराम सरकार में चंबा जिला से चुनकर आए विधायक हंस राज को डिप्टी स्पीकर बनाया गया था। हंस राज चुराह विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। इस बार चंबा जिला को अध्यक्ष पद मिला है और कुलदीप पठानिया अध्यक्ष चुने गए हैं। कुलदीप सिंह पठानिया के राजनीतिक सफर की बात करें तो वह पांच बार भटियात विधानसभा क्षेत्र से जीतें हैं। इसमें तीन बार कांग्रेस तो 2 बार आजाद जीते हैं।

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उन्होंने 1985 में कांग्रेस की टिकट पर पहला चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। 1990 में वह चुनाव हार गए। 1993 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दी और शिव कुमार को प्रत्याशी बनाया। कुलदीप पठानिया ने आजाद ताल ठोक दी। वह आजाद चुनाव जीत गए। 1998 में फिर कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी बनाया और वह चुनाव हार गए। 2003 में कांग्रेस ने फिर शिव कुमार को चुनावी मैदान में उतारा और भाजपा ने किशोरी लाल को टिकट दी।

कुलदीप पठानिया एक बार फिर कांग्रेस से बगावत कर गए और आजाद चुनावी मैदान में कूद गए। भाजपा में भी बगावत हुई और भूपेंद्र सिंह चौहान आजाद चुनावी मैदान में उतर गए। 2003 के चुनाव में भटियात विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला आजाद प्रत्याशियों के बीच ही रहा और कुलदीप सिंह पठानिया ने बाजी मारी।

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2007 में मुकाबला कुलदीप सिंह पठानिया और भूपेंद्र सिंह चौहान के बीच रहा। बस फर्क इतना था कि कुलदीप सिंह पठानिया कांग्रेस और भूपेंद्र सिंह चौहान भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े। चुनाव में कुलदीप सिंह पठानिया ने जीत दर्ज की। 2012 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बिक्रम सिंह जरयाल को चुनावी मैदान में उतारा।

कांग्रेस ने फिर कुलदीप पठानिया पर भरोसा जताया। पर कुलदीप पठानिया चुनाव जीत नहीं पाए। 2017 में भी कुलदीप पठानिया को बिक्रम सिंह जरयाल के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा। 2022 के चुनाव में कुलदीप पठानिया ने एक बार फिर वापसी की और कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते हैं। अब वह हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे।

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सुक्खू सरकार में चंबा जिला की प्रमोशन, कुलदीप पठानिया बने विस अध्यक्ष

भटियात विधानसभा क्षेत्र से हैं विधायक

धर्मशाला। हिमाचल की सुक्खू सरकार में चंबा जिला की प्रमोशन हुई है। भटियात विधानसभा क्षेत्र से विधायक कुलदीप सिंह पठानिया को हिमाचल विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया है। उनकी चयन सर्वसम्मति के साथ हुआ है। बुधवार को कुलदीप पठानिया ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ नामांकन दाखिल किया था।

आज सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सबसे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा अध्यक्ष पद पर कुलदीप पठानिया के चयन के लिए प्रस्ताव सदन में रखा। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रस्ताव का समर्थन किया। इसके बाद डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया तो हर्षवर्धन चौहान ने प्रस्ताव का समर्थन किया। फिर धनी राम शांडिल ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने उसका समर्थन किया। इसके बाद नए चुने गए विधानसभा अध्यक्ष को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया गया।

हिमाचल विधानसभा सत्र: जोश में भूले, दर्शकदीर्घा में नहीं बजा सकते ताली

बता दें कि पूर्व जयराम सरकार में चंबा जिला से चुनकर आए विधायक हंस राज को डिप्टी स्पीकर बनाया गया था। हंसराज चुराह विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। इस बार चंबा जिला को अध्यक्ष पद मिला है और कुलदीप पठानिया अध्यक्ष चुने गए हैं। कुलदीप सिंह पठानिया के राजनीतिक सफर की बात करें तो वह पांच बार भटियात विधानसभा क्षेत्र से जीतें हैं। इसमें तीन बार कांग्रेस तो 2 बार आजाद जीते हैं। उन्होंने 1985 में कांग्रेस की टिकट पर पहला चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी।

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1990 में वह चुनाव हार गए। 1993 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दी और शिव कुमार को प्रत्याशी बनाया। कुलदीप पठानिया ने आजाद ताल ठोक दी। वह आजाद चुनाव जीत गए। 1998 में फिर कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी बनाया और वह चुनाव हार गए। 2003 में कांग्रेस ने फिर शिव कुमार को चुनावी मैदान में उतारा और भाजपा ने किशोरी लाल को टिकट दी।

कुलदीप पठानिया एक बार फिर कांग्रेस से बगावत कर गए और आजाद चुनावी मैदान में कूद गए। भाजपा में भी बगावत हुई और भूपेंद्र सिंह चौहान आजाद चुनावी मैदान में उतर गए। 2003 के चुनाव में भटियात विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला आजाद प्रत्याशियों के बीच ही रहा और कुलदीप सिंह पठानिया ने बाजी मारी।

हिमाचल विधानसभा : डिनोटिफाई मुद्दे पर हंगामा, विपक्ष ने किया वॉकआउट

2007 में मुकाबला कुलदीप सिंह पठानिया और भूपेंद्र सिंह चौहान के बीच रहा। बस फर्क इतना था कि कुलदीप सिंह पठानिया कांग्रेस और भूपेंद्र सिंह चौहान भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े। चुनाव में कुलदीप सिंह पठानिया ने जीत दर्ज की। 2012 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बिक्रम सिंह जरयाल को चुनावी मैदान में उतारा। कांग्रेस ने फिर कुलदीप पठानिया पर भरोसा जताया। पर कुलदीप पठानिया चुनाव जीत नहीं पाए।

2017 में भी कुलदीप पठानिया को बिक्रम सिंह जरयाल के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा। 2022 के चुनाव में कुलदीप पठानिया ने एक बार फिर वापसी की और कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते हैं। अब वह हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे।

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हिमाचल विधानसभा शीतकालीन सत्र : कार्यवाही शुरू, सीएम-डिप्टी सीएम ने ली शपथ

पहली बार बिना कैबिनेट के हो रहा सत्र

धर्मशाला। हिमाचल की 14वीं विधानसभा के पहले शीतकालीन सत्र की कार्यवाही शुरू हो गई है। हिमाचल के इतिहास में पहली बार बिना कैबिनेट के विधानसभा सत्र हो रहा है वहीं सदन में उप मुख्यमंत्री भी पहली बार बैठे हैं। धर्मशाला के तपोवन में सदन की कार्यवाही राष्ट्रगान के साथ शुरू हुई।

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सुक्खू सरकार का यह पहला सत्र है। प्रोटेम स्पीकर चंद्र कुमार सभी विधायकों को बारी-बारी पद एवं गोपनीयता की शपथ दिला रहे हैं। सबसे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शपथ ली। दूसरे नंबर पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और तीसरे नंबर पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शपथ ग्रहण की।

बता दें कि 6 जनवरी तक चलने वाले इस सत्र में कुल 3 सीटिंग होंगी। सत्र के दूसरे दिन यानी कल विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) का चुनाव होगा। स्पीकर चुनने की प्रक्रिया प्रोटेम स्पीकर की अगुवाई में पूरी की जाएगी।

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स्पीकर के चयन के बाद राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ ऑर्लेकर का अभिभाषण होगा। इस पर विधायक चर्चा करेंगे। सत्र के तीसरे व अंतिम दिन अभिभाषण पर चर्चा होगी और मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू जवाब देंगे।

शपथ से पहले ही सदन में माहौल गरमा गया था। विपक्ष ने बदले की भावना और ओपीएस के वादे पर भारी हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि इस तरह पूर्व सरकार के फैसले निरस्त करना ठीक नहीं है।

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