शिमला। हिमाचल में शराब से जुटाए पैसे से दूध की गंगा बहेगी। जी हां शराब पर मिल्क सेस से एकत्रित पैसे को दूध गंगा योजना के तहत यूज किया जाएगा। मिल्क सेस से जनवरी तक 90 करोड़ रुपए से ज्यादा इकट्ठे हो गए हैं। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने दी।
इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 1 अप्रैल 2023 से 31 जनवरी 2024 तक शराब की बोतल पर मिल्क सेस से 90 करोड़ रुपए की आमदनी हुई है। यह जानकारी सोमवार को हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के दौरान दी गई है। प्रश्नकाल में शराब की बोतल पर मिल्क सेस के मुद्दा गूंजा। श्री नैना देवी जी के विधायक रणधीर शर्मा और शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया ने इस बारे प्रश्न पूछा था।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि शराब पर मिल्क सेस 10 रुपये प्रति बोतल लगाया है। 31 जनवरी तक करीब 90 करोड़ 77 लाख 99 हजार 232 रुपये एकत्र कर लिए गए हैं। उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा 100 करोड़ रुपये को टच कर जाएगा।
इस पैसे को मिल्क के विकास के लिए किसानों को दिया जाएगा यानी इसको गंगा योजना के तहत यूज किया जाएगा। इससे जो राजस्व प्राप्त होगा उससे चिलिंग प्लांट्स और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में लगाया जाएगा।
किस जिला में कितना हुआ इकट्ठा
बद्दी में 7 करोड़ 28 लाख 12 हजार 043, बिलासपुर में 5 करोड़ 25 लाख 91 हजार 960 रुपए और चंबा में 5 करोड़ 33 लाख 82 हजार 839 रुपए इकट्ठे हुए हैं। हमीरपुर में 4 करोड़ 62 लाख 54 हजार 983, कांगड़ा में 16 करोड़ 52 लाख 65 हजार 533 और किन्नौर में 1 करोड़ 28 लाख 27 हजार 977 रुपए एकत्रित हुए हैं।
कुल्लू और लाहौल स्पीति में 7 करोड़ 28 लाख 15 हजार 491, मंडी में 9 करोड़ 31 लाख 33 हजार 941, नूरपुर में 3 करोड़ 76 लाख 72 हजार 112, शिमला में 13 करोड़ 79 लाख 27 हजार 822 और सिरमौर में 4 करोड़ 49 लाख 36 हजार 927 रुपए मिल्क सेस एकत्रित हुआ है। सोलन में 6 करोड़ 09 लाख 88 हजार 570 और ऊना में 5 करोड़ 71 लाख 89 हजार 034 रुपए मिल्क सेस के रूप में इकट्ठे हुए हैं।
शिमला। हिमाचली करीब 10 माह में 9 करोड़ से अधिक शराब की बोतल गटक गए हैं। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 1 अप्रैल 2023 से 31 जनवरी 2024 तक शराब की बोतल पर मिल्क सेस से 90 करोड़ रुपए की आमदनी हुई है। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के दौरान दी गई है।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के पांचवें दिन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे शुरू हुई। प्रश्नकाल में शराब की बोतल पर मिल्क सेस के मुद्दा गूंजा। श्री नैना देवी जी के विधायक रणधीर शर्मा और शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया ने इस बारे प्रश्न पूछा था।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि शराब पर मिल्क सेस 10 रुपये प्रति बोतल लगाया है। 31 जनवरी तक करीब 90 करोड़ रुपये एकत्र कर लिए गए हैं। इस वित्त वर्ष के अंत तक 100 करोड़ रुपये इकट्ठा कर लिए जाएंगे।
अगर 1 अप्रैल 2023 से 31 जनवरी, 2024 तक मिल्क सेस की बात करें तो 90 करोड़ 77 लाख 99 हजार 232 रुपए एकत्रित किया गया है। इसमें बद्दी में 7 करोड़ 28 लाख 12 हजार 043, बिलासपुर में 5 करोड़ 25 लाख 91 हजार 960 रुपए और चंबा में 5 करोड़ 33 लाख 82 हजार 839 रुपए इकट्ठे हुए हैं।
हमीरपुर में 4 करोड़ 62 लाख 54 हजार 983, कांगड़ा में 16 करोड़ 52 लाख 65 हजार 533 और किन्नौर में 1 करोड़ 28 लाख 27 हजार 977 रुपए एकत्रित हुए हैं।
कुल्लू और लाहौल स्पीति में 7 करोड़ 28 लाख 15 हजार 491, मंडी में 9 करोड़ 31 लाख 33 हजार 941, नूरपुर में 3 करोड़ 76 लाख 72 हजार 112, शिमला में 13 करोड़ 79 लाख 27 हजार 822 और सिरमौर में 4 करोड़ 49 लाख 36 हजार 927 रुपए मिल्क सेस एकत्रित हुआ है।
सोलन में 6 करोड़ 09 लाख 88 हजार 570 और ऊना में 5 करोड़ 71 लाख 89 हजार 034 रुपए मिल्क सेस के रूप में इकट्ठे हुए हैं।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पिछले चार वर्ष में शराब के ठेकों की नीलामी होती थी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के शराब के ठेके नीलाम करने के फैसले के बाद आबकारी से राजस्व प्राप्तियों में 40 फीसदी वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2023-24 में नई आबकारी नीति के तहत शराब की खुदरा दुकानों का आबंटन ऑक्शन कम टेंडर से किया गया।
समूचे प्रदेश की शराब की खुदरा दुकानों की नीलामी के लिए रिजर्व प्राइस 1446 करोड़ रुपए रखी गई थी, जोकि बढ़कर 1815 करोड़ रुपए में नीलाम की गईं। आबकारी नीति में उपरोक्त संशोधन लाने से सरकारी राजस्व में 515 करोड़ रुपए की अतिरिक्त बढ़ोतरी हुई है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में सरकार द्वारा आबकारी अधिनियम के तहत 2305.81 करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से 31 जनवरी 2024 तक 2187 करोड़ रुपए राजस्व, विभाग एकत्रित ने एकत्रित कर लिया है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के राजस्व की 70 करोड़ रुपए की राशि पिछले वर्ष 2022-23 के मार्च माह में ही सरकारी खजाने में जमा करवा दी गई थी।
शिमला। हिमाचल में निजी क्षेत्र में रोजगार की जानकारी, पंजीकरण और आवेदन आदि के लिए श्रम एवं रोजगार विभाग ने eemis पोर्टल शुरू किया है। श्रम विभाग के eemis पोर्टल पर अभी तक 448 नियोक्ताओं (Employers) को जोड़ा जा चुका है।
इसमें निजी क्षेत्र के और employers को जोड़ा जाएगा। इसके माध्यम से 2024-25 में 180 कैंपस इंटरव्यू (Campus Interviews) आयोजित किए जाएंगे। यह ऐलान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में किया है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को अपनी सरकार के कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया है।
बजट भाषण के अनुसार असंगठित क्षेत्र के कामगारों के हितों को ध्यान में रखते हुए 2024 के अंत तक इस क्षेत्र के 20 लाख 87 हजार कामगारों को पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके अतिरिक्त हिमाचल श्रम एवं रोजगार विभाग की रोजगार पंजीकरण पोर्टल कॉमन सर्विस सेंटर (Common Service Centres) यानी लोक मित्र केंद्र के साथ भी लिंक (Link) किया जाएगा, ताकि प्रदेश के युवा इन केंद्रों के माध्यम से पंजीकरण करवा सकें।
बता दें कि eemis पोर्टल पर निजी क्षेत्र की रिक्तियों की जानकारी मिलती है। साथ ही युवा पोर्टल पर पंजीकरण करवाकर आवेदन भी कर सकते हैं। आवेदन के बाद इंटरव्यू में भी भाग ले सकते हैं।
अपना विद्यालय-मेरा विद्यालय-मेरा सम्मान योजना होगी शुरू
शिमला। हिमाचल में मुख्यमंत्री से लेकर खंड स्तर के अधिकारी एक-एक शिक्षण संस्थान गोद लेंगे। ऐसी योजना सरकार लेकर आ रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में स्कूलों और समाज के बीच बेहतर ताल-मेल के लिए और सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए ‘‘अपना विद्यालय-मेरा विद्यालय-मेरा सम्मान’’ योजना प्रारंभ करने का ऐलान किया है।
इस योजना के तहत एक ओर मुख्यमंत्री से लेकर खंड स्तरीय अधिकारी तक सभी एक-एक शिक्षण संस्थान को गोद लेंगे, वहीं दूसरी ओर समुदाय को स्कूलों से जोड़ा जाएगा। इसमें पात्र एवं इच्छुक व्यक्तियों द्वारा निशुल्क शिक्षा प्रदान किए जाने की व्यवस्था भी की जाएगी।
प्रत्येक उपमंडल में एसडीएम को सभी प्राइमरी स्कूल की महीने में एक दिन बारी-बारी से अनिवार्य रूप से रिव्यू मीटिंग करना भी जरूरी होगा। इस बैठक में उस स्कूल में न केवल विद्यार्थियों बल्कि अध्यापकों की परफोर्मेंस का भी रिव्यू किया जाएगा।
अभिभावकों के साथ भी इसी बैठक में संवाद किया जाएगा। इसी बैठक में स्कूल के रख-रखाव के बारे में भी उचित निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
पूरे हिमाचल में शिक्षण संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से पूर्व निर्धारित मापदंडों के अनुसार इंस्टीच्यूट ऑफ एक्सीलेंस (Institution of Excellence) के रूप में विकसित किए जाने की बात भी बजट भाषण में कही गई है।
वर्ष 2024-25 में 850 शिक्षण संस्थानों को इंस्टीच्यूट ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 500 प्राइमरी, 100 हाई, 200 सीनियर सेकेंडरी स्कूल और 50 डिग्री कॉलेज शामिल हैं।
इन संस्थानों में अध्यापकों के सभी स्वीकृत पदों को भरने के साथ-साथ स्मार्ट क्लासरूम और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। निर्धारित मापदंडों के आधार पर इन संस्थानों का Periodic मूल्यांकन करवाया जाएगा।
प्रदेश के सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रिंसिपल/हेडमास्टर शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक नेतृत्व प्रदान कर सकें, इसके लिए स्कूल/कॉलेज लीडरशिप प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा।
नगर निगम क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए होगा अनिवार्य
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को अपनी सरकार के कार्यकाल का दूसरा बजट विधानसभा में पेश किया है। बजट में हिमाचल प्रदेश को 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा’ राज्य बनाने और प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भी कुछ घोषणाएं की गई गई हैं।
पेखुबेला स्थित 32 मैगावॉट क्षमता वाले हिमाचल के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का शिलान्यास 2 दिसंबर, 2023 में किया गया था। इसे मार्च 2024 तक के अंत तक Commission करने की घोषणा की है। ऊना में अघलोर स्थित 10 मैगावॉट क्षमता वाला ‘सोलर पावर प्लांट’ जून, 2024 तक बनाकर तैयार कर दिया जाएगा।
ऊना के भंजाल में 5 मैगावॉट क्षमता वाले सोलर पावर प्रोजेक्ट का सितंबर, 2024 तक लोकार्पण कर दिया जाएगा। राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना’ के अंतर्गत निजि भूमि पर 45 प्रतिशत उपदान पर 100 से 500 किलोवॉट तक के सोलर पैनल लगाने के कार्य में गति लाई जाएगी। इस योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में कुल 100 मैगावॉट सोलर क्षमता का दोहन सुनिश्चित किया जाएगा।
निजी भूमि पर स्थापित होने वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं का पंजीकरण पूरे वर्ष के लिए खुला रखा जाएगा, जिससे 100 मेगावॉट सौर क्षमता का दोहन शीघ्र संपन्न हो पाएगा।
प्रदेश के बाल एवं बालिका आश्रमों, वृद्ध आश्रमों और राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलो (Rajiv Gandhi Model Day Boarding Schools) में ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सोलर प्लांट (Roof Top Solar Plant) और वाटर हीटिंग सिस्टम (Water Heating System) स्थापित किए जाएंगे।
बजट घोषणा के अनुसार सभी सरकारी भवनों के connected load के कम से कम 20 प्रतिशत की आपूर्ति ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सोलर प्लांट के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से करना अनिवार्य किया जाएगा।
सोलन, पालमपुर और धर्मशाला नगर निगमों (MC) में सभी बिजली घरेलू उपभोक्ताओं को एनओसी (NOC) प्राप्त करने के लिए नए भवनों में सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम (Solar Water Heating System) लगाना अनिवार्य किया जाएगा। इन निगमों में स्थित सरकारी भवनों की छत पर चरणबद्ध तरीके से सोलर प्लांट (Solar Plant) लगाने होंगे।
ऊना, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, मंडी और शिमला जिलों में 501 मेगावॉट की क्षमता वाले 5 सौर पार्क और 212 मेगावॉट की क्षमता वाली सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने का कार्य शुरू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री विधानसभा में जल्द स्थिति करेंगे स्पष्ट
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी सरकार के कार्यकाल का दूसरा बजट हिमाचल विधानसभा में पेश किया। 58,444 हजार करोड़ रुपए का बजट पेश किया है।
इसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती की तरफ फोकस करना करार दिया है। वहीं, Budget में जिक्र न होने से कुछ वर्गों में रोष है। इसको लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली है।
उन्होंने लिखा कि आज Budget में जिन वर्गों का जिक्र छूटा है, वह अधिकारियों की लापरवाही की वजह से हुआ है, हमने इसका कड़ा संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस विषय में चर्चा की है। वह जल्द विधानसभा में इस विषय में स्थिति स्पष्ट करेंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बजट भाषण में की घोषणा
शिमला। हिमाचल में अब शादी, त्योहार और अन्य समारोह के लिए राशन डिपुओं से सरसों तेल और रिफाइंड खरीदा जा सकेगा।
यह ऐलान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में किया है। मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के कार्यकाल का दूसरा बजट शनिवार को हिमाचल विधानसभा में पेश किया।
बजट भाषण में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राशन डिपो के माध्यम से फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के मानदंडों के अनुसार विटामिन A और D से फोर्टिफाईड सरसों का तेल और रिफाइंड तेल दिया जा रहा है।
अभी तक यह तेल उपभोक्ताओं को राशन डिपो से सीमित मात्रा में ही उपलब्ध होता है। शादी, त्योहार और अन्य समारोह में उपभोक्ताओं को तेल खुले बाजार से ऊंचे दाम में खरीदना पड़ता है।
मैं घोषणा करता हूं कि एक अप्रैल, 2024 से सभी उपभोक्ता अपनी आवश्यकता अनुसार राशन डिपो से यह तेल प्राप्त कर सकेंगे। इससे राज्य की महिलाओं को 100 करोड़ रुपए का लाभ मिलेगा।
बजट भाषण में उन्होंने कहा कि पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को और सुदृढ़ करने के लिए इंटिग्रेटिड मैनेजमेंट ऑफ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (IMPDS) को अपग्रेड किया जाएगा।
वन नेशन, वन राशनकार्ड के तहत नेशनल पोर्टेबिलिटी (National Portability) को और सुदृढ़ किया जाएगा। इससे एनएफएसए के प्रावधानों के अनुसार राशन वितरण को पारदर्शी बनाने में सहायता मिलेगी।
इसके अंतर्गत वेब आधारित केवाईसी का प्रावधान किया जाएगा, जिससे इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी के तहत लाभार्थियों को इस योजना के लाभ किसी भी राज्य में मिल सकेंगे।
मिलों से आवंटित आटे की गोदामवार निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। खाद्य उपदान के लिए कुल 200 करोड़ रुपए से अधिक व्यय किए जाएंगे।
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने कार्यकाल का दूसरा बजट शनिवार को पेश किया। लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए इस बजट में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की तरफ फोकस किया है।
कर्मचारियों और पेंशनरों के हित में भी कुछ ऐलान किए गए हैं। बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल क्षेत्र में भी मजबूती देने के लिए कई नई योजनाओं का ऐलान किया है।
बजट में मुख्यमंत्री ने इस बार 7 नई योजनाओं और तीन नई नीतियों का ऐलान किया है और वर्ष 2024-25 के लिए 58,444 हजार करोड़ के बजट प्रावधान किया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट पेश करने के बाद कहा कि व्यवस्था परिवर्तन से आत्मनिर्भर हिमाचल की परिकल्पना का बजट आज पेश किया गया है जिसमें समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा गया है और ज्यादा फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की तरफ दिया गया है।
कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए जलवायु युक्त कृषि को बढ़ावा दिया गया है। गेहूं और मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य पहली बार निर्धारित किया गया है। दुग्ध किसानों की आय बढ़ाने के लिए गाय और भैंस के दूध पर एमएसपी निर्धारित किया गया है।
सीएम सुक्खू द्वारा पेश किए गए बजट को युवा खेल व आयुष मंत्री यादविंदर गोमा ने ऐतिहासिक करार दिया है। गोमा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट में हर वर्ग को राहत पहुंचाने का प्रयास किया है और प्रदेश में खिलाड़ियों और खेल को प्रोत्साहन देने के लिए बड़े ऐलान किए हैं।
यादविंदर गोमा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने दूसरे बजट में प्रदेश के सभी वर्गों का ध्यान रखा है और प्रदेश के सभी वर्गों को राहत पहुंचाने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू नई खेल नीति को मंजूरी दी है। जगह-जगह स्टेडियम बनाने सहित सभी वर्गों के खिलाड़ियों को मिलने वाले भत्तों व इनाम राशि में वृद्धि कर युवाओं के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं।
वहीं, मंत्री गोमा ने भाजपा द्वारा लगाए जा रहे कांगड़ा की अनदेखी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने समूचे प्रदेश का ख्याल रखा है। कांगड़ा में हवाई अड्डा विस्तारीकरण, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया है। किसी भी तरह की अनदेखी नहीं की गई है।
डोमेन विशेषज्ञ की सहायता से कमियों को किया जाएगा दूर
शिमला। हिमाचल में कैंसर की रोकथाम तथा उपचार के लिए आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था के दृष्टिगत मेडिकल कॉलेज हमीरपुर (Dr. Radhakrishnan Medical College Hamirpur) में 100 करोड़ रुपये की लागत से स्टेट ऑफ द आर्ट्स फेसलिटी (State of the Art facilities) के साथ स्टेट कैंसर इंस्टीच्यूट (State Cancer Institute) स्थापित किया जाएगा।
यह घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने शनिवार को विधानसभा में बजट भाषण में की है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की सहायता से प्रदेश में बढ़ते कैंसर के रोगियों के कारणों का पता भी लगाया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कैंसर पीड़ित मरीजों को प्रदेश में ही कीमोथेरेपी (Chemotherapy) और पैलिएटिव केयर (Palliative Care) की सुविधा प्रदान करने के लिए जिला अस्पतालों तथा चयनित ‘आदर्श स्वास्थ्य केंद्रों पर कैंसर डे केयर सेंटर्स (Cancer Day Care Centres) की स्थापना की जाएगी।
इन केंद्रों में कीमोथेरेपी ले रहे सभी मरीजों के लिए बिस्तर का प्रावधान होगा। कीमोथेरेपी दवाओं को राज्य आवश्यक दवा सूची में सम्मिलित किया जाएगा, ताकि मरीजों को कीमोथेरेपी के लिए अधिक पैसा व्यय न करना पड़े।
आईजीएमसी शिमला (Indira Gandhi Medical College Shimla) में कैंसर पीड़ित रोगियों के उन्नत रेडियोथेरेपी (Advanced Radio Therapy) तकनीक से उपचार के लिए 21 करोड़ रुपये की लागत से एक LINAC (Linear Accelerator) मशीन स्थापित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में कहा कि पिछली सभी सरकारों ने प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए बहुत सी योजनाएं आरंभ की हैं। ऐसी ही योजनाओं में से ‘हिमकेयर’ और ‘सहारा’ 2019 में शुरू की गईं और इनका लाभ भी जन साधारण तक पहुंचा है।
लेकिन, इनसे संबंधित Emperical Data के विश्लेषण (Analysis) के बाद इनके कार्यान्वयन में कुछ संरचनात्मक (Structural) और ऑपरेशनल (Operational) समस्याएं उजागर हुई हैं।
इनमें से प्रमुख समस्या है कि convergence और तकनीकी (Technology) की एप्लीकेशन (Application) के अभाव में कुछ योजनाओं में दोहराव (Duplication) की समस्या आ रही है।
इसके लिए राष्ट्रीय स्तर के डोमेन विशेषज्ञ (Domain Experts) की सहायता से इन कमियों को दूर करके कुछ आवश्यक सुधार करने की घोषणा की गई है। तब तक इन दोनों योजनाओं का कार्यान्वयन यथावत होता रहेगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में कुल 3 हजार 415 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।
बजट भाषण के अनुसार प्रथम चरण में प्रदेश के 53 स्वास्थ्य संस्थानों में हॉस्पिटल मैनेजमेंट इनफार्मेशन सर्विस (Hospital Management Information Service) की स्थापना की जाएगी।
इससे मरीजों को उनके डिजिटल रिकॉर्ड (Digital Record) के आधार पर बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो पाएंगी। इस क्रम में लगभग 57 लाख प्रदेशवासियों का आभा आईडी बनाया जा चुका है और शीघ्र ही सभी पात्र प्रदेशवासियों का आभा आईडी बना दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में हिमाचल में स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) के बढ़ते हुए मामलों के दृश्टिगत 1 करोड़ रुपये की लागत से स्टेट लेवल स्क्रब टाइफस रिसर्च यूनिट (State Level Scrub Typhus Research Unit) स्थापित करने की घोषणा की है।
डॉ राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा और कमला नेहरू अस्पताल शिमला में नवजात शिशुओं में स्तनपान को प्रोत्साहित करने के लिए शिशुओं तथा जच्चाओं के लिए ‘स्तनपान प्रबंधन केंद्र (Lactation Management Centres) स्थापित किए जाएंगे।
प्रदेश के जिन स्वास्थ्य संस्थानों में X-Ray की सुविधा नहीं है, वहां के निवासियों की सुविधा के लिए निजी चिकित्सकों के माध्यम से यह सुविधा प्रदान की जाएगी। 2026 के अंत तक प्रत्येक जिले में सभी टेस्ट सुविधाओं सहित एक एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला (Integrated Public Health Lab) की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि पिछले बजट में घोषित नाहन, चंबा औऱ हमीरपुर में नए नर्सिंग कॉलेजों में निर्माण कार्य शुरू होगा। टांडा मेडिकल कॉलेज में जीएनएम स्कूल को नर्सिंग कॉलेज में स्तरोन्नत किया जाएगा।
बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़, परवाणु, पांवटा और ऊना औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत प्रवासी कामगारों की हेल्थ स्क्रीनिंग (Health Screening) के लिए एक गेस्ट वर्कर स्क्रीनिंग प्रोजेक्ट (Guest Worker Screening Project) आरम्भ किया जाएगा।
‘राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना का ऐलान
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविदर सिंह सुक्खू ने अपनी सरकार के कार्यकाल का दूसरा बजट शनिवार को हिमाचल विधानसभा में पेश किया। उन्होंने बजट भाषण में प्राकृतिक खेती में स्वरोजगार को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए 680 करोड़ रुपये की ‘राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना’ के तीसरे चरण में एक नई योजना ‘‘राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना’’ शुरू करने की घोषणा की है।
इसके अंतर्गत प्रथम चरण में प्रत्येक पंचायत से 10 किसानों को ‘जहर मुक्त खेती’ के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस प्रकार लगभग 36,000 किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा, जो किसान पहले से ही खेती कर रहे हों, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
जो भी किसान इस योजना से जुड़ते रहेंगे तथा गेहूं में यूरिया और 12-32-16 और मक्की में यूरिया खाद का इस्तेमाल न करके गोबर का इस्तेमाल करेंगे, उनका अधिकतम 20 क्विंटल प्रति परिवार अनाज न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाएगा।
बेरोजगार युवाओं को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं को 40 रुपये प्रति किलोग्राम तथा मक्की को 30 रुपये प्रति किलोग्राम के MSP पर खरीदा जाएगा।
हिमाचल में प्राकृतिक तकनीक से लगभग 37 हज़ार मिट्रिक टन से अधिक गेहूं का उत्पादन किया जा रहा है। 15 हज़ार एकड़ की भूमि को वेब पोर्टल के माध्यम से प्राकृतिक खेती भूमि के रूप में सर्टिफाई किया जाएगा।
इसके अंतर्गत 10 नए Farmer Producer Organizations गठित किए जाएंगे। 2024-25 में इस पर 50 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। फैंसिंग के लिए जालीदार बाड़ तथा कांटेदार तार लगाने के लिए 10 करोड़ रुपये किसानों को सहायता के रूप में व्यय किए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश कृषि मिशन’ के अंतर्गत 3 से 5 साल की अवधि में 2 हजार 500 कृषि क्लस्टर समूहों को समान रूप से विकसित करने की घोषणा की है। इस मिशन के अंतर्गत climate के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में High Value फसलों को बढ़ावा दिया जाएगा।
बजट भाषण के अनुसार 2024-25 में JICA Phase-2 प्रोजेक्ट के तहत 50 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सब्जी उत्पादन के अंतर्गत लाया जाएगा। इसके अतिरिक्त लाभार्थी कृषकों के उत्पादन में Processing के माध्यम से Value Addition का प्रावधान किया जाएगा तथा इन उत्पादों को बेचने के लिए आवश्यक मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रेक्चर का विकास किया जाएगा।
शिमला जिले में मेहंदली तथा शिलारू, कुल्लू जिला में बंदरोल में नई मंडियों का निर्माण किया जाएगा। सिरमौर में पांवटा साहिब, खैरी, घंडूरी और नौहराधार, कुल्लू में चैरीबिहाल, पतलीकूहल और खेगसू, मंडी में टकोली और कांगनी, कांगड़ा में जसूर, पास्सू व पालमपुर, सोलन में परवाणू,
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किसानों को दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 1 अप्रैल, 2024 से गाय तथा भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को क्रमश: वर्तमान 38 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 45 रुपये प्रति लीटर और 47 रुपये प्रति लीटर से 55 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है।
यदि किसान को खुले बाज़ार में दूध की अधिक कीमत मिलती है तो वह इसे खुले बाज़ार में बेचने के लिए स्वतंत्र होगा। 1 अप्रैल, 2024 से दुग्ध उत्पादन सोसाइटियों से APMC द्वारा ली जाने वाली फीस माफ की जाएगी।
बजट में हिम गंगा योजना के तहत वर्ष 2024-25 के दौरान कांगड़ा के ढगवार में 1.5 लाख लीटर प्रति दिन की क्षमता वाले Fully Automated Milk and Milk Products Plant की स्थापना की घोषणा की गई है।
इस प्लांट के लिए भूमि उपलब्ध करवा दी गई है और इसकी क्षमता को बाद में बढ़ाकर 3 LLPD कर दिया जाएगा। इस प्लांट में अत्याधुनिक तकनीक से दूध का पाउडर बनाया जाएगा, जिससे कि मांग से अधिक दूध को लंबे समय तक संरक्षित (Preserve) करके रखा जा सके।
इसके अतिरिक्त दही, खोया, घी, आइसक्रीम, फ्लेवर्ड मिल्क (Flavoured Milk), processed cheese और अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इसके साथ ही यहां अल्ट्रा हीट टेक्नोलॉजी से पैकिग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। दत्तनगर मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट में 50 हजार लीटर प्रति दिन की क्षमता का एक अतिरिक्त संयंत्र चालू कर दिया जाएगा।
ऊना तथा हमीरपुर में भी आधुनिकतम तकनीक से मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किए जाएंगे, जिन पर लगभग 50 करोड़ रुपये व्यय होंगे। स्थानीय युवाओं को किसानों/संग्रह केंद्र से मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट तक दूध ले जाने के लिए 50 फीसदी उपदान पर 200 रेफ्रिजरेटेड मिल्क वैन (Refrigerated Milk Vans) उपलब्ध करवाई जाएंगी।
बजट भाषण में पशुपालकों को उत्तम नस्ल के पशु उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सोलन जिले के दाड़लाघाट में ‘कृत्रिम गर्भाधान प्रषिक्षण केंद्र’ की स्थापना करने की घोषणा की गई है। विषेशज्ञ पशु चिकित्सकों द्वारा गंभीर पशु रोगों की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 44 मोबाइल वेटरनरी वैन क्रय कर ली गई हैं।
यह सेवा वर्ष 2024 में पूर्ण रूप से आरंभ कर दी जाएगी। प्रत्येक वैन में एक वेटरनरी डॉक्टर तथा एक फार्मासिस्ट तैनात होगा। पशुपालक प्रदेश में कहीं से भी टॉल फ्री फोन नंबर 1962 पर कॉल करके पशुओं के उपचार की सुविधा या पशुपालन से संबंधित अन्य जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
प्रदेश में भेड़-बकरियों के लिए FMD Vaccination शुरू करने तथा ऊन की अन्य समस्याओं के निदान के लिए एक नई योजना ”भेड़-बकरी पालक प्रोत्साहन योजना“ प्रारंभ करने की भी घोषणा की है। इस योजना पर 10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी।
प्रदेश में बढ़ते हुए बेसहारा पशुओं की समस्या के निदान के लिए एक‘State Level Task Force’का गठन किया जाएगा, जोकि 3 माह के भीतर इन पशुओं को किसानों तथा स्थानीय समुदायों से परामर्श के बाद समीप के गौ-अभ्यारण्यों तथा गौशालाओं में रखने के लिए दिशा-निर्देश सुझाएंगे।
इसी के साथ गौ-अभ्यारण्यों तथा गौशालाओं के निर्माण तथा रख-रखाव से संबंधित सुझाव भी दिए जाएंगे। निजी गौ-सदनों में आश्रित गौवंश के लिए दिए जाने वाले अनुदान 700 रुपये प्रति गौवंश प्रतिमाह से बढ़ाकर 1 हजार 200 रुपये करने का भी ऐलान किया है। इस बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कुल 582 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।