विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान दी जानकारी
शिमला। हिमाचली करीब 10 माह में 9 करोड़ से अधिक शराब की बोतल गटक गए हैं। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 1 अप्रैल 2023 से 31 जनवरी 2024 तक शराब की बोतल पर मिल्क सेस से 90 करोड़ रुपए की आमदनी हुई है। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के दौरान दी गई है।
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बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के पांचवें दिन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे शुरू हुई। प्रश्नकाल में शराब की बोतल पर मिल्क सेस के मुद्दा गूंजा। श्री नैना देवी जी के विधायक रणधीर शर्मा और शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया ने इस बारे प्रश्न पूछा था।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि शराब पर मिल्क सेस 10 रुपये प्रति बोतल लगाया है। 31 जनवरी तक करीब 90 करोड़ रुपये एकत्र कर लिए गए हैं। इस वित्त वर्ष के अंत तक 100 करोड़ रुपये इकट्ठा कर लिए जाएंगे।
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अगर 1 अप्रैल 2023 से 31 जनवरी, 2024 तक मिल्क सेस की बात करें तो 90 करोड़ 77 लाख 99 हजार 232 रुपए एकत्रित किया गया है। इसमें बद्दी में 7 करोड़ 28 लाख 12 हजार 043, बिलासपुर में 5 करोड़ 25 लाख 91 हजार 960 रुपए और चंबा में 5 करोड़ 33 लाख 82 हजार 839 रुपए इकट्ठे हुए हैं।
हमीरपुर में 4 करोड़ 62 लाख 54 हजार 983, कांगड़ा में 16 करोड़ 52 लाख 65 हजार 533 और किन्नौर में 1 करोड़ 28 लाख 27 हजार 977 रुपए एकत्रित हुए हैं।
कुल्लू और लाहौल स्पीति में 7 करोड़ 28 लाख 15 हजार 491, मंडी में 9 करोड़ 31 लाख 33 हजार 941, नूरपुर में 3 करोड़ 76 लाख 72 हजार 112, शिमला में 13 करोड़ 79 लाख 27 हजार 822 और सिरमौर में 4 करोड़ 49 लाख 36 हजार 927 रुपए मिल्क सेस एकत्रित हुआ है।
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सोलन में 6 करोड़ 09 लाख 88 हजार 570 और ऊना में 5 करोड़ 71 लाख 89 हजार 034 रुपए मिल्क सेस के रूप में इकट्ठे हुए हैं।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पिछले चार वर्ष में शराब के ठेकों की नीलामी होती थी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के शराब के ठेके नीलाम करने के फैसले के बाद आबकारी से राजस्व प्राप्तियों में 40 फीसदी वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2023-24 में नई आबकारी नीति के तहत शराब की खुदरा दुकानों का आबंटन ऑक्शन कम टेंडर से किया गया।
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समूचे प्रदेश की शराब की खुदरा दुकानों की नीलामी के लिए रिजर्व प्राइस 1446 करोड़ रुपए रखी गई थी, जोकि बढ़कर 1815 करोड़ रुपए में नीलाम की गईं। आबकारी नीति में उपरोक्त संशोधन लाने से सरकारी राजस्व में 515 करोड़ रुपए की अतिरिक्त बढ़ोतरी हुई है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में सरकार द्वारा आबकारी अधिनियम के तहत 2305.81 करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से 31 जनवरी 2024 तक 2187 करोड़ रुपए राजस्व, विभाग एकत्रित ने एकत्रित कर लिया है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के राजस्व की 70 करोड़ रुपए की राशि पिछले वर्ष 2022-23 के मार्च माह में ही सरकारी खजाने में जमा करवा दी गई थी।