धर्मशाला। हिमाचल में सड़क हादसे होते रहते हैं। कई बार सड़क हादसों में घायल लोग सड़क पर तड़पते रहते हैं पर उन्हें अस्पताल ले जाने की जहमत कोई नहीं उठाता है। लोग एंबुलेंस के फोन कर अपना जिम्मेदारी निभा देते हैं। सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की सहायता के लिए लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से ‘गुड स्मार्टियंस’ (नेक मददगार) नामक योजना आरंभ की गई है। इसमें सड़क दुर्घटना में पीड़ित को हादसे के तुरंत बाद शुरुआती एक घंटे के भीतर ‘गोल्डन आवर’ में अस्पताल पहुंचा कर उसकी जान बचाने का प्रयास करने वाले लोगों को प्रशस्ति पत्र तथा 5,000 रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की इस योजना का मकसद लोगों को सड़क हादसों में घायलों की मदद करने और दुर्घटना में मृत्यु के मामलों में कमी लाना है।
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डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल शनिवार को ‘गुड स्मार्टियन योजना’ को लेकर गठित जिला स्तरीय मूल्यांकन समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। आरटीओ व समिति के सदस्य सचिव प्रदीप कुमार ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि योजना के मुताबिक एक गुड स्मार्टियन (नेक मददगार) के रूप में एक व्यक्ति को एक साल में अधिकतम पांच बार पुरस्कार प्रदान किया जा सकता है। इस पुरस्कार के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर 10 सबसे नेक मददगारों को एक-एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
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उन्होंने बताया कि योजना के तहत स्थानीय थाना पुलिस डॉक्टरों के सत्यापन के साथ गुड स्मार्टियन का ब्यौरा लेगी तथा निर्धारित फॉर्म भर कर जिला स्तरीय मूल्यांकन समिति को भेजेगी। डीसी की अध्यक्षता में बनी यह समिति पुरस्कार की अनुशंसा करेगी। बैठक में पुलिस, स्वास्थ्य, परिवहन तथा सूचना जनसंपर्क विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
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