मैं राजनीति में सेवा भाव से हूं आया
हमीरपुर। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वह राजनीति में 30 साल संघर्ष करते रहे। साथ ही 20 साल पहले विधायक बन गए थे। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने उन्हें पोर्टफोलियो देने की पेशकश भी की थी।
पर मैंने कभी नहीं लिया। क्योंकि मैं राजनीति में सेवा भाव से आया हूं। मुख्यमंत्री की कुर्सी मेरी नहीं है। इस कुर्सी के लिए हर पांच साल में परीक्षा देनी पड़ती है। ये लोगों की कुर्सी है।
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यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीरपुर में विभिन्न शिलान्यास और लोकार्पण करने के बाद जनता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि 14 माह कार्यकाल का आकलन कर लें, उसमें आम जनता की समस्या का समाधान निकालने की नीति नजर आएगी। क्योंकि हम आम परिवार से उठकर राजनीति करने आए हैं। आम परिवार और किसान का दर्द जानते हैं।
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जो लोकतंत्र को कमजोर करते हैं, अपने आप को बेच देते हैं उनको सबक सिखाने का आपके पास मौका है। आने लोकसभा चुनाव में अगर जनता हमारे साथ खड़ी होगी तो हम भ्रष्ट राजनीति को उखाड़ फैंकेंगे। उन्होंने कहा कि धन के बल से कुछ लोगों को खरीदा जा सकता है, नैतिकता को कोई नहीं खरीद सकता है।
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बागी विधायकों को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि वे पिछले सात दिन से जेल की तरह बंद बैठे हैं। पंचकूला के आगे नहीं आ पा रहे हैं। अगर हमसे अनुरोध करते हैं, तो उन्हें वहां से लेकर आएंगे।
मैं कहना चाहता हूं कि दबाव में मत रहिए, खुले मन से सोचिए। पद की लालसा ज्यादा नहीं रखनी चाहिए। पद तो आते-जाते रहते हैं। ईमानदारी और नैतिकता को जिंदा रखने वाले इतिहास बनाते हैं और इतिहास बनकर जाते हैं।