कुल्लू। हिमाचल के कुल्लू जिला में महिला पंचायत सचिव के निर्माणाधीन भवन से सरकारी सीमेंट के 98 बैग बरामद किए हैं। साथ ही करीब 27 खाली बैग मिले हैं।
बता दें कि कुल्लू विजिलेंस को निर्माणधीन भवन में सरकारी सीमेंट के प्रयोग को लेकर गुप्त सूचना मिली थी।सूचना मिलने के बाद विजिलेंस टीम का गठन किया गया। इंस्पेक्टर कुलवंत और एसआई प्रकाश चंद ने टीम के साथ बंजार के बर्दा में पंचायत सचिव के निर्माणधीन भवन में दबिश दी।
लेंटर पर रखे 98 बैग सरकारी सीमेंट बरामद किया। साथ ही करीब 27 खाली बैग भी मिले। विजिलेंस थाना कुल्लू में मामला दर्ज कर लिया है। विजिलेंस मामले की जांच में जुट गई है। जांच में पता लगाया जाएगा कि सरकारी सीमेंट किस निर्माण कार्य को जारी किया था।
गौरतलब है कि 15 मार्च को ऊना जिला के गगरेट उपमंडल के घनारी में एक निर्माणाधीन मकान से 22 बैग सरकारी सीमेंट बरामद किया था। साथ ही पांच खाली बैग भी मिले थे। ये सीमेंट किसी ठेकेदार से लिया गया था।
ऊना। हिमाचल के ऊना जिला में घर के निर्माण में सरकारी सीमेंट का प्रयोग करने का मामला सामने आया है। विजिलेंस की टीम ने 22 सीमेंट की बैग बरामद किए हैं। टीम को मौके से पांच खाली बैग भी मिले हैं। इससे यह पता चलता है कि सरकारी सीमेंट घर के निर्माण कार्य में प्रयोग हो रहा था। पूछताछ में पता चला है कि ये सीमेंट के बैग ठेकेदार से खरीदे गए हैं।
बता दें कि विजिलेंस को घर में सरकारी सीमेंट के बैग रखे होने की गुप्त सूचना मिली थी। सूचना मिलने के बाद टीम का गठन किया गया। टीम ने गगरेट उपमंडल के संजय कुमार निवासी घनारी जिला ऊना के घर में दबिश दी।
वहां निर्माण कार्य चला था। विजिलेंस की टीम ने मकान के स्टोर में छिपाकर रखे सीमेंट के 22 बैग (Not For Retail Sale) बरामद किए। साथ ही पांच खाली बैग भी बरामद किए।
विजिलेंस की टीम ने जब सीमेंट के बारे पूछताछ की तो पता चला कि यह सीमेंट के बैग कुछ दिन पहले एक ठेकेदार से खरीदे गए थे। मामले में विजिलेंस थाना ऊना में मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
शिमला। अगर आप मकान बनाने या पुराने को रिपेयर करने आदि की सोच रहे तो यह खबर जरूर पढ़ें। अब आपको सीमेंट के लिए और जेब ढीली करनी पड़ सकती है। क्योंकि कंपनियों ने हिमाचल में सीमेंट के दाम फिर बढ़ा दिए हैं। अब पांच रुपए प्रति बैग दाम बढ़ाए गए हैं। बढ़ी कीमतें लागू हो गई हैं।
हिमाचल में एसीसी, अल्ट्राटेक और अंबुजा कंपनी ने सीमेंट के दामों में एक महीने में दूसरी बार बढ़ोतरी की है। पहले 10 रुपये दाम बढ़ाए थे। पांच रुपए दाम बढ़ाने से सामान्य सीमेंट का बैग अब 445 और गोल्ड सीमेंट का 485 रुपये में मिलेगा।
सीमेंट के दाम बढ़ने से लोगों पर बोझ पड़ेगा। हालांकि, बरसात में जिन लोगों के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें सरकारी रेट पर सीमेंट उपलब्ध करवाने का दावा सरकार ने किया है, लेकिन बरसात के चलते कुछ लोगों के घरों आदि को नुकसान पहुंचा है।
ऐसे में लोगों ने छोटे मोटे मरम्मत के कार्य करवाने है। इसके चलते बड़ी संख्या में लोग इस फैसले से प्रभावित होंगे। रेत और बजरी आदि के लिए लोगों को पहले ही परेशानी उठानी पड़ रही है और अब सीमेंट अधिक जेब ढीली करेगा।
पहले भी सीमेंट के दाम बढ़ाने का मुद्दा सुर्खियों में रहा था। इस बार भी मामला गरमा सकता है। हिमाचल के लोगों में हमेशा रोष रहता है कि जहां सीमेंट की फैक्ट्री हैं, वहां के लोगों को सीमेंट महंगा मिलता है और बाहरी राज्यों में सस्ता है।
शिमला। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला जिला के कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के जुन्गा में आयोजित शिमला फ्लाइंग फेस्टिवल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ऐसे आयोजनों से क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष अवसर उपलब्ध होते हैं।
उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला का बीड़-बिलिंग क्षेत्र पैराग्लाइडिंग के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। प्रदेश सरकार हिमाचल के वातावरण के अनुकूल हरित उद्योगों को बढ़ावा दे रही है, जिसमें पर्यटन भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए व्यापक योजना तैयार की है। कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने की घोषणा के साथ ही अन्य अनछुए गंतव्यों को विकसित किया जाएगा। साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने में इस तरह के आयोजन सहायक सिद्ध होंगे।
उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुरक्षा के साथ ही उन्हें विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार कृतसंकल्प है। आपदा से उबरने के साथ ही हिमाचल पुनः पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में इस बार आपदा के दौरान बहुत अधिक नुकसान हुआ है और कई लोगों ने अमूल्य जीवन खोया है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं विभिन्न आपदाग्रस्त क्षेत्रों में गए और प्रदेश सरकार ने तत्परता से राहत एवं बचाव अभियान शुरू किया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा प्रभावितों की मदद के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज जारी किया है। इसके तहत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों पर पहले मिलने वाले 1.30 लाख रुपए की आर्थिक मदद को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है।
इसके साथ ही कच्चे और पक्के मकान को आंशिक नुकसान पर मिलने वाले मुआवजे को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया है। लोगों को अपना घर दोबारा बनाने के लिए राज्य सरकार 280 रुपए प्रति बोरी के हिसाब से सीमेंट उपलब्ध करवाएगी।
इसके साथ ही बिजली और पानी का कनेक्शन भी राज्य सरकार निःशुल्क लगाएगी। राहत शिविरों में रह रहे लगभग तीन हजार परिवारों को राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में किराए का मकान लेने के लिए 5000 रुपए और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता भी दे रही है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर 75 हजार करोड़ का ऋण और कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ रुपए की देनदारियां होने के बावजूद राज्य सरकार अपने संसाधनों से प्रभावित परिवारों की भरपूर मदद कर रही है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों ने अपनी गुल्लक से आपदा प्रभावितों की मदद के लिए राशि दी है। यही नहीं, कर्मचारियों, पेंशनर्स और समाज के सभी वर्गों ने आपदा राहत कोष में ऐतिहासिक योगदान दिया है, जिसके लिए वे सभी के आभारी हैं।
उन्होंने कहा कि पुराने कानूनों से नई चुनौतियों का सामना नहीं किया जा सकता है, इसीलिए राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में बड़े बदलाव ला रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आने में कुछ समय लगेगा।
उन्होंने कहा कि कर्ज के सहारे कोई भी सरकार नहीं चल सकती। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को चार वर्षों में आत्मनिर्भर और दस वर्षों में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार अनेक प्रभावी कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में हुई तबाही का जायजा लेने के लिए केंद्र से तीसरी टीम आई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केन्द्र सरकार जल्द ही हिमाचल को विशेष आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बार-बार केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांग कर रही है, जबकि भाजपा आपदा में भी राजनीतिक रोटियां सेंक रही है।
राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और हिमाचल प्रदेश को विशेष राहत पैकेज प्रदान करने के लिए विधानसभा में लाए गए संकल्प पर भाजपा के विधायक मूकदर्शक बन रहे हैं। यही नहीं हिमाचल प्रदेश के भाजपा सासंदों ने भी प्रधानमंत्री के समक्ष विशेष राहत पैकेज का मामला नहीं उठाया, जो उनके प्रदेश की जनता के प्रति उदासीन रवैये को दर्शाता है।
कार्यक्रम का आयोजन ‘द ग्लाइड इन’ कंपनी और पर्यटन विभाग मिलकर कर रहे हैं। ‘द ग्लाइड इन’ कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण रावत ने उत्सव के बारे में विस्तृत जानकारी दी। चार दिन तक चलने वाले इस उत्सव में देश-विदेश के 51 पैराग्लाइडर्स भाग ले रहे हैं।
उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की। प्रबन्ध निदेशक, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम अमित कश्यप ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, ओएसडी रितेश कपरेट और गोपाल शर्मा तथा अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे।
शिमला। आखिरकार 68 दिन के गतिरोध के बाद हिमाचल प्रदेश में अडानी समूह व ट्रांसपोर्टरों के बीच चल रहा विवाद खत्म हो गया है। सरकार की मध्यस्थता के बाद और कई दौर की बैठकों के बाद आज सीमेंट कंपनी विवाद पर विराम लग गया। अडानी समूह और दाड़लाघाट व बरमाणा प्लांट के साथ मुख्यमंत्री की बैठक के बाद विवाद सुलझ गया। अब कल से बंद दाड़लाघाट और बरमाणा दोनों सीमेंट प्लांट खुल जाएंगे।
वहीं, ट्रक ऑपरेटरों ने कहा है कि यह सहमति नहीं है, बल्कि समझौता है। जोकि प्रदेश और जनता के हित में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के फैसले के बाद स्वीकार किया है। हालांकि जिन दामों पर सहमति बनी है वे सम्मानजनक पर है, पर इसके बावजूद ट्रक ऑपरेटरों को 6 से सात लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। वहीं, ट्रक ऑपरेटरों का मुख्य मुद्दा डिस्पैच का मुद्दा अभी हल नहीं हुआ है।
बाघल लैंड लूज़र सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि ऑपरेटर की तरफ से तो कोई सहमति नहीं थी। मैं इस सहमति नहीं कहूंगा। क्योंकि समझौते की स्थिति में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का फैसला है तो इसे मानने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है। हमने भाड़ा 10 रुपए 77 पैसे से शुरू किया था और 10 रुपए 30 पैसे पर पहुंचे हैं। हम यह कह सकते हैं कि सम्मानजनक है।
हालांकि इसमें भी साल का 6 से सात लाख राजस्व का नुकसान होगा। पर प्रदेश और लोगों के हित में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के फैसले का सम्मान हमें करना होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 13 पैसे की हाइक को भी कंसीडर करेंगे और कुछ समय बाद कंपनी से दिलवाएंगे। यह बढ़ोतरी मिलने के बाद रेट 10 रुपए 43 पैसे हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि डिस्पैच का मुख्य मुद्दा अभी हल नहीं हुआ है। डीसी की अध्यक्षता में कमेटी बनी है और उस कमेटी में सारी चीजें तय होंगी कि डिस्पैच कितना होगा।