ऋषि महाजन/नूरपुर। पठानकोट-जोगिंदरनगर रेल ट्रैक पर नूरपुर रोड से बैजनाथ ट्रेन चलाने को लेकर कवायद तेज हो गई है। नूरपुर रोड से कोपड़ लाहड़ तक इंजन के साथ पहले चरण और दो डिब्बों के साथ दूसरे चरण का ट्रायल सफल रहा है। अब ART के साथ अंतिम ट्रायल होगा।
अंतिम ट्रायल के बाद फिटनेस मिलने पर नूरपुर रोड से बैजनाथ पपरोला और बैजनाथ पपरोला से नूरपुर रोड के लिए ट्रेन शुरू कर दी जाएगी। सूत्रों के अनुसार अगले एक हफ्ते में ट्रेन शुरू हो सकती है। वहीं, बैजनाथ पपरोला से डीजल भरवाकर दो इंजन नूरपुर रोड पहुंच चुके हैं।
बता दें कि पठानकोट-जोगिंदर नगर रेल ट्रैक पर बैजनाथ पपरोला से कोपड़ लाहड़ तक ट्रैक पहले ही क्लेयर है और ट्रेन दौड़ रही है। नूरपुर रोड से कोपड़ लाहड़ तक ट्रेन बंद है।
रोड से ट्रेन चलाने के लिए 26 अप्रैल को नूरपुर रोड से कोपड़ लाहड़ तक रेल इंजन से पहले चरण का ट्रायल किया गया था। ट्रायल सफल रहने के बाद एक मई को दूसरे चरण का ट्रायल किया गया। नूरपुर रोड से दो डिब्बों के साथ रेल इंजन दौड़ा। दो डिब्बों के साथ यह रेल इंजन कोपड़ लाहड़ तक गया।
अब ART के साथ तीसरे चरण का ट्रायल एक-दो दिन में किया जाएगा। फिटनेस रिपोर्ट के बाद ट्रेन को शुरू कर दिया जाएगा। रेल इंजन के साथ ट्रेन के डिब्बों को जोड़ने का काम भी युद्ध स्तर पर जारी है।
वहीं, पठानकोट से पहाड़ी ट्रेन के लिए अभी यात्रियों को इंतजार करना होगा। बरसात में धराशायी हुए चक्की रेलवे पुल का निर्माण कार्य जारी है। काम पूरा होने के बाद ही ट्रेन चल सकती है।
सीमित मात्रा में विक्रय करने व न्यूनतम रिजर्व रखना आवश्यक
सोलन/सिरमौर। डीसी सोलन मनमोहन शर्मा ने सोलन जिला में पेट्रोल तथा डीजल की आपूर्ति के संबंध में आवश्यक आदेश जारी किए हैं।
यह आदेश आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत जारी हिमाचल प्रदेश जमाखोरी एवं मुनाफाखोरी रोकथाम आदेश, 1977 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं।
इन आदेशों के अनुसार जिला सोलन में कार्यरत सभी पेट्रोल पंप ऑपरेटरों को आपात परिस्थिति के दृष्टिगत पेट्रोल और डीजल का न्यूनतम रिजर्व सुनिश्चित रखना होगा।
25 हजार लीटर से अधिक भंडारण क्षमता वाले पेट्रोल पंप पर 03 हजार लीटर डीजल तथा 02 हजार लीटर पेट्रोल का न्यूनतम रिजर्व रखना आवश्यक है। 25 हजार लीटर से कम भंडारण क्षमता वाले पेट्रोल पंप पर 02 हजार लीटर डीजल तथा एक हजार लीटर पेट्रोल का न्यूनतम रिजर्व रखना आवश्यक है।
आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि कोई भी पेट्रोल, डीजल डीलर एक समय में एक वाहन को 10 लीटर से अधिक ईंधन नहीं देगा।
इससे अधिक ईंधन प्रदान करने के लिए संबंधित उपमंडलाधिकारी अथवा जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नियंत्रक की पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी। किसी भी व्यक्ति को वाहन ईंधन टैंक के अतिरिक्त अन्य किसी भंडारण पात्र में ईंधन नहीं दिया जाएगा।
जिला दंडाधिकारी सिरमौर सुमित खिमटा ने ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल के कारण गत दो दिनों से पेट्रोलयम पदार्थों की आपूर्ति में आ रही बाधा के कारण वांछित मात्रा में पेट्रोलियम पदार्थों की उपलब्धता न होने के दृष्टिगत जिला सिरमौर में सभी पेट्रोल पंपों में पेट्रोलियम पदार्थों की सीमित मात्रा में विक्रय करने व वांछित मात्रा में पेट्रोलियम पदार्थ आरक्षित (रिजर्व) रखने के आदेश जारी किए हैं।
जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेशों के अनुसार 25 हजार से अधिक की स्टोरेज टैंक क्षमता वाले पेट्रोल पंप में कम से कम 3 हजार लीटर डीजल तथा दो हजार लीटर पेट्रोल रिजर्व रखने के आदेश दिए गए हैं।
इसी प्रकार 25 हजार से कम की क्षमता के स्टोरेज टैंक में कम से कम दो हजार लीटर डीजल तथा एक हजार लीटर पेट्रोल रिजर्व रखने के निर्देश दिए गए हैं।
जारी आदेशों के अनुरूप किसी भी डीलर को किसी भी वाहन में एक समय में दस लीटर से अधिक पेट्रोल न भरने के निर्देश दिए गए हैं।
इसी प्रकार कोई भी व्यक्ति केवल अपने वाहन के फ्यूल टैंक में पेट्रोल/डीजल डलवाने के लिए अधिकृत होगा और किसी भी प्रकार के कंटेनर में पेट्रोलियम पदार्थ ले जाने की स्वीकृति नहीं होगी।
आपातकालीन वाहन जैसे एंबुलेंस, फायर, जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहन व पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहनों को पेट्रोलियम पदार्थों के आवंटन में प्राथमिकता प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।
यदि कोई भी डीलर पेट्रोलियम पदार्थों की जमाखोरी और ब्लैक मार्केटिंग में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ विधि के अनुरूप कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
पंप ऑपरेटर्स को न्यूनतम रिजर्व बनाए रखने के लिए कहा
धर्मशाला। नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रक ऑपरेटर की हड़ताल के चलते हिमाचल में पेट्रोल और डीजल की किल्लत होने लगी है। कांगड़ा में भी कुछ पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल नहीं मिल पा रहा है और कुछ में लंबी कतारें लग रही हैं। धर्मशाला के कोतवाली बाजार स्थित पेट्रोल पंप पर पांच पुलिस जवानों की तैनाती की है, ताकि किसी प्रकार की अफरा तफरी न मचे। पुलिस जवान बारी-बारी से वाहन चालकों को पेट्रोल-डीजल भरवाने भेज रहे हैं।
इसी बीच डीसी कांगड़ा डॉ निपुण जिंदल ने जिले के पेट्रोल पंप ऑपरेटर्स को आपातकालीन आवश्यकताओं के लिए पेट्रोल- डीजल का न्यूनतम रिजर्व बनाए रखने के आदेश दिए हैं। उन्होंने हड़ताल के कारण जिले में पेट्रोल डीजल आपूर्ति की संभावित कमी और आपातकालीन तथा आवश्यक सेवाओं पर उसके असर को देखते हुए यह आदेश जारी किए हैं।
डीसी कांगड़ा द्वारा जारी आदेश के अनुसार पेट्रोल पंप ऑपरेटर्स को पंप की भंडारण क्षमता के मुताबिक आपातकालीन आवश्यकताओं के लिए न्यूनतम रिजर्व रखने को कहा गया है। 25000 लीटर से अधिक भंडारण क्षमता के पेट्रोल पंप में 3000 लीटर डीजल और 2000 लीटर पेट्रोल तथा 25000 लीटर से कम भंडारण क्षमता के पेट्रोल पंप में 2000 लीटर डीजल और 1000 लीटर पेट्रोल रिजर्व रखने का आदेश दिया गया है ।
इसके अलावा आदेश में यह भी हिदायत दी गई है कि कोई भी डीलर एक समय में 10 लीटर से अधिक रिफिलिंग ना करें। अतिआवश्यक होने की स्थिति में संबंधित एसडीएम की पूर्व मंजूरी आवश्यक होगी। पेट्रोल डीजल को किसी भी प्रकार के कंटेनर में भरकर ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
आपातकालीन वाहनों (एम्बुलेंस, फायरब्रिगेड आदि) और सार्वजनिक परिवहन को तेल भरवाने में प्राथमिकता दी जाएगी। इस अवधि में पेट्रोल और डीजल की होर्डिंग और काला बाजारी की कारगुजारी से कड़ाई से निपटा जाएगा।
शिमला। हिट एंड रन के नए कानून के खिलाफ देश में ट्रक और निजी बस ऑपरेटर्स हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते रोजमर्रा की वस्तुओं के साथ डीजल और पेट्रोल की किल्लत हो गई है। हिमाचल में कुछ जगहों पर एचआरटीसी की बसों के पहिए भी थम गए हैं। साथ कांगड़ा जिला के पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल नहीं मिल रहा है। मंडी जिला प्रशासन ने तो पेट्रोल पंप ऑपरेटर को पेट्रोल डीजल का न्यूनतम रिजर्व बनाए रखने के आदेश जारी किए हैं।
मंडी जिले में पेट्रोल पंप्स ऑपरेटर्स को पेट्रोल-डीजल का न्यूनतम रिजर्व बनाए रखने के आदेश जिला दंडाधिकारी मंडी अरिंदम चौधरी ने ट्रक चालकों की हड़ताल के दृष्टिगत जिले के पेट्रोल पंप्स ऑपरेटर्स को आपातकालीन आवश्यकताओं के लिए पेट्रोल- डीजल का न्यूनतम रिजर्व बनाए रखने के आदेश दिए हैं।
उन्होंने हड़ताल के कारण जिले में पेट्रोल डीजल आपूर्ति की संभावित कमी और आपातकालीन तथा आवश्यक सेवाओं पर उसके असर को देखते हुए यह आदेश जारी किए हैं।
जारी आदेश के अनुसार पेट्रोल पंप ऑपरेटर्स को पंप की भंडारण क्षमता के मुताबिक आपातकालीन आवश्यकताओं के लिए न्यूनतम रिजर्व रखने को कहा गया है। 25000 लीटर से अधिक भंडारण क्षमता के पेट्रोल पंप में 3000 लीटर डीजल और 2000 लीटर पेट्रोल तथा 25000 लीटर से कम भंडारण क्षमता के पेट्रोल पंप्स में 2000 लीटर डीजल और 1000 लीटर पेट्रोल रिजर्व रखने का आदेश दिया गया है ।
इसके अलावा आदेश में यह भी हिदायत दी गई है कि कोई भी डीलर एक समय में 10 लीटर से अधिक रिफिलिंग ना करें। अतिआवश्यक होने की स्थिति में संबंधित एसडीएम की पूर्व मंजूरी आवश्यक होगी।
पेट्रोल डीजल को किसी भी प्रकार के कंटेनर में भरकर ले जाने की अनुमति नहीं होगी। आपातकालीन वाहनों (एम्बुलेंस, फायरब्रिगेड आदि) और सार्वजनिक परिवहन को तेल भरवाने में प्राथमिकता दी जाएगी। इस अवधि में पेट्रोल और डीजल की होर्डिंग और काला बाजारी की कारगुजारी से कड़ाई से निपटा जाएगा।
आदेश का उल्लंघन करने वालों पर हिमाचल प्रदेश होर्डिंग और प्रॉफिटियरिंग प्रवर्तन आदेश 1977 की धारा 3(1) (सी) के अनुसार कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, एचआरटीसी सुंदरनगर ने बसों के संचालन को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं। इसको लेकर एचआरटीसी प्रबंधक तकनीकी सुंदरनगर अजिन्दर चौधरी ने एसडीएम सुंदरनगर को पत्र लिखा है।
पत्र में लिखा है कि भारत वर्ष में ट्रकों के ऑपरेटर की हड़ताल होने पर इस क्षेत्र में डीजल की आपूर्ति नहीं होने के कारण इस क्षेत्र द्वारा बाहरी राज्यों व प्रदेश के अंदर जनता की सुविधा हेतु बस सेवाएं नहीं चलाई जा सकती हैं। इस क्षेत्र द्वारा उक्त बस सेवाओं को डीजल की आपूर्ति न होने के कारण बस सेवाएं चलाना असंभव है।
बता दें कि ने हिट एंड रन के नए कानून को लेकर पूरे देश में बसों और ट्रकों के पहिए नए साल के पहले दिन थम गए। सोमवार को देश के ज्यादातर राज्यों के हाईवेज पर ट्रक आदि खड़े रहे। ऑल इंडिया ट्रक और बस ड्राइवर संगठन का कहना है कि ड्राइविंग के दौरान हुई दुर्घटना के लिए बनाया गया नया कानून अगर नहीं बदला जाएगा तो यह स्ट्राइक अनिश्चितकालीन के लिए बढ़ा दी जाएगी।
कानून के खिलाफ ऑल इंडिया ट्रक और बस ड्राइवर संगठन समेत अलग-अलग ड्राइवर संगठन के लोगों ने 1 जनवरी से 3 जनवरी तक का ‘स्टेरिंग छोड़ो’ के नाम से चक्का जाम शुरू किया है।
हिट एंड रन केस में नए कानून के तहत फरार और घातक दुर्घटना की सूचना नहीं देने पर ड्राइवरों को अब दो साल की नहीं, बल्कि 10 साल तक की जेल हो सकती है। साथ ही सात लाख तक जुर्माना हो सकता है।
ऑपरेटर का कहना है कि सड़कों पर रोज लाखों की संख्या में ट्रक दौड़ते हैं। और दुर्घटनाएं भी होती हैं। हादसों के बाद अक्सर ड्राइवर को अपनी जान बचाकर भागना पड़ता है, क्योंकि गुस्साई भीड़ चालक पर हमला कर सकती है और चालक की जान ले सकती है। इसमें चाहे गलती ट्रक ड्राइवर की हो या ना हो।
शिमला। हिमाचल कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आते ही डीजल के ऊपर वैट को दो बार बढ़ाया। एक आकलन के अनुसार हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने 10 महीने के अंदर 1500 करोड़ का कर जनता से डीजल के माध्यम से प्राप्त किया है। बिजली के ऊपर ड्यूटी को बढ़ाकर आमदनी बढ़ाने का कार्य किया है। इसी प्रकार से अप्रत्यक्ष कर वर्तमान सरकार ने लगाए हैं, जिससे महंगाई को बढ़ावा मिला है। यह बात हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल भाजपा संसदीय क्षेत्र शिमला लोकसभा प्रवास योजना की बैठक में कही।
बिंदल ने कहा कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने लगातार प्रदेश की जनता के ऊपर महंगाई का बोझ डाला है। आपदा के अंदर जनता को जो राहत दी जानी चाहिए थी, वे राहत न देकर महंगाई को निरंतर बढ़ाने का कार्य किया है, इसके विपरीत केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जहां अनेकों प्रकार की राहत प्रदान की, वहीं पर गरीब आदमी के लिए रसोई गैस के सिलेंडर में 500 रुपए की सबसिडी देकर गरीबों को और उनकी रसोई को बड़ा लाभ पहुंचाया है।
इस सरकार ने टैक्सी संचालकों पर टैक्स लगाया और इसके विरोध प्रदर्शन में टैक्सी संचालकों ने अनेकों स्थानों पर चक्का जाम और धरना प्रदर्शन किया, परंतु वर्तमान सरकार ने उनकी एक न सुनी और आज यहां स्थिति ऐसी खड़ी हुई है कि पड़ोसी राज्य के जो टैक्सी संचालकों ने हिमाचल प्रदेश में पर्यटक को लाने से मना कर दिया है, इसका मुख्य कारण टैक्स में बढ़ोतरी है।
टैक्स से हमें कोई एतराज नहीं है पर हमारे प्रदेश का टूरिज्म जो पहले से ही बुरी तरह से प्रभावित है, आज बाहर की टैक्सी द्वारा टूरिस्ट को प्रदेश में न लाने से टूरिज्म और बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि डीजल महंगा होने का प्रभाव केवल ट्रक, बस और गाड़ी चलाने वालों पर नहीं आता है। मालगाड़ी पर बोझ बढ़ने से हर चीज महंगी होती है, सवारी वाहन महंगा होने से हमारा आवागमन महंगा होता है, यह हर चीज को प्रभावित करता है। कांग्रेस सरकार ने पिछले 10 महीने में एक ही चीज प्रदेश को जनता को दी है और वह है महंगाई।
भाजपा संसदीय क्षेत्र शिमला लोकसभा प्रवास योजना की बैठक भाजपा मुख्यालय दीप कमल चक्कर शिमला में आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता संसदीय क्षेत्र प्रभारी पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी द्वारा की गई। इसमें सांसद एवं लोक सभा प्रभारी नरेश बंसल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल, संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, सांसद सुरेश कश्यप, महामंत्री डॉ सिकंदर कुमार और बिहारी लाल शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे।
बैठक में कार्यकर्ताओं को सांसद एवं भाजपा नेता नरेश बंसल का भी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। उन्होंने लोकसभा प्रवास योजना के नियमित कर्णिम कार्यों की विस्तृत जानकारी कार्यकर्ताओं को दी।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने अब आम लोगों पर बोझ डालने वाले निर्णय लेने शुरू कर दिए हैं। हिमाचल की सुक्खू सरकार ने डीजल पर वैट बड़ा दिया है जिससे डीजल की कीमत 3 रुपए प्रति लीटर महंगी हो गई है। शिमला में अब डीजल 89.11 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है।
इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर निशाना साधा है। जयराम ठाकुर कहा कि यह समय आपदाग्रस्त प्रदेश को राहत देने का है, आर्थिक बोझ डालने का नहीं। आपदा की इस घड़ी में सरकार अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करे क्योंकि डीजल के दाम बढ़ने से प्रदेश में महंगाई भी बढ़ेगी।
उधर, मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को भारी बारिश के कारण आई आपदा से करोड़ रुपए की क्षति हुई है इसलिए सभी लोग आपदा की घड़ी में मदद के लिए आगे आ रहे हैं। विधायकों ने अपनी एक महीने की सैलरी आपदा कोष में दे दी है और अधिकारी व कर्मचारी भी एक दिन का वेतन दे रहे हैं।
ऐसे में अब सरकार ने मजबूरी में डीजल पर वैट बढ़ाने का निर्णय लिया है जो कि चुनावों के वक्त में भाजपा ने 7 रुपए कम कर दिया था। अब सरकार ने वेट को बढ़ाकर 9.96% से 13.9% कर दिया है जो कि उत्तराखंड और हरियाणा से अभी कम है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश के पर्यावरण को साफ व स्वच्छ बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ाने के लिए काम कर रही है। इसी कड़ी में आज सीएम ने शिमला रिज पर परिवहन विभाग के 11 इलेक्ट्रिक वाहनों को हरी झंडी दिखाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक किया जाएगा।
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि देश में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश में भी गर्मी बढ़ रही है। डीजल से यह हो रहा है। प्रदेश में 21 लाख के करीब वाहन पंजीकृत है। पर्यावरण को साफ व प्रदूषण मुक्त रखने के लिए परिवहन विभाग को पूरी तरह इलेक्ट्रिक बनाया जा रहा है। यह करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बन गया है जहां परिवहन विभाग पूरी तरह इलेक्ट्रिक बन गया है।
एक साल में सभी विभागों को इलेक्ट्रिक वाहन दे दिए जायेंगे। 2025 तक हिमाचल पहला ग्रीन स्टेट बन जायेगा। हिमाचल में दो सालो में 60 प्रतिशत बसों को इलेक्ट्रिकल कर दिया जाएगा। इससे घाटे में चल रहे परिवहन विभाग फायदे में आ जाएगा।
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पहली कैबिनेट में कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन का तोहफा दिया जाएगा। वहीं, उन्होंने ओपीएस (OPS) के बहाने भाजपा पर निशाना साधा है। शिमला सचिवालय में कर्मचारियों के साथ मिलन कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने पर पहली कैबिनेट में पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा किया था। हम भाजपा की तरह झूठ नहीं बोलते हैं। ओपीएस के लिए खाका तैयार कर लिया है और बजट का प्रावधान कर लिया है। कल सरकारी कर्मचारियों की मांग को पूरी होने जा रही है।
पिछली सरकार ने जनता को ठगा है। पूर्व की भाजपा सरकार को ठग सरकार की उपाधि दी जाए तो गलत नहीं होगा। भाजपा सरकार ने केवल लोगों को ठगने के लिए राजनीतिक लाभ के मकसद से 900 संस्थान खोल दी लेकिन पैसे का प्रावधान नहीं किया।
भाजपा ने प्रदेश का पूरा खजाना खाली किया है, जिसके चलते मजबूरी में कर्ज की सीमा को भी बढ़ाना पड़ा है, लेकिन बावजूद इसके सरकार कर्मचारियों को OPS देगी और प्रदेश हित में और भी बड़े निर्णय लेने से सरकार पीछे नहीं हटेगी। इसके लिए संसाधनों का भी दोहन किया जाएग।
उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबन्धन और अनावश्यक खर्चों के कारण आज प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये के ऋण का भारी बोझ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की आर्थिकी को दोबारा पटरी पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में राज्य सरकार को डीजल पर वैट में 3.01 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि के लिए मजबूर होना पड़ा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी पांच वर्षों में ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने पर अपना विशेष ध्यान केन्द्रित करेगी, क्योंकि प्रदेश की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आर्थिकी को दृढ़ता प्रदान करने के दृष्टिगत दुग्ध उत्पादकों से प्रतिदिन 10 लीटर दूध की खरीद करेगी, जिसमें गाय का दूध 80 रुपये प्रति लीटर तथा भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर की दर से क्रय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल ग्रामीण आर्थिकी को बढ़ावा मिलेगा, अपितु किसान सामुदायिक स्तर पर जैविक खेती के लिए भी प्रोत्साहित होंगे।