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शिमला। जाइका वानिकी परियोजना अब हाईटैक हो चुकी है। परियोजना के तहत होने वाली सभी गतिविधियों पर ड्रोन से निगरानी की जाएगी। पौधरोपण, जंगलों में आग लगने की घटना समेत प्रोजेक्ट के अंतर्गत हो रहे हरेक कार्यों की ड्रोन के माध्यम से कड़ी नजर रखी जाएगी।
इसके साथ-साथ जंगलों में आग लगने की घटना का भी पता लगा सकते हैं कि आग लगने से वन संपत्तियों के नुकसान का रियल टाइम और आग पर काबू पाने के लिए मौके पर पहुंचने के लिए क्या कुछ इंतजाम होने चाहिए।
इस बात की जानकारी जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने दी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश के सभी वन मंडलों में आउटलेट खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में जोगिंद्रनगर और पालमपुर के गोपालपुर में आउटलेट का शुभारंभ किया गया।
नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना के तहत हिमाचल में हो रहे कार्यों को देख अब पड़ोसी देश श्रीलंका भी आजीविका कमाने के गुर सीखेगा।
शिमला/जोगिंद्रनगर। जाइका वानिकी परियोजना ने जोगिंद्रनगर में आउटलेट खोल दिया है। मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने यह आउटलेट जनता को समर्पित किया।
उन्होंने यहां पूजा-अर्चना कर इस आउटलैट का शुभारंभ किया। शहर के बीचो-बीच यानी वन मंडल जोगिंद्रनगर परिसर में अब जाइका वानिकी से जुड़े स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित सभी तरह के उत्पादों की बिक्री होगी।
टौर के पत्तल, पाइन नीडल से बने उत्पाद, बैग, आचार, कोदे का आटा, काला मटर, लाल चावल, किन्नौरी राजमाह, हिमाचली टोपी और शॉल समेत कई तरह के उत्पाद इस आउटलैट में उपलब्ध होंगे।
जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जाइका से जुड़े स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित सभी प्रकार के उत्पाद बाजार से बेहतरीन और अच्छी कीमत पर उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश के सभी वन मंडल स्तर पर आउटलेट खोले जाएंगे।
इस अवसर पर हिमाचल दौरे पर आई जाइका श्रीलंका में सेवाएं दे रही जेंडर एक्सपर्ट नाकाजीमा और जाइका इंडिया की प्रतिनिधि इनागाकी ने जाइका के ऐसे प्रयासों की सराहना की।
नाकाजीमा और इनागाकी ने जाइका के हिम ट्रेडिशन ब्रांड की भी तारीफ की। इस अवसर पर जाइका की प्रतिनिधि भी उपस्थित रही।
जाइका श्रीलंका में सेवाएं दे रही जापान की प्रतिनिधि एवं जेंडर एक्पर्ट नाकाजीमा और जाइका इंडिया की प्रतिनिधि इनागाकी जिला मंडी के दूरदराज क्षेत्रों में पहुंची। उन्होंने जाइका से जुड़े स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से सीधा संवाद किया।
ग्राम वन विकास समिति जालपा के अंतर्गत दारट बगला में महिलाओं द्वारा हल्दी उत्पादन के प्रयासों की खूब सराहना की। उन्होंने ग्राम वन विकास समिति पंचजन द्वारा की जा रही मशरूम की खेती का मुआयना किया।
नाकाजीमा और इनागाकी ने मंडी जिला के गुम्मा के समीप दूरदराज गांव जनवान में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान महिलाओं से सीधा संवाद किया।
इस अवसर पर मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने यहां के सभी स्वयं सहायता समूहों का हौसला बढ़ाया और हर तरह के उत्पाद तैयार करने के लिए प्रोत्साहित भी किया।
मंडी जिला के चौंतड़ा स्थित जाइका वानिकी परियोजना की नर्सरी और जालपा के जंगलों में हुए पौधरोपण को देख जापान की प्रतिनिधि काफी उत्साहित हुई।
मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया के नेतृत्व वाली टीम ने नर्सरी और पौधरोपण क्षेत्र का निरीक्षण किया। नागेश गुलेरिया ने जाइका की नर्सरियों में तैयार किए जा रहे सभी प्रजातियों के पौधों की जानकारी दी।
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (जाइका) के साथ आयोजित बैठक में कहा कि एजेंसी हिमाचल प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन, टनल, दुग्ध उत्पादन तथा मल निकासी क्षेत्रों के लिए समर्थन तथा आवश्यक राशि उपलब्ध करवाएगी। जिसको लेकर शिमला में भी शीघ्र ही एक विस्तृत बैठक आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने जाइका को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा ताकि इस दिशा में कार्य योजना तैयार की जा सके।
उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में छोटी सुरंगें सम्पर्क सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ यात्रा के समय को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने जाइका से प्रदेश में सुरंग निर्माण को भी अपनी परियोजनाओं में शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन तीसरा ऐसा क्षेत्र है, जिसमें जाइका अपना सहयोग एवं तकनीक उपलब्ध करवा सकती है। इससे प्रदेश और विशेष तौर पर किसानों की आर्थिकी में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सामुदायिक मल निकासी तथा स्वच्छता भी प्रदेश सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल को वर्ष 2025 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। परिवहन विभाग के वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित कर इस दिशा में कार्य आरम्भ कर दिया गया है। प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट स्थापित करने पर भी सरकार विचार कर रही है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना हरित ऊर्जा राज्य का लक्ष्य हासिल करने में मील पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से भी विचार-विमर्श किया जा रहा है।
जाइका के मुख्य प्रतिनिधि सैतो मीतसूनौरी ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि एजेंसी प्रदेश सरकार की आकांक्षाओं के अनुरूप परियोजनाओं का कार्य करेगी। बैठक में मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर व संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा बिटटू, मुख्यमंत्री के ओएसडी केएस बांशटू, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया, मुख्य परियोजना निदेशक जाइका नागेश गुलेरिया उपस्थित रहे।