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धर्मशाला। हिमाचल में अब किसानों से खरीदे जाने वाले दूध में 6 रुपए की बढ़ोतरी होगी। अब किसानों से 37 रुपए में दूध खरीदा जाएगा। पहले 31 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से दूध खरीदा जाता था। यह घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में सरकार के एक साल पूरा होने पर आयोजित कार्यक्रम में की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिल्क फेडरेशन हिमाचल के किसानों से 31 रुपए प्रति किलो के हिसाब से दूध खरीदती हैं। वह अगले माह यानी जनवरी से इसमें 6 रुपए की बढ़ोतरी का ऐलान करते हैं। अब दूध 37 रुपए प्रति लीटर से हिसाब से खरीदा जाएगा। इससे किसानों को लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार अगले साल तीन गारंटियों को बजट में शामिल करेगी। सरकार एक साल में 20 हजार सरकारी नौकरियां देगी। इसमें वन मित्र, वन रक्षक, पुलिस कांस्टेबल, पटवारी, पंप ऑपरेटर, मल्टी टास्क वर्कर और शिक्षक आदि की नौकरियां शामिल हैं। इतनी संख्या में पहले कभी सरकारी क्षेत्र में रोजगार नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि जेओए आईटी पोस्ट कोड 817 का रिजल्ट भी जल्द निकाला जाएगा।
वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने महिलाओं को 1500 रुपए भत्ते को लेकर घोषणा की है। उन्होंने धर्मशाला पुलिस ग्राउंड में मंच से लाहौल स्पीति जिले की सभी 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को प्रथम चरण में 1500 रुपए देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अगले चरणों में सरकार सभी जिलों में महिलाओं को 1500 रुपए देगी।
इसके अलावा अगले साल से सामाजिक सुरक्षा पेंशन ले रहीं 2 लाख 37 हजार महिलाओं की पेंशन बढ़ाकर 1500 करने की बात भी कही है। इन महिलाओं को अभी 1100 रुपए पेंशन मिलती है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि सरकार एक ऐसी सोलर योजना शुरू करने जा रही है। इसके तहत आप सरकार को 6 कनाल (3 बीघा) जगह दें और सरकार प्रतिमाह 20 हजार रुपए देगी। एक साल में 2 लाख 40 हजार रुपए देगी।
शिमला। केंद्र सरकार द्वारा किसानों के साथ किए गए वादों से पीछे हटने के विरोध में और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, किसानों की संपूर्ण कर्ज़ मुक्ति के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा ने राजभवन मार्च किया और राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। संविधान दिवस के अवसर पर देश भर के किसानों ने अपने-अपने राज्यों के राज्यपालों के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा किसानों से किए गए वादे याद दिलाए।
राष्ट्रीय स्तर पर किसानों के आंदोलन के बाद केन्द्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लिया था। किसानों ने आंदोलन खत्म करने के लिए अपनी मांगें रखी थीं जिन्हें पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार ने अपनी सहमति जताई थी परन्तु आंदोलन समाप्त होने के लगभग एक साल बाद भी केन्द्र सरकार ने उस पर कोई कार्यवाही नहीं की।
किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर सभी फसलों के लिए सी2+50 फीसदी के फार्मूला से एमएसपी की गारंटी, किसानों की कर्ज माफ़ी, बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस लेने, लखीमपुर खीरी जिला के तिकोनिया में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने सहित आठ मुख्य मांग कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि सरकार अपने वादों को पुरा नहीं करती है तो किसानों के पास आंदोलन को तेज करने के सिवाय और कोई रास्ता नहीं बचेगा।