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बड़सर के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने पूछा था सवाल
शिमला। हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए सरकार नियमित करने की कोई नीति बनाने नहीं जा रही है। ऐसा कोई विचार सरकार का नहीं है। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बड़सर के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल के सवाल के जवाब में दी।
बताया गया कि हिमाचल प्रदेश में 2021-22 के आंकड़ों के मुताबिक सरकारी विभागों व उपकर्मों में लगभग 19,916 कर्मी आउटसोर्स आधार पर तैनात है। हिमाचल वित्तीय नियम 2009 के अंतर्गत सरकारी विभागों में आउटसोर्स के माध्यम से सेवाएं लेने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने बजट में इनका 750 रुपये बढ़ाया है। ESI व यात्रा भत्ते का प्रावधान करने पर भी सरकार विचार कर रही है। कोशिश यही होगी कि आउटसोर्स कर्मियों को निकाला न जाए।
एचपीएसएससी को भंग करने के बाद सरकार ने लिया फैसला
शिमला। हिमाचल की सुक्खू सरकार ने हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया है। पेपर बेचे जाने का मामला आने के बाद सरकार ने हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग के कामकाज को निलंबित कर दिया था।
पर अब जांच में बड़े तथ्य सामने आने के बाद इसे भंग करने का फैसला लिया है। जब तक किसी अन्य टेस्टिंग एजेंसी का गठन नहीं कर लिया जाता है तब तक हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से लिए पेपर जिनके रिजल्ट निकल चुके है या आगे परीक्षाएं होनी को हिमाचल लोक सेवा आयोग में शिफ्ट कर दिया गया है। इसके अलावा हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग में कार्यरत स्टाफ को सरप्लस पूल में डाला गया है। कर्मचारी किस विभाग में जाना चाहते हैं, उनसे ऑप्शन मांगी गई है। कर्मचारियों को लिखकर ऑप्शन देनी होगी।
बता दें कि हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग में पेपर बेचे जाने का मामला आया था। दिसंबर माह में विजिलेंस ने आयोग की ही एक अधिकारी सहित अन्य को जेओए आईटी सहित अन्य दो पेपर बेचे जाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। मामला सामने आने के बाद सुक्खू सरकार ने तत्काल प्रभाव से हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग के कामकाज को निलंबित कर दिया था और शिक्षा सचिव अभिषेक जैन को विभागीय जांच सौंपी थी।
विजिलेंस द्वारा गठित टीम भी मामले में जांच कर रही थी। जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में पाए गए तथ्यों के अनुसार हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग में पिछले तीन साल से पेपर बेचे जाने का धंधा चला था। पेपर कुछ लोगों को बेचे जाते थे।
जांच करके रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई। जैसे ही आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास जांच रिपोर्ट पहुंची तो जांच के तथ्यों के अनुसार निलंबित हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने का फैसला लिया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया को जानकारी देते बताया कि जांच में पाए गए तथ्यों के अनुसार हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया गया है। हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग में जिन पदों के रिजल्ट निकल गए हैं और दस्तावेज मूल्यांकन की प्रक्रिया होनी है व आगामी पेपर होने उन सबको हिमाचल लोक सेवा आयोग में शिफ्ट कर दिया गया है।
जब तक कोई अन्य टेस्टिंग एजेंसी का गठन नहीं हो जाता हिमाचल लोक सेवा आयोग के माध्यम से ही भर्तियां होंगी। अन्य टेस्टिंग एजेंसी के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का अध्ययन किया जा रहा है। साथ ही हर पहलुओं को बारीकि से देखा जा रहा है।
हिमाचल लोक सेवा आयोग लेगा लंबित पेपर
शिमला। हिमाचल की सुक्खू सरकार ने हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दी है। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला है कि पिछले तीन साल के पेपर बिक रहे थे।
इसके चलते हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने का निर्णय लिया है। लंबित पेपर अब हिमाचल लोक सेवा आयोग के माध्यम से होंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया को जानकारी देते बताया कि पेपर लीक होने का मामला आने के बाद सरकार ने हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग के कामकाज को निलंबित किया था। मामले की जांच को आईएएस अभिषेक जैन को नियुक्त किया गया था। साथ ही विजिलेंस भी जांच कर रही थी। जांच में सामने आया है कि हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग में पिछले तीन साल से पेपर बेचने का धंधा चल रहा था। कुछ लोगों को पेपर बेचे जा रहे थे। जब आज सुबह उनके पास फाइल पहुंची तो निलंबित हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने का फैसला लिया है।
हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग में जिन पदों के रिजल्ट निकल गए हैं और दस्तावेज मूल्यांकन की प्रक्रिया होनी है व आगामी पेपर होने उन सबको हिमाचल लोक सेवा आयोग में शिफ्ट कर दिया गया है। जब तक कोई अन्य टेस्टिंग एजेंसी का गठन नहीं हो जाता हिमाचल लोक सेवा आयोग के माध्यम से ही भर्तियां होंगी। अन्य टेस्टिंग एजेंसी के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का अध्ययन किया जा रहा है। साथ ही हर पहलुओं को बारीकि से देखा जा रहा है। हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग में कार्यरत स्टाफ को सरप्लस पूल में डाला गया है। वे किस विभाग में जाना चाहते हैं, उनसे ऑप्शन मांगी गई है। कर्मचारी ऑप्शन लिखकर दें।