शिमला। हिमाचल सरकार ने 31 जनवरी (बुधवार) को 19 आईएएस अफसरों के तबादले किए हैं। शिमला, कांगड़ा, चंबा, ऊना जिलों के डीसी बदले गए हैं। डीसी कांगड़ा डॉ निपुण जिंदल को डायरेक्टर आयुष विभाग लगाया गया है।
डीसी शिमला आदित्य नेगी सेटलमेंट ऑफिसर कांगड़ा डिवीजन होंगे। डीसी चंबा अप्रूव देवगन अब डीसी मंडी होंगे। डीसी किन्नौर तोरुल एस रवीश अब डीसी कुल्लू का कार्यभार संभालेंगी। डीसी मंडी अरिंदम चौधरी को स्पेशल सेक्रेटरी (MPP & Power and NCES ) लगाया गया है।
धर्मशाला। कांगड़ा जिला के धर्मशाला पुलिस ग्राउंड में आयोजित होने वाले जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्यातिथि विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया आपदा के दौरान बेहतरीन सेवाएं देने वाले कर्मचारियों, वालंटियर्स तथा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवानों को भी सम्मानित करेंगे।
यह जानकारी देते हुए डीसी डॉ निपुण जिंदल ने बताया कि डीडीएमए के रोबिन कुमार, भानु शर्मा, रंधीर सिंह, रोहित शर्मा, राजेश गौतम, सन्नी पंजला, नीतिश राणा, अभनीत सिंह, मुकेश कुमार, अतुल कुमार, भूपिंद्र सिंह, आरती शर्मा को नवाजा जाएगा।
वालंटियर्स अविनीश कुमार, सुनील कुमार, संदीप कुमार, विजय कुमार और एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर प्रेम कुमार, अरुण कुमार, अनिल कुमार एसडीआरएफ के डीएसपी सुनील राणा, इंडियन आर्मी से रामवीर सिंह, हरजीत सिंह, जरनैल सिंह, ख्याली राम, अनिल यादव तथा पर्वतारोहण के क्षेत्र में श्याम लाल, रवि कुमार, भाग सिंह, कमल सिंह को सम्मानित किया जाएगा।
इसके साथ ही आपदा के दौरान बेहतरीन कार्य करने वाले राजस्व विभाग के रे के नायब तहसीलदार रमेश चंद, पटवारी हरदेव सिंह, पटवारी शुभम कालिया, इसके अतिरिक्त विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जाग्रति फांउडेशन चेरिटेबल ट्रस्ट, वसुधैव कुटुम्बकम के मेघा शर्मा, मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ तुषार सैणी, टीबी चैंपियन बबित कुमार, 108 से ईएमटी विकास, सिविल हॉस्पिटल नगरोटा बगवां तथा एमएमएस रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा को बेहतरीन सेवाओं के लिए सम्मानित किया जाएगा।
धर्मशाला। कांगड़ा जिला के सात उपमंडलों में स्कूल सुबह 10 बजे खुलेंगे और साढ़े तीन बजे बंद होंगे। डीसी कांगड़ा डॉ निपुण जिंदल ने
कांगड़ा जिला के इंदौरा, फतेहपुर, नूरपुर, जवाली, देहरा, ज्वालामुखी व जयसिंहपुर उप मंडल में निजी तथा सरकारी स्कूलों को सुबह 10 बजे खोलने तथा साढ़े तीन बजे छुट्टी करने के निर्देश दिए हैं।
डीसी डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि कांगड़ा जिला के उपरोक्त उपमंडलों में भारी सर्दी और धुंध के कारण समय में परिवर्तन किया गया है। इस बाबत उपनिदेशक शिक्षा तथा संबंधित उपमंडल अधिकारियों व सभी स्कूलों के प्रधानाचार्य को आदेशों की अनुपम सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।
धर्मशाला। कांगड़ा जिले में 3 हजार मीटर से ऊपर की सभी ट्रैकिंग गतिविधियों को आगामी आदेश तक पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया गया है। कम ऊंचाई वाले ट्रैकिंग रूट के लिए भी पूर्व अनुमति लेनी होगी।
डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने इसकी अनुपालना को लेकर सोमवार को एक आदेश जारी किया है। उन्होंने शरद ऋतु को देखते हुए जिले में ट्रैकिंग गतिविधियों को लेकर विशेष हिदायतें भी जारी की हैं।
आदेश के मुताबिक करेरी, त्रिउंड और आदि हिमानी चामुंडा मार्गों पर ट्रैकिंग की अनुमति के लिए एसपी ऑफिस कांगड़ा के कार्यालय से पूर्व अनुमति के प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
इसके कार्यान्वयन के लिए एसपी ऑफिस कांगड़ा से कार्यालय में पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मी तैनात करने को कहा गया है। उनसे यह भी आग्रह किया गया है कि पुलिस कर्मी उपरोक्त मार्गों पर अनुमति देते हुए आईएमडी शिमला द्वारा जारी मौसम के पूर्वानुमान को अवश्य ध्यान में रखें।
आदेश में पैराग्लाइडिंग करने वाले पायलट्स को भी धौलाधार के समीप उड़ान न भरने को कहा गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि आईएमडी शिमला द्वारा चेतावनी अथवा अलर्ट जारी किए जाने पर ट्रैकिंग मार्गों (करेरी, त्रिउंड, आदि हिमानी चामुंडा) के लिए प्रदान की गई सभी पूर्व अनुमति रद्द मानी जाएंगी।
हालांकि आपदा प्रबंधन से जुड़ी एजेंसियों एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पर्वतारोहण केंद्र मैक्लोडगंज और पुलिस के खोज और बचाव दलों को उक्त निर्देश में छूट दी जाएगी।
डॉ. निपुण जिंदल ने जिला पर्यटन अधिकारी को कांगड़ा जिले के पर्यटन व्यवसाय से जुड़े समस्त हितधारकों को उनके वहां ठहरने वाले सभी पर्यटकों को ट्रैकिंग गतिविधियों की पाबंदियों से अवगत कराने के निर्देश देने को कहा है। उन्हें उल्लंघन करने पर जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए दंडात्मक प्रावधानों के बारे में बताने को भी कहा गया है।
डीसी ने सभी संबंधित विभागों को आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर आईपीसी की धारा 188 तथा आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 की धारा 51 से 60 के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह हिदायतें आगामी आदेश तक लागू रहेंगी।
नूरपुर। डीसी कांगड़ा डॉ निपुण जिंदल ने उपमंडल नूरपुर में आपदा से हुए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के उपरांत नूरपुर में पत्रकार वार्ता में कहा कि इस मानसून सीजन के दौरान जिला में पहाड़ियां दरकने के अधिकतर मामले सामने आए हैं, जिससे कई मकान जमींदोज होने के अतिरिक्त पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके अतिरिक्त उनकी उपजाऊ भूमि भी बह गई है।
उन्होंने बताया कि पहाड़ियां दरकने के मामलों को देखते हुए प्रशासन द्वारा जियोलॉजिकल सर्वे करवाया जा रहा है, जिसके लिए जिला में 7 टीमें पूरी गहनता से सर्वेक्षण कर रही हैं। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के बाद भविष्य में इस समस्या से निपटने के लिए ठोस एवं प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
डीसी ने बताया कि सभी उपमंडल अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जिन लोगों की भूमि आपदा के दौरान बह गई है, उसका पूरा ब्यौरा तैयार करने के साथ उनके लिए भूमि चयन की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए, ताकि प्रभावित परिवारों का स्थाई पुनर्वास सुनिश्चित हो सके। उन्होंने बताया कि प्रशासन प्रदेश सरकार के दिशानिर्देशों के तहत प्रभावितों को हरसंभव मदद पहुंचा रहा है।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर एसपी नूरपुर अशोक रत्न,एसडीएम नूरपुर गुरसिमर सिंह, एएसपी मदनकांत शर्मा मौजूद रहे।
1344 लोगों को इंदौरा और 387 लोगों को फतेहपुर से किया रेस्क्यू
इंदौरा। हिमाचल के जिला कांगड़ा के इंदौरा और फतेहपुर उपमंडल में मंगलवार दोपहर से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में वायुसेना के हेलीकॉप्टर, सेना और एनडीआरएफ की मदद से लोगों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से सुरक्षित निकालने का अभियान जारी है। डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि मंगलवार दोपहर से चले इस अभियान में बुधवार शाम 5 बजे तक कुल 1,731 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।
इनमें 1,344 लोगों को इंदौरा और 387 लोगों को फतेहपुर से रेस्क्यू किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक हेलीकॉप्टर के मदद से कुल 739, बोट के द्वारा 780 और अन्य माध्यमों से 212 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं।
डीसी डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि इंदौरा और फतेहपुर से निकाले जा रहे लोगों को प्रशासन द्वारा स्थापित राहत शिविरों में ले जाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बुधवार शाम 5 बजे तक कुल 237 लोगों ने राहत शिविरों में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि बाकि के लोगों ने अपने रिश्तेदारों के पास आश्रय लिया है।
डीसी ने बताया कि प्रशासन द्वारा स्थापित पांच राहत शिविरों में से फतेहपुर उपमंडल के बडूखर में 186 और फतेहपुर में 38 लोग रह रहे हैं। वहीं, इंदौरा के शेखपुरा में अभी 13 लोगों ने आश्रय लिया है। उन्होंने बताया कि नूरपुर के लदरोड़ी और डमटाल के राम गोपाल मंदिर में स्थापित राहत शिविरों में फिलहाल कोई नहीं है। यहां ठहरे लोग अब अपने सगे संबंधियों के घरों में चले गए हैं।
पशुपालन विभाग की टीम तथा गंभीर रूप से चोटिल व्यक्ति को किया रेस्क्यू
धर्मशाला। सरकार तथा जिला प्रशासन ने बड़ा भंगाल में फंसे पशु पालन विभाग की एक टीम के चार लोगों तथा गहरी खाई में फंसे एक व्यक्ति का भारतीय वायु सेना की मदद से सफल रेस्क्यू किया है। सभी को उपचार के लिए टांडा अस्पताल में भर्ती करवाया गया। यह जानकारी उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने दी।
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि बड़ा भंगाल में पशुओं के उपचार के लिए गई पशु पालन विभाग की टीम ने सेटलाइट फोन के माध्यम से जिला प्रशासन को स्वास्थ्य खराब होने तथा पुलियों के निर्माण में लगे व्यक्ति के खाई में गिरने से गंभीर रूप से घायल होने की सूचना प्रशासन को दी।
सूचना मिलते ही सरकार ने तत्काल प्रभाव से भारतीय वायु सेना से संपर्क साधा तथा बुधवार सुबह सहारनपुर से वायु सेना के दो चॉपर कांगड़ा एयरपोर्ट से बड़ा भंगाल के लिए रवाना किए गए।
उन्होंने बताया कि इस रेस्क्यू आपरेशन में सबको वहां से सुरक्षित कांगड़ा एयरपोर्ट पर पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि इसके पश्चात एयरपोर्ट से सभी को टांडा मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए भेज दिया गया है।
पशुओं में लंपी वायरस के उपचार के लिए गई थी वेटनरी टीम
जिलाधीश ने बताया कि बड़ा भंगाल में पशुओं में लंपी वायरस होने की सूचना मिलने पर पहली अगस्त को जिला प्रशासन ने वेटनरी की एक टीम जिसमें डॉ सचिन सूद, फार्मासिस्ट विनय कुमार, कुलदीप कुमार तथा सहायक मदन कुमार को वाया चंबा रवाना किया। इस टीम ने 4 अगस्त को बड़ा भंगाल में पशुओं का उपचार आरंभ किया गया।
वेटनरी की टीम ने इस दौरान बड़ा भंगाल में लंपर वायरस से बचाव के लिए 170 पशुओं का टीकाकरण किया तथा लगभग 50 पशुओं का उपचार किया।
सात अगस्त शाम को पशु पालन विभाग की टीम ने सेटेलाइट के माध्यम से जिला प्रशासन को स्वास्थ्य खराब होने के बारे में सूचना दी। टीम को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए त्वरित प्रभाव से सरकार की ओर से वायु सेना से संपर्क साधा गया।
बड़ा भंगाल के रहने वाले 48 वर्षीय हुकम सिंह गांव में अस्थाई लकड़ी के पूल का निर्माण करने के दौरान उससे फिसल कर गिर गए, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। उपायुक्त ने बताया कि इस बाबत वहां गई पशु चिकित्सकों की टीम ने सेटेलाइट फोन के माध्यम से जिला प्रशासन को तुरंत इस घटना से भी अवगत करवाया।
स्थानीय लोगों ने हुकम सिंह को रेस्क्यू करने और उनके उपचार के लिए जिला प्रशासन से आग्रह किया। उपायुक्त ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन ने भारतीय वायु सेना को संपर्क कर हुकम सिंह को रेस्क्यू करने के लिए भी सहयोग मांगा।
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिला प्रशासन आपदा प्रबंधन को लेकर पूरी तरह से सतर्क है तथा मानसून सीजन में जिला तथा उपमंडल स्तर पर 24 घंटे कंट्रोल रूम खुले रखे गए हैं ताकि आपदा प्रबंधन को लेकर तत्काल प्रभाव से कार्य किया जा सके।
गत 18 जुलाई को इंदौरा उपमंडल के घंडारा तथा म्यानी में ब्यास नदी में फंसे लोगों को भारी मशक्कत के साथ रात भर नौ घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 55 के करीब लोगों को एनडीआरएफ की मदद से सुरक्षित निकाला जा चुका है।
रेस्क्यू किए गए पशुपालन विभाग की टीम ने बड़ा भंगाल से एयरलिफ्ट कर गगल पहुंचाने पर आभार जताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने आपदा के दौरान हर हिमाचलवासी का ख्याल रखा है इससे पहले भी चंद्रताल लेक तथा अन्य जगहों पर फंसे लोगों को सकुशल सुरक्षित निकाला है।
धर्मशाला। जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि कांगड़ा जिले में पंचायती राज संस्थाओं की रिक्त सीटों के लिए चुनाव 2 मई को होंगे। मतदान सुबह 8 बजे से सायं 4 बजे तक होगा। राज्य चुनाव आयोग द्वारा चुनावों की घोषणा के साथ ही संबंधित क्षेत्रों में पहली अप्रैल से आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। उन्होंने बताया कि प्रधान, उप प्रधान तथा पंचायत सदस्यों के रिक्त पदों के चुनाव को लेकर संबंधित ग्राम पंचायत में जबकि पंचायत समिति के सदस्यों के चुनाव को लेकर संबंधित संपूर्ण ब्लॉक (नगर निकाय क्षेत्र को छोड़ कर) में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू रहेगी। उन्होंने बताया कि 13 अप्रैल अथवा उससे पहले मतदान केंद्र की सूची प्रकाशित की जाएगी।
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि 13, 17 और 18 अप्रैल को प्रातः 11 से सायं 3 बजे तक निर्दिष्ट स्थान पर नियुक्त अधिकारी (प्रधान, उप प्रधान व पंचायत सदस्य के लिए संबंधित बीडीओ तथा पंचायत समिति सदस्य के लिए संबंधित एसडीएम) के समक्ष नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। 19 अप्रैल को सुबह 10 बजे नामांकन पत्रों की छंटनी की जाएगी। 21 अप्रैल को सायं 3 बजे तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकते हैं।
इसके तुरंत बाद उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह जारी कर दिए जाएंगे। 2 मई को वोट डाले जाएंगे। वोटिंग सुबह 8 बजे से सायं 4 बजे तक होगी। मतदान समाप्ति के तुरंत बाद प्रधान, उप प्रधान और पंचायत सदस्य के पदों के लिए मतों की गिनती संबंधित पंचायत मुख्यालय पर होगी और प्रक्रिया पूर्ण होते ही चुनाव परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे । वहीं, पंचायत समिति सदस्यों के पदों के लिए वोटों की गिनती 4 मई को विकास खंड मुख्यालय पर सुबह 9 बजे से होगी। इसके तुरंत बाद चुनाव परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिले के 15 ब्लॉक में विभिन्न ग्राम पंचायतों में प्रधान, उप प्रधान तथा पंचायत सदस्यों के अलग अलग रिक्त पदों के साथ ही पंचायत समिति धर्मशाला के वार्ड बगली-13 और पंचायत समिति लंबागांव के वार्ड कोटलू-2 में सदस्य के रिक्त पद के लिए चुनाव होगा ।
उन्होंने बताया कि प्रधान, उप प्रधान और पंचायत सदस्य के अलग-अलग रिक्त पदों के लिए विकास खंड बैजनाथ की ग्राम पंचायत चौगान, टिकरी डूहकी, माधो नगर और क्योरी, विकास खंड भवारना की ग्राम पंचायत बड़सर, घाड़, थला उआरला, विकास खंड बड़ोह की थाना खास पंचायत, विकास खंड देहरा की ग्राम पंचायत द्रंग, घरना,छिलगा, कोपड़ा और देहरू, विकास खंड धर्मशाला की ग्राम पंचायत जुहल, भटला और टऊ, विकास खंड फतेहपुर की ग्राम पंचायत कोडल, भोलखास, तलाड़ा, घुरियाल, मैरा, झौंका रतियाल, विकास खंड इंदौरा की कुडसां, भपू और डागला पंचायत, विकास खंड कांगड़ा की ग्राम पंचायत सलोल, समीरपुर खास, हार जलाड़ी, विकास खंड लंबागांव की ग्राम पंचायत जलेट, विकास खंड नगरोटा सूरियां की ग्राम पंचायत हार, पलौदा, कटोरा,सोलधा और जांगल, विकास खंड पंचरूखी की ग्राम पंचायत बंड-विहार, मौलीचक और सलयाणा, विकास खंड रैत की मूंदला,प्रगोड़,थारू,भितलू, लपियाणा, विकास खंड प्रागपुर की ग्राम पंचायत बडल, विकास खंड सुलह की बलोआ, धीरा, कोना,काहनफट, रड़ा तथा बटाहण और विकास खंड नूरपुर की ग्राम पंचायत रिट उपरली में चुनाव होगा। वहीं पंचायत समिति धर्मशाला के वार्ड बगली-13 में बगली तथा मनेड और पंचायत समिति लंबागांव के वार्ड कोटलू-2 में कोटलू, पपलाह तथा बंदाहू पंचायत शामिल हैं।
धर्मशाला। जी-20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी के लिए धर्मशाला में तैयारियां तेज कर दी गई हैं। जी-20 के तहत अगले महीने 19-20 अप्रैल को धर्मशाला में होने वाली इस बैठक में ‘रिसर्च एंड इनोवेशन इनिशिएटिव गैदरिंग‘ विषय के तहत नवीनतम अनुसंधान और नवाचारों पर चर्चा होगी। इसमें विश्व के अनेक देशों के टॉप साइंटिस्ट, नीति निर्माता और विशेषज्ञ भाग लेंगे। हिमाचल आगमन पर सभी मेहमानों का भव्य स्वागत किया जाएगा। यह बात उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में कही।
उपायुक्त ने सभी विभागों को व्यवस्थित और भव्य रूप में शिखर सम्मेलन आयोजित करने को लेकर समय रहते अपनी तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए। डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि यह गौरव की बात है कि धर्मशाला को जी-20 की बैठक के लिए चुना गया है। यह मौका हमें अपने मेहमानों को कांगड़ा और हिमाचल की सांस्कृतिक विशिष्टता, विविधता और सुंदरता से रूबरू कराने का अवसर देगा। उपायुक्त ने सभी विभागों से इस दृष्टि से काम करने को कहा।
18 से 21 तक धर्मशाला में होंगे दुनिभाभर के 70 प्रतिनिधि
उपायुक्त ने कहा कि सम्मेलन के लिए दुनियाभर के 70 प्रतिनिधि 18 अप्रैल को धर्मशाला पहुंच जाएंगे। 19 को बैठकों का आयोजन होगा और रात्रि में मेहमानों के लिए एचपीसीए में ‘गाला डिनर’ का आयोजन प्रस्तावित है। इस दौरान प्रदेश की समृद्ध संस्कृति की झलक दिखाने के लिए विविध सांस्कृतिक नृत्य एवं संगीत कार्यक्रम का आयोजन भी रहेगा। 20 अप्रैल को प्रतिनिधि सीएसआईआर पालमपुर तथा अंदरेटा के भ्रमण पर रहेंगे । 21 अप्रैल को उनकी कांगड़ा हवाई अड्डे से वापसी होगी।
जी-20 थीम की तर्ज पर होगी सजावट
उपायुक्त ने कहा कि शिखर सम्मेलन को लेकर जी-20 थीम की तर्ज पर सजावट की जाएगी। गगल से धर्मशाला और पालमपुर के पूरे रूट को सजाया जाएगा। उन्होंने सभी से इसके लिए मिलकर काम करने को कहा ताकि यहां एक उत्सव भाव उत्पन्न हो तथा शानदार मेहमान नवाजी के लिए प्रसिद्ध हिमाचल प्रदेश की छवि देश दुनिया में और निखरे।
उन्होंने कहा कि कांगड़ा एयरपोर्ट पहुंचने पर मेहमानों का पारंपरिक तरीके से स्वागत होगा। कांगड़ा एयरपोर्ट की साज सज्जा के अलावा नेशनल हाईवे तथा राज्य सड़कों के दोनों ओर ब्रांडिंग और भवनों की सजावट का काम किया जाएगा। वहीं चौक चौराहों पर जी-20 लोगों की प्रतिकृति स्थापित की जाएंगी। उन्होंने सभी विभागों को अपने कार्यालयों के बाहर भी स्वागत के होर्डिंग एवं साज सज्जा को कहा। इसके अलावा एयरपोर्ट पर हैल्प डेस्क स्थापित किया जाएगा।
उपायुक्त ने नेशन हाइवे तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से सड़कों की मरम्मत और सौंदर्यीकरण का कार्य समय रहते पूरा करने को कहा तथा महत्वपूर्ण जगहों पर सड़कों को चौड़ा करने और कलर मार्किंग के निर्देश दिए। उन्होंने नगर निगम को भी नालियों के कार्यों को गति देकर समय पर पूरा करने को कहा तथा साफ सफाई का विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
डॉ. निपुण जिंदल ने बिजली, पानी, इंटरनेट कनेक्टिविटी, यातायात, सुरक्षा, ब्रैंडिंग व सजावट, मीडिया कवरेज समेत सभी पहलुओं पर संबंधित विभागों से चर्चा की और जरूरी निर्देश दिए।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोहित राठौर, सहायक आयुक्त सुभाष गौतम, एसडीएम शिल्पी बेक्टा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हितेश लखनपाल, कांगड़ा एयरपोर्ट निदेशक धीरेंद्र कुमार, सीएमओ डॉ. सुशील सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
एक ही मामले में बार-बार सहायता आवेदनों पर कसेगी नकेल
धर्मशाला। कांगड़ा जिला प्रशासन ने सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से शासन व्यवस्था को अधिक पारदर्शी तथा प्रक्रियाओं को सरल व सुगम बनाने की अपनी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए एक और नई पहल की है। इसके तहत डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने शुक्रवार को धर्मशाला में ‘सहायता मॉड्यूल’ का शुभारंभ किया। जिला एनआईसी टीम द्वारा अंतर विभागीय उपयोग के लिए तैयार ये मॉड्यूल मंदिरों से गरीब परिवारों की बेटियों की शादी के लिए प्रदान की जाने वाली आर्थिक सहायता में दोहराव की समस्या के समाधान में सहायक होगा।
डीसी ने कहा कि कांगड़ा जिले में स्थित बड़े मंदिरों के माध्यम से गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता उपायुक्त कार्यालय, मंदिर अधिकारी कार्यालय और सहायक आयुक्त मंदिर एवं एसडीएम कार्यालय के माध्यम से दी जाती है। हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों को यह सहायता दी जा सके। इसमें डुप्लीकेसी न हो और एक ही मामले में अलग-अलग कार्यालयों से बार-बार सहायता आवेदनों के मामले न आएं। इस व्यवस्था को बनाने के लिए यह वित्तीय सहायता माड्यूल तैयार किया गया है।
डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि इस मॉड्यूल में जिले में आवेदकों को मंदिरों से प्रदान की गई वित्तीय सहायता का पूरा ब्योरा अपलोड किया जाएगा, जिससे कोई भी नया आवेदन आने पर पूर्व प्राप्त सहायता को लेकर आधार कार्ड नंबर से डाटा चेक करने की सुविधा होगी। इससे संबंधित कार्यालय में जानकारी रहेगी कि आवेदक को पहले इसमें सहायता दी जा चुकी है अथवा नहीं। इस प्रणाली से आर्थिक सहायता प्रदान करने में दोहराव की समस्या का स्थाई समाधान होगा और एक व्यवस्थित रिकॉर्ड भी मेंटेन होगा।
बता दें कि कांगड़ा जिला प्रशासन द्वारा लोगों को सुगम सेवाएं देने के ध्येय से जिले में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के सदुपयोग और लोक उपयोगी ऐप्स बनाने की पहलों को देशभर में सराहना मिलती रही है। जिला को हिमाचल विधानसभा निर्वाचन 2022 में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभिनव पहल और बेहतरीन उपयोग कर कांगड़ा जिले में चुनाव व्यय निगरानी के डिजिटलीकरण के लिए एप्लिकेशन ई-कैच विकसित करने पर राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। इस पहल की नवीनता और दक्षता के कारण इसे आईटी क्षेत्र में पूरे भारत में सर्वश्रेष्ठ चुनावी पहल घोषित भी किया गया था।
वहीं पहले भी अपना कांगड़ा ऐप, पौंग डैम विस्थापितों के मामलों की देखरेख को बनाई अंतर विभागीय ऐप सहित अन्य उपयोगी ऐप्स विकसित की गई हैं, जो प्रक्रियागत सरलीकरण में सहायक रही हैं। आगे इस दिशा में और बल दिया जा रहा है। इस मौके अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोहित राठौर, जिला सूचना प्रौद्योगिकी अधिकारी भूपेंद्र पाठक, एनआईसी निदेशक अक्षय मेहता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।