पुंछ। जम्मू-कश्मीर के पुंछ में तोता गली इलाके में भट्टा डूरियन जंगल के पास गुरुवार को एक आर्मी ट्रक में आग लग गई। हादसे में पांच जवान शहीद हो गए हैं। सेना के सूत्रों का कहना है कि आग लगने की तीन वजह हो सकती हैं- ब्लास्ट, ग्रेनेड अटैक और बिजली गिरना। सेना सभी एंगल की जांच कराएगी।
जहां हादसा हुआ वो इलाका पुंछ से 90 किलोमीटर दूर है। सेना के ट्रक में आग लगने की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और आग काबू करने में मदद की।
गौर हो कि इसी साल 11 जनवरी को जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में सेना का अफसर और 2 जवान शहीद हो गए थे। ये तीनों भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स के सैनिक थे।
एक JCO (जूनियर कमीशंड ऑफिसर) और 2 OR (अन्य रैंक) का ये दल रेगुलर ऑपरेशन के लिए निकला था। बर्फ के कारण उनकी गाड़ी फिसलकर गहरी खाई में गिर गई थी।
खेती को प्रोत्साहित करने की योजना तैयार कर रही सरकार
शिमला। प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में अरोमा मिशन पर कार्य करेगी। अरोमा मिशन लैवेंडर की खेती की एक पहल है और यह जम्मू-कश्मीर में किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। हिमाचल प्रदेश में जिला चंबा सहित कई क्षेत्रों की जलवायु परिस्थितियां जम्मू-कश्मीर के समान होने के कारण प्रदेश सरकार राज्य के कई क्षेत्रों में लैवेंडर की खेती को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करने की योजना तैयार कर रही है। सरकार की इस पहल से राज्य के किसानों को आय का एक नया लाभदायक स्रोत प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ अरोमा मिशन के बारे में दूरभाष पर विस्तार से बातचीत की। जनवरी माह में नई दिल्ली में भी मुख्यमंत्री ने डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ इस विषय पर चर्चा की थी। केंद्रीय मंत्री ने इस परियोजना के लिए प्रदेश के किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से लैवेंडर की खेती से किसानों के जीवन में सार्थक बदलाव आएगा। अरोमा मिशन कृषि क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को इस मामले को संबंधित मंत्रालय के समक्ष उठाने और परियोजना को जमीनी स्तर पर लागू करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए निर्देश दिए हैं।
प्रदेश सरकार खेती के लिए आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने की योजना भी बना रही है। इसे पूरा करने के लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार से तकनीकी मदद प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है। केंद्र सरकार राज्य के किसानों और बागवानों के लिए प्रशिक्षण शिविर और विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें तकनीकी सहायता भी प्रदान करेगी। इससे किसानों को कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीकों की जानकारी उपलब्ध होगी तथा वह अपनी उपज की गुणवत्ता में सुधार लाकर अधिक आय अर्जित करने में सक्षम होंगे। लैवेंडर की खेती जिसे बैंगनी क्रांति (पर्पल रिवॉल्यूशन) के रूप में भी जाना जाता है, राज्य के किसानों के लिए एक आकर्षक विकल्प साबित हो सकती है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।
शिमला। हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू आज जम्मू-कश्मीर में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए। यात्रा में भाग लेने के लिए सीएम कल ही जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हो गए थे।
राहुल गांधी ने रविवार सुबह लाल चौक पर तिरंगा फहराया इस दौरान उनके साथ सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मौजूद रहे। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का 30 जनवरी को श्रीनगर में समापन हो रहा है।
मुख्यमंत्री अपनी जम्मू कश्मीर की यात्रा के दौरान वहां के राज्यपाल (लेफ्टिनेंट गवर्नर) से भी मुलाकात करेंगे। राज्यपाल से मिलकर वह हिमाचल प्रदेश के हिस्से की विवादित जमीन का मामला उठाएंगे।
जम्मू कश्मीर की सीमा के साथ हिमाचल प्रदेश के हिस्से की करीब 17 हजार बीघा जमीन लगती है, जिसका मुख्यमंत्री जल्द स्थायी समाधान खोजना चाह रहे हैं। जम्मू कश्मीर जाने से पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जम्मू कश्मीर के गवर्नर से मिलकर सीमा विवाद के मसले को सुलझाने की बात करेंगे।
बता दें कि विवाद हिमाचल प्रदेश के सरचू की सीमा के भीतर कुछ व्यापारियों के अतिक्रमण से जुड़ा है। यह व्यापारी सरचू इलाके में पर्यटन के सीजन में बिजनेस के लिए दुकानें लगाते हैं। उस दौरान बड़ी संख्या में देश-विदेश के पर्यटक और ट्रैकिंग पर जाने वाले लोग मनाली-रोहतांग दर्रे और केलोंग से होकर गुजरते हैं।
जानकारी के अनुसार, मई-जून में बर्फ़ के हटने के बाद लेह के व्यापारी यहां टेंट और दुकानें लगा देते हैं जिसकी वजह से यहां संघर्ष की स्थिति पैदा हो जाती है, क्योंकि प्रदेश के व्यापारी पर्यटन के सीजन में यहां व्यापार नहीं कर पाते।
हमीरपुर। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में वाहन के गहरी खाई में गिरने से शहीद हिमाचल के हमीरपुर जिला के जवान सिपाही अमित शर्मा भी पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके पैतृक गांव तलाशी खुर्द में आजरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। चचेरे भाई लक्की शर्मा ने मुखाग्नि दी। श्मशानाघाट में शहीद अमर रहे के नारे लगे।
स्थानीय विधायक आशीष शर्मा, जिला प्रशासन की ओर से एडीसी जितेंद्र सांजटा और सैन्य अधिकारियों ने अमित शर्मा के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर थल सेना की टुकड़ी ने उच्च सैन्य परंपराओं के अनुसार अमित शर्मा को अंतिम विदाई दी तथा उनके पिता विजय कुमार को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा।
इससे पहले सोमवार सुबह अमित शर्मा का पार्थिव शरीर सेना के वाहन से गांव तलासी खुर्द पहुंचा, जहां बड़ी संख्या में लोग श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़े। अमित शर्मा भारतीय थल सेना की 14 डोगरा रेजिमेंट में भर्ती हुए थे और जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। वह अभी अविवाहित थे।
सिपाही अमित शर्मा 2019 में सेना में शामिल हुए थे। उनके परिवार में उनके माता-पिता हैं। अमित शर्मा मां-बाप का इकलौता बेटा था। 6 महीने पहले अमित के दादा की मौत हुई थी। 7 दिन पहले उसकी दादी भी चल बसी और अब अचानक अमित की मौत होने से परिवार टूट गया है। अमित घर में इकलौता कमाने वाला था, लेकिन अब वह सहारा टूट गया है।
4 साल पहले 2019 में अमित सेना में भर्ती हुआ था। वर्तमान में वह भारतीय थल सेनी की 14 डोगरा रेजिमेंट मजम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित माछिल सेक्टर में तैनात था।
बता दें कि 10 जनवरी को माछिल सेक्टर में वाहन खाई में गिरा था। इसमें हिमाचल के ऊना जिला निवासी हवलदार अमरीक सिंह, हमीरपुर के सिपाही अमित शर्मा और जम्मू निवासी नायब सूबेदार पुरुषोत्तम कुमार शहीद हुए थे।
ये हादसा उस वक्त हुआ जब जवान एलओसी के पास गश्त कर रहे थे।रविवार को तीनों शहीदों की पार्थिव देह श्रीनगर पहुंचीं थी। इसके बाद इन्हें जम्मू ले जाया गया। हिमाचल के शहीदों की पार्थिव देह जम्मू से चंडीगढ़ लाई गई। श्रीनगर और जम्मू में शहीदों को सेना ने श्रद्धांजलि दी थी।
ऊना। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सड़क हादसे में शहीद हवलदार अमरीक सिंह के घर में मातम पसरा हुआ है। शहीद अमरीक सिंह हिमाचल के ऊना जिला स्थित गांव गणु मंदवाड़ा के रहने वाले थे। अमरीक के पिता धर्मपाल, बड़े भाई अमरजीत सिंह, छोटे भाई हरदीप सिंह और रिश्तेदारों को ही उसके शहीद होने की खबर है। पत्नी रूचि और बेटा इस बात से अभी बेखबर हैं। उनको बताया गया है कि अमरीक सिंह का एक्सीडेंट हुआ है और उसका अस्पताल में उपचार चल रहा है।
जो लोग खबर सुनकर गणु मंदवाड़ा आ रहे हैं वे घर से 100 मीटर पहले दुकान से वापस लौट जा रहे हैं। छोटे भाई हरदीप सिंह ने बताया कि गुरुवार सुबह 8 बजे उनकी सेना के अधिकारियों से फोन पर बात हुई। हरदीप ने बताया कि उनके मुताबिक वहां बर्फीला तूफान चल रहा है। इस वजह से शहीद की पार्थिव देह गणु मंदवाड़ा भेजने में देरी हो रही है। सेना के अधिकारियों ने मौसम खुलने पर ही शव भेजने की बात कही है।
गौर हो कि गणु मदवाड़ा के 39 वर्षीय हवलदार अमरीक सिंह की मंगलवार देरशाम जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में हुए सड़क हादसे में शहीद हो गए। अमरीक सिंह 2001 में सेना में भर्ती हुए थे। वह जम्मू कश्मीर के माछिल सेक्टर में तैनात थे। वह अपने पीछे माता ऊषा देवी, पिता धर्मपाल सिंह, पत्नी रूचि और बेटा अभिनव को छोड़ गए हैं। उनका बेटा अभिनव छठी कक्षा की पढ़ता है। अमरीक सिंह 2001 में 14 डोगरा रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। वह 3 भाइयों में मझले थे।
कुपवाड़ा। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा से दुखद खबर सामने आई है। माछिल सेक्टर में एक वाहन के गहरी खाई में गिरने से भारतीय सेना के तीन जवान शहीद हो गए हैं। इन जवानों में एक जम्मू तथा दो हिमाचल प्रदेश के हैं। भारतीय सेना ने बुधवार को इस हादसे की जानकारी दी है। तीनों जवान फिसलकर गहरी खाई में गिर गए थे।
ये हादसा उस वक्त हुआ जब जवान एलओसी के पास गश्त कर रहे थे। सेना के एक अधिकारी ने कहा कि जेसीओ और दो अन्य रैंक के जवान माछिल सेक्टर में नियमित गश्त पर थे, तभी इनका वाहन खाई में गिर गए।
श्रीनगर स्थित चिनार कॉर्प्स ने ट्वीट कर कहा, “एक नियमित ऑपरेशंस टास्क के दौरान एक जेसीओ और दो ओआर का दल गहरी खाई में गिर गया। रास्ते पर बर्फ गिरी हुई थी।” सेना ने बताया कि तीनों जवानों का शव बरामद कर लिया गया है।
शहीद जवानों में हवलदार अमरीक सिंह (39) निवासी ग्राम मंडवारा, पोस्ट मारवाड़ी, तहसील घनारी, जिला ऊना व अमित शर्मा (23) ग्राम तलसी खुर्द, पोस्ट किर्विन, तहसील हमीरपुर, जिला हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश) और नायब सूबेदार पुरुषोत्तम कुमार (43) निवासी ग्राम मजुआ उत्तमी, पोस्ट रायका, तहसील, बिश्नाह जिला जम्मू (जम्मू-कश्मीर) शामिल हैं।
ये तीनों 14 डोगरा रेजिमेंट के जवान थे । 39 वर्षीय हवलदार अमरीक सिंह 2001 में सेना में शामिल हुए थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी और 11 साल का बेटा है। वहीं, सिपाही अमित शर्मा 2019 में सेना में शामिल हुए थे। उनके परिवार में उनके माता-पिता हैं।
धर्मशाला। हिमाचल के कांगड़ा जिला के धर्मशाला में घर से पैसे और गहने चोरी के मामले में पुलिस ने जम्मू कश्मीर निवासी दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 6 लाख रुपए और सोने व चांदी के गहने बरामद किए हैं। मामले में कार्रवाई जारी है।
बता दें कि पुलिस थाना धर्मशाला में 22 दिसंबर को एक घर से अंजान व्यक्तियों द्वारा कैश और सोने व चांदी के गहने चोरी चोरी का मामला दर्ज हुआ था। शिकायत मिलने के बाद पुलिस केस दर्ज कर जांच में जुट गई। एसपी कांगड़ा डॉ. खुशहाल शर्मा ने मामले की जांच को एक एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने मामले की जांच में दो व्यक्तियों की संलिप्ता पाई।
टीम ने चोरी के मामले के एक आरोपी मुहम्मद इकबाल पुत्र शमील अहमद निवासी वार्ड नंबर चार तुम्बु लाहड़ी थाना और तहसील बिलावर जिला कठुआ जम्मू कश्मीर को कंड करडियाणा (योल) से धर दबोचा। वहीं, दूसरे आरोपी को शकूर अहमद पुत्र मोहम्मद आयूष निवासी वार्ड नंबर दो मलाहर तहसील और जिला कठुआ जम्मू कश्मीर को अमृतसर से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 6 लाख रुपए और सोने व चांदी के गहने बरामद किए हैं।