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रंगों से बिंदास खेलें होली, बालों को बचाने के लिए अपनाएं ये टिप्स

स्किन और बालों के लिए खतरनाक हो सकते हैं रंग

हमारे देश में होली यानी रंगों का त्योहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। होली के दिन से कुछ दिन पहले ही लोग एक-दूसरे रंग लगाना शुरू कर देते हैं। रंगों के साथ होली खेलने के लिए तो सभी उत्सुक रहते हैं लेकिन रंगों को लेकर डर भी बना रहता है।

रंग अच्छे ना हों तो स्किन और बालों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं। खासकर लड़कियों को ये चिंता सताती है कि होली के रंग कहीं उनके बालों को खराब न कर दें। रंगों से होली खेलने के बाद बालों को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। इसके लिए हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं। ये टिप्स लड़की हो या लड़का दोनों के लिए ही कारगर साबित होंगे …

सेहत का है ख्‍याल तो होली पर इन बातों का रखें ध्‍यान-कहीं रंग में पड़ न जाए भंग
बालों में लगाएं तेल

होली खेलने से पहले बालों में तेल लगाने से रंग बालों में प्रवेश नहीं कर पाता और जब आप बालों के रंग को होली के बाद धो रहे होते हैं, तो बाल नहीं टूटते। इससे बचने के लिए स्कैल्प की अच्छी तरह मालिश करें। मालिश करने के लिए नारियल तेल या जैतून के तेल का उपयोग करें। इससे बालों पर एक परत चढ़ जाती है, जो बालों को सुरक्षा प्रदान करती है।

होली से पहले बालों को धोएं

होली वाले दिन सुबह बालों में तेल लगाने से पहले उनका धुला हुआ होना काफी जरूरी है। इसके लिए आप बालों को एक रात पहले अच्छे से धो सकते हैं। ऐसा करने से बालों को काफी सुरक्षा मिलेगी। अगर एक रात पहले बाल धो रहे हैं, तो एक रात पहले बालों को धोएं और कंडीशन करें। होली खेलने जाने से पहले लीव-इन कंडीशनर भी लगा सकते हैं।

बालों के सिरों को कटवा लें

होली के लिए अपने बालों की देखभाल करने के लिए सबसे पहले बालों के सिरों को कटवा लें। दरअसल, सिंथेटिक रंग आपके बालों को रूखा बना सकते हैं और दोमुंहे बालों का कारण बन सकते हैं इसलिए होली के कुछ दिन पहले बालों के सिरों को कटवा लें, ताकि उनकी अच्छी से देखभाल कर सकें।

बालों को ढक कर रखें

एक बार जब आप अपने बालों में तेल लगा लें, तो उसके बाद बालों को ढकना सबसे अच्छा उपाय है। बालों को ढकने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप सिर पर स्कार्फ बांध सकते हैं या फिर कैप लगा सकते हैं। महिलाएं भी बालों को खुला रखने से बचें, इसके बजाय बालों का बन बनाकर रखें और टाइट पोनीटेल बनाएं। इससे सिर में रंग नहीं जाएगा।

डीप कंडीशनर करें

कंडीशनर बालों को अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं इसलिए शुरुआत में ही बालों को कंडीशनर करना न भूलें। कंडीशनर को अपने बालों पर कम से कम 10 मिनट तक लगा रहने दें, लेकिन ध्यान रखें कि कंडीशनर बालों की जड़ों में न लगे। 10 मिनट बाद बालों को धो लें। इसके बाद बालों को अच्छे से सुखा लें।

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सेहत का है ख्‍याल तो होली पर इन बातों का रखें ध्‍यान-कहीं रंग में पड़ न जाए भंग

छोटी सी लापरवाही बन सकती है परेशानी का सबब

होली का त्योहार यानि रंगों की मस्ती में डूबने का अवसर। वैसे तो होली पर मस्ती की कोई सीमा नहीं होती, सभी इस दिन पूरी मस्‍ती में नजर आते हैं। रंगों और उमंगों पर किसी का बंधन नहीं होता। यह इसी खुशी से मनाया जाए यही जरूरी है, वरना कई बार छोटी सी लापरवाही बड़ी परेशानी का सबब बन जाती है। अगर आपको अपनी और अपने परिवार की सेहत का ख्‍याल तो होली पर इन बातों का जरूर ध्‍यान रखें ताकि होली के रंग में कहीं भंग न पड़ जाए..

केमिकल कलर्स है नुकसानदायक

होली पर बिकने वाले केमिकल वाले कलर्स सस्‍ते तो होते हैं पर सेहत पर इनका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे आंखों, त्वचा, नाक और कान पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। होली को पूरी मस्‍ती से मनाने के लिए कोशिश करें की हर्बल कलर्स का ही इस्तेमाल करें। ये कलर स्किन फ्रेंडली होते हैं और आसानी से छूट भी जाते हैं।

ढके हुए कपड़े पहनें

होली पर रंग तो खेलना ही है पर इसके लिए अपने कपड़ों का बहुत ध्‍यान रखें। कोशिश करें कि पूरी तरह ढके हुए कपड़े ही पहनें। इससे त्‍वचा को कम नुकसान पहुंचेगा। शरीर के कुछ अंग ऐसे होते हैं जहां पर रंगों की पहुंच बहुत ज्‍यादा नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए कपड़ों का ध्‍यान रखना ज्‍यादा जरूरी है।

आंखों की सुरक्षा है जरूरी

आंखें हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग हैं। इनकी सुरक्षा सर्वोपरि है। रंग या केमिकल का एक छोटा सा कण भी आंखों के लिए घातक हो सकता है। इसलिए जब भी होली खेलने निकलें, कोशिश करें कि आंखों पर रंगीन चश्‍मा पहन लें। इससे आप स्‍टाइलिश लगेंगे और आंखें भी सुरक्षित रहेंगी।

चेहरे पर बनाएं सुरक्षा चक्र

होली पर सबसे ज्‍यादा बुरा हाल चेहरे का होता है। इस पर रंग लगाए बिना हो होली की शुरूआत हो ही नहीं सकती। इसलिए चेहरे को छुपा तो नहीं सकते पर उस पर सुरक्षा चक्र बनाएं। इसके लिए चेहरे पर पेट्रोलियम जेली या सरसों/नारियल का तेल लगाएं। यह रंगों के खिलाफ आपके चेहरे पर सुरक्षा चक्र बनाएंगे।

बालों का रखें ध्‍यान

रंग चाहें हर्बल हों या केमिकल वाले, दोनों ही बालों के स्‍टफ को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए अगर आप होली की मस्‍ती प्‍लान कर रहे हैं तो बालों में तेल जरूर लगाएं। इससे रंग बालों पर गिरेगा तो जरूर पर उन्‍हें डैमेज नहीं कर पाएगा।

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ऐसे लोग भूलकर भी ना करें अमरूद का सेवन, वरना सेहत को पड़ जाएगा भारी

अमरूद के सिर्फ फायदे ही नहीं नुकसान भी हैं

नई दिल्ली। अमरूद तो आपने खाया ही होगा। अमरूद स्वाद और सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद होता है। इसके साथ ही इसमें अनेक पोषक तत्वों का भंडार होता है और इस वजह से यह कई बीमारियों से शरीर की रक्षा करता है। यानी कुल मिलाकर अमरूद किसी चमत्कारी फल से कम नहीं है।

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सिर्फ यही नहीं, अमरूद के पत्ते भी सेहत के लिए लाभदायक होते हैं। ये भी कई बीमारियों से शरीर को बचाने में सक्षम हैं, क्योंकि इन पत्तों में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे गुण पाए जाते हैं।

लेकिन, बहुत कम लोगों को पता होगा कि इसके कुछ नुकसान भी हैं। अमरूद को कुछ बीमारियों में तो बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। तो चलिए जानते हैं उनके बारे में ताकि आप अब से ही सावधान हो जाएं…

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इन लोगों को नहीं करना चाहिए अमरूद का सेवन
  • जिन लोगों को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्या है उन्हें इसका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. अगर आपको अमरूद खाने के बाद उल्टी या पेट दर्द महसूस होता है तो वह इसे खाने से परहेज करें।
  • वहीं, जो लोग एक्जिमा जैसी बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें भी इससे परहेज करना चाहिए। इससे त्वचा में जलन हो सकती है. इसके पत्तों का इस्तेमाल अर्क के रूप में बिल्कुल ना करें.
  • वहीं, जिन लोगों की सर्जरी होने वाली हो किसी तरह की उन्हें दो हफ्ते पहले से सेवन बंद कर देना चाहिए. इससे ब्लड सर्कुलेशन में परेशानी आ सकती है।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला को भी अमरूद नहीं खाना चाहिए. साथ ही जिन लोगों को सर्दी जुकाम उन्हें भी अमरूद का सेवन नहीं करना चाहिए. इसकी तासीर ठंडी होती है जो सर्दी को ट्रिगर कर सकती है।
  • शुगर के मरीजों को भी इसका सेवन कम करना चाहिए. अगर खाते भी हैं तो ब्लड शुगर अपना जरूर चेक करवाएं, तो अब से सावधानी बरतनी चाहिए।
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सिर्फ खाने में डालने के काम नहीं आती हींग, और भी हैं कमाल के फायदे, जानें

भारतीय रसोई में कितने ही तरह के मसाले होते हैं और इन मसालों के अलग-अलग गुण होते हैं। आज हम आपको बताने वाले हैं हींग के बारे में। खाने में हींग का उपयोग खूब किया जाता है। खाने में इसे मिलाने से पाचन आसान होता है। पाचन दुरुस्त करने के अलावा भी हींग कई काम करता है। यह पेट में गैस से लेकर गंभीर माइग्रेन और यहां तक कि कीड़े के काटने का भी इलाज करता है। आईए आपको बताते हैं हींग के फायदों के बारे में विस्तार से …

दांत के दर्द में देता है आराम

अगर आपके दांत में दर्द है तो जिस दांत में दर्द है वहां और आसपास के मसूड़ों पर चुटकी भर हींग लगा लें। दर्द में राहत पाने के लिए दिन में इस उपाय को 2 से 3 बार करें।

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कान की दर्द में भी फायदेमंद

सर्दी के मौसम में ठंड लग जाने से कान में दर्द कई बार हो जाता है। ऐसे में इयर ड्रोप्स के अलावा आप घरेलू उपचार पर कर सकते हैं। हींग में एंटी वायरल और एंटी इंफेक्शन गुण पाए जाते हैं, जो कान के दर्द में आराम देने का काम करते हैं। इसके लिए एक बर्तन में दो चम्मच नारियल के तेल में चुटकी भर हींग डालकर हल्की आंच पर गर्म कर लें। जब ये गुनगना हो तब इसकी कुछ बूंदें अपने कान में डालें। इससे आपको तुरंत राहत मिल सकती है।

सिर दर्द में दे तुरंत आराम

अगर आप सिर दर्द से परेशान हैं तो आप हींग आपकी मदद कर सकता है। इसके लिए हल्की आंच पर पैन रखें और उसमें एक से दो कप पानी गर्म कर लें। अब इसमें चुटकी भर हींग डालें और 10-15 मिनट के लिए गर्म होने दें। जब पानी की मात्रा थोड़ी कम हो जाए, तो गैस को बंद कर दें। तेज़ सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए दिनभर इस पानी को पिएं। इसके अलावा आप हींग में गुलाब जल मिलाकर इसका पेस्ट भी तैयार कर सकते हैं और फिर इसे माथे पर लगा सकते हैं। इससे भी आराम मिलता है।

शिशुओं में गैस की समस्या को करे कम

शिशुओं में गैस की समस्या को कम करने के लिए इससे अच्छा उपाय और कोई नहीं है। इस जांचे और परखे उपाय को सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिए एक से दो चम्मच गुनगुने पानी में चुटकी भर हींग डालें और फिर बच्चे की नाभी के आसपास उंगलियों की मदद से लगाएं। इससे छोटे बच्चों में गैस की समस्या तुरंत ठीक हो जाती है।

कीड़े के काटने पर करें इस्तेमाल

हींग सिर्फ खाने में ही हेल्दी नहीं होती, बल्कि कीड़ों के काटने का भी इलाज कर सकती है। हींग के पाउडर में थोड़ा पानी मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को ज़ख्म पर लगा लें और सूखने दें। जब सूख जाए तो निकाल दें। इससे कीड़े के काटने वाली जगह पर आराम मिलेगा।

अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, सूखी खांसी का करे इलाज

हींग में एंटीवायरल और एंटीइंफेक्शन गुण होते हैं इसलिए इसका उपयोग अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, सूखी खांसी और जुकाम को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। तुरंत आराम पाने के लिए आधा चमच हींग पाउडर और सोंठ में दो चम्मच शहद मिला लें। दो से तीन तक इस मिक्सचर को खाएं। इससे आपको सांस की तकलीफ से जल्द आराम मिल जाएगा।

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पढ़ाई और करियर का प्रेशर कहीं आपके बच्चे से न करवा दे कुछ गलत

NEET में तीन बार हुआ असफल होने के बाद युवक ने उठाया ये कदम

शिमला। मां-बाप कई बार बच्चों पर पढ़ाई और करियर को लेकर इतना ज्यादा प्रेशर डाल देते हैं कि बच्चा कुछ ऐसा कदम उठाने का मजबूर हो जाता है जिससे उसकी पूरी जिंदगी ही खत्म हो जाती है। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है हिमाचल प्रदेश में।

बिलासपुर निवासी 20 साल के युवक पर घर वालों का ऐसा दबाव बना कि वह सही गलत सब भूल कर गलत कदम उठा बैठा। युवक ने सर्टिफिकेट के साथ छेड़छाड़ कर आईजीएमसी शिमला में एमबीबीएस में एडमिशन ले ली लेकिन जब वेरिफिकेशन हुई तो उसकी असलियत सबके सामने आ गई।

मामले में आरोपी छात्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी छात्र ने बताया कि उसके ऊपर NEET पास करने का प्रेशर था। छात्र के परिवार से अधिकतर डॉक्टर के पेशे में है जिसके चलते परिवार वालों ने छात्र पर डॉक्टर बनने का दबाव बनाया और इसका नतीजा ये हुआ कि उसने NEET के रिजल्ट में ही टेंपरिंग की। वह पहले भी तीन बार NEET दे चुका था, लेकिन क्वालीफाई नहीं हो पा रहा था। इसके बाद उसने किसी जानने वाली लड़की के नंबरों के साथ छेड़छाड़ की औऱ खुद ही नकली सर्टिफिकेट तैयार कर एडमिशन भी ले ली।

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दरअसल, आईजीएमसी में एमबीबीएस पर फर्जी एडमिशन लेने का मामला आया सामने आया है जिसमें आईजीएमसी के प्रिंसिपल की तरफ से मिली शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी छात्र को गिरफ्तार कर लिया है। फर्जीवाड़ा एमबीबीएस में एडमिशन का है एक छात्र ने फर्जी दस्तावेज से एमबीबीएस में एडमिशन ले ली लेकिन जब दस्तावेज की वेरिफिकेशन हुई तो दस्तावेज नकली पाए गए।

आरोपी छात्र ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा एमबीबीएस में प्रवेश के लिए करवाई गई प्रवेश परीक्षा (नीट) के रिजल्ट में ही छेड़छाड़ कर खुद ही फर्जी सर्टिफिकेट तैयार किया। इसी सर्टिफिकेट के आधार पर वह अटल मेडिकल विश्वविद्यालय नेरचौक मंडी में आयोजित काउंसलिंग में शामिल हुआ। झूठे दस्तावेज के आधार पर उसका दाखिला आईजीएमसी शिमला में कंफर्म हो गया।

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसने कॉलेज में एडमिशन ली और नियमित कक्षाएं भी लगाना शुरू कर दीं। आरोपी बिलासपुर जिला के घुमारवीं के रहने वाला है। इसने जिस नाम के सर्टिफिकेट के साथ छेड़छाड़ की वह एक छात्रा का है। मामला सामने आने के बाद कॉलेज प्रशासन ने इसे कॉलेज से निष्कासित कर दिया है। वहीं, इसके खिलाफ लक्कड़ बाजार चौकी में शिकायत दर्ज करवाई गईं है जिसके आधार पर पुलिस ने छात्र को गिरफ्तार कर आगामी छानबीन शुरू कर दी है।

पुलिस की छानबीन में एक हैरान करने वाली बात सामने आई है। छात्र के परिवार से अधिकतर डॉक्टर के पेशे में है जिसके चलते परिवार वालों ने छात्र पर डॉक्टर बनने का दबाव बनाया है और इसका नतीजा ये हुआ कि न चाहते हुए भी छात्र ने फर्जी दस्तावेज बनाकर एमबीबीएस में एडमिशन ली। जिसके लिए छात्र के साथ-साथ परिवार भी काफी हद तक ज़िम्मेदार है।

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गुस्सा दिमाग ही नहीं दिल और पेट भी करता है खराब, क्या है नुकसान जानें

गुस्सा ऐसी चीज है जो आपके रिश्तों को तो खराब करता ही है लेकिन इससे भी खतरनाक ये है कि ये आपके शरीर को भी बीमार करता है। गुस्से से दिमाग तो खराब होता ही है लेकिन इसके साथ ही दिल औऱ पेट भी खराब होता है। जी हां, ये कोई मजाक नहीं बिलकुल सच है।

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बाल्टीमोर के जॉन हॉपकिंस अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर इलन शोर विटस्टीन का कहना है कि गुस्से या हताशा में शरीर के न्यूरो हॉर्मोनल सिस्टम पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है जो इमरजेंसी तक पहुंचा सकता है और लंबे समय में इंसान की मौत तक हो सकती है। गुस्सा हमारे कार्डियोवस्कुलर सिस्टम से नर्वस सिस्टम तक को प्रभावित करता है।

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गुस्से से शरीर के हर हिस्से पर क्या असर पड़ता है हम आपको बताते हैं …

बीपी बढ़ना और नसों में सिकुड़न : ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के विशेषज्ञ डॉक्टर विटस्टीन कहते हैं- गुस्सा धमनियों को संकुचित करता है। पहले से कोई कार्डियोवस्कुलर बीमारी जैसे हाई बीपी या हाई कोलेस्ट्रॉल है तो दिल का दौरा पड़ सकता है। गुस्से से बीपी बढ़ने, नसों के सिकुड़ने के साथ इम्यून सिस्टम से पचाने वाले सेल निकलते हैं। यह सब एक साथ होता है। इससे धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं।

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याददाश्त होने लगती है कमजोर : गुस्से में दिमाग सही फैसले नहीं कर पाता। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में मनोरोग और बिहेवियरल न्यूरोसाइंस के प्रोफेसर डॉक्टर रोयसे ली कहते हैं- किसी खास वजह से उत्तेजित होने पर दिमाग कुछ कर दिखाने के लिए भी प्रेरित करता है। इंसान गुस्से में वह कह और कर जाता है, जिसे वह पसंद नहीं करता। गुस्से में याददाश्त कमजोर होती है। किसी चीज पर केंद्रित नहीं हो पाते।

खाना नहीं पचता-भूख लगना बंद : भावनाओं और पेट का गहरा संबंध है। गुस्से की वजह से गैस्ट्रो की समस्या होने लगती है। खाना पचता नहीं है। कब्ज रहने लगता है। डॉक्टर एटिनजिन कहते हैं- गुस्से में पेट की मांसपेशियां ज्यादा सक्रिय हो जाती हैं। कई बार आंते अपनी जगह से हट जाती हैं। इससे डायरिया तक हो सकता है। कई बार गुस्से की वजह से पेट में मरोड़ भी पड़ने लगते हैं। कई बार भूख लगना बंद हो जाती है।

 

ध्यान, प्राणायाम से खुद को रखें फिट : येल स्कूल ऑफ मेडिसिन में क्लिनिकल मनोविज्ञानी और प्रोफेसर डॉक्टर वीलियम बर्ग कहते हैं- गुस्सा रोक पाना हमेशा संभव नहीं होता, लेकिन हम इसे कम कर सकते हैं। ध्यान, प्राणायाम के साथ खुद को फिट रखें और पूरी नींद लें। इससे आपको गुस्सा कम आएगा और आप स्वस्थ रह पाएंगे।

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सर्दियों में मूली खाने के फायदे अनेक, जल्‍दी नहीं आएंगे सर्दी-खांसी की चपेट में

कुछ लोग सर्दियों में मूली इसलिए नहीं खाते कि इसकी तासीर ठंडी होती है पर सर्दी के मौसम में मूली जरूर खाएं। इसको खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। यह सीजनल सब्जी है और अधिक फायदा करती है क्योंकि सीजनल सब्जी खाने के लिए डॉक्टर भी सलाह देते हैं। इसके अलावा सर्दी के मौसम में गाजर, चुकंदर और टमाटर के साथ मूली का सेवन भी जरूर करें। हम आपको मूली खाने के कुछ फायदों के बारे में बताते हैं।

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मूली खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इससे आप जल्‍दी सर्दी-खांसी की चपेट में नहीं आएंगे। इसका सेवन करने से दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। इसमें मौजूद एंथेसरइनिन होता है जो दिल की बीमारी के स्‍तर को कम करता है। मूली का ठंड में सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही डाइजेशन आसानी से होता है।

डायबिटीज के मरीज भी मूली का सेवन कर सकते हैं। यह ब्लड शुगर की मात्रा को कम करती है। हालांकि हाई ब्लड शुगर होने पर इसका सेवन नहीं करना चाहिए। या डॉक्टर की सलाह से ही सेवन करें। शारीरिक थकान होने पर मूली का रस पीना फायदेमंद है। इसे गरम कर इसमें थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर गर्म पानी से गरारे करें। इससे काफी आराम मिलता है। वहीं, गले में आ रही सूजन भी कम हो जाएगी। मूली का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। इसका कारण यह है कि इसमें कैल्शियम की मात्रा भरपूर होती है।

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अगर आप अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं तो ठंड में मूली का सेवन जरूर करें।अगर आपको भूख नहीं लगती है तो मूली का सेवन करें। इससे भूख बढ़ती है। मूली का नियमित सेवन करने से किडनी और लिवर भी स्वस्थ रहते हैं। अपच की समस्या भी दूर होती है। दांत अधिक पीले हो रहे हैं तो मूली के छोटे-छोटे टुकड़े कर उन पर नींबू का रस डाले और दांतों पर घिसे। इससे पीलापन खत्म हो जाएगा।

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उल्टी सैर के हैं बड़े फायदे : किडनी-बीपी के मरीजों को मिलेगा आराम

घुटनों में दर्द, तनाव और सूजन की परेशानी से भी छुटकारा

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आप कई तरह की एक्सरसाइज या योग आदि करते होंगे। काफी लोग सुबह उठकर वॉक पर भी जाते होंगे। वॉक पर जाते समय आप एक नई चीज कल से जरूर ट्राई करें। सीधा तो आप सालों से चलते आ रहे हैं इस बार उल्टा चलकर वॉक करें।

जी हां, आपने सही पढ़ा हम आपको सलाह दे रहे उल्टा चलने की। उल्टा चलना यानी रिवर्स वॉकिंग के कई फायदे हैं जिनके बारे में हम आप बताते है विस्तार से ….

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उल्टी सैर से हमारे दिमाग और शरीर के बीच अच्छा बैलेंस बनता है। रोजाना 20-30 मिनट रिवर्स वॉक करने से किडनी, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से जुड़ी परेशानियों में भी आराम मिलता है।

उल्टा चलना उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है जो अपना वजन घटाना चाहते हैं। जब आप उल्टा चलते हैं तो आपको अपने शरीर के आगे और पीछे के हिस्सों को एक साथ बैलेंस करना पड़ता है। इससे आप अपनी बॉडी को टाइट करते हैं, जिसके चलते आपका वजन जल्दी कम होता है।

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उल्टा चलने से घुटनों से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मदद मिलती है। इससे घुटनों में दर्द, तनाव और सूजन की परेशानी से छुटकारा मिल सकता है। पैर में चोट या गठिया से पीड़ित लोगों के लिए भी रिवर्स वॉकिंग एक अच्छा उपाय माना जाता है।

उल्टा चलते समय आपके दिमाग को ज्यादा काम और फोकस करना पड़ता है। इससे दिमाग की अच्छी खासी एक्सरसाइज हो जाती है। रोजाना उल्टा चलने से डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसे मानसिक रोगों से भी छुटकारा मिल सकता है।

रिवर्स वॉकिंग से पैरों के पीछे की मांसपेशियों की एक्सरसाइज भी होती है। इससे आपके पैर ज्यादा मजबूत होते हैं। नॉर्मल वॉकिंग करने से पैरों पर इतना जोर नहीं पड़ता।

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उल्टी सैर आपके शरीर और दिमाग के बीच के बैलेंस को बेहतर बनाती है। सीधा चलने की जगह उल्टा चलने पर आपके दिमाग का पूरा ध्यान आपके शरीर के मूवमेंट पर होता है। इससे शरीर का संतुलन भी बढ़ता है और दिमाग की एकाग्रता भी।

रिवर्स वॉकिंग से आपकी पीठ में लंबे समय से बना हुआ दर्द कम हो सकता है। जब आप उल्टा चलते हैं तो आपकी पीठ की मांसपेशियों की एक्सरसाइज होती है। इसके अलावा उल्टा चलने से रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्या और कमर दर्द में भी आराम मिलता है।

(Disclaimer : यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी के लिए है। डॉक्टर की सलाह जरूर लें।)

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सर्दियों में कब्ज और तनाव से रहना चाहते दूर तो करें यह ट्राई

सर्दियों का मौसम आ गया है। शरीर को बाहर से तो गर्म कपड़े पहनकर गर्म रख सकते हैं पर अंदर से भी शरीर गर्म रखना जरूरी होता है। ऐसे में सर्दियों में गर्म प्रकृति के फूड को खाने में शामिल करना चाहिए। ऐसे ही एक आसानी से मिलने वाले फूड के बारे में हम आपको बताते हैं। जी हां यह है तिल। तिल के बारे आप सब लोग जानते होंगे।

कई लोग तिल की चटनी का प्रयोग भी करते हैं। क्या आपको पता है कि तिल के बीजों में औषधीय गुण होते हैं। यह कई तरह की बीमारियों के लिए संजीवनी का काम करते हैं। हालांकि, सामान्य जानकारी के लिए हम यह बता रहे हैं। ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर से ही संपर्क करें।

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तिल के बीज प्रोटीन, स्वस्थ वसा के भरपूर होते हैं। इन बीजों में पिनोरेसिनॉल पाचन एंजाइम माल्टेस की क्रिया को रोकता है। ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। बहुत लोग कब्ज और खराब पाचन से परेशान रहते हैं। कब्ज कई रोगों की जड़ है। खराब पाचन या कब्ज में तिल के बीजों का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।

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तिल के बीज एंग्जायटी को कम करने वाले प्रभाव के साथ एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल्स को दूर करते हैं। इससे दिमाग तनाव से मुक्त रहता है। तिल का सेवन कैसे कर सकते हैं, हम आपको बताते हैं। इसका सेवन कच्चे या सूखे रूप में किया जा सकता है। भुने हुए स्नैक्स के रूप में प्रयोग हो सकता है। गुड के साथ मिलाकर भी इसे खाया जाता है। आजकल तिल वाली रेवड़ियां, गचक और लड्डू आदि भी बाजार में मिलते हैं। लोग इन्हें खाते हैं।

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सर्दियों में आंवला का सेवन कितना फायदेमंद, जानिए चमत्कारी गुण

कहते हैं कि बुजुर्गों का कहा और आंवले का खाया बाद में याद आता है। यानी कि बुजुर्ग अपने तुजुर्वे से जब कोई बात हमें समझाते हैं तो हम उस बात को गंभीरता से नहीं लेते। पर बाद में जब अपने साथ गुजरती है तो हमें पता चलता है। ऐसे ही खाते वक्त आंवला खट्टा लगता है पर जब आंवला खाने के बाद पानी पीते हैं तो वह मीठा लगता है। पर क्या आपको पता आंवला कितना गुणकारी होता है। सर्दियों में तो आंवले के सेवन के और भी फायदे हैं। खिली धूप में आंवला खाने का अपना ही मजा है। एक तो हमें धूप में विटामिन डी मिलती है तो वहीं आंवले से विटामिन सी की कमी पूरी होती है।

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अगर आपको नहीं पता तो हम बताते हैं। जैसा कि आंवला में विटामिन सी की काफी मात्रा होती है। विटामिन सी एथेरोस्क्लेरोसिस जैसी बीमारी को भी दूर रखता है। एथेरोस्क्लेरोसिस बीमारी में ब्लड वेसल्स में कोलेस्ट्रॉल व फैट आदि गंदे पदार्थ जमा होने लगते हैं। हर रोज आंवला का सेवन करने से दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

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अगर आप मुंह के छालों से परेशान रहते हैं तो आंवला आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। मुंह के छालों से परेशान लोगों को आंवले के जूस का सेवन करना चाहिए। आंवले के सेवन से दांत और मसूड़े भी मजबूत रहते हैं। साथ ही विटामिन सी की अधिक मात्रा होने के चलते इम्युनिटी को बढ़ाने का भी काम करता है।

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आंवला में पाया जाने वाला क्रोमियम ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। आंवला में ऐसे तत्व हैं जोकि खून को साफ करने में मदद करते हैं। आंवला त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। मुहांसों की समस्या से भी काफी हद तक छुटकारा मिलता है। अब आप आंवले के गुणों के बारे समझ गए होंगे।

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